Tuesday, December 24, 2019

रहस्य : 25 दिसम्बर को क्रिसमस की जगह क्यों मनायें 'तुलसी पूजन दिवस'?

24 दिसंबर 2019

🚩 *तुलसी सम्पूर्ण धरा के लिए  वरदान है, अत्यंत उपयोगी औषधि है, मात्र इतना ही नहीं, यह तो मानव जीवन के लिए अमृत है ! यह केवल शरीर स्वास्थ्य की दृष्टि से ही नहीं, अपितु धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय एवं वैज्ञानिक आदि विभिन्न दृष्टियों से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है।*

🚩 *तुलसी पूजन दिसव 25 दिसम्बर को क्यों मनायें ?*

*इन दिनों में बीते वर्ष की विदाई पर पाश्चात्य अंधानुकरण से नशाखोरी, आत्महत्या आदि की वृद्धि होती जा रही है। तुलसी उत्तम अवसादरोधक एवं उत्साह, स्फूर्ति, सात्त्विकता वर्धक होने से इन दिनों में यह पर्व मनाना वरदानतुल्य साबित होगा।*

🚩 *कवि ने क्या बताया?* 

🚩 *प्लास्टिक के पेड़ के नीचे मोमबत्ती जलाना, ये कैसी आधुनिकता है।*
*सांता क्लॉज आएंगे उपहार देने, ये कैसी मानसिकता है।।*
🚩 *25 दिसम्बर को यीशु मसीह जन्में, ये भी कहीं नहीं लिखा।*
*बाईबल के पन्ने भी पलटे, पर उसमें भी नहीं दिखा।।*

🚩 *फिर क्यों व्यर्थ में क्रिसमस के प्रचलन को बढ़ावा दिया गया।*
*यीशु, सांता क्लॉज का नाम जोड़कर, क्यों दिखावा किया गया।।*
🚩 *प्लास्टिक से बना पेड़, भयंकर बीमारियों को आमंत्रण है।*
*मोमबत्ती जलने से निकली कार्बन डाइऑक्साइड, फैलाती प्रदूषण है।*

🚩 *क्रिसमस मनाने से आजतक बस, युवावर्ग का ह्रास हुआ।*
*नशे की तरफ आकर्षित हुए, नैतिकता का सर्वनाश हुआ।।*
🚩 *इसे देख आशारामजी बापू ने ठाना, समाज को बचाना है।*
*युवावर्ग है देश की नींव, उनको सही मार्ग दिखाना है।।*
🚩 *25 दिसम्बर को करें तुलसी पूजन, यह सुंदर शुरुआत की।*
*स्वच्छ हो पर्यावरण, संस्कारी हो समाज, सबके भले की बात की।।*

🚩 *तुलसी माता है हरि की प्रिय, तुलसी असाध्य रोग हर लेती है।*
*वातावरण से प्रदूषक है सोखती, 24 घण्टे ऑक्सिजन देती है।।*

🚩 *जाग मानव! आडम्बर और दिखावे वाली आधुनिकता में मत फंस।*
*आशाराम बापूजी की सत्प्रेरणा से, 25 दिसम्बर को मनाओ तुलसी पूजन दिवस।।* - कवि सुरेन्द्र भाई

*क्रिसमिस के दिन शराब आदि नशीले पदार्थ का जमकर सेवन करते है, अश्लीलता भरे गाने गाये जाते है, पार्टी करते है, महिलाओं से छेड़छाड़ करते है जिसके कारण वातावरण अशुद्ध होता है, स्वास्थ्य खराब होता है, पैसे और समय की बर्बादी होती है और आत्महत्यायें बढ़ती है इन सबको रोकने के लिए क्रिसमिस की जगह तुलसी पूजन दिसव मनाना अत्यंत आवश्यक है।*

★ *फ्रेच डॉक्टर विक्टर रेसीन ने कहा है- "तुलसी एक अदभुत औषधि (Wonder Drug) है।*

★ *इजरायल में धार्मिक, सामाजिक, वैवाहिक और अन्य मांगलिक अवसरों पर तुलसी द्वारा पूजन कार्य सम्पन्न होते रहे हैं, यहाँ तक कि अंत्येष्टि क्रिया में भी।*

