हिमालय से ऊंचा है हमारे जवानों का हौसला, लेकिन कब मिलेगा उनको अधिकार?
अभी हाल ही में खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ के सैनिक तेज बहादुर नौकरी से निकाल दिए गए हैं ।
हालांकि रिपोर्ट के अनुसार सही पाया गया था कि जवानों की अधिकतर मौत खराब व अल्प गुणवत्ता वाला भोजन मिलने पर ही हो रही है ।
the-courage-of-our-soldiers-Higher-than-the-Himalayas-but-when-will-they-get-the-right |
अभी एक जगह #श्रीनगर में चुनाव में सैनिक मशीनें लेकर जा रहे थे । उनकी लात घूसों से पिटाई कर रहे थे ।
हाल
ही में कश्मीर युवकों द्वारा सैनिकों पर पथराव होने पर एक वीडियो जारी हुआ
था जिसमें #कश्मीर युवक को पत्थर बांधकर जीप में घुमाया जा रहा था तो उस
कारण जवान पर धारा 302 तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया है।
इन
जवानों का हौसला बुलंद करने की जगह गिराया जा रहा है एक तरफ बाहरी दुश्मन
और एक तरफ अंदर के दुश्मन दोनों तरफ उनको लड़ाई लड़नी है उसमें केवल राजनीति
हो रही है ।
हमारे
जवान लेह लद्दाख में माईनस डिग्री में रहकर भी देश की #सुरक्षा कर रहे हैं
तभी तो हम चैन से सो पा रहे हैं उन्ही जवानों का मनोबल डाउन किया जा रहा
है ।
क्यों ???
राजस्थान
में जिस बालू में पापड़ सेक कर खाते है वहाँ पर हमारे जवान देश की सुरक्षा
में लगे रहते हैं आज केवल राजनीति के कारण उनको न अच्छा भोजन #मुहैया
करवाया जा रहा है और न ही लड़ने के लिए अच्छी साधन-सामग्री दी जा रही है और
बड़ी बात तो यह है कि दुश्मन के सामने आने पर भी बिना ऑडर के गोली भी नही
चला सकते भले उनकी जान भी चली जाए ।
अफसर उनको #गुलाम बनाकर रखते हैं घर का काम करवाना, बच्चे की देखभाल करवाना, कुत्ते को घुमाना आदि काम करवाया जाता है ।
चीन के बॉडर पर जवानों का हाल सुनकर रोंगटे खड़े हो जायेंगे ।
उत्तराखंड
के रिमखिम और लपथल वो इलाके हैं जहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं है।
यहां हेलीकॉप्टर से ही आवा-जाही हो सकती है। भारत-चीन सीमा से लगते इस
इलाके में अभी तक टीवी के कैमरे नहीं पहुंच सके थे । फिर भी हमारे देश के
जाबांज जवान किसी भी #चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं।
रिमखिम/लपथल
से बाराहोती सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है । बाड़ाहोती #भारत-चीन
सीमा पर मौजूद विवादित क्षेत्र है। यहां बीते 10 साल में चीन 60 से 70 बार
घुसपैठ कर चुका है। इस क्षेत्र में इन दिनों भी #तापमान माइनस में है।
बाड़ाहोती मे 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चारागाह फैला है। यहां चीन अपने
चरवाहे भेजकर क्षेत्र पर दावा जताने की कोशिश करता रहता है।
भारत
के गृह राज्य मंत्री किरन #रिजिजू ऐसे वक्त में इस क्षेत्र के दौरे पर गए
थे जब चीन ने दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की हालिया यात्रा पर सवाल उठाए
हैं।
आपको बता दें कि ये वही इलाका है जहां बीते साल चीनी सैनिकों ने हमारे राजस्व अधिकारियों को 'गो बैक, गो बैक' कहने की हिमाकत की थी।
समुद्र
तल से 14000 से 15000 फीट की ऊचाई वाले इस क्षेत्र में भारत तिब्बत सीमा
पुलिस (आईटीबीपी) के #जवान दिन-रात देश की ड्यूटी में तैनात हैं। ये ऐसा
क्षेत्र है जहां ऑक्सीजन की कमी का भी जवानों को सामना करना पड़ता है। यहां
तैनात जवानों के लिए स्नो स्कूटर बड़ा सहारा है।
जोशीमठ
से #हेलीकॉप्टर के जरिए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ इस इलाके में
पहुंचते हुए नीचे पहाड़ों के बीच संकरी घाटियों को देखना अपने आप में ही
अनोखा अनुभव था। इलाके की दुर्गमता खुद ही बताती है कि यहां तैनात हमारे
#जवानों को किन कठिन हालात में रहना पड़ता है। बर्फीले तूफान आने का यहां
खतरा बना रहता है। 15000 फीट की ऊंचाई पर हवा के कम दबाव की वजह से
हेलीकॉप्टर को बंद नहीं किया जा सकता। यहां इसीलिए 15 मिनट तक ही
हेलीकॉप्टर रुका।
इस
क्षेत्र में एक समाधि को देखकर किसी को भी हैरानी हो सकती है। लेकिन 'बड़े
भाई की समाधि' के तौर पर जानी जाने वाली इस जगह पर जवानों का अटूट विश्वास
है। उनका मानना है कि #प्राकृतिक आपदा जैसे मुश्किल हालात में आज भी 'बड़े
भाई' उनकी हिफाजत करते हैं। इस समाधि के बारे में बताया गया कि कुछ साल
पहले यहां सेना के कुछ जवान बर्फीले तूफान में दब गए थे।
#ऑक्सीजन की कमी की वजह से यहां बोलने में भी परेशानी होती है, लेकिन जवान
