Sunday, January 19, 2020

विज्ञापनों द्वारा हिंदू संस्कृति तोड़ने की साजिश, सुहाना भी वही कर रहा

19 जनवरी 2020
www.azaadbharat.org
*🚩टीवी, इंटरनेट आदि माध्यम द्वारा दिखाया जा रहा विज्ञापनों में हिंदू संस्कृति तोड़ने का भयंकर षडयंत्र चल रहा है।*
*🚩आजकल टीवी पर सुहाना मसाला का एक घटिया विज्ञापन आ रहा है जिसमें शाकाहारवाद का मजाक उड़ाया गया है।*
*🚩विज्ञापन में एक सिख बच्चा बटर चिकन खाने के लिए अपने गुजराती दोस्त को बुलाता है।  उसकी गुजराती माँ, जो किचन में खाना बनाने में व्यस्त है, लड़के से पूछती है कि वह कब वापस आएगा।  अपने शाकाहारी घरवाले परेशान ना हों, इसके लिए वह झूठ बोलता है और कहता है कि वह अपने अगले दरवाजे वाले दोस्त से नोट्स लेने जा रहा है। फिर वह अपने मित्र के घर जाकर बटर चिकन खाता है। फिर बच्चे का परिवार दोपहर के भोजन में शाही पनीर बनाता है।  पेट भरा होने पर भी गुजराती बच्चा दोपहर के भोजन करने के लिए बैठ जाता है और खाते ही बोलता है - "ये शाही पनीर तो बटर चिकन जैसा मस्त है"।  यह सुनकर खाने की मेज पर साथ भोजन कर रहे उसके शाकाहारी परिवार को बड़ा झटका लगता है।*
*🚩इस विज्ञापन से समाज में बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इस विज्ञापन से हो रहे नुकसान 👇🏻*
*👉🏻 इससे समाज मांसाहार की तरफ आकर्षित होगा। इसमें बच्चे की आड़ में मांसाहार को सही दिखाने की चेष्टा की गई है, जो बहुत गलत है। इससे छोटे बच्चों में मांसाहार के संस्कार जा रहे हैं, जो बहुत भयावह है।*
*👉🏻 बच्चे इस विज्ञापन से झूठ बोलना सीखेंगे। वे अपने माँ बाप को झूठ बोलेंगे।*
*👉🏻 इससे शाकाहारी परिवारों की भावना को ठेस पहुँची है। सोचिए एक शाकाहारी को अगर कोई खाना खाते वक़्त मांस का नाम ले तो उसे उस समय कितनी घिन्न आएगी, वो ठीक से भोजन भी नहीं कर पायेगा। इस विज्ञापन में तो ये दृश्य दिखाकर शाकाहारियों का मजाक उड़ाया गया है।*
*👉🏻 इस विज्ञापन में एक हिन्दू गुजराती बच्चे को एक सिख बच्चे के घर बटर चिकन खाते दिखाया गया है। ना हिन्दू धर्म मांसाहार का समर्थन करता है, ना सिख धर्म। ये सीधे इन दोनों धर्मों का अपमान है।*
*🚩वेदों में कहा गया है:-*
*"व्रीहिमत्तं यवमत्तमथोमाषम तिलम्*
*एष वां भागो निहितो रत्नधेयाय*
*दन्तौ मा हिंसिष्टं पितरं मातरं च।''*
*अर्थ: चावल खाओ, जौ खाओ, उड़द खाओ और तिल खाओ। हे ऊपर-नीचे के दांत तुम्हारे ये भाग निहित हैं उत्तम फलादि के लिए। किसी नर और मादा को मत मारो।*
*तिल भर मछली खायके, कोटि गऊ दे दानम*
*कासी करवट ले मरै, तो भी नरक निदान।।*
*🚩संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि जो तिल भर मछली-मांस खाकर उसको प्रायश्चित करने के लिए करोडों गायों का दान दे और काशी में करवट लेकर देह त्यागे तो भी वह अज्ञानी नरक यातना ही भोगेगा उसकी मुक्ति हो ही नहीं सकती।*
*जीव हनै हिंसा करै, प्रगट पाप सिर होय।*
*पाप सबन जो देखिया, पुन्न न देखा होय।।*
*🚩संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि जो किसी जीव को मारता है, हिंसा कर्म करता है प्रत्यक्ष रूप से उसके सिर पर पाप का भार होता है। उसका हिंसा का कर्म तो सबको दिखाई देता है पर भले ही वह पुण्य के काम भी करता हो पर वह किसी को दिखाई नहीं देते।*
*🚩गुरु नानक साहिब शाकाहारी भोजन के बड़े दृढ़ समर्थक थे।  मोहसिन फ़ानी अपनी प्रसिद्द फ़ारसी रचना 'दबिस्ताने मज़ाहिब' में, जो कि गुरु नानक जी के बारे में एक विश्वसनीय पुस्तक है, कहा है: 'वे (गुरु नानक साहिब) माँस - शराब के विरुद्ध थे । उन्होनें स्वयं इन वस्तुओं के प्रयोग से परहेज़ किया और जीवों के प्रति निर्दयतापूर्ण व्यवहार के विरुद्ध प्रचार किया।"*
*🚩विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार मांसाहार का सेवन करना हमारे शरीर के लिए उतना ही नुकसानदायक होता है जितना कि धूम्रपान असर करता है । इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पका हुआ मांस खाने से कैंसर का खतरा बना रहता है ।*

