Thursday, December 7, 2023

मीडिया ने इस खबर को दिखाया ??? मस्जिद में मासूम बच्ची से बलात्कार, खून से लथपथ पहुँची घर

08 December 2023

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🚩जब भी किसी पवित्र हिंदू साधु-संत पर साजिस के तहत झूठा आरोप भी लगता है तो इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया इस तरह खबर चलाती है कि जैसे न्यायालय में अपराध सिद्ध हो गया हो, सेक्युलर भी जोरों से चिल्लाने लगते हैं और हिंदू धर्म पर टिप्पणियां करने लगते हैं और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इल्जाम लगते ही न्यूज चालू हो जाती है अनेक झूठी कहानियां बन जाती है। इससे तो यह सिद्ध होता है कि मीडिया को इस बात का पहले ही पता होता है कि कौन से हिन्दू साधु-संत पर कौन सा इल्जाम लगने वाला है? और उनके खिलाफ किस तरीके से झूठी कहानियां बनाकर खबरें चलाना है? क्या लगता है यह सब पहले से ही तय कर लिया जाता होगा?


🚩वहीं दूसरी ओर किसी मौलवी या ईसाई पादरी पर आरोप सिद्ध हो जाये, तभी भी न मीडिया खबर दिखाती है और ना ही सेक्युलर कुछ बोलते हैं।कोई मीडिया दिखाती है तो थोड़ी बहुत दिखाकर चुप हो जाते है और कुछ मीडिया तो मौलवी अथवा पादरी रेप करता है तो उसकी जगह हिंदू साधु संत का कार्टून बनाया जाता हैं। इससे साफ होता है कि ये गैंग केवल हिंदुत्व के खिलाफ है।


🚩मौलवी ने किया मासूम बच्ची का बलात्कार


🚩उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की एक मस्जिद में 11 साल की बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में पुलिस ने मौलवी मुंतजिर आलम को गिरफ्तार किया है। 30 साल का आलम मस्जिद में बच्चों को उर्दू की तालीम देता था। घटना कुरारा थाना क्षेत्र की है।


🚩हमीरपुर सदर के सीओ राजेश कमल ने बताया है कि बुधवार (29 नवंबर 2023) को एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई थी। कुरारा पुलिस ने उपयुक्त धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। प्रभारी निरीक्षक श्रीप्रकाश यादव के मुताबिक आरोपित मौलाना पर बलात्कार के साथ ही पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।


🚩पीड़ित बच्ची के चाचा ने इस संबंध में कुरारा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक बुधवार सुबह 7 बजे 11 साल की बच्ची अपने छोटे भाई के साथ घर से मस्जिद में ऊर्दू पढ़ने के लिए गई थी। जब बच्ची मस्जिद में पढ़ने के लिए पहुँची तो आरोपित मौलाना ने बच्ची के भाई को टॉफी देकर बाहर पढ़ने बैठा दिया। इसके बाद मौलवी बच्ची को मस्जिद में बने एक कमरे के अंदर ले गया। वहाँ जाते ही मौलवी ने दरवाजा बंद कर बच्ची के साथ दरिंदगी की।


🚩बच्ची के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुन मस्जिद में पढ़ने आए अन्य बच्चों ने बाहर से दरवाजा पीटना शुरू किया। उसके बाद आरोपित मौलवी ने बच्ची को छोड़ा। पीड़ित बच्ची खून से लथपथ होकर घर पहुँची तो परिवार वालों के होश उड़ गए। उसने अपनी माँ को खुद के साथ हुई दरिंदगी के बारे में बताया। इसके बाद परिवार थाने पहुँचा।


🚩जानकारी के मुताबिक आरोपित मौलवी मुंतजिर आलम बिहार के पूर्णिया जिले के कोचगढ़ का रहने वाला है। वह करीब 4-5 साल पहले हमीरपुर आया था। मुस्लिम समाज की रजामंदी से उसे मस्जिद में समाज के बच्चों को ऊर्दू पढ़ाने के लिए रखा गया था।


🚩आपको बता दे की इससे विपरीत रेप की झूठी खबर किसी भी हिन्दू धर्म गुरु से जुड़ी होती तो मीडिया में इतनी खबरें दिखाई जाती कि भारत के अलावा अन्य देशों में भी पता चल जाता । मौलवियों के ऐसा एक मामला सामने नहीं आया है ऐसे तो सैंकड़ो मामले हैं । इसी तरह चर्च के ईसाई पादरियों के खिलाफ भी अनेक दुष्कर्म के मामले समय-समय पर सामने आए हैं पर इस पर मीडिया नहीं दिखाती है। क्या मीडिया को पवित्र हिन्द साधु-संतों को बदनाम करने और ईसाई पादरियों एवं मौलवियों के दुष्कर्म की खबर छुपाने के लिए फंडिग मिलती होगी?


