Tuesday, December 10, 2019

NRC पर कुछ हल्ला कर रहे हैं पर इन तथ्यों को छुपा दिए और आप भी अनजान हैं

09 दिसंबर 2019

*🚩नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 सोमवार को लोकसभा में रख दिया गया। लेकिन विपक्ष के नेता, सेक्युलर और कुछ मीडिया विरोध कर रही है पर वे आपसे सच छुपा रहे हैं। जो तथ्य हैं इनपर आप गौर करिये कि हिंदुओं पर कितना भयंकर अत्याचार किया जा रहा है।*

नागरिकता संशोधन विधेयक
*🚩युगांडा से हिंदुओं को भगाया*

*🚩4 अगस्त, 1972, को युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन ने युगांडा में वर्षों से रह रहे 60000 एशियाइयों (गैर मुस्लिम मुख्यतः हिन्दू) को अचानक देश छोड़ देने का आदेश दे दिया है। उन्हें देश छोड़ने के लिए सिर्फ़ 90 दिन का समय दिया जाता है।  ईदी अमीन को अचानक एक सपना आया और उन्होंने युगांडा के एक नगर टोरोरो में सैनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अल्लाह ने उनसे कहा है कि वो सारे एशियाइयों (गैर मुस्लिम मुख्यतः हिन्दू) को अपने देश से तुरंत निकाल बाहर करें। वास्तव में यह सलाह उसे लीबिया के तानाशाह कर्नल गद्दाफ़ी ने दी थी।*

*🚩हर व्यक्ति को अपने साथ सिर्फ़ 55 पाउंड और 250 किलो सामान ले जाने की इजाज़त थी। लोगों के सूटकेस खोल कर देखे जा रहे थे। उनकी हर चीज़ बाहर निकाल कर फेंकी जा रही थी, ताकि वो देख सकें कि उसमें सोना या पैसा तो छिपा कर नहीं रखे गए हैं। एक हिन्दू लड़की गीता की, उंगली से अंगूठी नहीं निकली तो सैनिकों ने उसकी अंगुली काट दी। लोगों को दुकाने और घर ऐसे ही खुले छोड़ कर आना पड़ा। उन्हें अपना घर का सामान बेचने की इजाज़त नहीं थी। युगांडाई सैनिक उनका वो सामान भी लूटने की फ़िराक में थे, जिन्हें वो अपने साथ बाहर ले जाना चाहते थे। युगांडा से बाहर जाने वाले हर एशियाई को बीच में बने पांच रोड ब्लॉक्स से हो कर जाना पड़ता था। हर रोड ब्लॉक पर उनकी तलाशी होती थी और सैनिकों की पूरी कोशिश होती थी कि उनसे कुछ न कुछ सामान ऐंठ लिया जाए।'*

*🚩जॉर्ज इवान स्मिथ अपनी किताब 'घोस्ट ऑफ़ कंपाला' में लिखते हैं, ''अमीन ने एशियाइयों की ज़्यादातर दुकानें और होटल अपने सैनिकों को दे दिए. इस तरह के वीडियो मौजूद हैं जिसमें अमीन अपने सैनिक अधिकारियों के साथ चल रहे हैं। उनके साथ हाथ में नोट बुक लिए एक असैनिक अधिकारी भी चल रहा है और अमीन उसे आदेश दे रहे हैं कि फ़लाँ दुकान को फ़लाँ ब्रिगेडियर को दे दिया जाए और फ़लाँ होटल फ़लाँ ब्रिगेडियर को सौंप दिया जाए। 'इन अधिकारियों को अपना घर तक चलाने की भी तमीज़ नहीं थी। वो मुफ़्त में मिली दुकानों को क्या चला पाते। वो एक जनजातीय प्रथा का पालन करते हुए अपने कुनबे के लोगों को आमंत्रित करते और उनसे कहते कि वो जो चाहें, वो चीज़ यहाँ से ले जा सकते हैं। उनको इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि कहाँ से नई चीज़ें ख़रीदी जाएं और इन चीज़ों का क्या दाम वसूला जाए। नतीजा ये हुआ कि कुछ ही दिनों में पूरी अर्थव्यवस्था धरातल पर पहुंच गई।''*

*🚩निकाले गए 60000 लोगों में से 29000 लोगों को ब्रिटेन ने शरण दी। केवल वे 11000 लोग भारत आ सके जबकि इनमे से अधिकांश भारतीय गैर मुस्लिम थे।  5000 लोग कनाडा गए । कितने बेघर मारे गए उसका कोई रिकार्ड नहीं।*