*🚩ऐसे धर्म भी हैं जो मांसाहार को जायज मानते हैं, उस धर्म के बच्चे क्यों नहीं दिखाए विज्ञापन में। हिन्दू धर्म और सिख धर्म की आस्था का अपमान क्यों?*
*🚩सुहाना मसाला ने सारी मर्यादाएं तोड़ दी हैं। ऐसे विज्ञापन समाज के लिए अति घातक हैं। अपने निजी फायदे के लिए बच्चों को गलत शिक्षा क्यों दे रही है सुहाना मसाला कंपनी? क्यों हिन्दू धर्म और सिख धर्म की आस्था से खिलवाड़ कर रही है सुहाना कम्पनी? इसका विरोध करना बहुत जरूरी है।*
*🚩विरोध कैसे करें?*
*🚩आप सुहाना कंपनी के ऑफिस में फोन करके अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं।*
*🚩पुणे, महाराष्ट्र में ऑफिस के दूरभाष नम्बर 👇🏻*
020-67092095
020-26872095
020-26878017
*🚩आप कम्पनी को E-mail करके भी अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं। इस E-mail ID पर E-mail करें 👇🏻*
*🚩विज्ञापनों द्वारा भारतीय संस्कृति पर प्रहार करना कोई नई बात नहीं। Surf Excel के एक विज्ञापन में एक मुस्लिम लड़के को होली के निमित्त हिन्दू लड़की को रंग लगाते दिखाया गया और कहा गया कि 'दाग अच्छे हैं।' कंडोम के विज्ञापन द्वारा विवाह पूर्व संबंधों को जायज दिखाने की कोशिश होती है जो सीधा हिन्दू संस्कृति पर हमला है। परफ्यूम, टूथपेस्ट आदि के विज्ञापनों में लड़के का लड़की की तरफ आकर्षित होना दिखाया जाता है जबकि हिन्दू संस्कृति ब्रह्मचर्य की शिक्षा देती है।*
*🚩इससे पहले कि देर हो जाये, विज्ञापनों द्वारा हिन्दू संस्कृति पर कुठाराघात के खिलाफ हिन्दुओं को एक होना होगा और ऐसे विज्ञापन बनाने वालों के उत्पादों का बहिष्कार करना होगा।*
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Saturday, January 18, 2020

अगर आप सफर करते समय सो रहे हैं तो सावधान !! हो सकती है जेल


18 जनवरी 2020

*🚩समझो आपके कोई स्नेहीजन की मौत हो गई और आप थके हैं ...और सफर के समय सो रहे हैं। गलती से पैर इधर-उधर चला गया और किसी महिला ने आप पर आरोप लगा दिया कि इसने मुझसे छेड़छाड़ कर दी और आपको जेल भेज दिया जाए तो कैसा लगेगा ??*