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Wednesday, December 6, 2023

डॉ.अम्बेडकर ने दलित-मुस्लिम एकता के बारे में क्या कहा था ?

7 December 2023

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🚩आज बड़ी संख्या में दलित चिंतक हो गए हैं जिन्हें न तो दलित संस्कृति के बारे में जानकारी है न ही उनकी परंपरा का ज्ञान, एक मेधावी चिंतक विचारक महाराष्ट्र में डॉ भीमराव रामजी पैदा हुए वे इतने मेधावी थे कि उनके गुरु ने अपना गोत्र नाम दे दिया वे डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर हो गए ।इतने प्रतिभा संपन्न थे कि उनकी शिक्षा लन्दन में हो, बड़ोदरा राजा ने उन्हें क्षात्रवृति दिया और वे अपने गुरु के आशीर्वाद और वड़ोदरा राज़ की सहायता से भारत ही नहीं विश्व के ख्याति नाम चिंतक हो गए, वे विचारक थे भारत के दबे कुचले समाज के बारे में करुणा थी, उन्होंने कहा कि वैदिक काल में छुवा -छूत, भेद -भाव नहीं था ये इस्लामिक काल की देंन है, फिर क्या था वे बढ़ते गए संत कबीर के तरफ,

वे बढ़ते गए संत रविदास की ओर, वे बढ़ते गए एतरेय ब्रह्मण के प्रवक्ता महिदास एतरेय की ओर , वे बढ़ते गए महर्षि बाल्मीकि की ओर, वे बढ़ते गए वैदिक ऋषि मामतेय दीर्घतमा, वैदिक ऋषि कवष ऐलूष की ओर, उनके अंदर हीन भावना  छू तक नहीं गयी थी ।


🚩डॉ. अम्बेडकर ने कहा “हम मुसलमानों के साथ नहीं जा सकते क्योंकि मुसलमानों का भाई चारा केवल मुसलमानों के लिए है न की अन्य समाज के लिए” वे हमारे सीधे- साधे समाज को निगल जायेंगे हमारी परंपरा संस्कृति समाप्त हो जाएगी, हमारे वैदिक वांग्मय में छुवा छूत, भेद-भाव नहीं था ये इस्लामिक काल की देंन है हम इसी समाज में रहकर इसे दूर करेंगे उन्होंने कहा वेदों में जिन शुद्र का वर्णन है वे आज के शुद्र नहीं आज के शुद्र इस्लाम की देन है, भारतीय दर्शन की ही देन है कि दलित समाज में जाग्रति आयी है वे चौतरफा उन्नति कर रहे हैं वे उन सभी सुख सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं जिसे तथा कथित सवर्ण समाज कर रहा है हिन्दू समाज में भेद- भाव लगभग समाप्त सा हो गया है हाँ अभी गांव इससे उबर नहीं पा रहे हैं लेकिन उन्होंने राह पकड़ ली है हाँ कुछ राजनैतिक दल इसमे वाधा आज भी बने हुए हैं जिन्होंने 60-65 वर्षों तक शासन किया है वे इसके लिए जिम्मेदार हैं, जो दलितों के बारे में अधिक सहानुभूति दिखाते हैं जैसे वामपंथी दल और कोंग्रेस आदि जो केवल बोलते है इनके लिए कुछ करते नहीं, क्या इन लोगो ने दलितों की उन्नति और विकास के लिए कुछ किया तो इसका उत्तर एक ही है कि कुछ भी नहीं–? कहीं दलित मुस्लिम एकता के नाम पर इन्हे देश विरोधी ताकतों के साथ जोड़ने का प्रयास तो नहीं ! भारत तेरे टुकड़े होंगे “इंशा अल्ला- इंशा अल्ला” का नारा लगाने वाले इस्लामवादी और वामपंथी दलित मुद्दों को हाईजैक कर कुछ दूसरा ही जामा पहनाने का प्रयत्न कर रहे हैं कई अतिवादी संगठन दलितों को हिन्दूवाद से बचाने के नाम पर भारत के खिलाफ जंग को भी न्यायसंगत बताने लगे हैं, इसी तरह ‘चर्च तत्व’ दलितों के खिलाफ होने वाले भेद-भाव के नाम पर भारत पर प्रतिबन्ध लगाने की पश्चिमी देशों मे मांग करते हैं इनसे सावधान रहने और इन्हे पहचानने की जरूरत है।