हर तरह के हालात का सामना करने के लिए अभ्यस्त हैं। रिजिजू पहले मंत्री
हैं जिन्होंने यहां पहुंच कर जवानों की इस तरह हौसला अफजाई की। वहाँ मौजूद
बड़े चारागाह में बीते साल भी चीनी सैनिक घुस आए थे। चीनी सैनिक जब भी ऐसा
दुस्साहस दिखाते हैं तो आईटीबीपी के जवान लाल रंग के ये पोस्टर दिखाकर
उन्हें वापस जाने के लिए चेताते हैं। इन पोस्टरों पर #चीनी और #अंग्रेजी
भाषा में लिखा रहता है- "गो बैक, गो बैक"
आईटीबीपी
के आईजी. जी. एस गुराया और डीआईजी जी. एस .चौहान ने इस पूरे क्षेत्र की
विस्तार से जानकारी देने के साथ जवानों के अदम्य हौसले के बारे में भी
बताया। यहां जवान अभी टीन के बने घरों में रहते हैं, आने वाले समय में यहां
#इंटीग्रेटेड बीओपी बनाने की योजना है। यहां जवानों के लिए कई महीनों का
राशन डंप रहता है। रोशनी के लिए सोलर पैनल और जेनेरेटर का इस्तेमाल होता
है। यहां एक चट्टान पर आईटीबीपी के जवानों ने लिख रखा है- 'मेरा #भारत
महान' जो दूर से ही नजर आता है।
चीन ने हाल में ही की घुसपैठ
उत्तराखंड
में यहां चीन से 350 किलोमीटर लंबी सीमा लगी हुई है। आमतौर से यहां शांति
बनी रहती है। लेकिन #चीनी #सैनिकों की ओर से जब भी घुसपैठ की कोशिश होती है
तो चमोली के स्थानीय लोग और यहां तैनात अर्द्धसुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से
उसे नाकाम बनाते हैं। पिछले एक सप्ताह में ही बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों
ने तीन बार सीमा का उल्लंघन किया।
19 जुलाई 2016 : चमोली प्रशासन टीम का चीनी सैनिकों से सामना
चमोली
जिला प्रशासन की टीम बाड़ाहोती क्षेत्र में लैंड रिकॉर्ड के रूटीन
निरीक्षण पर गई थी। एसडीएम योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में चमोली जिला
प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम सुमना पोस्ट तक पहुंची। होतीगाड़ नदी का जलस्तर
बढ़ने से जिला प्रशासन की टीम अपने वाहन वहीं छोड़, सेना के वाहन से रिमखिम
चौकी पहुंची। वहां सीमा क्षेत्र में करीब आठ किमी की दूरी पर पहले से चीन
सैनिकों को मौजूद देख #प्रशासन की राजस्व टीम चौंक गई। राजस्व टीम से जुड़े
सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक सीमा के भीतर कैंप कर रहे थे। जैसे ही चीनी
सैनिकों ने भारतीय दल को देखा तो दूर से ही इशारा कर लौट जाने को कहा।
इसके बाद चमोली प्रशासन ने लौट कर वहां तैनात आईटीबीपी के दल को पूरी
जानकारी दी।
22 जुलाई 2016 : भारतीय जवान और चीनी सैनिक आमने सामने
चमोली
जिला प्रशासन की राजस्व टीम लौटने के बाद 22 जुलाई को भारतीय जवानों के
साथ चीनी सैनिकों का आमना-सामना हुआ। सूत्रों ने बताया कि बाड़ाहोती के
बुग्याल में करीब 38 मिनट तक एक दूसरे के पीछे हटने और वहां से चले जाने को
लेकर बहस हुई। 38 मिनट की बहस के बाद फिर दोनों पक्ष वहां से लौट गए । बहस
के दौरान भारतीय जवान सादी वर्दी में थे और उनके पास हथियार भी नहीं थे।
आईटीबीपी ने #गृह_मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी..
सूत्रों
के मुताबिक #आईटीबीपी के डीजी ने गृह मंत्रालय को जो रिपोर्ट सौंपी है,
उसके मुताबिक बाड़ाहोती में तुनजुन-ला पास तक 200 मीटर अंदर चीनी सैनिक घुस
आए थे। 22 जुलाई को ही चीनी सैनिक वापस लौट गए थे।
25 जुलाई 2016 : भारतीय एयरस्पेस का उल्लंघन
सूत्रों
के मुताबिक 25 जुलाई को असैन्य जोन में चीनी सैनिकों का जमावड़ा देखा गया।
इसी दिन चीनी #सैनिकों ने एयर स्पेस का उल्लंघन भी किया। करीब दस मिनट तक
चीन का हेलीकाप्टर भारतीय एयरस्पेस में उड़ान भरता रहा। (स्त्रोत्र : आजतक)
अब
हमारे जवान इतनी कठिनाई सहकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं तभी 125 करोड़
देशवासी चैन से सो पा रहे हैं अब उन सैनिको को ही अधिकार नही दिया जायेगा
तो किसको दिया जाएगा?
अब
हमारे जवानों से #ऑफिसर के घरों का काम करना, खाना अच्छी गुणवत्ता वाला
नही देना, उसके लिए कोई आवाज उठाये तो उनको निकाल देना, #देशद्रोहियों पर
कार्यवाही करने पर मुकद्दमे दर्ज करना, #दुश्मनों पर गोली मारने का अधिकार
नही देना ये कब तक चलेगा?
अब
हमारे #जवानों को अच्छी व्यवस्था मुहैया करना और पूर्ण अधिकार देना ही देश
की सुरक्षा के लिए हितावह है । उनका मनोबल डाउन करना देश के लिए खतरा है ।
जय हिंद!!
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