Saturday, January 4, 2020

4 जनवरी को हिंदुओं को कश्मीर छोड़ने का आदेश दिया...फिर भयंकर संहार

04 जनवरी 2020 

*🚩04 जनवरी 1990 को कश्मीर के एक स्थानीय अखबार ‘आफ़ताब’ ने हिज्बुल मुजाहिदीन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति प्रकाशित की। इसमें सभी हिंदुओं को कश्मीर छोड़ने के लिये कहा गया था। एक और स्थानीय अखबार ‘अल-सफा’ में भी यही विज्ञप्ति प्रकाशित हुई। विदित हो कि हिज्बुल मुजाहिदीन का गठन जमात-ए-इस्लामी द्वारा जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी व जिहादी गतिविधियों को संचालित करने के मद्देनजर वर्ष 1989 में हुआ।*

*🚩आतंकियों के फरमान से जुड़ी खबरें प्रकाशित होने के बाद कश्मीर घाटी में अफरा-तफरी मच गयी। सड़कों पर बंदूकधारी आतंकी और कट्टरपंथी क़त्ल-ए-आम करते और भारत-विरोधी नारे लगाते खुलेआम घूमते रहे। अमन और ख़ूबसूरती की मिसाल कश्मीर घाटी जल उठी। जगह-जगह धमाके हो रहे थे, मस्जिदों से अज़ान की जगह भड़काऊ भाषण गूंज रहे थे। दीवारें पोस्टरों से भर गयीं, सभी कश्मीरी हिन्दुओं को आदेश था कि वह इस्लाम का कड़ाई से पालन करें। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला की सरकार इस भयावह स्थिति को नियन्त्रित करने में विफल रही।*

*🚩कश्मीरी हिन्दुओं के मकानों, दुकानों तथा अन्य प्रतिष्ठानों को चिह्नित कर उस पर नोटिस चस्पा कर दिया गया। नोटिसों में लिखा था कि वे या तो 24 घंटे के भीतर कश्मीर छोड़ दें या फिर मरने के लिये तैयार रहें। आतंकियों ने कश्मीरी हिन्दुओं को प्रताड़ित करने के लिए मानवता की सारी हदें पार कर दीं। यहां तक कि अंग-विच्छेदन जैसे हृदयविदारक तरीके भी अपनाए गये। संवेदनहीनता की पराकाष्ठा यह थी कि किसी को मारने के बाद ये आतंकी जश्न मनाते थे। कई शवों का समुचित दाह-संस्कार भी नहीं करने दिया गया।*

*🚩19 जनवरी की रात निराशा और अवसाद से जूझते लाखों कश्मीरी हिन्दुओं का साहस टूट गया। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिये अपने घर-बार तथा खेती-बाड़ी को छोड़ अपने जन्मस्थान से पलायन का निर्णय लिया। इस प्रकार लगभग 3,50,000 कश्मीरी हिन्दू विस्थापित हो गये।*

*🚩इससे पहले जेकेएलएफ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता पंडित टीकालाल टपलू की श्रीनगर में 14 सितम्बर 1989 को दिन-दहाड़े हत्या कर दी। श्रीनगर के न्यायाधीश एन.के. गंजू की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इसके बाद क़रीब 320 कश्मीरी हिन्दुओं की नृशंस हत्या कर दी गयी जिसमें महिला, पुरूष और बच्चे शामिल थे।*

*🚩विस्थापन के पांच वर्ष बाद तक कश्मीरी हिंदुओं में से लगभग 5500 लोग विभिन्न शिविरों तथा अन्य स्थानों पर काल का ग्रास बन गये। इनमें से लगभग एक हजार से ज्यादा की मृत्यु ‘सनस्ट्रोक’ की वजह से हुई; क्योंकि कश्मीर की सर्द जलवायु के अभ्यस्त ये लोग देश में अन्य स्थानों पर पड़ने वाली भीषण गर्मी सहन नहीं कर सके। क़ई अन्य दुर्घटनाओं तथा हृदयाघात का शिकार हुए।*

