कट्टरपंथ का पोषण कर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले 4000 मदरसों को , बांग्लादेश से लेकर अरब के कई देश तक कर रहे हैं फंडिंग...
चौंकाने वाला तथ्य यह है , कि ये आंकड़े पूरे भारत के नहीं सिर्फ उत्तर प्रदेश के मदरसों के हैं , जो विदेशी फंडिंग से संचालित होते हैं।
26 May 2023
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🚩देश को बाहरी आतंकवादियों से इतना खतरा नही जितना इन कट्टरपंथियों से है । विदेशी फंड से जितने भी मदरसे और मस्जिदें चल रहे हैं उसमें कट्टरपंथ की शिक्षा दी जाती है ।
🚩उत्तर प्रदेश के 4000 मदरसों को विदेशी फंडिंग मिलने की बात सामने आई है। बता दें कि नवंबर 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने मदरसों का सर्वेक्षण कराया था, जिसमें 8441 मदरसे अवैध मिले थे। अब परीक्षाएँ खत्म हो गई हैं, ऐसे में राज्य का अल्पसंख्यक विभाग कार्रवाई करने में जुट गया है। अधिकतर मदरसा संचालकों ने जकात ( यानी मुस्लिमों द्वारा दिया जाने वाला दान ) को ही अपनी आय का प्रमुख स्रोत बताया था।
🚩अब शुरुआती जाँच में सामने आया है कि नेपाल और बांग्लादेश के अलावा अरब के मुल्कों से भी फंडिंग आ रही है।
" गरीब मुस्लिमों को मुख्य धारा से जोड़ने की बात करते हुए अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मौलवी बनने से उनका भला नहीं होगा । उन्हें NCERT की किताबें पढ़नी पड़ेगी । उन्होंने कहा कि इससे मुस्लिमों के बच्चे भी अधिकारी बनेंगे । "
🚩बता दें कि पिछले साल 10 सितंबर से लेकर 15 नवंबर तक मदरसों का सर्वे हुआ था, जिसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। 2017 से मदरसों को मान्यता देनी भी बंद कर दी गई है ।
इसका कारण है , उनका मानकों पर खड़ा न उतरना...
🚩यूपी में वर्तमान समय में 15,613 मदरसे संचालित हैं। जिनमें से कइयों का कहना है , कि कागज देने के बावजूद मान्यता न मिलने के कारण वो दीनी तालीम देने के लिए मदरसे चला रहे हैं। खासकर सीमावर्ती जिलों के मदरसों में फंडिंग में यह गड़बड़ी हो रही है।
🚩ये जिले हैं – महाराजगंज, पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर। इन मदरसों के पास आय के स्रोत को लेकर कोई स्पष्ट कागज़ात नहीं हैं । मदरसों को कह दिया गया है , कि भले ही वो उर्दू में पढ़ाएँ, लेकिन NCERT पढ़ाना ही पड़ेगा। अब ऐसे मदरसों पर क़ानूनी शिकंजा कसा जाएगा ।
🚩सर्वे में मुख्यतः 12 सवाल पूछे गए थे। जिन पर पूरा स्पष्टीकरण नहीं मिला है । मदरसों को कम्प्यूटर से जोड़ने को लेकर भी योगी सरकार प्रयासरत है और जो मदरसे मानकों को पूरा कर रहे हैं उन्हें मान्यता देने में कोई परहेज भी नहीं किया जाएगा ।
🚩उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर प्राथमिक मदरसों को बंद करने को कहा था । वसीम रिज़वी ने लिखा था कि , “मदरसों में बच्चों को बाकियों से अलग कर कट्टरपंथी सोच के तहत तैयार किया जाता है । यदि प्राथमिक मदरसे बंद ना हुए तो 15 साल में देश का आधे से ज्यादा मुसलमान ISIS का समर्थक हो जाएगा । उन्होंने इसके बजाय हाई स्कूल के बाद धार्मिक तालीम के लिए मदरसे जाने के विकल्प का सुझाव दिया । कोई भी मिशन आगे बढ़ाने के लिए बच्चों का सहारा लिया जाता है और हमारे यहां भी ऐसा ही हो रहा है ! ये देश के लिए भी खतरा है । "
🚩देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन मदरसों और मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए । प्रदेश की जनता उत्तर प्रदेश सरकार को इस कार्यवाई की शुरुआत के लिए धन्यवाद देती है और शीघ्रातीशीघ्र यह लागू हो ऐसी मांग करती है ।
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