रेप और हत्या के झूठे आरोप में हुई आजीवन जेल, 8 साल बाद छुटा निर्दोष
आज कल निर्दोष लोगों को साजिश करके फंसाने का एक #ट्रेंड ही चल पड़ा है जो सभी मानव जाति के लिए भयावह है।
आप भी सावधान रहें,नही तो आप भी इस साजिश के शिकार हो सकते हैं, इस तरह के झूठे आरोपों में फंसकर आपकी भी जिंदगी बर्बाद हो सकती है ।
Innocent Released after 8 years |
वास्तविक अपराधी तो छूट जाते हैं लेकिन निर्दोष फंस जाते हैं और उनकी जिंदगी तो बर्बाद हो ही जाती है साथ-साथ में इज्जत, आबरू और संपत्ति भी चली जाती है ।
ऐसे एक दो नही,कई सैंकड़ो उदाहरण देखने को मिल रहे हैं जिसमें निर्दोषों को फंसाया गया हो और सालों बाद कोर्ट ने निर्दोष बरी किया हो । निर्दोषों को फंसाने में सबसे बड़ा अहम रोल #भ्रष्ट तंत्र में लिप्त पुलिस के साथ बढ़ रहे कोर्ट में भ्रटाचार का ।
आइये आपको अभी का एक ताजा उदाहरण बताते हैं , कैसे पुलिस ने फँसाया और कोर्ट ने आजीवन सजा भी सुना दी...
जिस अपराध को कभी किया ही नहीं उस अपराध के आरोप में एक युवक की जिंदगी के आठ साल बर्बाद हो गए।
आंध्र प्रदेश का पी सत्यम बाबू नाम का यह युवक आठ साल बाद रविवार (2/4/2017) को जेल से तब रिहा हुआ जब दो दिन पहले हैदराबाद #हाईकोर्ट ने बाबू को रेप और हत्या के आरोप से निर्दोष बरी किया । बाबू पर #2007 में आरोप लगा था कि उसने एक छात्रा की रेप के बाद हत्या कर दी ।
आठ साल के लंबे इंतजार के बाद निर्दोष बाबू को राजामुंद्री सेंट्रल जेल (आंध्र प्रदेश) से #रविवार को रिहा किया गया। बाबू आठ साल बाद जब जेल से बाहर आया तो गेट के बाहर मां को खड़ा देखकर भावुक हो गया।
जेल से बाहर आकर #मीडिया में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बाबू ने कहा, आखिरकार अंत में सत्य की जीत हुई। मैंने आठ साल जेल की यातनाएं झेली हैं। अब ऐशा मीरा के वास्तविक अपराधियों को सजा मिल पाएगी। ऐशा मीरा 19 साल फारमैसी की छात्रा थी जिसकी 27 अक्टूबर 2007 को एक प्राइवेट वुमेन्स हॉस्टल में #रेप के बाद हत्या कर दी गई थी।
यह केस पुलिसिया करतूत का एक उदाहरण है कि पुलिस किस तरह किसी निर्दोष को फंसा सकती है। बताया जा रहा है पुलिस ने अदालत को बताया था कि 17 अगस्त 2008 को बाबू को एक डकैती में #गिरफ्तार किया है और बाबू ने युवती की हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया है।
जिसके बाद 30 सितंबर 2010 को महिला सेशन कोर्ट ने बाबू को #आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
बाबू के निर्दोष #साबित होने पर अदालत ने उसे रिहा करने का आदेश जारी किया । साथ ही सरकार को एक लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश भी दिया। अदालत ने मामले में दोषी पुलिस वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया। अदालत के फैसले के बाद मीरा के माता पिता #बाबू के सपोर्ट में भी दिखे । बाबू ने उन्हें न्याय दिलाने और असली दोषियों को पकड़वाने के लिए धन्यवाद दिया।
अब आपने देखा कैसे $पुलिस झूठे सबूत पेश करके असली अपराधियों को बचा लेती है और निर्दोष को जेल करवा देती है ।
कुछ दिन पहले हरियाणा में भी एक लड़के के साथ यही हुआ था रेप केस में ।
चंडीगढ़ होशियारपुर के थाना महिलापुर पुलिस ने 26 साल के दर्शन सिंह को एक बड़ा तस्कर बताते हुए उसके पास से डेढ़ क्विंटल चूरापोस्त की बरामदगी दिखाई थी। $पुलिस के जुटाए आधे-अधूरे सबूतों के आधार पर जिला अदालत ने भी 27 फरवरी 2005 को उसे दोषी करार देते हुए 10 साल #कैद की सजा सुना दी। एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। बाद में हाई कोर्ट ने निर्दोष बरी कर दिया
दर्शन सिंह को जमीन के विवाद के कारण गांव वालों के साथ मिलकर पुलिस ने फंसाया था ।
पहले दर्शन सिंह #जमींदार था अभी वो मजदूरी कर रहा है, कोर्ट के चक्कर काटते काटते जमीन भी बिक गई और इज्जत भी चली गई ।
तो देश में आजकल #अपराधियों से पैसा लेकर निर्दोषो को फंसाने का काम जोर-शोर से चल रहा है ।
ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिसमें #सुप्रिद्ध हस्तियां भी चपेट में आई हैं । इसमें पूर्व #सरकार द्वारा खासकर हिन्दुत्वनिष्ठों को फंसाया गया है ।
जैसे कि आपने देखा कुछ दिन पहले स्वामी असीमानंद जी को #अजमेर #ब्लास्ट में निर्दोष बरी किया गया । पर इतने साल जो जेल में उन्होंने पीड़ा सही उसका हर्जाना कौन भरेगा ?