*🚩घाटी में कश्मीरी पंडितों के बुरे दिनों की शुरुआत 14 सितंबर 1989 से हुई। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और वकील कश्मीरी पंडित, तिलक लाल तप्लू की जेकेएलएफ ने हत्या कर दी।*

*🚩- इसके बाद जस्टिस नील कांत गंजू की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई।*

*🚩- उस दौर के अधिकतर हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई।उसके बाद 300 से अधिक हिंदू-महिलाओं और पुरुषों की आतंकियों ने हत्या की।*

*🚩सरेआम हुए थे बलात्कार।*

*🚩- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक कश्मीरी पंडित नर्स के साथ आतंकियों ने सामूहिक बलात्कार किया और उसके बाद मार-मार कर उसकी हत्या कर दी।*

*🚩- घाटी में कई कश्मीरी पंडितों की बस्तियों में सामूहिक बलात्कार और लड़कियों के अपहरण किए गए। हालात बदतर हो गए।*

*🚩- एक स्थानीय उर्दू अखबार, हिज्ब - उल - मुजाहिदीन की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की- 'सभी हिंदू अपना सामान बांधें और कश्मीर छोड़ कर चले जाएं'।*

*🚩- एक अन्य स्थानीय समाचार पत्र, अल सफा, ने इस निष्कासन के आदेश को दोहराया।*

*🚩-मस्जिदों में भारत एवं हिंदू विरोधी भाषण दिए जाने लगे।सभी कश्मीरियों को कहा गया कि इस्लामिक ड्रेस कोड अपनाएं। या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ दो।*

*🚩- कश्मीरी पंडितों के घर के दरवाजों पर नोट लगा दिया, जिसमें लिखा था 'या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ दो।*

*🚩- पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने टीवी पर कश्मीरी मुस्लिमों को भारत से अलग होने के लिए भड़काना शुरू कर दिया।*

*🚩- इस सबके बीच कश्मीर से पंडित रातों -रात अपना सबकुछ छोड़ने को मजबूर हो गए।*

*◆ - डोडा नरसंहार- अगस्त 14, 1993 को बस रोककर 15 हिंदुओं की हत्या कर दी गई।*

*◆ - संग्रामपुर नरसंहार- मार्च 21, 1997 घर में घुसकर 7 कश्मीरी पंडितों को किडनैप कर मार डाला गया।*

*◆ - वंधामा नरसंहार- जनवरी 25, 1998 को हथियारबंद आतंकियों ने 4 कश्मीरी परिवार के 23 लोगों को गोलियों से भून कर मार डाला।*

*◆ - प्रानकोट नरसंहार- अप्रैल 17, 1998 को उधमपुर जिले के प्रानकोट गांव में एक कश्मीरी हिन्दू परिवार के 27 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, इसमें 11 बच्चे भी शामिल थे। इस नरसंहार के बाद डर से पौनी और रियासी के 1000 हिंदुओं ने पलायन किया था।*

*•• - 2000 में अनंतनाग के पहलगाम में 30 अमरनाथ यात्रियों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।*

*•• - 20 मार्च 2000 चित्ती सिंघपोरा नरसंहार होला मना रहे 36 सिखों की गुरुद्वारे के सामने आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी।*

*•• - 2001 में डोडा में 6 हिंदुओं की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।*

*•• - 2001 जम्मू कश्मीर रेलवे स्टेशन नरसंहार*

*सेना के भेष में आतंकियों ने रेलवे स्टेशन पर गोलीबारी कर दी, इसमें 11 लोगों की मौत हो गई।*

*•• - 2002 में जम्मू के रघुनाथ मंदिर पर आतंकियों ने दो बार हमला किया, पहला 30 मार्च और दूसरा 24 नवंबर को। इन दोनों हमलों में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।*

*•• - 2002 क्वासिम नगर नरसंहार, 29 हिन्दू मजदूरों को मारडाला गया। इनमें 13 महिलाएं और एक बच्चा शामिल था।*

*🚩आज जो CAA का विरोध कर रहे हैं, जब लाखों हिंदू पंडितों को प्रताड़ित किया जा रहा था तब सब चुप क्यों थे?*

