19 May 2018
सन 1994 द्वारका गुजरात के प्रसिद्ध संत केशवानंद स्वामी पर उनके ही ट्रस्ट('सनातन सेवा मंडल') द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ती रीता नाम कि छात्रा ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया ।
मीडिया को तो मानो एक बड़ा मसाला ही मिल गया, दिन-रात स्वामी जी कि बदनामी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी केशवानंदजी को मीडिया के द्वारा इतना बदनाम किया गया था कि कोई वकील उनकी तरफ से केस लड़ने को तैयार नहीं हुआ ।
Cheetah torn by an officer punishing the Hindu saint in a false rape case |
अनेक पुलिस अधिकारियों ने आपस में मिलकर स्वामी जी के खिलाफ झूठे गवाह बनाये।
स्वामी जी को गिरफ्तार करके जेल में भेज दिया गए। सेशन कोर्ट में केस चला । आखिरकार झूठे सबूतों के आधार पर सेशन कोर्ट ने स्वामी जी को 12 साल की सजा सुना दी ।
लेकिन निर्दोष संत को सताने पर प्रकृति कोपित हो जाती है जिस अधिकारी ने यह षड्यंत्र रचा था उसको गोधरा (गुजरात) में चीते ने फाड़ डाला । दूसरा अधिकारी अशांति कि खाई में जा गिरा, तीसरे अधिकारी को भी भयंकर भोगना पडा, सभी अधिकारी तबाह हो गये।
स्वामी केशवानन्द जी का केस उच्च न्यायालय में पहुँचा 2001 में स्वामी जी को निर्दोष बरी कर दिया गया पर 7 साल तक उनको जेल में ही रहना पड़ा ।
उनको सजा दिलवाने वाले तो तबाह हो ही गये पर जो उनकी इतनी बदनामी हुई उसका क्या?
इतने साल जो यातनाएं सहनी पड़ी और जो समय बर्बाद हुआ उसका क्या? क्या कोई न्यायालय या मीडिया या सरकार उसकी भरपाई कर पायेगा ?
बता दें कि जलियांवाला बाग हत्याकांड का मुख्य गुनहगार जनरल डायर जिसने ग्यारह सौ निर्दोष लोगों कि जान ली थी वह अपने अंतिम दिनों में पागल हो गया था। वह बार-बार चिल्लाता था कि जिनके ऊपर मैंने गोलियां चलाई थी उनकी आत्मा मुझे परेशान कर रही है। उसके घरवालों ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया था । अंत में वह पैरालिसिस सहित तमाम बीमारियों का शिकार होकर पागलपन में ही मर गया ।
ठीक यही साध्वी प्रज्ञा और दूसरे हिंदुओं पर अमानवीय अत्याचार करने वाले महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारियों के साथ हो रहा है पहले हेमंत करकरे का असामयिक निधन हुआ फिर 2 सालों के बाद उसकी पत्नी का निधन हुआ । फिर दूसरे अत्याचारी हिमांशु रॉय को कैंसर हुआ और उसने अपनी बीमारी से परेशान होकर अपने मुंह में रिवाल्वर रखकर फायरिंग करके आत्महत्या कर लिया ।
वर्तमान में भी जो हिन्दू संत आसारामजी बापू के साथ अत्याचार हो रहा है उनको कांग्रेस सरकार के इशारे पर फंसाया गया। आज कांग्रेस कि क्या हालत है पूरे देश से छुपा नहीं है । पूरे भारत में केवल दो ही राज्यो में बची है ।
स्वामी केशवानंद कि तरह का ही केस आसारामजी बापू के लिए भी बनाया गया है:
तभी तो शाहजहांपुर(उत्तर प्रदेश) कि लड़की, (मध्य प्रदेश) छिंदवाड़ा में पढ़ने वाली, तथाकथित
घटना जोधपुर(राजस्थान) कि FIR दिल्ली में जाकर रात को 2:25 बजे होती है....वो भी घटना के पांच दिनों के बाद...!
