अक्टूबर 18,2017 www.azaadbharat.org
दीपावली हिन्दू समाज में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है। #दीपावली को मनाने का उद्देश्य #भारतीय #संस्कृति के उस प्राचीन सत्य का आदर करना है, जिसकी महक से आज भी #लाखों लोग अपने जीवन को सुवासित कर रहे हैं। दिवाली का उत्सव #पर्वों का #पुंज है।
Deepawali's mysterious events in history, Deepawali on how to increase happiness and wealth? |
भारत में इस उत्सव को मनाने की परंपरा कब से चली, इस विषय में बहुत सारे अनुमान किये जाते हैं। एक अनुमान तो यह है कि आदिमानव ने जब से अग्नि की खोज की है, शायद तभी से यह उत्सव मनाया जा रहा है। जो भी हो, किंतु विभिन्न प्रकार के कथनों और #शास्त्रवचनों से तो यही सिद्ध होता है कि भारत में दिवाली का उत्सव प्रतिवर्ष मनाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
दीपावली त्यौहार #हिन्दू, #जैन एवं #सिक्ख समुदाय और #प्राणी_मात्र के लिए बेहद खास है। रामायण ही नहीं बल्कि महाभारत में भी दिवाली मनाए जाने की वजह बताई गई है।
आइए हम आपको दीपावली को लेकर #रहस्यमय 9 घटनाएँ बताते हैं...
1. दीपावली के दिन #रावण का वध करके 14 साल के वनवास के बाद भगवान #राम पत्नी #सीता और भाई #लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आए थे। इस दिन नगरवासियों ने पूरे नगर को सजाकर दिये जलाए थे ।
2. दीपावली के दिन #समुंद्र #मंथन से माँ #लक्ष्मी का प्रागट्य हुआ।
3. दीपावली के दिन राजा विक्रमादित्य का राजभिषेक हुआ।
4.दीपावली के दिन स्वामी #दयानन्द सरस्वती जी ने आर्य समाज की स्थापना की।
5. दीपावली के दिन #हरगोविंद सिंह जी जहांगीर के चुंगल से मुक्त हुए।
6. दीपावली के दिन #पांडव 12 साल के अज्ञातवास के बाद वापस आए थे। नगर की प्रजा ने इस दिन दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।
7. दीपावली के दिन #महावीर तीर्थंकर जी ने मोक्ष प्राप्त किया ।
8. दीपावली के दिन गुरु #गोविन्दसिंह विजययात्रा पर निकले थे।
9. दीपावली के दिन भगवान #विष्णु ने वामन अवतार धारण करके लक्ष्मी जी को बाली की कैद से छुड़ाया था।
यह उत्सव केवल #सामाजिक, आर्थिक और नैतिक उत्सव ही नहीं वरन् आत्मप्रकाश की ओर जाने का संकेत करने वाला, #आत्मोन्नति कराने वाला उत्सव है।
आपको बता दे कि दीपावली केवल भारत मे ही नही वरन जापान, अमेरिका, थाईलैंड आदि देशों में भी धूम-धाम से मनाया जाता है ।
सुख-सम्पदा-आरोग्य बढ़ाने हेतु
(1) दीपावली के दिन नारियल व खीर की कटोरी लेकर घर में घूमें । घर के बाहर नारियल फोड़ें और खीर ऐसी जगह पर रखें कि कोई जीव-जंतु या गाय खाये तो अच्छा है, नहीं तो और कोई प्राणी खाये । इससे घर में धन-धान्य की बरकत में लाभ होता है ।
(2) घर के बाहर हल्दी और चावल के मिश्रण या केवल हल्दी से स्वस्तिक अथवा ॐकार बना दें । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है । द्वार पर अशोक और नीम के पत्तों का तोरण (बंदनवार) बाँध दें । उससे पसार होनेवाले की रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी ।
