*हिन्दू संतों पर कोलाहल करने वाली मीडिया पादरियों के बलात्कार करने पर चुप क्यों ??*
सितम्बर 1, 2017
हाल ही में केरल कोट्टियूर में सेंट #सेबास्टियन चर्च के #कैथोलिक पादरी 48 वर्षीय फादर रोबिन उर्फ मैथ्यू वडकनचेरिल को 16 वर्षीय #नाबालिक से बलात्कार के आरोप में तब गिरफ्तार किया गया, जब वह #विदेश भागने की फिराक में था । मामला गत वर्ष मई का है । किन्तु इसका खुलासा तब हुआ, जब इस 16 वर्षीय अविवाहिक लड़की ने कोथुपरमवा के एक निजी #अस्पताल में #शिशु को जन्म दिया ।
Minor raped by pastor Media is silent |
इस मामले में उस तरह का हंगामा, समाचार पत्रों के मुख्यपृष्ठों पर सुर्खियां और न्यूज #चैनलों पर लंबी बहस नहीं दिखी, जो हिन्दू संतों पर लगे #यौन -उत्पीड़न के आरोप के बाद नजर आती है ।
क्या किसी जघन्य अपराध के आरोपी पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए ?
यदि उसका उत्तर 'हाँ' में है, तो इस मामले में मीडिया की चुप्पी का कारण क्या है ?
कोट्टियूर में चर्च से संबधित इस तरह का मामला देश में नया नहीं है । बीते कई वर्षो से भारत में विभिन्न कैथोलिक अधिष्ठान, चाहे वह चर्च हो या फिर कॉन्वेंट स्कूल, कई बार इस घृणित अपराध से कलंकित हो चुके हैं। किन्तु इसके विरोध में मीडिया, स्वघोषित #सेक्युलर-उदारवादी जमात और स्वयंसेवी संस्थाओं ने मुँह तक नहीं खोला ।
कोट्टियूर की घटना से पूर्व, केरल के ही #एर्नाकुलम में एक नाबालिक लड़की से बलात्कार के आरोपी 41 वर्षीय #पादरी एडविन को एक साथ दो-दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी ।
कोच्चि में एक #कॉन्वेंट स्कूल के #प्रिंसिपल फादर कुरियाकोस को #पुलिस ने एक लड़के से कुकर्म के आरोप में गिरफ्तार किया था ।
2014 में केरल के ही #त्रिचूर में #सेंटपॉल #चर्च के पादरी पर 9 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने अपना शिकंजा कसा था ।
फरवरी-अप्रैल 2014 में ही केरल में तीन कैथोलिक पादरी बच्चों से #बलात्कार के मामले में कानून की पकड़ में आए थे ।
वर्ष 2016 में #प.बंगाल में भी एक पादरी पर महिला से दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगा था ।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में नवी कक्षा की नाबालिग छात्रा के साथ शाम 6 बजे प्रार्थना कराने बहाने अंदर ले गया और बलात्कार किया ।
श्री नगर के 32 वर्षीय बीजूमन #के. एल. पादरी #शादी के बहाने #19 वर्षीय एक #लड़की को पेय पदार्थ में #नशीली #चीजें मिलाकर पिलाने के बाद उससे #बलात्कार करता था ।
हाल ही में आस्ट्रेलिया की कैथोलिक चर्च ने #ईसाई पादरियों के #3066 बच्चों के #यौन-शोषण करने के मामले में #करीब 21 करोड़ 20 लाख 90 हजार अमेरिकी डॉलर (1426 करोड़ रुपए) का हर्जाना दिया है।
सन् 2002 में आयरलैंड को अपने #पादरियों के #यौन-शोषण के #अपराधों के कारण #12 करोड़ 80 लाख डॉलर का दंड चुकाना पड़ा था ।
यह तो कुछ ही नमूने हैं जो धर्म के ठेकेदार ईसाई पादरी के काले कुकर्मों को उजागर करते हैं पर लगभग कई ईसाई चर्चो में ये काम चल रहा है, लेकिन मीडिया इसको नही बतायेगी क्योंकि मीडिया अधिकतर विदेशी फंड से चलने वाली है, #मीडिया केवल #हिन्दू धर्म में ही बुराई दिखाएगी, #हिन्दू संतों पर #श्रद्धा करने पर #अंधश्रद्धा #बतायेगी ।
क्या यह एक षड्यंत्र नही है?