*🚩कश्मीरी हिन्दू विश्वभर के जिहादी आतंकवाद के पहली बलि सिद्ध हुए। वर्ष 1990 के विस्थापन के पश्चात विगत 29 वर्ष से विविध राजनीतिक दलों के शासन सत्ता में रहे; परंतु मुसलमानों के तुष्टीकरण की राजनीति के कारण कश्मीर की स्थिति में कुछ भी परिवर्तन नहीं हुआ अत: कश्मीरी हिन्दू अपने घर नहीं लौट सके !*

*🚩अब मोदीजी की सरकार ने कश्मीर से 370 हटाने से कश्मीरी हिंदुओं को पुनः घाटी में बसने की उम्मीदे जागृत हुई हैं। अब शीघ्र ही सरकार कश्मीरी हिंदुओं का पुनर्वसन करें, ऐसी हिंदुओं की मांग है ।*

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Friday, January 3, 2020

इस्लामिक संगठन PFI का आखरी लक्ष्य भारत को इस्लामिक देश बनाने का

03 जनवरी 2020 

*🚩भारत वर्ष को पहले ही खंड-खंड कर दिया गया है उसमे से अधिकतर इस्लाम देश बनाये गये हैं। वर्तमान में हमारे पास जो भारत देश है उसको भी तोड़ने की साजिश राष्ट्र विरोधी ताकतें कर रही हैं।*

*🚩उत्तर प्रदेश सरकार ने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)  संगठन को बैन करने की मांग की है ।यूपी सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को पत्र भी लिखा है। आज ट्विटर पर भी जनता ने PFI को बेन करने की मांग की थी । ट्वीटर पर #BanPFI हैशटेग टॉप ट्रेंड कर रहा था।*

*🚩नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में यूपी मे जिस तरह के हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, उसके पीछे पीएफआई (PFI) का हाथ बताया जा रहा है । यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया है कि राज्य के कई इलाकों में दंगा और तोड़फोड़ करने के आरोप में पीएफआई के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है । पीएफआई के बारे में कुछ सनसनीखेज खुलासे हुए हैं । पुलिस के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि इन्होंने CAA और NRC के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम किया और विरोध प्रदर्शनों में हिंसा की ।*

*🚩यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने इस संगठन के खिलाफ सख्त लहजे में कहा कि यूपी में तोड़फोड़ और हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ रहा है । ऐसे संगठन को यहां फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा और इसे यहां बैन किया जाएगा ।*

*🚩पीएफआई के ISIS और सिमी से लिंक होने का दावा*

*🚩पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बारे में कहा जाता है कि ये एक कट्टर इस्लामिक संगठन है । इसको लेकर कुछ सनसनीखेज खुलासे हुए हैं । नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी इस संगठन के ISIS और सिमी के साथ संपर्कों की तलाश में जुटा है । एजेंसियों को कुछ चौंकाने वाली जानकारी मिली है ।*

*🚩पीएफआई के बारे में कहा जाता है कि उसका केरल मॉड्यूल ISIS के लिए काम कर रहा था । वहां से इसके सदस्यों ने सीरिया और इराक में ISIS को जॉइन किया । इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है ।*

*🚩मई 2019 में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पीएफआई के कई ऑफिसों पर छापे मारे । खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को शक था कि इसके सदस्यों ने 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में हुए बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड का ब्रेन वॉश किया था । श्रीलंका के इस बम धमाके में 250 लोगों की मौत हुई थी ।*

*🚩PFI के ऊपर राज्य में राजनीतिक हत्याओं का आरोप*

*🚩पीएफआई के ऊपर ISIS से लिंक होने के अलावा भी कई तरह के आरोप हैं । आरोप है कि इस संगठन का हाथ कई राजनीतिक हत्याओं और धर्म परिवर्तन के मामलों में है । द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआई का नाम लव जिहाद के मामलों में भी आया है ।*