🚩इसके उलटा जिसे दलित विरोधी सिद्ध किया जा रहा है (आरएसएस) इन्ही दलित, जन जातियों के बीच एक लाख से अधिक सेवा कार्य करता है जिसमे शिक्षा, संस्कार और स्वस्थ द्वारा उनके उन्नति व बराबरी का मार्ग प्रसस्त होता दिख रहा है, इस कारण केवल भाषण नहीं तो व्यवहार के द्वारा होना चाहिए, जहां देश के विकाश मे दलितों की सहभागिता है वहीं समाज मे समरसता हेतु लंबे संघर्ष का इतिहास भी है, आखिर वैदिक ऋषि दीर्घतमा, कवश एलुष, महर्षि वाल्मीकि, महिदास एतरेय, संत रविदास, संत कबीर दास और डा अंबेडकर, बाबु जगजीवन राम ने संघर्ष कर समाज मे उच्च स्थान प्राप्त किया उसका सिद्धान्त क्या था ? क्या ये इस्लाम मे हो सकता था या ईसाईयत मे संभव है तो नहीं —–!

 

🚩“एकंसदविप्रा बहुधावदन्ती”


🚩यह ऋग्वेद का मंत्र है जिसमे बहुदेव उपासना एक सर्वशक्तिमान परमेश्वर को समर्पित होती है यहाँ भगवान ने हमे एक समान आगे बढ़ने प्रगति करने शास्त्रार्थ करने का अवसर दे लोकमत का भाव पैदा किया, देवता बहुत हो सकते हैं उसकी शक्तियाँ विविध हो सकती हैं किन्तु वे एक ही परमशक्ति के अधीन है यही एकम है, इसी को भगवान कृष्ण ने गीता मे कहा तुम किसी प्रकार से किसी की पूजा करते हो वह हमे प्राप्त होता है, इसी आधार पर हिन्दू धर्म मे मत, पंथ, संप्रदाय, दर्शन तथा विचार विकसित हुए, वे सभी इसी ऋग्वेद, गीता से प्रेरित हैं, मौलिक सिद्धान्त “एक विराट पुरुष” की संकल्पना जो सदैव जोड़ने तथा गंगाजी के समान शुद्ध रहने की प्रक्रिया, इसी कड़ी को हमारे चिंतकों ने आगे बढ़ाते हुए कहा –

सर्वेभवन्तु सुखिना सर्वेसन्तु नीरामया।

सर्वेभद्राणी पश्यंतु माकश्चित दुख भागभवेत॥


🚩महर्षि दयानन्द सरस्वती कहते हैं कि यह कोई कामना नहीं है वरन ईश्वर का निर्देश है कि सबसे सुखी वही व्यक्ति होगा जो अपना सम्पूर्ण जीवन दूसरों को सुखी देखने मे लगा देता है, यही हिन्दू धर्म की सर्वमान्य, सर्व कल्याणकारी भावना है इसी का अनेक प्रकार से भारत के सभी दर्शन व सभी धार्मिक ग्रन्थों मे प्रतिपादित किया गया है।

http://www.dirghtama.in/2016/09/blog-post.html?m=1


🚩गीता मे भगवान कहते हैं –

“ते प्राप्नुवंति मामेव सर्वभूतहिते रताः” ॥ (गीता 12-4)

अर्थात “सभी की भलाई मे जो रत हैं वे मुझको ही प्राप्त होते हैं”, इसी भाव को वेदब्यास ने भी अपने शब्दों मे व्यक्त किया है “परोपकारा पुण्याय पापाय परपीडनम” दूसरों पर उपकार करना ही पुण्य तथा दूसरे को दुख देना ही पाप है, स्वामी विवेकानंद कहते हैं सब जग सुखी रहे ऐसी दृढ़ इच्छा शक्ति रखने से हम सुखी होते हैं, गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं “परहित सरिस धर्म नहिं भाई”, यही हिन्दू धर्म है इससे विकसित स्वरूप को हिन्दू संस्कृति कहते हैं।