🚩 *विदेशों में भी होती है तुलसी पूजा*

*मात्र भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है। ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन नूतन वर्ष भाग्यशाली हो इस भावना से चढ़ायी गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थीं।*

🚩 *पद्म पुराण के अनुसार*

या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी।
रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी।।
प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य संरोपिता।
न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नमः।।

*जो दर्शन करने पर सारे पाप-समुदाय का नाश कर देती है, स्पर्श करने पर शरीर को पवित्र बनाती है, प्रणाम करने पर रोगों का निवारण करती है, जल से सींचने पर यमराज को भी भय पहुँचाती है, आरोपित करने पर भगवान श्रीकृष्ण के समीप ले जाती है और भगवान के चरणों में चढ़ाने पर मोक्षरूपी फल प्रदान करती है, उस तुलसी देवी को नमस्कार है।* (पद्म पुराणः उ.खं. 56.22

🚩 *तुलसी माता की अनंत महिमा जानकर आप भी अपने घर आंगन में तुलसी के पौधे जरूर लगाएं और दूसरों को भी प्रेरित करे और हाँ एक बात ध्यान रखे 25 दिसंबर को क्रिसमस नही तुलसी पूजन दिसव मनाएं।*

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Monday, December 23, 2019

भारतवासीयों का संकल्प : क्रिसमस नही तुलसी पूजन दिवस मनायेंगे

23 दिसंबर 2019

🚩 *पश्चिमी देशों में 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाते हैं, उसकी तैयारी पूर्व से होने लगती है। 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक क्रिसमस-डे के त्यौहार के नाम पर दारू पीना, मांस खाना, पार्टी में दुष्कर्म करना, महिलाओं से छेड़छाड़ी करना, लाऊड स्पीकर बजाना आदि सब अप्राकृतिक कार्य किये जाते है जिसके कारण वातावरण प्रदूषित होता है, स्वास्थ्य खराब होता है, आत्महत्यायें बढ़ती है।*

🚩 *ऐसे पाश्चात्य संस्कृति के त्यौहार को कुछ भोले भारतवासी भी मनाने लगे है पर अब धीरे-धीरे अपनी संस्कृति की तरफ लौट रहे हैं ।*

 🚩 *पश्चिमी संस्कृति का क्रिसमस-डे मनाने जैसा त्यौहार नही है इसलिए भारत में ज्यादातर लोगों ने 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने के लिए पहले से ही तुलसी पूजन शुरू कर दिया है, भारत ही नही बल्कि कई अन्य देशों में भी इस दिन को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है । 

🚩 *यहाँ पर http://www.ashram.org/Ashram/SevaActivities आप देख सकते हैं ,देश-विदेश में 25 दिसम्बर निमित्त तुलसी पूजन की धूम मची है।*

🚩 *ट्वीटर पर भी रविवार को #25thDecemberTulsiPoojanDiwas हैशटैग के जरिये लगातार ट्वीट्स देखने को मिल रही हैं । ये हैशटैग टॉप ट्रेंड में अपना स्थान बनाये हुए है ।*

🚩 *आइये जानते हैं कि क्या कहना चाह रहे हैं ये लोग ट्वीटर के माध्यम से...*

◆ *श्याम सोनी ने लिखा है कि 25 दिसम्बर को प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जाएगा,इस दिन सार्वजनिक स्थानों,विद्यालयों और महाविद्यालयों में तुलसी की महत्ता बतायी जाती है।*

◆ *सुरेन्द्र ने लिखा है कि The Great Sant Shri Asaram Bapu Ji के संस्कृति रक्षक प्रयासों से आज देश का बच्चा-बच्चा अपनी संस्कृति से जुड़ रहा है, इसकी महानता समझ पा रहा है एवं अपनी संस्कृति का सम्मान कर रहा है।*
#25thDecemberTulsiPoojanDiwas

◆ *बंटी पटेल लिखते है कि दिशा विहीन पश्चिमी संस्कृति की कुरीतियों से भारत को बचाने के लिए Sant Shri Asaram Bapu Ji ने 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाने की पावन प्रेरणा देकर राष्ट्र एवं सनातन संस्कृति की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान की है।*

