सितम्बर 3, 2017
बाबा राम रहीम को सजा होने के बाद जेल भेजा गया है, पर उसके बाद जैसे ही वे जेल पहुंच गये कि ईसाई मिशनरियां सक्रिय हो गई हैं और मीडिया में उनकी खुद बदनामी भी की जा रही है और सोशल साइट पर भी तरह-तरह के वीडियो, न्यूज, जोक्स आदि उनके खिलाफ भेजे जा रहे हैं । उन वीडियो को केवल टाइटल देखकर जब लोग देखते है तो उनमें कोई भी तथ्य सामने नहीं आते हैं ।
anti hindu media conspiracy |
आपको बता देते हैं कि पंजाब में जिन गरीब इलाकों में बाबा राम रहीम सहायता देते थे, उस इलाकों में ईसाई मिशनरियां मौके का 'फायदा' उठाने के लिए सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने डेरा अनुयायियों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं और उन्हें धर्म परिर्वतन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके तहत डेरा से जुड़े क्षेत्रों में घर-घर जाकर ईसाई धर्म की महिमा के साहित्य बांट रहे हैं।
डबवाली के आसपास लगते पंजाब के मंडी किलियांवाली व अन्य क्षेत्रों में मिशनरीज की सक्रियता ज्यादा देखी गई। यह डेरे के प्रभाव का क्षेत्र माना जाता रहा है। बाबा राम रहीम के जेल जाने के बाद उनके अनुयायियों को साफ्ट टारगेट माना जा रहा है। खासकर ऐसे डेरा प्रेमियों पर दवाब बनाया जा रहा है, जो शहर से कटी हुई बस्तियों में रहते हैं। ऐसे मामले सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है।
आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पुष्टि की है कि कुछ लोग डेरा प्रेमियों की भावनाओं से खेलते हुए उनका धर्म परिवर्तन करवाने का प्रयास कर रहे हैं। मंडी किलियांवाली स्थित जलघर क्षेत्र में ऐसे मामले सामने आए हैं। लोगों का कहना है कि काफी लंबे समय से कुछ लोग धर्म का प्रचार करने के नाम पर धर्म परिवर्तन करवाने के लिए जोर दे रहे हैं।
बाबा राम रहीम को बदनाम करने के लिए यह पूरी साजिश रच रहे हैं ताकि अपना धर्म परिवर्तन का खेल खेला जा सके। हालांकि जिन लोगों पर दवाब बनाया जा रहा है, वे खुलकर सामने नहीं आ रहे पर अपने सगे संबंधियों से जरूर बातचीत कर रहे हैं।
आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि माहौल को गर्म देखते हुए कुछ लोग पिछले एक हफ्ते से लगातार डेरा प्रेमियों के घरों में चक्कर लगा रहे हैं। विशेष धर्म के लोग लालच दे रहे हैं। प्रत्येक दूसरे दिन वे घरों में पहुंचकर धर्म परिवर्तन के लिए जोर दे रहे हैं। जिससे लगता है कि धर्मान्तरण वाले भी साजिश में शामिल हो,
कुछ लोगो का ऐसा भी कहना है कि उनका प्रभाव बढ़ता जा रहा था जिसको रोकने के लिए वोट बैंक के खातिर सरकार और बडे हिन्दू संगठन ने आपसी मेलजोल करके साजिश करके जेल भेजा है।
कारण जो भी हो फिलहाल कोर्ट ने सजा सुना दी है लेकिन आप समझ गये होंगे कि ईसाई मिशनरियां किस तरीके से सक्रिय है और हिन्दुओं का धर्मान्तरण कराने में जुटी है ।
एक बात सोचने वाली है कि मीडिया वाले और कुछ सोशल साइट पर उनका खूब दुष्प्रचार किया जा रहा है लेकिन उनकी अच्छाई एक भी नही दिखाई जा रही है, बाबा के विरोधी को न्यूज चैनल बैठाकर बहस करते है पर उनके समर्थक को नही बुलाते हैं ।
जबकि कितने ईसाई पादरियों को सजा हो चुकी है कई पादरियों को तो कई बच्चों-बच्चियों के साथ बलात्कार करने पर आजीवन सजा हो चुकी है लेकिन न उनकी कोई न्यूज आती है और नही सोशल साइट पर कुछ आता है, ऐसे मुस्लिम धर्मगुरु भी दुष्कर्म करने पर जेल गये है पर उनपर भी कोई न्यूज नही आती है ऐसा क्यो???
इससे पता चलता है कि यह विदेशी ताकतें षडयंत्र कर रही हैं कि पहले आरोप लगवाओ फिर मीडिया द्वारा खूब बदनाम करवाओ और जेल जाने के बाद उनके अनुयायियों का ये बताकर कि आपके बाबा तो ढोंगी हैं, दुष्कर्मी हैं,हमारे यीशु भगवान ही महान हैं ऐसा बोलकर आसानी से धर्मपरिवर्तन करा दो ।
कोर्ट को जो निर्णय लेना था ले लिया, बाबा को जेल भेज भी दिया अब उनके पास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट बाकि है, हो सकता है कि ऊपर की कोर्ट उनको निर्दोष बरी भी कर दे लेकिन अभी फिलहाल मीडिया का काम केवल इतना ही था कि खबर बता दे कि उनको जेल हो गई है लेकिन ऐसा नही करके दिन रात उनके खिलाफ उनके विरोधियों को डिबेट में बैठाकर, झूठी कहानियां बनाकर लोगों को परोसी जा रही है ये कहाँ तक उचित है?
और यदि आपको ऐसा दिखाना ही है तो सबके लिए दिखाओ, अन्य धर्म के धर्मगुरुओं को जेल हो जाती है तब ऐसे कहानियां क्यों नहीं बनती ?
डिबेट क्यों नहीं होती ?
जब सलमान खान को सजा हो गई थी तब मीडिया आँसू बहा रही थी कि उन्होंने इतना अच्छा काम किया और उनके समर्थक रो रहे हैं, आदि आदि पोजेटिव दिखा रहे थे जिससे कोर्ट भी दबाव में आ जाती है और जमानत देने को मजबूर हो जाती है, जबकि हिन्दू संतों पर आरोप लगते ही खूब झूठी कहानियां बनाई जाती है ।
डिबेट क्यों नहीं होती ?
जब सलमान खान को सजा हो गई थी तब मीडिया आँसू बहा रही थी कि उन्होंने इतना अच्छा काम किया और उनके समर्थक रो रहे हैं, आदि आदि पोजेटिव दिखा रहे थे जिससे कोर्ट भी दबाव में आ जाती है और जमानत देने को मजबूर हो जाती है, जबकि हिन्दू संतों पर आरोप लगते ही खूब झूठी कहानियां बनाई जाती है ।
अब पाठक समझ गये होंगे कि हिन्दू संतो के खिलाफ जो मीडिया ट्रायल चलता है यह पूरी साजिश है क्योंकि अधिकतर मीडिया के मालिक विदेश में बैठे हैं और वहीं से हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिए फंडिग होती है और हिन्दू भी बिकाऊ मीडिया में आकर अपने धर्मगुरुओं के खिलाफ बोलने लगे जाते है। अतः षड्यंत्र को समझे और उसका डटकर विरोध करें ।