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Friday, July 7, 2017

सरकारी गौशाला का बुरा हाल, हर दिन दो से तीन गाय की होती है मौत

सरकारी गौशाला का बुरा हाल, हर दिन दो से तीन गाय की होती है मौत
 
जुलाई 07 2017
cow deathes



राजस्थान के उदयपुर में सरकारी गोशाला में गायों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। हर दिन गायों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। यहां के तितरडी इलाके में नगर निगम की गौशाला में पिछले 6 महीनों में 150 गायों की मौत हो चुकी है।

करोड़ों की लागत से बने इस काइन हाउस में बड़ी संख्या में गायों का पालन चल रहा है। मगर पिछले कुछ महीनों में यहां की स्थिति बदतर होती जा रही है। हर दिन गाय की मौत की खबरें आने लगी हैं।

 बताया जा रहा है कि गौशाला में देखभाल का अभाव और गायों को चारा देने की लापरवाही के चलते वो मौत का शिकार हो रही हैं। यही वजह है कि पिछले 6 महीनों में 150 से ज्यादा गाय और बछड़े दम तोड़ चुके हैं।

हर दिन 2-3 गाय की मौत !!

गौशाला में तैनात कर्मचारियों की मानें तो हर दिन यहां 2 से 3 गाय मौत के काल में समा रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन इसकी सुध लेने को राजी नहीं है।

बारिश की भेंट चढ़ा चारा !!

गायों के लिए खरीदा गया चारा बारिश की भेंट चढ़ रहा है। वहीं पीने का पानी दूषित हो चुका है। साथ ही गोशाला के अंदर साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


क्षमता से ज्यादा गाय !!

इस काइन हाउस की क्षमता 250 गाय रखने की है। मगर इससे आगे बढ़कर मौजूदा वक्त में यहां 325 गाय हैं। गाय, बैल और बछड़े सभी एक छत के नीचे पल रहे हैं। नवजात बछड़ों को रखने के लिए भी अलग से व्यवस्था नहीं की गई है। 

आपको बता दें कि कुछ समय पहले #जयपुर की #हिंगोलिया_गौशाला में दो सप्ताह में 500 गायों की मौत हो चुकी है ।


#बीजेपी शासित #राज्य #राजस्थान की #सीएम वसुंधरा राजे ने साल 2015 में #मुख्यमंत्री बनने के बाद #गायों को लेकर सक्रियता खूब दिखाई। लोगों को गाय की पूजा करने की शपथ भी दिलाई । लेकिन सच में राजस्थान की #सरकार #गौ_माता के लिए कितनी गंभीर है इसका उदाहरण हिंगोनिया और उदयपुर की गौशाला है । 

 इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि #राज्य की #वसुंधरा_राजे सरकार ने #गोरक्षा के नाम पर बाकायदा गोरक्षा #मंत्रालय भी बनाया हुआ है । #सरकारी_संरक्षण के बावजूद रोजाना जिस तरह गायें दम तोड़ रही हैं, वो बेहद ही शर्मनाक है ।

अपनी जान की परवाह किये बिना तन-मन-धन से दिन रात गौ रक्षा करने वाले रक्षकों को गुड़ा बोला जाता है ये कहाँ तक उचित है???

#हिन्दुस्तान में जिनको #पुरस्कार देकर सन्मानित किया जाना चाहिए उनको प्रधानमंत्री द्वारा गुंडा बोला जाता है ये कहाँ का न्याय है???

प्रधानमंत्री जी कत्लखाने को #सब्सिडी देना बंद करिये और गौ-रक्षा के लिए उस #पैसें का उपयोग करिये जिससे गौ माता की रक्षा हो पाए ।

वास्तव में कोई भी #पार्टी हो, वह सत्ता के लिए ही सबकुछ करती है । सत्ता पाने के बाद वह सबकुछ भूल जाती है । चुनाव आने से पहले ख्याली पुलाव परोसते हैं, जनता के सामने बाद में ठेंगा दिखा जाते हैं ।

वास्तव में देश की रक्षा तो नि:स्वार्थ रूप से समाज सेवा में रत #संत-#महापुरुष व हिन्दू कार्यकर्ताओं द्वारा ही होती है लेकिन उन्हें बदनाम करके जेल में डाल दिया जाता है । देश में गायों की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए संत #आशारामजी_बापू ने कई गौशालायें खुलवायी,जहाँ पर कत्लखानें से बचाकर हजारों गायों को पाला जा रहा है । #संत_आशारामजी बापू ने सत्संग के माध्यम से करोड़ों लोगों को गाय की महिमा बताकर उनकी सेवा के लिए प्रेरित किया है ।

 ऐसे नि:स्वार्थ सेवा करनेवाले संत के साथ आज वर्तमान सरकार क्या कर रही है ? यह तो दुनियाँ देख ही रही है । 

कई #हिन्दू संतों एवं गौरक्षकों ने गौरक्षा के लिए आवाज बुलंद की , फिर उनको जेल भेज दिया गया या उनकी हत्या करवा दी गई ।

देश की सेवा स्वार्थी तत्त्व, स्वार्थी #एनजीओ, स्वार्थी #राजनेता, स्वार्थी #अभिनेता कभी भी नहीं कर सकता उसे तो अपना काम बनाना है फिर तो कौन पूछता है आम जनता को !!

वास्तव में हम लोगों को वर्तमान में फर्क समझना होगा रक्षक व भक्षक में, स्वार्थी व निस्वार्थी में, देशहितैषी व देशद्रोही में ? 

नहीं तो हम अन्जाने में बड़ी भारी गलती कर सकते हैं । निःस्वार्थ नागरिक ही देश का सबसे बड़ा रक्षक व हितैषी है । इसके लिए संत-महापुरुषों का मार्गदर्शन बहुत ही जरूरी है । खुद भी संत-महापुरुषों का मार्गदर्शन लें व दूसरों को भी प्रेरित करें ।


केवल हमें जय गौमाता, जय #गोपाल का नारा ही नहीं देना है अपितु उसे सार्थक भी करना है और वो सार्थक केवल हमारे प्रयासों से ही संभव है, सरकार के ऊपर निर्भर रहना बेकार है । क्यों न हमलोग खुद ही आगे बढ़े और अपने आसपास गाय की सेवा करके रक्षा करें ।

जयहिंद !!