*🚩भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने उन हिन्दुओ को भारत लाने की कोई सार्थक कोशिश नहीं की।*

*🚩पाकिस्तान से हिंदुओं को भगाया*

*🚩1947 मे भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय लाखों हिंदुओं को भगा दिया और हजारों हिंदुओं को मारकाट कर लाशें भेज दीं।*
*15 अगस्त 1947 को तीसरे पहर के बाद पाकिस्तान से अमृतसर ट्रेन आई तो स्टेशन मास्टर छेनी सिंह ने देखा कि*
*किसी का गला कटा हुआ था, किसी की खोपडी चकनाचूर थी ! किसी की आँते बाहर निकल आई थी...डिब्बों के आने जाने वाले रास्ते मे कटे हुए हाथ-टांगे और धड़ इधर उधर बिखरे पड़े थे..इंसानों के उस भयानक ढेर के बीच से छैनी सिंह को अचानक किसी की घुटी.घुटी आवाज सुनाई दी !*

*🚩यह सोचकर कि उनमें से शायद कोई जिन्दा बच गया हो उन्होने जोर से आवाज़ लगाई.. "अमृतसर आ गया है यहाँ सब हिंदू और सिख हैं पुलिस मौजूद है, डरो नहीं"..उनके ये शब्द सुनकर कुछ मुरदे हिलने डुलने लगे..इसके बाद छैनी सिंह ने जो दृश्य देखा वह उनके दिमाग पर एक भयानक स्वप्न की तरह हमेशा के लिये अंकित हो गया ...एक स्त्री ने अपने पास पड़ा हुआ अपने पति का 'कटा सर' उठाया और उसे अपने सीने से दबोच कर चीखें मारकर रोने लगी...*

*🚩उन्होंने बच्चों को अपनी मरी हुई माओं के सीने से चिपट्कर रोते बिलखते देखा..कोई मर्द लाशों के ढेर में से किसी बच्चे की लाश निकालकर उसे फटी फटी आँखों से देख रहा था..जब प्लेट फार्म पर जमा भीड़ को आभास हुआ कि हुआ क्या है तो उन्माद की लहर दौड़ गयी...*

*🚩स्टेशन मास्टर का सारा शरीर सुन्न पड़ गया था वह लाशों की कतारों के बीच गुजर रहा था...हर डिब्बे में यही दृश्य था अंतिम डिब्बे तक पहुँचते पहुँचते उसे मतली होने लगी और जब वह ट्रेन से उतरा तो उसका सर चकरा रहा था उनकी नाक में मौत की बदबू बसी हुई थी और वह सोच रहे थे कि रब ने यह सब कुछ होने कैसे दिया ?*

*🚩1948 में पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से हजारों लोग जान बचा कर भारतीय कश्मीर में आए। उसमें से 99% से अधिक हिन्दू थे।  इनमे भी अधिकांश दलित थे। आज उनकी संख्या 8 लाख है। उन्हे 2019 तक नागरिकता नहीं मिली। इन दलितों के लिए भीम मीम वाले भी चुप थे मायवती भी और कांग्रेस भी। क्योंकि ये वोटबैंक नहीं थे।*
*🚩बांग्लादेश*

*🚩1971 बांग्लादेश बना बड़ी संख्या मे बंग्लादेशी हिन्दू जान बचा कर आए। सबसे अधिक लूट, हत्या और बलात्कार के पीड़ित ये हिन्दू ही थे। सरकारों की मानसिकता देखिए। 93000 कैदी सैनिकों के लिए तो विशेष भोजन और सुविधाएं परंतु उन शरणार्थी हिंदूओ के लिए कुछ भी नहीं।*