अभी हाल ही में बाबा राम रहीम पर आरोप सिद्ध होने पर उनके खिलाफ कई मनगढंत कहानियां बनाकर परोसी जा रही है कि उनके जैसा कोई दुनिया में अपराधी ही न हो, जबकि अभी उनके पास हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बाकी है कई बार ऐसा हुआ है कि नीचली अदालत ने दोषी करार दिया और ऊपरी कोर्ट ने निर्दोष बरी किया हो । कोर्ट ने अपना डिसीजन दिया लेकिन बिना तथ्य की झूठी खबरें जनता में परोस रही है वो कहां तक उचित है?
बाबा कोर्ट में रोये , अपनी गाड़ी में और जेल में अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म किया, गुफा में दुष्कर्म होते है, ये सब #झूठी #कहानियां बनाना कहाँ तक उचित है?
कल यही मीडिया बाबा राम रहीम की फिल्म प्रमोट कर रही थी, उनका प्रचार कर रही थी अचानक क्या हुआ कि उनके खिलाफ अभियान चल पड़ा?
क्या यह एक बड़ा षडयंत्र नही है?
इस बारे में प्रखर राष्ट्रवादी चैनल सुदर्शन न्यूज के मालिक श्री सुरेश चव्हाणके ने बताया कि अधिकतर मीडिया को #ईसाई मिशनरियों की #वेटिकन सिटी और #अरब देश से #फंडिग होती है, जिससे वे #हिन्दू संस्कृति को #तोड़ने और #हिन्दू साधु-संतों के प्रति भारत की #जनता के मन में #नफरत #पैदा करने का #काम करते हैं । वे #हिन्दुओं के #मन में ये डालने का प्रयास करते हैं कि आपके #धर्मगुरु तो अपराधी हैं आप #हिन्दू धर्म #छोड़कर #हमारे #धर्म मे आ #जाओ । ये उनकी थ्योरी है ।
अब आपके मन में प्रश्न होता होगा कि उनको इससे क्या फायदा होगा?
आपको बता दें कि भारतीय #मीडिया को हिन्दू संतों को बदनाम करने के लिए और #पादरियों के #दुष्कर्म छुपाने के लिए पैसा मिलता है ।
अगर हिन्दू साधु-संतों के प्रति देशवासियों की आस्था बनी रही तो भारत में धर्मांतरण का कार्य आसानी से नहीं होगा।
अब सवाल है कि धर्मांतरण करवाने से उनको क्या फायदा मिलेगा..??
भारतीय #संस्कृति वो उत्तम और पवित्र संस्कृति है जो हमें कम सुविधाओं में भी सुखी स्वस्थ और सम्मानित जीवन जीने की शैली देती है । पश्चिम संस्कृति में भोग की प्रधानता है जबकि भारतीय संस्कृति में योग की प्रधानता है । ये वो #संस्कृति है जो मानव को #महेश्वर तक की यात्रा कराने में सक्षम है और दूसरी ओर पाश्चात्य संस्कृति बाहरी चकाचौंध वाले जीवन को ही सर्वस्व समझती है।
अब अगर भारत पर राज्य करना है तो सबसे पहले भारतवासियों का नैतिक व चारित्रिक पतन कराना होगा व इनके आस्था के केंद्र साधु-संतों को तोड़ना होगा ।
यही काम #मीडिया द्वारा #मिशनरियाँ करा रही हैं हिन्दू #साधु संतों के प्रति समाज के मन में #नफरत पैदा करके ।
अतः हिन्दू सावधान रहें!
बिकाऊ मीडिया और सेकुलर लोगो से,नहीं तो फिर से हिंदुस्तान गुलामी की जंजीरों में जकड़ा जाएगा ।
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