*🚩ऐसी ही एक सत्य घटना है जो विकास सचदेवा नाम के व्यक्ति के साथ हुई है आप भी पढ़िए पूरा मामला क्या है?*

*🚩यह घटना हर व्यक्ति को सोचने को मजबूर कर देती है कि क्या कानून बचाने के लिए है या फंसाने के लिए?*

*🚩आपको बता दें कि विकास सचदेवा नाम का एक व्यक्ति विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट में सफर कर रहा था, उसी फ्लाइट में पूर्व अभिनेत्री जायरा वसीम भी सफर कर रही थी।*

*🚩दिल्ली से मुंबई आने वाली फ्लाइट जब मुंबई पहुँची तो वहाँ जायरा वसीम ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के माध्यम से बताया कि मेरे साथ छेड़छाड़ी हुई है।*
*उसके बाद उसने पुलिस थाने में एफ.आई.आर दर्ज करवाई, जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 354 लगाई थी। ये धारा शीलभंग करने के इरादे से हमला करने पर लगाई जाती है और पॉक्सो एक्ट लगाया जो नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न की धारा लगाई जाती है ।*

*🚩विकास सचदेवा आधी रात को अपने घर पहुँचता है, सुबह उठकर पत्नी के साथ चाय-नाश्ता करता है, थोड़ी देर में घर पर पुलिस आकर गिरफ्तार कर लेती है, विकास और उनकी पत्नी को अभी तक पता नहीं है कि ऐसा क्यों हो रहा है ??* *पुलिस थाने जाने पर पता चला कि जायरा वसीम ने उनके ऊपर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। विकास और उसकी पत्नी को बड़ा धक्का लगा लेकिन करें तो करें क्या ?*
*कोई उपाय नहीं था, पत्नी घर पर आ गई और पति को जेल भेज दिया गया।*

*टी.आर.पी की भूखी मीडिया ने भी विकास सचदेवा को "दरिंदा" और न जाने किस-किस नाम से खूब बदनाम किया, पूरे देशभर में विकास सचदेवा की बदनामी की गई।*

*🚩सहयात्री ने पुलिस में दिया बयान....*

*फ्लाइट में जायरा वसीम के सहयात्री ने पुलिस को बताया कि वो उसी क्लास में था जिसमें जायरा और विकास सफर कर रहे थे। सचदेवा प्लेन में आते ही सो गए। इस दौरान सोते वक्त आरोपी ने अपने पैर आर्मरेस्ट पर रख दिए थे। उन्हें नहीं लगता उन्होंने छेड़छाड़ की। उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने अपने पैर आर्मरेस्ट पर रखे। इसके अलावा उन्होंने कोई गलत व्यवहार नहीं किया। सचदेवा के इस व्यवहार पर जब जायरा चिल्लाने लगी तो उन्होंने माफी भी मांगी थी। विकास और सहयात्री एक दूसरे को नहीं जानते पर दोनों के बयान मेल खाते हैं।*

*दूसरी ओर से विस्तारा एयरलाइंस के अफसरों ने भी बताया कि विकास प्लेन में पूरे समय सो रहा था।*

*🚩विकास ने बताया गलती से टच हो गया पैर...*

*विकास सचदेवा का कहना है कि उसने यह जानबूझकर नहीं किया था, दिल्ली में अपने मामा की अंत्येष्टि में गया था.... पिछले 24 घण्टे से सोया नहीं था, इसलिए वह काफी थका था और फ्लाइट में आते ही सो गया, सोते वक्त गलती से उसका पैर जायरा से टच हो गया। बाद में विकास ने माफी भी मांगी । विकास को तो पहले यह पता भी नहीं था कि सामने कोई महिला बैठी है, और वो भी एक अभिनेत्री है ।*