◆ *कुशु पटेल ने ट्वीट किया है कि तुलसी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,बुद्धि बढ़ती है। यदि तुलसी के पत्तो का नियमित सेवन किया जाए तो कैंसर जैसे  रोग कभी नही होगा। अतः #25thDecemberTulsiPoojanDiwas सभी जरूर मनाये।*

◆ *महेश साहनी लिखते है कि तुलसी जीते जी तो हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करती है पर मरने के बाद भी मुक्ति प्रदान करती है। तुलसी के सेवन से अनेक गंभीर बीमारियों में भी फायदा होता है। एसी परम ल्याणकारी तुलसी माता का हमे पूजन अवश्य करना चाहिये। तो आओ मनाए* #25thDecemberTulsiPoojanDiwas

◆ *जय सिंह ने लिखा कि तुलसी पूजन दिवस की शुरुवात Sant Shri Asaram Bapu Ji ने वर्ष 2014 में की थी। तुलसी उत्तम अवसादरोधक एवं उत्साह, स्फूर्ति, सात्त्विकता वर्धक होने से यह पर्व मनाना वरदानतुल्य साबित होता है।*

🚩 *इसी प्रकार से हजारों ट्वीटस हमें देखने को मिली । जिसमें सभी लोग क्रिसमस नही बल्कि तुलसी पूजन दिवस मनाने की बात कहने के साथ-साथ खुद की तुलसी पूजन करके फोटोज अपलोड कर रहे हैं ।*

🚩 *केवल भारत के ही लोग नही बल्कि कैलिफोर्निया, दुबई आदि से भी लोग तुलसी पूजन करके ट्वीटस कर रहे हैं ।*

🚩 *आपको बता दें कि 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के दौरान शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन, आत्महत्या जैसी घटनाएँ, युवाधन की तबाही एवं अवांछनीय कृत्य खूब होते हैं इसलिए देश में सुख, सौहार्द, शांति बढ़े व जन-समाज का जीवन स्वस्थ और मंगलमय हो इस उद्देश्य से हिन्दू संत आसाराम बापू की प्रेरणा से वर्ष 2014 से 25 दिसम्बर को ‘तुलसी पूजन दिवस मनाना प्रारम्भ हुआ । इस पर्व को जनता ने खूब सराहा और इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की । इस पर्व की लोकप्रियता विश्वस्तर पर देखी गयी ।*

🚩 *विदेशों में भी होती है तुलसी पूजा*

*मात्र भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है। ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन नूतन वर्ष भाग्यशाली हो इस भावना से चढ़ायी गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थीं।*

🚩 *विज्ञान ने विभिन्न शोधों के आधार पर माना है कि तुलसी एक बेहतरीन रोगाणुरोधी, तनावरोधी, दर्द-निवारक, मधुमेहरोधी, ज्वरनाशक, कैंसरनाशक, चिंता-निवारक, अवसादरोधी, विकिरण-रक्षक है। तुलसी इतने सारे गुणों से भरपूर है कि इसकी महिमा अवर्णनीय है। पद्म पुराण में भगवान शिव कहते हैं "तुलसी के सम्पूर्ण गुणों का वर्णन तो बहुत अधिक समय लगाने पर भी नहीं हो सकता।"*

🚩 *अपने घर में, आस पड़ोस में अधिक-से-अधिक संख्या में तुलसी के पौधे लगाना-लगवाना माना हजारों-लाखों रूपयों का स्वास्थ्य खर्च बचाना है, पर्यावरण-रक्षा करना है।*

🚩 *अतः विष्णुप्रिया तुलसी मां का पौधा हर घर में होनी चाहिए । आज से हमें संकल्प लेना चाहिए कि 25 दिसम्बर को तुलसी जी की पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे ।*

