26 अप्रैल 2019
उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में बरेली रोड़ पर स्थित मुमुक्षु आश्रम से एक ही परिसर में पांच शिक्षण संस्थान संचालित होते हैं। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रमुख भी हैं। स्वामी चिन्मयानंद की संस्था में प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वाली लड़की ने ही हिंदू संत आसाराम बापू पर रेप का आरोप लगाया है बाद में भले वो गुरुकुल में पढ़ने गई पर पहले वो शाहजहांपुर में पढ़ती थी और इनकी ही कॉलेज में पढ़ने वाली दूसरी लड़की ने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया है।
अब दिलचस्प बात यह है कि चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली लड़की को गिरफ़्तार किया गया और उसके पहले उसके दोस्त संजय और सोनू को गिरफ्तार किया गया क्योंकि उनके द्वारा स्वामी को ब्लैकमेल करके 5 करोड़ लेने वाला वीडियो वारयल हो गया । स्वामी पर आरोप लगाने वाली लड़की के दोस्तों ने स्वीकार किया कि पैसे लेने की प्लानिंग में लड़की ही प्रमुख है, वो चिन्मयानंद की मालिश करने जाती थी और उसने 43 बार वीडियो भी बनाया।
इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही SIT की जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि आरोप लगानेवाली छात्रा और चिन्मयानंद के बीच जनवरी 2019 से अगस्त महीने के बीच 200 बार फोन पर बातचीत हुई है। उधर, इन्हीं 8 महीनों के दौरान छात्रा और उसके साथी संजय के बीच 4200 से ज्यादा बार फोन पर बात हुई है ।
खबर के मुताबिक छात्रा ने जो वीडियो बनाये हैं उनमें रेप का जिक्र नहीं है और स्वामी ने भी कहा है कि रेप नही किया है अश्लील बातें की उसके लिए मैं शर्मिंदा हूँ । वीडियो देखकर पुलिस ने भी स्वामी पर रेप का आरोप दर्ज नही किया है ।
अब आते है हिंदू संत आसाराम बापू पर उनके ऊपर आरोप लगाने वाली लड़की भी शाहजहांपुर की ही है, पहले शाहजहांपुर पढ़ती थी । बाद में छिंदवाड़ा पढ़ने गई और उसने घटना जोधपुर की बताकर घटना के 5 दिन बाद एफआईआर दिल्ली में रात को 2:30 बजे दर्ज करवाई, अब आप सोच सकते हैं कि पुलिस दूसरे पुलिस स्टेशन की हद लगती है तो भी हमारी FIR दर्ज नही करती और ये शाहजहांपुर की है, घटना जोधपुर की है तो फिर दिल्ली पुलिस ने कैसे FIR दर्ज कर ली?
बापू आसारामजी के फंसाने के कई पुख्ता सबूत भी सामने आये हैं...
जैसे :-
1. तथाकथित घटना के 5 दिन बाद और रात 2:30 बजे FIR दर्ज की गई।
2. हेल्पलाइन रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्ध तरीके से फाड़ें गए।
3. 164 के बयान होने के बाद FIR न्यायालय में पेश की गई ।
4. FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई।
5. ओरिजिनल FIR को बदल दिया गया, FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
6. मेडिकल में भी बापू को क्लीनचिट मिली ।
8. उम्र संबंधी अलग-अलग सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र पाई गई ।
9. लड़की की कॉल डिटेल से स्पष्ट हुआ कि घटना की रात लड़की किसी संदिग्ध व्यक्ति से फोन द्वारा संपर्क में थी ।
10. तथाकथित घटना के समय बापू आसारामजी मँगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लड़की कुटिया में गई ही नहीं ।
अधिवक्ता सुराणा ने भी कोर्ट में खुलासा किया था कि लड़की के माँ-बाप ने जयपुर में भी एक वकील को झूठा मुकदमा दर्ज करवाने के लिए मोटी रकम देने का ऑफर दिया था । जिसकी पुष्टि खुद उस वकील ने न्यायालय में अपने बयान में की ।
आपको बता दें कि बापू आशारामजी के अहमदाबाद आश्रम में एक Fax आया था जिसमें 50 करोड़ की फिरौती की मांग की गई थी और न देने पर धमकी दी गई थी कि अगर बापू ने 50 करोड़ नही दिए तो झूठी लड़कियां तैयार करके झूठे केस में फंसा देंगे और कभी बाहर नहीं आ पाओगे पर कोर्ट ने इनके ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया।
जब स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली लड़की को गिरफ्तार कर सकते हैं तो फिर संत आसाराम बापू पर आरोप लगानेवाली लड़की की भी जांच होनी चाहिए और उनके अकाउंट चेक होने चाहिए कि फंडिग कहाँ से आई क्योंकि बापू आसारामजी की निर्दोषता के पुख्ता सबूत सामने आये हैं ।
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कई बार खुलासा किया है कि बापू आसारामजी को धर्मपरिवर्तन पर रोक लगाने और लाखों हिन्दुओं की घरवापसी कराने के कारण षडयंत्र के तहत जेल भिजवाया गया है ।
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