*🚩यह घटना दिसंबर 2017 की है, 16 जनवरी को पॉक्सो एक्ट के तहत लड़की के बयान को सच मानकर 3 साल की कारावास की सजा सुनाई गयी है। आपको बता दें कि पॉक्सो एक्ट लगने के बाद आरोपी को सिद्ध करना होता है वो निर्दोष है नहीं तो लड़की की बात को सही मानकर आपको सजा हो सकती है।*

*🚩बता दें कि सेशन कोर्ट के फैसले कई बार हाईकोर्ट ने गलत साबित किये हैं, और जिन पर आरोप सिद्ध हुआ है उनको निर्दोष बरी किया गया है ।*

*🚩अब सवाल ये आता है कि क्या पोक्सो एक्ट में सुधार नहीं होना चाहिए ?*

*अगर हाईकोर्ट उनको निर्दोष बरी करती है तो क्या सचदेवा की इज्ज़त, पैसे और समय वापस लौटा पायेंगे? उनके परिवार पर जो बीत रही है उसकी भरपाई कौन करेगा ? लड़की अगर झूठी फरियादी निकली तो क्या कानून उसको सजा देगा ?*

*🚩पुरुष आयोग की मांग करने वाली बरखा त्रेहान लिखती हैं कि #VikasSachdeva को POCSO के तहत दोषी ठहराया गया।* *गलती से #ZairaWasim को फ्लाइट में सोते हुए छूने के लिए 3 साल की  कारावास की सजा सुनाई गई है।*
*देखिए एक आदमी का जीवन एक महिला कैसे बर्बाद कर सकती है !!*
*क्योंकि महिलाएं झूठ नहीं बोलती, खासकर जब वह मुस्लिम हो और अभिनेत्री हो !!*
*#JusticeForVikasSachdeva*


*🚩विकास सचदेवा जैसे तो कई उदाहरण हैं जिसमें खास करके हिन्दू समाज को बदनाम करने के लिए साधु-संतों को फंसाया गया हो और बाद में निर्दोष बरी हुए हों, जैसे कि गुजरात द्वारका के केशवानंदजी महाराज, दक्षिण भारत के स्वामी नित्यानंद, बैंगलोर मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती जी जिनके ऊपर बलात्कार का केस बनाया, मीडिया ने खूब बदनामी की और बाद में निर्दोष बरी हुए।*

*🚩इसी प्रकार का मामला सामने है हिन्दू धर्म गुरु आशारामजी बापू का !! उन्होंने धर्मान्तरण रोका, हिंदुओं की घरवापसी करवाई और विश्व में हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार किया जिसके तहत उनको जेल जाना पड़ा।*

*🚩आपको बता दें कि बापू आशारामजी को उम्रकैद की सजा सुनाई है पर मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार तो लड़की के शरीर पर एक खरोंच की भी पुष्टि नहीं होती है और ना ही कोई ऐसा एविडेंस है जो उनके खिलाफ हो, लड़की के कॉल डिटेल के अनुसार तो तथाकथित घटना के समय वह वहाँ थी ही नहीं और बापू आसारामजी भी किसी अन्य कार्यक्रम में व्यस्त थे। उसके 50-60 लोग साक्षी भी हैं फिर भी उम्रकैद सुनाना और जमानत नहीं देना अपने आप में बड़ा आश्चर्य है। जबकि उनसे 50 करोड़ की फिरौती मांगी गयी थी और मांग पूरी न करने पर उन्हें झूठे केस में फँसाने की धमकी भी दी गई थी, उसका प्रूफ भी है उनके पास।*


*🚩बलात्कार कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार के आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं । कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविक में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय नहीं मिला पाता है ।*

*🚩महिलाओं की सुरक्षा के लिये बलात्कार निरोधक में सख्ती बनाकर कानून बने हैं पर कुछ लड़कियों द्वारा उस कानून का धुंआधार दुरुपयोग किया जा रहा है। जब एक लड़की किसी निर्दोष पुरूष पर झूठा आरोप लगाती है और उस पुरुष को जेल भेज दिया जाता है, पर उसके साथ उसकी माँ-बहन-पत्नी-बेटी सभी जुड़े होते हैं, उनके लिए वो ही पुरुष आधार होता है, लेकिन जेल में जाने के बाद माँ-बहन-पत्नी-बेटी सब अनाथ हो जाते हैं । उसको घर का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो जाता है और समाज में बदनामी होती है वो अलग ।*