*🚩हिंदू की हालत*

*🚩1990 वी पी सिंह प्रधानमंत्री थे। खाड़ी युद्ध हुआ। कुवैत से बड़ी संख्या मे (1.5 लाख लगभग) भारतीय लाए गए जिसमे बड़ी संख्या मे मुस्लिम थे।  परंतु अपने ही देश कश्मीर से 3 लाख से अधिक हिन्दू भगा दिए गए। तब हिन्दू  का विचार न तो प्रधानमंत्री को आया ना ग्रहमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद को।*
*🚩विश्व में 52 से अधिक मुस्लिम देश हैं। इसमें से 90% इस्लामिक शासन प्रणाली से चलते हैं। इनमे परमाणु शक्ति सम्पन्न पाकिस्तान के हालात आज इतने खराब हैं कि गैर मुस्लिम का अस्तित्व ही खतरे में हो गया है. पुरे विश्व के मुल्कों में जितने भी शरणार्थी हैं वह अधिकाँश मुसलमान हैं और काफिरों के देश में काफीरों की दया की रोटी पर जिंदा हैं ! इन शरणार्थियों की संख्या में सिर्फ दो प्रतिशत वह हैं जिन्हें बौद्ध मुल्क मिय्ममार से भगाया गया है शेष खुद मुसलमानों के हाथों मुस्लिम राष्ट्रों से ही फिरकापरस्ती के नाम पर काफिर कह पीट पीट कर भागे जाने पर मजबुर हुए हैं !*

*🚩शरणार्थी बेहद ग़मगीन हैं क्योंकि उन्हें काफिरों के मुल्कों में जीने का हर अधिकार तो मिल रहा है पर शरिया क़ानून नहीं दिये जा रहे ! इतने सम्पन्न , हर सुविधा से भरे देशों में सिर्फ एक कमी है कि यह लोग अल्लाह को मानने वाले नहीं हैं अब शरणार्थी वहां की सरकारों को समझा रहे हैं कि हमें इस्लामिक हुकूक दे दें क्योंकि इस्लाम सलामती का दीन है।*

*🚩यदि भारत में मुस्लिम बहुसंख्यक हो जाएंगे तो ?*

*🚩कुछ साल पहले NDTV के समाचार वाचक रविश ने कहा था - यदि भारत में मुस्लिम बहुसंख्यक हो जाएंगे तो कौनसी बिजली टूट पड़ेगी।* *रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में बसाने के लिए मीडिया, कम्युनिस्ट, नास्तिक, मोमिन खूब जोर लगा रहे हैं। जैसे हमारा देश कोई धर्मशाला हो। ये लोग न व्यवहारिक रूप से सोचते हैं, न इतिहास से सबक लेते हैं।* *क्यूंकि इतिहास से सबक सिखने वाला समझदार कहलाता है।*
*भारत में मुस्लिम भारी भरकम जनसँख्या में से नाममात्र भी टैक्स नहीं देते। इसमें से भी कश्मीर से टैक्स सम्बंधित आकड़ें चौकाने वाले है। कश्मीर देश को केवल 0.1 प्रतिशत टैक्स देता है। उसे केंद्रीय सरकार के कोटे से सबसे अधिक 10% अनुदान मिलता है। कर्नाटक राज्य 9.56% टैक्स देश को देता है। उसे बदले में केंद्र सरकार से केवल 4.5% अनुदान मिलता है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या कश्मीर से 16 गुणा अधिक है। फिर भी उसे कश्मीर से कम अनुदान मिलता है। कश्मीर की कुल जनसँख्या से एक प्रतिशत भी टैक्स नहीं देते। कश्मीर के मुसलमान केवल हिन्दुओं को भगाने, सेना पर पत्थरबाजी करने, रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने, लव जिहाद करने और आर्मी को आतंकवादियों को पकड़ने से रोकने का काम करते हैं। देश में सबसे अधिक टैक्स देने वाले राज्य जैसे आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक में कोई भी बस सकता है। मगर कश्मीर में धारा 370 के लगने के कारण कोई भी गैर कश्मीरी भारतीय जमीन तक नहीं खरीद सकता। 2015-16 में कश्मीर राज्य को सबसे अधिक 11,838.96 करोड़ रुपये का अनुदान केंद्र द्वारा दिया गया। जबकि कश्मीर के देश को कर आदि के रूप में सहयोग न के बराबर है।*