#साध्वी को भी #जोशी हत्या कांड और #अजमेर ब्लास्ट में निर्दोष बरी किया और मालेगांव ब्लास्ट में क्लीन चिट मिल चुकी है फिर भी अभी तक रिहा नही किया जा रहा है । बड़ा आश्चर्य है!
ऐसे ही संत #आसारामजी बापू और उनके बेटे नारायण साईं का मामला सामने है । संत आसारामजी बापू के ऊपर जो जोधपुर का केस है उसमें उनको लड़की की मेडिकल के आधार पर क्लीन चिट मिल चुकी है और लड़की के फोन रिकार्ड से भी पता चला चुका है कि जिस समय लड़की द्वारा #छेड़छाड़ी का आरोप लगाया है उस समय तो वो अपने फ्रेड के साथ फोन पर बात कर रही थी जिसकी कॉल डिटेल भी कोर्ट में सम्मिट हो चुकी है ।
लड़की की सारी बातें भी काल्पनिक हैं ।
लड़की घटना जोधपुर की बता रही है, रहने वाली उत्तर प्रदेश की है, पढ़ती #मध्यप्रदेश में और #FIR करवाती है दिल्ली में वो भी घटना के पांच दिन के बाद रात को ढाई बजे ।
इतने दिन तक आखिर क्यों मौन थी लड़की ?
जब जोधपुर में घटना घटी तो उसी समय क्यों पुलिस के पास नहीं गई ? जबकि उसका परिवार भी उसके साथ था ।
एक इलाके की घटना की #FIR दूसरे इलाके के पुलिस स्टेशन वाले भी नहीं लेते हैं लेकिन एक राज्य की घटना घटती है और दूसरे राज्य में FIR दर्ज हो जाती है वो भी रात के ढाई बजे ।
क्या ये किसी साजिश का हिस्सा नहीं ?
गुजरात सूरत में भी बड़ी बहन ने संत #आसारामजी बापू के ऊपर और छोटी बहन ने उनके बेटे #नारायण साई पर 12 साल पहले रेप का आरोप लगाया है। जबकि 3 साल पुराना केस दर्ज नही होता है और यहाँ 12 साल पुराना केस दर्ज हो रहा है । जब लड़की 2007 की घटना बताती है तो वो खुद क्यों 2012 तक उनके सत्संग में आती रही ???
बाद में तो बड़ी बहन ने #आसारामजी #बापू के ऊपर से केस वापिस लेने का बोला लेकिन पुलिस वापिस लेने को मना कर रही है ।
क्या ये एक #विश्विख्यात संत को बदनाम करने की साजिश की ओर इशारा नही है ?
संत आसारामजी बापू का जीवन चरित्र देखें तो एक पवित्र संत का जीवन देखने को मिलता है जिन्होंने देशहितकारी वो कार्य किये हैं कि जिनकी जितनी भी #भूरि-भूरि #प्रशंसा की जाये,कम है ।
सरकार इस ओर ध्यान दे या न दें पर पाठक तो समझ ही गए हैं कि किस प्रकार से आज झूठे केसों द्वारा #निर्दोषों को फंसाया जा रहा है ।
कई न्यायालयों ने तो इस पर चिंता भी जताई है कि रेप केस करने का एक नया ट्रेड चल पड़ा है । जिसमें बदला लेने की भावना और साजिश के तहत निर्दोषों को #फंसाया जा रहा है ।
रेप केस के ऐसे कई मामले हैं जो साबित ही नही हो पाते हैं ।
झूठे केस करने से देश का बड़ा नुकसान हो रहा है एक ओर जो वास्तविक पीड़ित हैं उनको न्याय नही मिल पा रहा और दूसरी ओर निर्दोषों को सजा मिल रही है।
इसमें मीडिया का भी बड़ा अहम रोल है जो किसी #हिंदुत्वनिष्ठ पर आरोप लगते ही उनकी इतनी बदनामी करती है समाज में जैसे वो आरोपी नहीं सच में अपराधी हो ।
अब समय आ गया है जब जनता को जगना होगा ।
पुलिस, #न्यायालय, #मीडिया में व्याप्त #भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए ।
जय हिन्द !!
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