(3) आज के दिन सप्तधान्य उबटन (पिसे हुए गेहूँ, चावल, जौ, तिल, चना, मूँग और उड़द से बना मिश्रण) से स्नान करने पर पुण्य, प्रसन्नता और आरोग्यता की प्राप्ति होती है । दिवाली के दिन अथवा किसी भी पर्व के दिन गोमूत्र से रगड़कर स्नान करना पापनाशक स्नान होता है ।
(4) इन दिनों में चौमुखी दीये जलाकर चौराहे पर चारों तरफ रख दिये जायें तो वह भी शुभ माना जाता है ।
(5) दीपावली की रात को घर में लक्ष्मीजी के निवास के लिए भावना करें और लक्ष्मीजी के मंत्र का भी जप कर सकते हैं । मंत्र : ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद्महे । अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि । तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ।
6) घर में विसंवादिता मिटाने के लिए गौ-चंदन अगरबत्ती पर देशी गाय का घी डाल के जलायें, घर के लोग मिलकर ‘हरि ॐ’ का गुंजन करें । दीवाल पर या कहीं भी अपने नेत्रों की सीध में इष्टदेवता या सद्गुरु के नेत्र हों, उन्हें एकटक देखें और आसन बिछाकर ऐसी ध्वनि (ॐकार का गुंजन) करें । और दिनों में नहीं कर सकें तो दिवाली के पाँच दिन तो अवश्य करें, इससे घर में सुख-सम्पदा का वास होगा । परंतु यह है शरीर का घर, तुम्हारा घर तो ऐसा है कि महाराज ! सारी सुख-सम्पदाएँ वहीं से सबको बँटती रहती हैं और कभी खूटती नहीं । उस अपने आत्म-घर में आने का भी इरादा करो । ( स्त्रोत: ऋषि प्रसाद : नवम्बर 2012)
संसार की सभी जातियाँ अपने-अपने उत्सव मनाती हैं। प्रत्येक समाज के अपने उत्सव होते हैं जो अन्य समाजों से भिन्न होते हैं, परंतु #हिंदू #पर्वों और #उत्सवों में कुछ ऐसी विशेषताएँ हैं, जो किसी अन्य जाति के उत्सवों में नहीं हैं। हिन्दू वर्षभर उत्सव मनाते रहते हैं। एक #त्यौहार मनाते ही अगला त्यौहार सामने दिखाई देता है। इस प्रकार पूरा वर्ष आनन्द से बीतता है।
हिंदू धर्म की मान्यता है कि सब #प्राणियों में अपने जैसी आत्मा समझनी चाहिए और किसी को अकारण दुःख नहीं देना चाहिए। संभवतः इसी बात को समझने के लिए #पितृपक्ष में कौए को भोजन देने की प्रथा है। नाग पंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाया जाता है। कुछ अवसरों पर कुत्ते को भोजन दिया जाता है।
हर ऋतु में नयी फसल आती है। पहले वह ईश्वर को अर्पण करना, फिर #मित्रों और संबंधियों में #बाँटकर खाना – यह हिंदू परंपरा है। इसीलिए दिवाली पर खील-बताशे, मकर संक्रांति यानि #उत्तरायण पर्व पर तिल गुड़ #बाँटे जाते हैं। अकेले कुछ खाना हिंदू परंपरा के विपरीत है। पनीरयुक्त मिठाइयाँ स्वास्थ्य के लिए हानिकर हैं। स्वामी #विवेकानंद #मिठाई की दुकान को साक्षात् यम की दुकान कहते थे। अतः दिवाली के दिनों में नपी तुली घर मे बनी हुई मिठाई खानी चाहिए।
भारत के वे #ऋषि-मुनि धन्य हैं, जिन्होंने दीपावली – जैसे पर्वों का आयोजन करके मनुष्य को मनुष्य के नजदीक लाने का प्रयास किया है तथा उसकी सुषुप्त #शक्तियों को जागृत करने का संदेश दिया है।
*आप सभी को दीपावली पर्व की शुभकामनायें*
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