*🚩मुसलमानों की संख्या...*

*🚩दुनिया में मुसलमानों की कुल आबादी एक अरब 50 करोड़ से अधिक है। जिनकी अमेरिका में संख्या 60 लाख, एशिया और मध्य पूर्व के देशों और राज्यों में लगभग एक अरब, अफ्रीकी देशों में 40 करोड़ और यूरोप में 4 करोड़ 40 लाख है।* 
*इस समय दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है। दुनिया में इस समय एक हिंदू के मुकाबले दो मुसलमान हैं।* *बौद्ध धर्म से भी यही अनुपात है 1 यहूदी व्यक्ति की तुलना में 107 मुसलमान हैं,*
*किसी भी इस्लामी देश के विश्वविद्यालय का नाम दुनिया की पांच सौ सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल नहीं है।*
*जबकि केवल इस्राईल के 6 विश्वविद्यालय दुनिया के शीर्ष 500 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल हैं।*
*अगर पढ़े लिखे लोगों की दर अनुपात को देखा जाए तो पश्चिमी देशों में 65% पढ़े लिखे लोग हैं। जबकि मुस्लिम देशों में यही अनुपात केवल 35 प्रतिशत है। इजराइल में पढ़े लिखे लोगों की दर अनुपात 95 प्रतिशत से अधिक है। पश्चिमी देशों में 15 देश ऐसे हैं जहां पढ़े लिखे लोगों का दर अनुपात 100 प्रतिशत है जबकि मुसलमानों का कोई भी ऐसा देश नहीं है।*

*🚩NRC 2019 के बिल पास होना चाहिए और भारत मे हिंदुओं को शरण मिलनी चाहिए और घुसपैठी मुस्लमानों को भगाना चाहिए तभी हिंदू सुरक्षित रह पायेंगे।*

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Saturday, December 7, 2019

अकबर की रानी से लेकर अनेक विद्वान मुस्लिम व ईसाई गीता के रहे हैं दीवाने

07 दिसंबर 2019

*🚩श्रीमद्भागवत गीता सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं अपितु मानव मात्र का ग्रंथ है । ये एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें प्रत्येक धर्म, मजहब, मत, पंथ के लोगों के कल्याण का मार्ग बहुत ही सरलता से बताया गया है और हो भी क्यों न, आखिर इसका ज्ञान स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने दिया है ।*

*🚩वैसे तो गीता ग्रंथ का सभी धर्म के लोग सम्मान करते हैं लेकिन कट्टर मुसलमान की बच्ची और अकबर की रानी ताज भी इस गीताकार के गीत गाये बिना नहीं रहती थीं ।*

*🚩ताज अपनी एक कविता में कहती हैं कि...*

*सुनो दिलजानी मेरे दिल की कहानी तुम ।*
*दस्त ही बिकानी, बदनामी भी सहूँगी मैं ।।*
*देवपूजा ठानी मैं, नमाज हूँ भुलानी ।*
*तजे कलमा कुरान सारे गुनन गहूँगी मैं ।।*
*साँवला सलोना सिरताज सिर कुल्ले दिये ।*
*तेरे नेह दाग में, निदाग हो रहूँगी मैं ।।*
*नन्द के कुमार कुरबान तेरी सूरत पै ।*
*हूँ तो मुगलानी, हिन्दुआनी रहूँगी मैं ।।"*

*🚩अकबर की रानी ताज अकबर को लेकर आगरा से वृंदावन आयी । कृष्ण के मंदिर में आठ दिन तक कीर्तन करते-करते जब आखिरी घड़ियाँ आयी, तब ‘हे कृष्ण ! मैं तेरी हूँ, तू मेरा है...’ कहकर उसने सदा के लिए माथा टेका और कृष्ण के चरणों में समा गयी । अकबर बोलता है : ‘‘जो चीज जिसकी थी, उसने उसको पा लिया । हम रह गये...’’*

*🚩गीता माता के लिए ख्वाजा दिल मुहम्मद ने लिखा : ‘‘रूहानी गुलों से बना यह गुलदस्ता हजारों वर्ष बीत जाने पर भी दिन दूना और रात चौगुना महकता जा रहा है । यह गुलदस्ता जिसके हाथ में भी गया, उसका जीवन महक उठा । ऐसे गीतारूपी गुलदस्ते को मेरा प्रणाम है । सात सौ श्लोकरूपी फूलों से सुवासित यह गुलदस्ता करोड़ों लोगों के हाथ गया, फिर भी मुरझाया नहीं ।’*

*🚩गीता पढ़कर 1985-86 में गीताकार की भूमि को प्रणाम करने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री मि. पीअर ट्रुडो भारत आए थे ।*

*🚩ट्रुडो ने कहा है : ‘‘मैंने बाइबिल पढ़ी, एंजिल पढ़ी और अन्य धर्मग्रंथ पढ़े । सब ग्रंथ अपने-अपने स्थान पर ठीक हैं किंतु हिन्दुओं का यह ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ ग्रंथ तो अद्भुत है । इसमें किसी मत-मजहब, पंथ या सम्प्रदाय की निंदा-स्तुति नहीं है वरन् इसमें तो मनुष्यमात्र के विकास की बातें हैं । गीता मात्र हिन्दुओं का ही धर्मग्रंथ नहीं है बल्कि मानवमात्र का धर्मग्रंथ है ।’’*