*🚩2017 में केरल की पुलिस ने एनआईए को लव जिहाद के 94 मामले सौंपे थे । बताया जाता है कि लव जिहाद के इन मामलों के पीछे पीएफआई के 4 सदस्यों का हाथ था ।* 

*🚩पीएफआई के लिंक भारत में बैन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी से भी रहे हैं । पीएफआई के कुछ सदस्य पहले सिमी के सक्रिय कार्यकर्ता रह चुके हैं । द प्रिंट के मुताबिक पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल रहमान पहले सिमी का राष्ट्रीय सचिव रह चुका है । जबकि पीएफआई का राज्य संगठन सचिव अब्दुल हमीद इसके पहले 2001 में सिमी में इसी पद पर था । बताया जाता है कि 2006 में सिमी को बैन कर दिए जाने के बाद इसके सदस्य पीएफआई में आ गए ।*

*🚩पीएफआई पर सनसनीखेज आरोप*

*🚩2010 में पीएफआई पर आरोप लगा कि इसके सदस्यों ने एक मलयाली प्रोफेसर टी जे जोसेफ का दाहिना हाथ काट डाला था । क्योंकि प्रोफेसर ने पैगंबर पर सवाल उठाए थे । 2012 में केरल की सरकार ने हाईकोर्ट में एक एफिडेविट दी थी । इसमें आरोप लगाया गया था कि पीएफआई के सदस्यों का सीपीआई(एम) और आरएसएस से जुड़े 27 राजनीतिक हत्याओं में हाथ था । सरकार ने कहा कि ज्यादातर हत्याएं सांप्रदायिक रंग देकर की गई थी । इसके अलावा भी इनकी 86 इसी तरह की हत्याएं करने की योजना थी । ये एफिडेविट कन्नूर में एक एबीवीपी से जुड़े छात्र सचिन गोपाल की हत्या के बाद दी गई थी ।*

*🚩2016 में कर्नाटक के एक स्थानीय आरएसएस नेता रुद्रेश की दो मोटरसाइकिल सवार लोगों ने हत्या कर दी थी । बेंगलुरु के शिवाजीनगर में हुए इस हत्या में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था । ये चारों पीएफआई से जुड़े हुए थे ।*

*🚩द पायनियर की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में पीएफआई पर उत्तरी कन्नूर में एक ट्रेनिंग कैंप चलाने का आरोप लगा । कन्नूर पुलिस ने कहा कि कैंप से उन्हें तलवार, बम, आदमी की तरह दिखने वाले लकड़ी के पुतले, देसी पिस्तौल और आईईडी ब्लास्ट में काम आने वाली चीजें मिलीं । कैंप से कुछ बैनर पोस्टर भी बरामद हुए, जो आतंकी गतिविधि में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करने वाली थी ।*

*🚩2012 में इस ग्रुप का नाम असम के कोकराझार में आया । कहा गया कि पीएफआई के सदस्यों ने जानबूझकर इलाके में अफवाह फैलाकर दंगा फैलाया ।*

*🚩कैसे बनी पीएफआई*

*🚩पीएफआई केरल से संचालित होने वाला एक कट्टर इस्लामिक संगठन है । पीएफआई की स्थापना 1993 में बने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट से निकलकर हुई है । 1992 में बाबरी मस्जिद ढहने के बाद नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम से एक संगठन बना था ।*

*🚩एनआईए के मुताबिक 92 में बाबरी मस्जिद ढहने के बाद केरल कट्टर इस्लामिक संगठनों का पनाहगाह बन गया । इसी दौर में वहां नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट बनी थी । 2006 में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट का पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया में विलय हो गया । केरल में पीएफआई की मजबूत स्थिति है । हालांकि वो पूरे देश में फैले हुए हैं । एनआईए के मुताबिक देश के 23 राज्यों में पीएफआई की पैठ है । केरल और कर्नाटक में इन्होंने अपने राजनीतिक संपर्क भी बना लिए हैं ।*

*🚩पीएफआई का दावा है कि वो मुस्लिम समुदाय की भलाई के लिए काम करती है । इनका कहना है कि ये मुसलमानों के हक और अधिकार की आवाज को बुलंद करती है । हालांकि असलियत इसके ठीक उलट है ।*