*🚩न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। जिसमें 90 प्रतिशत झूठे मामले निकलते हैं ।*

*🚩सरकार और न्यायालय को मीडिया पर लगाम लगानी होगी जो झूठी कहानियां बनाकर व्यक्ति को बदनाम करते हैं और बलात्कार निरोधक कानूनों की खामियों को दूर करना होगा। तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे ।*

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Friday, January 17, 2020

यह सच्चाई जानने के बाद कोई भी सिख मुसलमान को मदद नहीं करेगा*

17 जनवरी 2020

*🚩मीडिया से ज्ञात हुआ कि कुछ सिख शाहीन बाग में CAA और NRC के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों को लंगर खिलाने के लिए पंजाब से आये हैं। मेरे विचार से ये सिख सेवादार कठपुतली है जो इनके आकाओं ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए भेजे हैं। इन्हें न सिख इतिहास ज्ञात है कि कैसे सिख गुरुओं और बंदा बैरागी की हत्याएं मुस्लिम शासकों द्वारा की गई थी। इन्हें न यह ज्ञात है कि कैसे सिखों का सर काटकर लाने वाले को दो रुपये ईनाम की घोषणा पंजाब में हुई थी जिसके चलते हज़ारों सिखों को अपने प्राण गवाने पड़े थे। खेदजनक बात यह है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सिखों के साथ कैसा बर्ताव हो रहा है।  वह भी इन्हें नहीं दिखता। अभी हाल ही में ननकाना साहिब गुरुद्वारा के ग्रन्थि की लड़की को वापिस करने, सिखों को ननकाना साहिब से बाहर निकालने और ननकाना साहिब को मस्जिद में बदलने की गूंज भी इन्हें नहीं सुनती।* 

*🚩आपको बता दें कि अफगानिस्तान में कभी दो लाख 20 हजार हिंदू और सिख परिवार थे । अब सिर्फ 220 रह गए हैं।*

*🚩पाकिस्तान में 2017 में हुई जनगणना में सिखों की आबादी 8 हजार है ! 2002 में पाक में सिखों की आबादी 40 हज़ार थी।*

*🚩इन देशों में मुसलमानों द्वारा सिखों की लड़कियों को उठा ले जाते हैं, गुरद्वारा पर पत्थर फेकते हैं, दुकान जला देते हैं, भयंकर प्रताड़ना दे रहे हैं फिर भी राजनीति के हथकंडा बने कुछ सेक्युलर सिख मुसलमान का समर्थन में लग गए है।*

*🚩खैर ऐसे भरों को इस लेख के माध्यम से 1947 में कैसा अत्याचार पाकिस्तान में हुआ।  यह सुनाना आवश्यक है। इस लेख को पढ़े और हर सिख को अवश्य पढ़ाएं।*

*🚩"उन्नीस बीस अगस्त को बलूच फौज आई और हम हिंदुओं को मारना शुरू कर दिया। किसी तरह जान बचाकर हम भारत आ गये।"*

*🚩विभाजन की पीड़ा याद करते हुये कृष्ण खन्ना ने यह बात पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर जी टी वी पर कही। खन्ना जी के दशकों के प्रयास के बाद उन्हें पाकिस्तान का वीसा मिला था ताकि वो अपने पुश्तैनी घर को देखने की इच्छा पूरी कर सकें। ध्यान दीजिये बलूच फौज जिसे विभाजन के समय हिंदुओं की सुरक्षा करनी थी उसी ने हिंदुओं को मारना शुरू कर दिया था । यही रवैया बलूच रेजिमेंट का हर जगह हिंदू-सिखों के लिये रहा।*