*🚩इतना ही नहीं महात्मा थोरो भी गीता के ज्ञान से प्रभावित हो के अपना सब कुछ छोड़कर अरण्यवास करते हुए एकांत में कुटिया बनाकर जीवन्मुक्ति का आनंद लेते थे ।*

*गीता के विषय में हस्तियों के विचार...*

*🚩श्रीमद्भगवद्गीता भारत के विभिन्न मतों को मिलानेवाली रज्जु तथा राष्ट्रीय-जीवन की अमूल्य संपत्ति है । भारतवर्ष का राष्ट्रीय धर्मग्रंथ बनने के लिए जिन-जिन विशेष गुणों की आवश्यकता है, वे सब श्रीमद्भगवद्गीता में मिलते हैं । इसमें केवल उपयुक्त बातें ही नहीं हैं अपितु यह भावी विश्वधर्म का सर्वोपरि धर्मग्रंथ है । भारतवर्ष के प्रकाशपूर्ण अतीत का यह महादान मनुष्य-जाति के और भी उज्जवल भविष्य का निर्माता है ।  - मि. एफ.टी. बू्रक्स* 

*🚩श्रीमद्भगवद्गीता योग का एक ऐसा ग्रंथ है जो किसी जाति, वर्ण अथवा धर्मविशेष के लिए ही नहीं अपितु सारी मानव-जाति के लिए उपयोगी है । - डॉ. मुहम्मद हाफिज सैयद*

*🚩किसी भी जाति को उन्नति के शिखर पर चढ़ाने के लिए गीता का उपदेश अद्वितीय है । - वॉरेन हेस्टिंग्स (भारत का वायसराय)*

*🚩भारतवर्ष के धार्मिक-साहित्य का कोई अन्य ग्रंथ भगवद्गीता के समान स्थान प्राप्त करने योग्य नहीं प्रतीत होता । - डॉ. रिचार्ड गार्वे*

*🚩भगवद्गीता में दर्शनशास्त्र और धर्म की धाराएँ साथ-साथ प्रवाहित होकर एक-दूसरे के साथ मिल जाती हैं । भगवद्गीता और भारत के प्रति हम लोग (जर्मन लोग) आकर्षित होते रहते हैं । - डॉ. एल्जे. ल्युडर्स (जर्मनी)*

*🚩सत् क्या है इसका विवेचन भगवद्गीता में बहुत अच्छी तरह से किया गया है । विश्व में यह ग्रंथ-रत्न अप्रतिम है, अद्भुत है ।*
*- लॉर्ड रोनाल्डशे*

*🚩बाईबल का मैंने यथार्थ अभ्यास किया है । उसमें जो दिव्यज्ञान लिखा है वह केवल गीता के उद्धरण के रूप में है । मैं ईसाई होते हुए भी गीता के प्रति इतना सारा आदरभाव इसलिए रखता हूँ कि जिन गूढ़ प्रश्नों का समाधान पाश्चात्य लोग अभी तक नहीं खोज पाये हैं, उनका समाधान गीताग्रंथ ने शुद्ध और सरल रीति से दिया है । उसमें कई सूत्र अलौकिक उपदेशों से भरपूर लगे इसीलिए गीताजी मेरे लिए साक्षात योगेश्वरी माता बन रही हैं । वह तो विश्व के तमाम धन से भी नहीं खरीदा जा सके ऐसा भारतवर्ष का अमूल्य खजाना है । - एफ. एच. मोलेम (इंग्लैन्ड)*

*🚩गीताग्रंथ अद्भुत है । विश्व की 578 भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है । हर भाषा में कई चिन्तकों, विद्वानों एवं भक्तों ने मीमांसाएँ की हैं और अभी भी हो रही हैं, होती रहेंगी क्योंकि  इस  ग्रंथ  में सभी देश, जाति, पंथ  के  सभी  मनुष्यों  के  कल्याण  की अलौकिक सामग्री भरी हुई है । अतः हम सबको गीताज्ञान में अवगाहन करना चाहिए । भोग, मोक्ष, निर्लेपता, निर्भयता आदि तमाम दिव्य गुणों का विकास करानेवाला यह गीताग्रंथ विश्व में अद्वितीय है । - ब्रह्मनिष्ठ स्वामी श्री लीलाशाहजी महाराज*

