Monday, May 15, 2023

विदेशी जमीन की देन साबूदाना, साबूदाने खाने से व्रत-उपवास टूट जाते है

15 मई 2023

http://azaadbharat.org


🚩साबूदाना मूल रूप से पूर्वी अफ़्रीका का पौधा है।


🚩साबूदाने विदेशी जमीन की देन है,विदेशियों ने भारतीयों के व्रत-उपवास को तोड़ने के लिए साबुदानो को भारत में पैदा करवाया।


🚩साबूदाने खाने से पाचनतंत्र बिगड़ता है,लिवर,किडनी पर बुरा असर पड़ता है,इसलिए भूलकर भी साबूदाने न खायें।



🚩साबूदाना टैपिओका नामक स्टार्च से बनाया जाता है। जब साबूदाने को बनाते है तो सबसे टैपिओका के गूदे को निकालकर किसी बड़े टैंकों में डाल लेते है,फिर कई दिनों तक उसे सड़ाते है, फिर उसमें लगातार केमिकल वाला पानी डाला जाता है,फिर कई तरह के केमिकल डालते है,जो शरीर के लिए नुकसान पहुचाते है, इसे सुखाने के लिए बाद इन पर ग्लूकोज और स्टार्च से बने पाउडर की इस पर पॉलिश की जाती है,उसके बाद साबूदाना बनकर तैयार हो जाता है।


🚩साबूदाना छोटे-छोटे मोती की तरह सफ़ेद और गोल होते हैं। भारत मे यह कसावा/टेपियोका की जडों से व अन्य अफ्रीकी देशों मे सैगो पाम नामक पेड़ के तने के गूदे से बनता है। सागो, ताड़ की तरह का एक पौधा होता है।


🚩भारत में साबूदाना केवल टेपियोका की जड से बनाया जाता है, जिसे कसावा कहते है।


🚩भारत में साबूदाने का उत्पादन सबसे पहले तमिलनाडु के सेलम में हुआ था।


Official Links:👇🏻


🔺 Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan


🔺 facebook.com/ojaswihindustan


🔺 youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺.instagram.com/AzaadBharatOrg

No comments:

Post a Comment