*🚩 देश में पिछले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी जी के भाषण के पश्चात् देश भर में हिंदी-बलूची भाई-भाई चल रहा है। बलूची भी सोशल मीडिया और अन्य मंचों से हमारा सहयोग पाकिस्तान से आजाद होने के लिये मांग रहे हैं। दोनों पक्षों द्वारा भाईचारे की बात करना प्रशंसनीय है। हो सकता है कि भारत के हित में बलूचिस्तान की आजादी हो या फिर हमारी मदद पाकिस्तान को वहां और उलझा दे ताकि काश्मीर पर दबाव कम हो। वैसे भी जहां अत्याचार हो रहा हो उसके खिलाफ खड़े होना ठीक ही है। भावनाओं से अलग होकर बस राष्ट्र हित में बलूचियों का जितना उपयोग किया जा सके वही उत्तम कूटनीति है। इस प्रयास में साझा हित भी है।*

*🚩 देश के विभाजन के समय बलूचिस्तान का पाकिस्तान में विलय नहीं हुआ था। जब पाकिस्तान ने ऐसा बलपूर्वक किया तो बलूचियों ने बगावत की। बगावत कुचल दी गई तो उन्हें भारत  याद आने लगा। तो आइये आज देश के स्वतंत्रता दिवस पर  हम भी इतिहास की भूली बिसरी  स्मृतियों पर प्रामाणिक दस्तावेजों के माध्यम से दृष्टिपात करें। जब देश ने 15 अगस्त 1947 के दिन स्वतंत्र होकर विभाजन का दंश झेला था। इतिहास से सबक सीखकर ही सभी पक्ष आज के इस पावन पर्व पर हिंसा से दूर रहने का संकल्प ले सकते हैं।*

*🚩विभाजन पश्चात भारत सरकार ने एक तथ्यान्वेषी संगठन बनाया जिसका कार्य था पाकिस्तान छोड़ भारत आये लोगों से उनकी जुबानी अत्याचारों का लेखा जोखा बनाना। इसी लेखा जोखा के आधार पर गांधी हत्याकांड की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के जज जी डी खोसला लिखित, 1949 में प्रकाशित , पुस्तक ' स्टर्न रियलिटी'  विभाजन के समय दंगों , कत्लेआम, हताहतों की संख्या और राजनैतिक घटनाओं को दस्तावेजी स्वरूप प्रदान करती है। हिंदी में इसका  अनुवाद और समीक्षा 'देश विभाजन का खूनी इतिहास (1946-47 की क्रूरतम घठनाओं का संकलन)' नाम से सच्चिदानंद चतुर्वेदी ने किया है। नीचे दी हुयी चंद घटनायें इसी पुस्तक से ली गई हैं जो ऊंट के मुंह में जीरा समान हैं।*

*🚩11 अगस्त 1947 को सिंध से लाहौर स्टेशन पह़ुंचने वाली हिंदुओं से भरी गाड़ियां खून का कुंड बन चुकी थीं। अगले दिन गैर मुसलमानों का रेलवे स्टेशन पहुंचना भी असंभव हो गया। उन्हें रास्ते में ही पकड़कर कत्ल किया जाने लगा। इस नरहत्या में बलूच रेजिमेंट ने प्रमुख भूमिका निभाई।14 और 15 अगस्त को रेलवे स्टेशन पर अंधाधुंध नरमेध का दृश्य था। एक गवाह के अनुसार स्टेशन पर गोलियों की लगातार वर्षा हो रही थी। मिलिट्री ने गैर मुसलमानों को स्वतंत्रता पूर्वक गोली मारी और लूटा।*

*🚩19 अगस्त तक लाहौर शहर के तीन लाख गैर मुसलमान घटकर मात्र दस हजार रह गये थे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति वैसी ही बुरी थी। पट्टोकी में 20 अगस्त को धावा बोला गया जिसमें ढाई सौ गैर मुसलमानों की हत्या कर दी गई। गैर मुसलमानों की दुकानों को लूटकर उसमें आग लगा दी गई। इस आक्रमण में बलूच मिलिट्री ने भाग लिया था।*