*🚩विरागी जिसकी इच्छा करते हैं, संत जिसका प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं और पूर्ण ब्रह्मज्ञानी जिसमें ‘अहमेव ब्रह्मास्मि’ की भावना रखकर रमण करते हैं, भक्त जिसका श्रवण करते हैं, जिसकी त्रिभुवन में सबसे पहले वन्दना होती है, उसे लोग ‘भगवद्गीता’ कहते हैं ।*                                                                           *-संत ज्ञानेश्वरजी*

*🚩गीता के ज्ञानामृत के पान से मनुष्य के जीवन में साहस, समता, सरलता, स्नेह, शांति, धर्म आदि दैवी गुण सहज ही विकसित हो उठते हैं । अधर्म, अन्याय एवं शोषकों का मुकाबला करने का सामर्थ्य आ जाता है । निर्भयता आदि दैवी गुणों को विकसित करनेवाला, भोग और मोक्ष दोनों ही प्रदान करनेवाला यह ग्रंथ पूरे विश्व में अद्वितीय है । - संत आसारामजी बापू*

*🚩जिस मनुष्य ने श्रीमद्भगवद्गीता का थोड़ा भी अध्ययन किया हो, श्रीगंगाजल का एक बिन्दु भी पान किया हो अथवा भगवान श्रीविष्णु का सप्रेम पूजन किया हो, उसे यमराज नजर उठाकर देख भी नहीं सकते । अर्थात् वह संसार-बंधन से मुक्त होकर आत्यन्तिक आनन्द का अधिकारी हो जाता है ।*                                                                      *-जगद्गुरु श्री शंकराचार्यजी*

*📚( स्रोत:  संत श्री आसारामजी आश्रम द्वारा प्रकाशित, पत्रिका ऋषि प्रसाद )*

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Friday, December 6, 2019

विश्व में सबसे श्रेष्ठ ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता को क्यों माना जाता है?

06 दिसंबर 2019

*🚩गीता में ऐसा उत्तम और सर्वव्यापी ज्ञान है कि उसकी रचना हुए हजारों वर्ष बीत गए हैं किन्तु उसके बाद, उसके समान किसी भी ग्रंथ की रचना नहीं हुई है । 18 अध्याय एवं 700 श्लोकों में रचित तथा भक्ति, ज्ञान, योग एवं निष्कामता आदि से भरपूर यह गीता ग्रन्थ विश्व में एकमात्र ऐसा ग्रन्थ है जिसकी जयंती मनायी जाती है ।* 

*🚩श्रीमद्भगवद्गीता ने किसी मत, पंथ की सराहना या निंदा नहीं की अपितु मनुष्यमात्र की उन्नति की बात कही है ।  गीता जीवन का दृष्टिकोण उन्नत बनाने की कला सिखाती है और युद्ध जैसे घोर कर्मों में भी निर्लेप रहने की कला सिखाती है । मरने के बाद नहीं, जीते-जी मुक्ति का स्वाद दिलाती है गीता ! इस साल श्रीमद्भगवद्गीता जयंती 08 दिसंबर को है ।*

*🚩‘गीता’ में 18 अध्याय हैं, 700 श्लोक हैं, 94569 शब्द हैं । विश्व की 578 से भी अधिक भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है ।*

*🚩'यह मेरा हृदय है’- ऐसा अगर किसी ग्रंथ के लिए भगवान ने कहा है तो वह गीता जी है । गीता मे हृदयं पार्थ । ‘गीता मेरा हृदय है ।’*

*🚩गीता ने गजब कर दिया - धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे... युद्ध के मैदान को भी धर्मक्षेत्र बना दिया । युद्ध के मैदान में गीता ने योग प्रकटाया । हाथी चिंघाड़ रहे हैं, घोड़े हिनहिना रहे हैं, दोनों सेनाओं के योद्धा प्रतिशोध की आग में तप रहे हैं । किंकर्तव्यविमूढ़ता से उदास बैठे हुए अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ज्ञान का उपदेश दे रहे हैं ।*

*🚩आजादी के समय स्वतंत्रता सेनानियों को जब फाँसी की सजा दी जाती थी, तब ‘गीता’ के श्लोक बोलते हुए वे हँसते-हँसते फाँसी पर लटक जाते थे ।*