*🚩 संदर्भ : न्यूज १८*

*🚩आपको बता दें कि न्यूज चैनल आजतक के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने छुपे कैमरे पर PFI के शीर्ष पदाधिकारियों के मुंह से ऐसे खुलासे कैद किए हैं जो आश्चर्य में डाल देने वाले हैं । चाहे वो बड़े स्तर पर धर्म परिवर्तन कराना हो, अवैध फंडिंग हो, या फिर भारत को धर्मप्रधान इस्लामिक देश बनाने का अंतिम लक्ष्य । सबके बारे में इन्हें खुद ही सब कबूल करते देखा-सुना गया है ।*

*PFI धर्म परिवर्तन, हवाला फंडिंग (अवैध तरीके से विदेशी धन लेना) , जानलेवा हमले, लव जिहाद, बम ब्लास्ट और आतंकवाद से जुड़ाव आदि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को चलाने का आरोप है। PFI का लक्ष्य है भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने का। अतः सरकार को इस पर तुरंत बेन लगा देना चाहिए नही तो देश को भयंकर नुकसान पहुंचा सकते हैं।*

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Thursday, January 2, 2020

अखंड भारत के हो चुके हैं इतने टुकड़े....अभी भी नहीं चेते तो पछताना पड़ेगा !!

02 जनवरी 2020

*🚩कभी जम्बूद्वीप, भारतवर्ष और आर्यावर्त के नाम से पहचाना जाने वाले हमारे देश का नाम आज भारत और इंडिया है। लेकिन आज का जो भारत हमारे पास है वो भारतवर्ष का महज एक छोटा टुकड़ा मात्र है। क्योंकि अभी जितनी भूमि भारत देश में है, उससे कई गुना ज्यादा भूमि पर अलग देश बन चुके हैं। हम आपको बता रहे हैं कैसे प्राचीन काल में विश्वगुरू रहा भारत खंड-खंड होता गया और आज सिकुड़ कर छोटा सा रह गया।*

*★ अफगानिस्तान-*

*🚩गांधार और कंबोज प्राचीन काल के राज्य थे जहां हिंदू शासक राज करते थे। उसके बाद यहां पारसी और बौद्ध धर्म के राजाओं ने शा​सन किया। लेकिन बाद में इन भागों को मिलाकर अफगानिस्तान बना। इस देश ने अपना राष्ट्र धर्म इस्लाम बना लिया।*

*★ पाकिस्तान-*

*🚩1947 से पहले देश भारत का ही हिस्सा था और सिंध के नाम जाना जाता था। लेकिन बाद में यह अलग देश बना जिसमें पंजाब, मुल्तान, पेशावर, बलुचिस्तान आदि भाग मिले। पाकिस्तान ने अपने देश का धर्म इस्लाम रखा। आज भारत का सबसे बड़ा दुश्मन यही देश है जो आतंक की फैक्ट्री चलाता है।*

*★ बांग्लादेश*

*1947 भारत के विभाजन के बाद बंगाल से कटकर पूर्वी पाकिस्तान बना।1949 में अवामी लीग की स्थापना हुई जिसका उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान को स्वायत्तता दिलाना था। 1971 - शेख़ मुजीब और अवामी लीग ने 26 मार्च को स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। नए देश का नाम रखा गया बांग्लादेश ।*

*★ नेपाल-*

*🚩आज नेपाल एक स्वतंत्र राष्ट्र है। कुछ सालों पहले तक यह हिंदू राष्ट्र हुआ करता था, लेकिन अब यह भी सेकुलर राष्ट्र घोषित हो चुका है। प्राचीन भारतवर्ष में नेपाल भारत का ही अखंड भाग था जिसे देवघर कहा जाता था। इसी देश में भगवान श्रीराम की पत्नी सीता का जन्म स्थल मिथिला है।*

*★ भूटान-*

*🚩प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर भूटान भी कभी भारतीय महाजनपदों के अंतर्गत एक जनपद था और अखंड भारतवर्ष का हिस्सा था। भूटान संस्कृत के भू-उत्थान से बना शब्द है।*