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23 दिसंबर 2019

🚩 *पश्चिमी देशों में 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाते हैं, उसकी तैयारी पूर्व से होने लगती है। 25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक क्रिसमस-डे के त्यौहार के नाम पर दारू पीना, मांस खाना, पार्टी में दुष्कर्म करना, महिलाओं से छेड़छाड़ी करना, लाऊड स्पीकर बजाना आदि सब अप्राकृतिक कार्य किये जाते है जिसके कारण वातावरण प्रदूषित होता है, स्वास्थ्य खराब होता है, आत्महत्यायें बढ़ती है।*

🚩 *ऐसे पाश्चात्य संस्कृति के त्यौहार को कुछ भोले भारतवासी भी मनाने लगे है पर अब धीरे-धीरे अपनी संस्कृति की तरफ लौट रहे हैं ।*

 🚩 *पश्चिमी संस्कृति का क्रिसमस-डे मनाने जैसा त्यौहार नही है इसलिए भारत में ज्यादातर लोगों ने 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने के लिए पहले से ही तुलसी पूजन शुरू कर दिया है, भारत ही नही बल्कि कई अन्य देशों में भी इस दिन को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है ।*

🚩 *यहाँ पर http://www.ashram.org/Ashram/SevaActivities आप देख सकते हैं ,देश-विदेश में 25 दिसम्बर निमित्त तुलसी पूजन की धूम मची है।*

🚩 *ट्वीटर पर भी रविवार को #25thDecemberTulsiPoojanDiwas हैशटैग के जरिये लगातार ट्वीट्स देखने को मिल रही हैं । ये हैशटैग टॉप ट्रेंड में अपना स्थान बनाये हुए है ।*

🚩 *आइये जानते हैं कि क्या कहना चाह रहे हैं ये लोग ट्वीटर के माध्यम से...*

◆ *श्याम सोनी ने लिखा है कि 25 दिसम्बर को प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जाएगा,इस दिन सार्वजनिक स्थानों,विद्यालयों और महाविद्यालयों में तुलसी की महत्ता बतायी जाती है।*

◆ *सुरेन्द्र ने लिखा है कि The Great Sant Shri Asaram Bapu Ji के संस्कृति रक्षक प्रयासों से आज देश का बच्चा-बच्चा अपनी संस्कृति से जुड़ रहा है, इसकी महानता समझ पा रहा है एवं अपनी संस्कृति का सम्मान कर रहा है।*
#25thDecemberTulsiPoojanDiwas

◆ *बंटी पटेल लिखते है कि दिशा विहीन पश्चिमी संस्कृति की कुरीतियों से भारत को बचाने के लिए Sant Shri Asaram Bapu Ji ने 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाने की पावन प्रेरणा देकर राष्ट्र एवं सनातन संस्कृति की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान की है।*

◆ *कुशु पटेल ने ट्वीट किया है कि तुलसी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,बुद्धि बढ़ती है। यदि तुलसी के पत्तो का नियमित सेवन किया जाए तो कैंसर जैसे  रोग कभी नही होगा। अतः #25thDecemberTulsiPoojanDiwas सभी जरूर मनाये।*

◆ *महेश साहनी लिखते है कि तुलसी जीते जी तो हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करती है पर मरने के बाद भी मुक्ति प्रदान करती है। तुलसी के सेवन से अनेक गंभीर बीमारियों में भी फायदा होता है। एसी परम ल्याणकारी तुलसी माता का हमे पूजन अवश्य करना चाहिये। तो आओ मनाए* #25thDecemberTulsiPoojanDiwas

◆ *जय सिंह ने लिखा कि तुलसी पूजन दिवस की शुरुवात Sant Shri Asaram Bapu Ji ने वर्ष 2014 में की थी। तुलसी उत्तम अवसादरोधक एवं उत्साह, स्फूर्ति, सात्त्विकता वर्धक होने से यह पर्व मनाना वरदानतुल्य साबित होता है।*

🚩 *इसी प्रकार से हजारों ट्वीटस हमें देखने को मिली । जिसमें सभी लोग क्रिसमस नही बल्कि तुलसी पूजन दिवस मनाने की बात कहने के साथ-साथ खुद की तुलसी पूजन करके फोटोज अपलोड कर रहे हैं ।*

🚩 *केवल भारत के ही लोग नही बल्कि कैलिफोर्निया, दुबई आदि से भी लोग तुलसी पूजन करके ट्वीटस कर रहे हैं ।*