*🚩श्री वेदव्यास ने महाभारत में गीता का वर्णन करने के उपरान्त कहा हैः*

*गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः।*
*या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद्विनिः सुता ।।*

*'गीता सुगीता करने योग्य है अर्थात् श्री गीता को भली प्रकार पढ़कर अर्थ और भाव सहित अंतःकरण में धारण कर लेना मुख्य कर्तव्य है, जो कि स्वयं श्री पद्मनाभ विष्णु भगवान के मुखारविन्द से निकली हुई है, फिर अन्य शास्त्रों के विस्तार से क्या प्रयोजन है ?'*

*🚩गीता सर्वशास्त्रमयी है । गीता में सारे शास्त्रों का सार भार हुआ है । इसे सारे शास्त्रों का खजाना कहें तो भी अतिश्योक्ति न होगी । गीता का भलीभाँति ज्ञान हो जाने पर सब शास्त्रों का तात्त्विक ज्ञान अपने आप हो सकता है । उसके लिए अलग से परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं रहती ।*

*🚩वराहपुराण में गीता की महिमा का बयान करते-करते भगवान ने स्वयं कहा हैः*

*गीताश्रयेऽहं तिष्ठामि गीता मे चोत्तमं गृहम्।*
*गीताज्ञानमुपाश्रित्यत्रींल्लोकान्पालयाम्यहम्।।*

*'मैं गीता के आश्रय में रहता हूँ। गीता मेरा श्रेष्ठ घर है। गीता के ज्ञान का सहारा लेकर ही मैं तीनों लोकों का पालन करता हूँ।'*

*🚩श्रीमद् भगवदगीता केवल किसी विशेष धर्म या जाति या व्यक्ति के लिए ही नहीं, वरन् मानवमात्र के लिए उपयोगी व हितकारी है । चाहे किसी भी देश, वेश, समुदाय, संप्रदाय, जाति, वर्ण व आश्रम का व्यक्ति क्यों न हो, यदि वह इसका थोड़ा-सा भी नियमित पठन-पाठन करें तो उसे अनेक अनेक आश्चर्यजनक लाभ मिलने लगते हैं ।*

*🚩श्रीमद् भगवद् गीता के ज्ञानामृत के पान से मनुष्य के जीवन में साहस, सरलता, स्नेह, शांति और धर्म आदि दैवी गुण सहज में ही विकसित हो उठते हैं । अधर्म, अन्याय एवं शोषण  मुकाबला करने का सामर्थ्य आ जाता है । भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्रदान करने वाला, निर्भयता आदि दैवी गुणों को विकसित करनेवाला यह गीता ग्रन्थ पूरे विश्व में अद्वितीय है ।*

*🚩सशरीर स्वर्ग में जाकर शस्त्र ले आने की क्षमता वाले अर्जुन को भी गीता के अमृत के बिना किंकर्त्तव्यविमूढ़ता ने घेर रखा था। गीता माता ने अर्जुन को सशक्त बना दिया। गीता माता अहिंसक पर वार नहीं कराती और हिंसक व्यक्तियों के आगे हमें डरपोक नहीं होने देती।*


*देहं मानुषमाश्रित्य चातुर्वर्ण्ये तु भारते।*
*न श्रृणोति पठत्येव ताममृतस्वरूपिणीम्।।*
*हस्तात्त्याक्तवाऽमृतं प्राप्तं कष्टात्क्ष्वेडं समश्नुते।*
*पीत्वा गीतामृतं लोके लब्ध्वा मोक्षं सुखी भवेत्।।*

*🚩भरतखण्ड में चार वर्णों में मनुष्य देह प्राप्त करके भी जो अमृतस्वरूप गीता नहीं पढ़ता है या नहीं सुनता है वह हाथ में आया हुआ अमृत छोड़कर कष्ट से विष खाता है। किन्तु जो मनुष्य गीता सुनता है, पढ़ता है तो वह इस लोक में गीतारूपी अमृत का पान करके मोक्ष प्राप्त कर सुखी होता है।*

*🚩विदेशों में श्री गीताजी का महत्व समझकर स्कूल, कॉलेजों में पढ़ाने लगे हैं, भारत सरकार भी अगर बच्चों एवं देश का भविष्य उज्ज्वल बनाना चाहती है तो सभी स्कूलों कॉलेज में गीता अनिवार्य कर देना चाहिए ।*

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