जब FIR में rape (बलात्कार) शब्द नही है, मेडिकल रिपोर्ट में rape कि पुष्टि नहीं हुई, मेडिकल रिपोर्ट में एक खरोंच भी नही आई । फिर भी राष्ट्र विरोधी ताकतों के इशारे पर बिकाऊ नेता और मीडिया के पूरे तंत्र ने बापू आसारामजी को आजीवन जेल के अन्दर रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया ।
स्वामी केशवानंद जी को षड़यंत्र के तहत जेल भेजने के लिए उनके ही भक्त होने का दिखावा करके जानबूझकर उन परिवार वालों ने अपने बेटी को स्कूल में दाखिल कराया था ये साबित हो गया। अब उनको ये सब करने के लिए कितने पैसे मिले होंगे वो तो भगवान जाने ।
ऐसे ही मामला हिन्दू संत आसाराम बापू पर है उनके ही भक्त कि गुरुकुल की लड़की को तैयार किया गया है फर्क इतना है कि केशवानन्द जी पर बलात्कार का केस लगाया गया और बापू आसारामजी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है मेडिकल रिपोर्ट में कुछ नही होते हुए भी और सबसे बड़ा सबूत खुद लड़की कि कॉल डिटेल के अनुसार लड़की उस रात किसी संदिग्ध व्यक्ति से लगातार संपर्क में थी । लड़की कि उम्र के संबंध में भी दस्तावेज न्यायलय में पेश किए गए। अलग-अलग दस्तावेजों में लड़की कि उम्र अलग-अलग पाई गई ।
फिर भी बापू आसारामजी को पॉक्सो एक्ट के तहत उम्रकैद कि सजा दे दी गई ।
कैसी विडंबना है!!
आगे जब बापू आसारामजी के केस कि अपील उच्च न्यायालय में होगी और उसमें वो निर्दोष बरी होंगे तो कौन लौटाएगा उनका वो समय, जो उन्होंने जेल में बिताया ??
मीडिया द्वारा कि गई बदनामी और उनकी उम्र का लिहाज न करते हुए उन पर कि गई यातनाओं का जिम्मेदार कौन होगा ???
क्या भारत में हिन्दू संत होकर हिन्दू संस्कृति के लिए काम करना गुनाह है?
अगर नहीं तो क्यों एक के बाद एक संतों को पहले फंसाया जाता है फिर सालों जेल में रखकर उन्हें निर्दोष बरी किया जाता है !!
ये सिलसिला आखिर कबतक चलता रहेगा ??
आखिर कब तक हिन्दू भी मूकदर्शक बना चुपचाप सब देखता रहेगा ???
पिछले कुछ सालों से विदेशी ताकतों के इशारे पर संतों को जेल भेजने का षड्यंत्र पूरे जोरशोर से चल रहा है ।
ये हम सब हिंदुओं के लिए भी शर्मनाक है कि हम सब ये देखकर भी मौन है और षड्यंत्रकारी अपने षडयंत्रों में सफल हो रहे हैं ।
पर षड्यंत्रकारी सुन ले । ऊपर वाले कि लाठी में आवाज नहीं होती पर वो किसी को छोड़ती नहीं है हिन्दू भले अपने हिन्दू संतों के लिए कुछ न करे पर सबके सामने हैं कि अभीतक जिन अधिकारियों ने राष्ट्र विरोधी ताकतों के इशारे पर जिन हिन्दू संतों और हिंदुत्वनिष्ठों को फंसाने का काम किया । भगवान ने उन्हें सबक सीखा दिया । अभी वाले भी सावधान हो जाये तो अच्छा है नहीं तो आपका भी आने वाला समय बहुत बुरा है । क्योंकि कर्म किसी का पीछा नहीं छोड़ता । कर्म करने पर आपका अधिकार है उसके फल पर नहीं ।
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