*🚩25 अगस्त की रात के दो बजे शेखपुरा शहर जल रहा था। मुख्य बाजार के हिंदू और सिख दुकानों को आग लगा दी गई थी।सेना और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। आग बुझाने के लिये अपने घर से बाहर निकलने वालों को गोली मारी जाने लगी। उपायुक्त घटनास्थल पर बाद में पहुंचा। उसने तुरंत कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया और उसने और पुलिस ने यह निर्णय घोषित भी किया। लोग आग बुझाने के लिये दौड़े। पंजाब सीमा बल के बलूच सैनिक, जिन्हें सुरक्षा के लिए लगाया गया था, लोगों पर गोलियाँ बरसाने लगे। एक घटनास्थल पर ही मर गया , दूसरे हकीम लक्ष्मण सिंह को रात में ढाई बजे मुख्य गली में जहाँ आग जल रही थी, गोली लगी। अगले दिन सुबह सात बजे तक उन्हें अस्पताल नहीं ले जाने दिया गया। कुछ घंटों में उनकी मौत हो गई।*

*🚩गुरुनानक पुरा में 26अगस्त को हिंदू और सिखों की सर्वाधिक व्यवस्थित वध की कार्यवाही हुई।मिलिट्री द्वारा अस्पताल में लाये जाने वाले सभी घायलों ने बताया कि उन्हें बलूच सैनिकों द्वारा गोली मारी गयी या 25 या 26 अगस्त को उनकी उपस्थिति में मुस्लिम झुंड द्वारा छूरा या भाला मारा गया। घायलों ने यह भी बताया कि बलूच सैनिकों ने सुरक्षा के बहाने हिंदू और सिखों को चावल मिलों में इकट्ठा किया। इन लोगों को इन स्थानों में जमा करने के बाद बलूच सैनिकों ने पहले उन्हें अपने कीमती सामान देने को कहा और फिर निर्दयता से उनकी हत्या कर दी। घायलों की संख्या चार सौ भर्ती वाले और लगभग दो सौ चलंत रोगियों की हो गई। इसके अलावा औरतें और सयानी लड़कियाँ भी थीं जो सभी प्रकार से नंगी थीं। सर्वाधिक प्रतिष्ठित घरों की महिलाएं भी इस भयंकर दु:खद अनुभव से गुजरी थीं। एक अधिवक्ता की पत्नी जब अस्पताल में आई तब वस्तुतः उसके शरीर पर कुछ भी नहीं था।पुरुष और महिला हताहतों की संख्या बराबर थी। हताहतों में एक सौ घायल बच्चे थे।*

*🚩शेखपुरा में 26 अगस्त की सुबह सरदार आत्मा सिंह की मिल में करीब सात आठ हजार गैर मुस्लिम शरणार्थी शहर के विभिन्न भागों से भागकर जमा हुये थे। करीब आठ बजे मुस्लिम बलूच मिलिट्री ने मिल को घेर लिया। उनके फायर में मिल के अंदर की एक औरत की मौत हो गयी। उसके बाद कांग्रेस समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह मिलिट्री वालों के पास हरा झंडा लेकर गये और पूछा आप क्या चाहते हैं। मिलिट्री वालों ने दो हजार छ: सौ रुपये की मांग की जो उन्हें दे दिया गया। इसके बाद एक और फायर हुआ ओर एक आदमी की मौत हो गई। पुन: आनंद सिंह द्वारा अनुरोध करने पर बारह सौ रुपये की मांग हुयी जो उन्हें दे दिया गया। फिर तलाशी लेने के बहाने सबको बाहर निकाला गया। सभी सात-आठ हजार शरणार्थी बाहर निकल आये। सबसे अपने कीमती सामान एक जगह रखने को कहा गया। थोड़ी ही देर में सात-आठ मन सोने का ढेर और करीब तीस-चालीस लाख जमा हो गये। मिलिट्री द्वारा ये सारी रकम उठा ली गई। फिर वो सुंदर लड़कियों की छंटाई करने लगे।विरोध करने पर आनंद सिंह को गोली मार दी गयी। तभी एक बलूच सैनिक द्वारा सभी के सामने एक लड़की को छेड़ने पर एक शरणार्थी ने सैनिक पर वार किया। इसके बाद सभी बलूच सैनिक शरणार्थियों पर गोलियाँ बरसाने लगे। अगली पांत के शरणार्थी उठकर अपनी ही लड़कियों की इज्जत बचाने के लिये उनकी हत्या करने लगे।*