🚩 *आपको बता दें कि 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के दौरान शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन, आत्महत्या जैसी घटनाएँ, युवाधन की तबाही एवं अवांछनीय कृत्य खूब होते हैं इसलिए देश में सुख, सौहार्द, शांति बढ़े व जन-समाज का जीवन स्वस्थ और मंगलमय हो इस उद्देश्य से हिन्दू संत आसाराम बापू की प्रेरणा से वर्ष 2014 से 25 दिसम्बर को ‘तुलसी पूजन दिवस मनाना प्रारम्भ हुआ । इस पर्व को जनता ने खूब सराहा और इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की । इस पर्व की लोकप्रियता विश्वस्तर पर देखी गयी ।*

🚩 *विदेशों में भी होती है तुलसी पूजा*

*मात्र भारत में ही नहीं वरन् विश्व के कई अन्य देशों में भी तुलसी को पूजनीय व शुभ माना गया है। ग्रीस में इस्टर्न चर्च नामक सम्प्रदाय में तुलसी की पूजा होती थी और सेंट बेजिल जयंती के दिन नूतन वर्ष भाग्यशाली हो इस भावना से चढ़ायी गयी तुलसी के प्रसाद को स्त्रियाँ अपने घर ले जाती थीं।*

🚩 *विज्ञान ने विभिन्न शोधों के आधार पर माना है कि तुलसी एक बेहतरीन रोगाणुरोधी, तनावरोधी, दर्द-निवारक, मधुमेहरोधी, ज्वरनाशक, कैंसरनाशक, चिंता-निवारक, अवसादरोधी, विकिरण-रक्षक है। तुलसी इतने सारे गुणों से भरपूर है कि इसकी महिमा अवर्णनीय है। पद्म पुराण में भगवान शिव कहते हैं "तुलसी के सम्पूर्ण गुणों का वर्णन तो बहुत अधिक समय लगाने पर भी नहीं हो सकता।"*

🚩 *अपने घर में, आस पड़ोस में अधिक-से-अधिक संख्या में तुलसी के पौधे लगाना-लगवाना माना हजारों-लाखों रूपयों का स्वास्थ्य खर्च बचाना है, पर्यावरण-रक्षा करना है।*

🚩 *अतः विष्णुप्रिया तुलसी मां का पौधा हर घर में होनी चाहिए । आज से हमें संकल्प लेना चाहिए कि 25 दिसम्बर को तुलसी जी की पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे ।*

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Sunday, December 22, 2019

संता क्‍लॉज इतिहास जानकर आप अपने बच्चों को जोकर बनाना छोड़ देंगे

22 दिसंबर 2019

🚩 *कुछ भारतीय अपने बच्चों को विवेकानंदजी, वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, चन्द्र शेखर आज़ाद के वस्त्र नही पहनाते लेकिन क्रिसमस पर 'सांता क्लॉज' के वस्त्र पहनाकर उसे जोकर बना देते है। ऐसा कर के हम अपनी सनातन संस्कृति का अपमान कर रहे हैं साथ-साथ अपने बच्चे को मानशिक गुलाम भी बना रहे हैं।*

*सबसे अहम बात तो ये है कि संता क्लॉज कौन था यह हम जानते भी नही है। आइये आज आपको इन तथ्यों से परिचित करवाते हैं।*

🚩 *संता क्‍लॉज का क्रिसमस से रिश्ता*

*जिंगल बेल के गाने को ईसाई धर्म में क्रिसमस से जोड़ दिया गया है, लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल यह क्रिसमस सॉन्ग है ही नहीं। यह थैंक्सगिविंग सॉग्न है जिसे 1850 में जेम्स पियरपॉन्ट ने वन हॉर्स ओपन स्लेई शीर्षक से लिखा था। वे जार्जिया के सवाना में म्यूजिक डायरेक्टर थे। पियरपॉन्ट की मौत से 3 साल पहे यानी 1890 तक यह क्रिसमस का हिट गीत बन गया था।*