*★ तिब्बत-*

*🚩तिब्बत को त्रिविष्टप कहा जाता था जहां रिशिका और तुशारा नामक राज्य थे। आज चीन द्वारा कब्जा किया हुआ यह देश भी भारतवर्ष का अभिन्न अंग था। तिब्बत में पहले हिन्दू फिर बाद में बौद्ध धर्म प्रचारित हुआ और यह बौद्धों का प्रमुख केंद्र बन गया।*

*★ म्यांमार-*

*🚩म्यांमार को प्राचीन भारत वर्ष में ब्रह्मदेश के नाम से पुकारा जाता था। यह देश म्यांमार प्राचीनकाल से ही भारत का ही एक उपनिवेश रहा है। हालांकि मुस्लिम शासनकाल में म्यांमार शेष भारत से कटा रहा और यहां पर स्वतंत्र राजसत्ताएं कायम हो गईं। इसके बाद ब्रिटिशों ने 1935 ई. के भारतीय शासन विधान के अंतर्गत म्यांमार को भारत से अलग कर दिया।*

*★ श्रीलंका-*

*🚩श्रीलंका भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित एक बड़ा द्वीप है। यह भारत के चोल और पांड्य जनपद के अंतर्गत आता था। कालांतर में यहां के सिंहल राजा ने बौद्ध धर्म अपनाकर इसे राजधर्म घोषित कर दिया। आज श्रीलंका भारत से अलग देश है।*

*★ मलेशिया-*

*🚩वर्तमान के मुख्‍य 4 देश मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और कंबोडिया प्राचीन भारत के मलय प्रायद्वीप के जनपद हुआ करते थे। आज ये सब देश अलग-अलग स्वतंत्र राष्ट्र हैं।*

*★ सिंगापुर-*

*🚩प्राचीन काल भारत के ​इस हिस्से का नाम सिंहपुर था जो आज सिंगापुर हो गया। बाद में 9 अगस्त 1965 को अंग्रेजों ने सिंगापुर को एक स्वतंत्र गणतंत्र देश बना दिया।*

*★ थाईलैंड-*

*🚩थाईलैंड का प्राचीन भारतीय नाम श्‍यामदेश है। बौद्ध धर्मावलंबियों की जनसंख्या वाला यह भू-भाग भी आज भारत से अलग राष्ट्र है।*

*★ इंडोनेशिया-*

*🚩मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच हजारों द्वीपों पर फैले इंडोनेशिया में मुसलमानों की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। हिंदू मंदिरों पटा पड़ा यह देश आज इस्लामिक राष्ट्र और भारत से अलग है। यहीं विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर भी हैं जिसे प्रम्बानन मंदिर कहते हैं।*

*★ कंबोडिया-*

*🚩इस देश को पौराणिक काल का कंबोज देश आज कंबोडिया कहलाता है जो कभी भारत का हिस्सा था। यह पहले हिन्दू राष्ट्र रहा और फिर बौद्ध हो गया। विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर तथा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक कंबोडिया में स्थित है।*

*★ वियतनाम-*

*🚩प्राचीन भारतवर्ष में वियतनाम को चम्पा कहकर पुकारा जाता था। चम्पा के लोग चाम कहलाते थे। वर्तमान समय में चाम लोग वियतनाम और कंबोडिया के सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं। आज यह अपने आप में एक स्वतंत्र राष्ट्र है।*

*🚩भारतीय इतिहास के अनुसार भारत के सम्राट विक्रमादित्य ने सम्पूर्ण अरब को जीतकर अपने साम्राज्य में मिलाया था।*

*🚩भारत में आज जिस तरह CAA का विरोध कर रहे हैं और जाति-पाति में बंट रहे हैं उससे हमारे देश को खतरा है क्योंकि हमारे देश पर राष्ट्र विरोधी ताकतों की बुरी नजरे हैं और वे हमें आपस में लड़ा रहे हैं। इनसे सावधन रहना नहीं तो बाद में हमें पछतावा होगा।*

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