हिन्दू संतों को बदनाम करने की साजिश नाकाम, लड़की बोली कभी नहीं हुआ बलात्कार, गलत लिखा था बयान
जून,20,2017
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media against saints |
इतिहास
साक्षी है कि जब-जब देश पर #राष्ट्र विरोधी #ताकतों द्वारा प्रहार किया
जाता है तब उनके बचाव में जो भी #राष्ट्र हितैषी लोग आगे आते हैं उनको
#बदनाम करके #जेल भेजा जाता है या हत्या कर दी जाती है ।
पिछले
कुछ समय से तो हिन्दू #साधु-संतों को #बदनाम करने की पुरजोश साजिश चल रही
है क्योंकि भारत में कई करोड़ जनता हिन्दू साधु-संतों में श्रद्धा रखती है
और उनके बताये मार्ग अनुसार कार्य करती है । पर राष्ट्र #विरोधी ताकतों
द्वारा जिनको भारत में #धर्मांतरण करवाना है, विदेशी प्रोडक्ट बेचना है,
पश्चिमी संस्कृति लाना है उनको ये सब सहन नही होता है क्योंकि उनके आड़े आते
हैं ये हिन्दू साधु-संत । इसलिए #राष्ट्र विरोधी ताकतें #मीडिया का
दुरूपयोग करके साधु-संतों को #बदनाम करने की साजिश करती हैं और कुछ
स्वार्थी, #लालची नेताओं से मिलकर उनको #जेल में भी भिजवा दिया जाता है या
हत्या कर दी जाती है ।
अभी
थोड़े दिन पहले केरल स्थित कोल्लम के पनमना आश्रम के #'हिन्दू ऐक्या वेदी’
नाम के संगठन से जुड़े 54 साल के एक स्वामी जी मीडिया की सुर्खियों में रहे
, मीडिया ने उनकी खूब बदनामी की ।
बताया गया कि लड़की का बलात्कार करने की कोशिश की तो चाकू से उनका लिंग काट दिया गया ।
एक
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया था कि 32 साल की महिला ने अपनी शिकायत में
कहा है कि स्वामी जी की पिछले कुछ साल से उसके परिवार के साथ जान-पहचान थी
और वह तब से उसका उत्पीड़न कर रहा है जब वह छोटी थी।
19
मई 2017 को स्वामी जी ने दुराचार का प्रयास किया तो महिला ने उसका विरोध
किया और चाकू से उसका लिंग काट दिया। स्वामी जी के खिलाफ मामला दर्ज कर
लिया गया है ,मामले का अधिक विवरण देने को मना कर दिया गया था ।
केरल के मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि युवती की हर संभव सहायता करेंगे युवती का ‘‘यह साहसिक कदम था, इसमें कोई संदेह नहीं है।’’
जबकि
स्वामी जी ने लड़की द्वारा लिंग काटने की बात को नकार दिया था। उन्होंने
कहा था कि उसका लिंग किसी काम का नहीं रहा था जिसके चलते उसने खुद ही उसे
काट दिया था।
#मीडिया ने भी स्वामी जी को बदनाम करते हुए खूब #टीआरपी कमाई लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने आई तो मीडिया मौन हो गई ।
युवती
ने वकील को एक खत लिखा है । जिसमें कहा है कि स्वामी जी की ओर से मेरे साथ
कभी भी यौन उत्पीड़न नहीं किया गया है । उस समय भी जब मै #नाबालिग थी या
अब जब मै बालिग हो गई हूँ । स्वामी जी के ऊपर मेरा लगाया हुआ सारा आरोप गलत
है। पुलिस द्वारा अलग से आरोप जोड़ा गया है । पुलिस द्वारा दबाव भी बनाया
जा रहा है । स्वामी जी ने कभी भी मेरे साथ बलात्कार नही किया है ।
अब
देखिए कैसे पुलिस जबरदस्ती बयान करवा लेती है और उस पर दबाव भी डालती है,
पुलिस पर भी #राजनेताओ का दबाव होता है, कुछ राजनेता राष्ट्र-विरोधी ताकतों
द्वारा काम करते हैं जिसमें हिन्दू साधु-संतों के जेल भेजने का टारगेट
होता है । उसमें अहम भूमिका मीडिया की होती है जो उनको बदनाम करती है और
जैसे ही सच्चाई सामने आती है तो मौन हो जाती है खबरें दिखाना बन्द कर देती
है ।
#राष्ट्र
विरोधी ताकतों द्वारा संतों को #फंसाने में #महिला कानून का अंधाधुन
#दुरूपयोग किया जा रहा है जैसे कि गुजरात द्वारका के केशवानंदजी पर कुछ समय
पूर्व एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया और कोर्ट ने सजा भी सुना दी
लेकिन जब दूसरे जज की बदली हुई तब देखा कि ये मामला झूठा है तब उनको 7 साल
के बाद #निर्दोष बरी किया ।
85 वर्षीय #श्री कृपालु महाराज को भी बलात्कार के #झूठे आरोप में जेल भेजा गया था ।
ऐसे
ही दक्षिण भारत के #स्वामी नित्यानन्द जी के ऊपर भी सेक्स सीडी मिलने का
आरोप लगाया गया और उनको जेल भेज दिया गया बाद में उनको कोर्ट ने #क्लीनचिट
देकर बरी कर दिया ।
शिवमोगा
और बैंगलोर मठ के शंकराचार्य #राघवेश्वर भारती जी पर भी एक गायिका को 3
करोड़ नही देने पर 167 बार बलात्कार करने का #आरोप लगाया था ।
उनको भी कोर्ट ने निर्दोष बरी कर दिया ।
इसी
प्रकार का हाल ही में एक मामला सामने है बापू #आसारामजी और उनके बेटे
#नारायण साईं का । उनपर अक्टूबर 2013 में प्राथमिकी दर्ज की गई कि उनकेे
ऊपर आश्रम में रहने वाली सूरत गुजरात की 2 महिलायें, जो सगी बहनें हैं,
उनमें से बड़ी बहन ने बापू आसारामजी के ऊपर 2001 में और छोटी बहन ने नारायण
साईं जी पर 2003 में बलात्कार हुआ, ऐसा #आरोप लगाया है ।
किसके
दबाव में आकर 11-12 साल पुराना केस दर्ज किया गया । बड़ी बहन #FIR में
लिखती है कि 2001 में मेरे साथ बापू आसारामजी ने दुष्कर्म किया लेकिन जरा
सोचिए कि अगर किसी लड़की के साथ #दुष्कर्म होता है तो क्या वो अपनी सगी बहन
को बाद में #आश्रम में #समर्पित कर सकती है..???
लेकिन
बड़ी बहन ने छोटी बहन को 2002 में संत आसारामजी बापू आश्रम में समर्पित
करवाया था। उसके बाद छोटी बहन 2005 और बड़ी बहन 2007 तक आश्रम में रही ।
2010 में उनकी शादी हो गई । 2007 में वो आश्रम छोड़कर चली जाती हैं और जनवरी
2013 तक वो बापू आसारामजी और नारायण साईं के #कार्य्रकम में आती रहती
हैं, सत्संग सुनती हैं, #कीर्तन करती हैं ।
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