🚩 *संता क्‍लॉज का क्रिसमस से कोई संबंध नहीं* 

*सैंटा क्लॉज चौथी शताब्दी में मायरा के निकट एक शहर (जो अब तुर्की के नाम से जाना जाता है) में जन्मे बिशप संत निकोलस का ही रूप है। बिशप निकोलस के पिता एक बहुत बड़े व्यापारी थे, जिन्होंने निकोलस को हमेशा दूसरों के प्रति दयाभाव और जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए प्रेरित किया। निकोलस पर इन सब बातों का इतना असर हुआ कि वह हर समय जरूरतमंदों की सहायता करने को तैयार रहता।*
🚩 *बच्चों से उन्हें खास लगाव रहा। अपनी दौलत में से बच्चों के लिए वह खूब सारे खिलौने खरीदते और खिड़कियों से उनके घरों में फेंक देते। संत निकोलस की याद में कुछ जगहों पर हर साल 6 दिसंबर को 'संत निकोलस दिवस' भी मनाया जाता है। हालांकि एक धारणा यह भी है कि संत निकोलस की लोकप्रियता से नाराज लोगों ने 6 दिसंबर के दिन ही उनकी हत्या करवा दी। इन बातों के बाद भी बच्चे 25 दिसंबर को ही सैंटा का इंतजार करते हैं। ऐसे प्रमाण मिलते हैं कि तुर्किस्तान के मीरा नामक शहर के बिशप संत निकोलस के नाम पर सांता क्‍लॉज का चलन करीब चौथी सदी में शुरू हुआ था, वे गरीब और बेसहारा बच्‍चों को तोहफे दिया करते थे।*

🚩 *आपको बता दे कि कुछ लोग समझते है कि क्रिसमिस पर ईसा मसीह के जन्मदिन था पर उसदिन उनका जन्मदिन  नही हुआ है। वास्तव में 25 दिसंबर को पहले यूरोप में सूर्यपूजा होती थी इसलिए सूर्य पूजा खत्म करने एवं ईसायत को बढ़ाने के लिए रोमन सम्राट ने ई.स 336 में 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया और पोप जुलियस 25 दिसंबर को यीशु का जन्मदिन मनाने लगे। जबकि इस दिन ईसा मसीह के जन्म से कोई लेना देना नही है।*

🚩 *अब न यीशु का क्रिसमस से कोई लेना देना है और न ही संता क्‍लॉज से ।
फिर भी भारत में पढ़े लिखे लोग बिना कारण का क्रिसमस मनाते हैं ये सब भारतीय संस्कृति को खत्म करके ईसाईकरण करने के लिए भारत में क्रिसमस डे मनाया जाता है। इसलिये आप सावधान रहें ।*

🚩 *इन त्यौहार में जमकर शराब पीते है, नशीले प्रदार्थ का सेवन करते है, पार्टियां करते है इन दिनों में विदेशी कम्पनियों को अरबो रूपये का मुनाफा होता है। आप भी अपनी संपत्ति, स्वास्थ्य और संस्कृति को बचाना चाहते है तो ऐसे त्यौहार का बहिष्कार कर सकते है।*

🚩 *आप अपने बच्चों को धर्मप्रेमी व देशभक्तों के वस्त्र पहनाएं और उसदिन प्लाटिक के पेड़ नही लगाए क्योंकि बीमारियां फैलता है उसदिन 24 घण्टे ऑक्सीजन देनेवाली तुलसी माता का पुजन करें।*

🚩 *आपको बता दे कि गत वर्ष 2014 से देश में सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य व् शांति से जन मानस का जीवन मंगलमय हो इस लोकहितकारी उद्देश्य से हिदू संत आसाराम बापू ने 25 दिसम्बर "तुलसी पूजन दिवस" के रूप में शुरू करवाया।*

🚩 *तुलसी माता के पूजन से मनोबल, चारित्र्यबल व् आरोग्य बल बढ़ता है, मानसिक अवसाद व आत्महत्या आदि से रक्षा होती है ।*

🚩 *आप भी 25 दिसम्बर को प्लास्टिक के पेड़ पर बल्ब जलाने की बजाय 24 घण्टे ऑक्सीजन देने वाली माता तुलसी का पूजन करें ।*

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