Monday, May 21, 2018

बलात्कार का आरोप फर्जी निकलने पर महिलाओं के लिए फांसी का प्रावधान क्यों नहीं है?

21 May 2018

🚩नारियों कि सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये कानून बनाये गये । परंतु दहेज विरोधी कानून कि तरह इसका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है । कुछ दिन पहले प्रतापगढ़ जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने बताया कि दलालों द्वारा प्रतिवर्ष काफी संख्या में बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराए जाते हैंं। जिसमें अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं। न्यायालय में गवाही के दौरान 90 प्रतिशत मामलों में पीडि़ताएं मुकर जाती हैं। जिसमें खेत, सम्पत्ति व रास्ते कि रंजिश पारिवारिक अथवा अन्य कारणों से अथवा अभियुक्त को ब्लेकमेल कर रुपए ऐंठने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी ऐसी स्थिति बताती है। पीडि़ताएं न्यायालय में स्वयं के द्वारा दी गई रिपोर्ट का भी समर्थन नहीं करती हैं ।
Why is there no provision for execution of
 execution on rape charges for women?

🚩दहेज उत्पीड़न के हजारो केस मे लगभग 90% केस फर्जी होते हैं ऐसे फर्जी केस ठोकने वाली लड़कियों को उम्रकैद कि सजा का प्रावधान क्यों नहीं है ??

🚩वैवाहिक बलात्कार मे पत्नी के गलत होने पर पत्नी को फाँसी/उम्रकैद कि सजा क्यों नही है ??

🚩जिस हिसाब से फर्जी छेड़खानी, घरेलू हिंसा , दहेज उत्पीड़न, वैवाहिक बलात्कार जैसे केसों का धड़ल्ले से दुरूपयोग हो रहा है इससे साफ स्पष्ट है कि आने वाले कुछ ही दिनों मे भारत से पुरुष नामक प्रजाति विलुप्त के कगार पर पहुँच जायेगी।  आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि महिलावाद एक धंधा बन चुका है जिसका सालाना टर्न ओवर "कइयो हजार करोड़" के ऊपर जा रहा है।

🚩NCRB (National crime report beauro) के अनुसार वर्ष 2013 में 65,000 से 70,000 हजार पुरुष हर साल महिला कानूनों से तंग आकर आत्महत्या करते थे। यानी हर  नौवें मिनट मे एक पुरुष सुसाइड करता था। वहीं महिलाओं का ग्राफ 25,000 से 29,000 था जिसमे आत्महत्या के विभिन्न कारण शामिल थे।

🚩2018 के हालात कुछ ऐसे हैं कि आज हर छठें से सातवे मिनट के अंतराल पर एक पुरुष आत्महत्या कर रहा है। आज भारत में हर एक से डेढ मिनट के भीतर एक फर्जी केस रजिस्टर हो रहा है। सोचिए कहाँ जा रहे हैं हम ??

🚩इन कानूनों का निर्माण महिला उत्थान के लिये किया गया था मगर आज पथभ्रष्ट स्त्रियां इसका धडल्ले से दुरुपयोग कर रही हैं... सरकार को इन पथभ्रष्ट स्त्रियों द्वारा किये जा रहे हर उस फर्जी केस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए तथा ऐसी स्त्रियों को कारागार मे डालना चाहिए।

🚩बलात्कार का झूठा केस लगाकर पुरुषों का मानसिक, सामाजिक, शारीरिक और बौद्धिक हनन करने वाली लड़कियों को भी फाँसी की ही सजा होनी चाहिए।
झूठे दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा व वैवाहिक बलात्कार में फर्जीवाडा़ कि बदबू मिलते ही उम्रकैद से कम सजा नही होनी चाहिए।

🚩विवाह के नाम पर महिला कानूनों को अस्त्र बनाकर धड़ल्ले से धंधा करने वाली इस महिलावादी जमात पर शिकंजा कसना ही चाहिए।

🚩प्रेमी के साथ मिलकर ससुराल वालों व पति कि हत्या करने जैसी हर उस पथभ्रष्ट लड़कियों को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए।

🚩लिंगभेद के नाम पर भारत तबाह होने से रोकना है तो ऐसे कानून बनने ही चाहिए...!!

🚩अगर ऐसा नही हुआ तो वो दिन दूर नही जब एक के बाद एक निर्दोष पुरुष फंसते ही चले जायेंगे।

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