*🚩1अक्टूबर की सुबह सरगोधा से पैदल आने वाला गैर मुसलमानों का एक बड़ा काफिला लायलपुर पार कर रहा था। जब इसका कुछ भाग रेलवे फाटक पार कर रहा था अचानक फाटक बंद कर दिया गया। हथियारबंद मुसलमानों का एक झुंड पीछे रह गये काफिले पर टूट पड़ा और बेरहमी से उनका कत्ल करने लगा। रक्षक दल के बलूच सैनिकों ने भी उनपर फायरिंग शुरु कर दी। बैलगाड़ियों पर रखा उनका सारा धन लूट लिया गया। चूंकि आक्रमण दिन में हुआ था , जमीन लाशों से पट गई। उसी रात खालसा कालेज के शरणार्थी शिविर पर हमला किया गया। शिविर की रक्षा में लगी सेना ने खुलकर लूट और हत्या में भाग लिया। गैर मुसलमान भारी संख्या में मारे गये और अनेक युवा लड़कियों को उठा लिया गया।*

*🚩अगली रात इसी प्रकार आर्य स्कूल शरणार्थी शिविर पर हमला हुआ। इस शिविर के प्रभार वाले बलूच सैनिक अनेक दिनों से शरणार्थियों को अपमानित और उत्पीड़ित कर रहे थे। नगदी और अन्य कीमती सामानों के लिये वो बार बार तलाशी लेते थे। रात में महिलाओं को उठा ले जाते और बलात्कार करते थे। 2अक्टूबर की रात को विध्वंश अपने असली रूप में प्रकट हुआ। शिविर पर चारों ओर से बार-बार हमले हुये।सेना ने शरणार्थियों पर गोलियाँ बरसाईं। शिविर की सारी संपत्ति लूट ली गई।मारे गये लोगों की सही संख्या का आकलन संभव नहीं था क्योंकि ट्रकों में बड़ी संख्या में लादकर शवों को रात में चेनाब में फेक दिया गया था।*

*🚩करोर में गैर मुसलमानों का भयानक नरसंहार हुआ। 70सितंबर को जिला के डेढ़ेलाल गांव पर मुसलमानों के एक बड़े झुंड ने आक्रमण किया।गैर मुसलमानों ने गांव के लंबरदार के घर शरण ले ली। प्रशासन ने मदद के लिये दस बलूच सैनिक भेजे। सैनिकों ने सबको बाहर निकलने के लिये कहा। वो ओरतों को पुरूषों से अलग रखना चाहते थे। परंतु दो सौ रूपये घूस लेने के बाद औरतों को पुरूषों के साथ रहने की अनुमति दे दी। रात मे सैनिकों ने औरतों से बलात्कार किया। 9 सितंबर को सबसे इस्लाम स्वीकार करने को कहा गया। लोगों ने एक घर में शरण ले ली। बलूच सैनिकों की मदद से मुसलमानों ने घर की छत में छेद कर अंदर किरोसिन डाल आग लगा दी। पैंसठ लोग जिंदा जल गये।*

*🚩यह कुछ घटनाएं हैं। याद रखें जो कौमें इतिहास से सीख नहीं लेतीं उनका भविष्य सदा के लिए अंधकारमय हो जाता है। लेखक - अरुण लवानिया*

*🚩याद रहे सिख भी हिन्दू ही है बस मुगलों से लड़ने के लिए सिख समुदाय बनाया गया है, वो याद रहे, आपस मे सँगठित रहेंगे तभी बच पायेंगे नही तो ये लोग हमारा अस्तिव खत्म करने में लगे हैं, जैसे हमारे गुरुओं को प्रताड़ित किया गया था इस षड्यंत्र को समझें ।*

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