🚩कहीं कोई भेद नहिं –

ईशा वास्यमिद सर्व यत्किंचित जगत्यान जगत।

तेन तक्तेन भूञ्जिथामा गृधह कस्य स्विद्धनम ॥


🚩अर्थात सम्पूर्ण जगत मे ईश्वर व्याप्त है ईश्वर को साथ रखते हुए त्याग पूर्ण इसका उपयोग करो इसमे आसक्त मत होवों भारतीय दर्शन के इस मंत्र की प्रथम पंक्ति ने ही मानवीय समाज रचना के ताने-बाने की आधार शिला रख दी। ऋषि यज्ञवल्क्य इसी विचार को “एष त आत्मा सर्वातरा” (बृहदारण्यकों उपनिषद 3-4-2) अर्थात जो आत्मा मेरे अंदर है वही सभी के अंदर है “सम सर्वेषु तिश्ठंत परमेश्वरम” (गीता 13-27) अर्थात सभी के अंदर ईश्वर संभव से विराजमान है इसी सत्य को बारंबार ग्रन्थों मे ऋषियों ने कहा है ।

“ते अज्येष्ठा अकनिष्ठास उद्भिदों मध्यमासों महसा वि वावृधु”॥ (ऋग्वेद 5-59-6)


🚩अर्थात पृथ्वी पुत्रों मे उनमे -हममे कोई श्रेष्ठ नहीं कोई कनिष्ठ नहीं वे हम समान हैं मिलकर अपनी अपनी उन्नति करते हैं एक कदम और आगे चलकर ऋषि कहते हैं हम सभी भाई रूप मे एक दूसरे को आगे बढ़ाते हैं, इसी मानवता व स्वतन्त्र विचार को लेकर आदि काल से हिन्दू समाज को बिना किसी विकृति के आगे बढ़ता रहा और बीच के काल मे जब बौद्ध विचार बढा तो सभी ग्रन्थों का लोप प्राय हो गया प्रतिकृया मे ऋषि विचार को भ्रमित करने का प्रयास किया गया परिणाम देश गुलामी के आगोश मे आ गया, इस्लामिक काल मे जो धर्म रक्षक थे उन्हे ही पद्दलित करने का प्रयास किया गया।

एकता की विचित्र बातें


🚩“दलित मुस्लिम भाई-भाई हिन्दू जाती कहाँ से आयी”- “इस्लाम जिंदावाद, अंबेडकर जिंदवाद” के पोस्टर लगाने वाले संगठन क्या इस्लाम और मुस्लिम राजनीति को लेकर अंबेडकर की लेखनी पर अपना विचार स्पष्ट करेंगे–! अगर दलित संगठन यह मानते हैं कि अंबेडकर द्वारा दिखाये गए “धम्म मार्ग” भारत के लिए उचित है तो वे कभी इसे लेकर मुस्लिम समाज मे क्यों नहीं गए ? अंबेडकर ने स्पष्ट लिखा है कि इस्लाम ने ही भारत वर्ष से “बौद्ध धर्म” का सम्पूर्ण विनाश किया था मध्य काल मे इस्लामी हमलों ने बड़े पैमाने पर “बौद्ध मठों” और “विहारों” का विध्वंश किया और बौद्ध जनता का जबरन धर्मांतरण भी, क्या उनकी ओर से यह बताया जायेगा कि भारत के विभाजन पर अंबेडकर, सरकार और आरएसएस के विचारों मे कितना अंतर है—–?


🚩दरअसल दलित-मुस्लिम एकता की पुरी राजनीति ही अंबेडकर के “प्रबुद्ध भारत” की कल्पना के विरुद्ध है इसमे विदेशी और चर्च का षडयंत्र दिखाई देता है, ऐसे विचार डॉ अंबेडकर के विचारों का हनन भी है, क्या किसी पठान, शेख और सैयद के दरवाजे पर कोई छोटी जाती का मुसलमान बैठने को पाता है–! शिया को सुन्नी की मस्जिद मे जाने नहीं देता, तो बहाई को किसी शिया मस्जिद मे, इतना ही नहीं किसी भी पठान की मस्जिद मे कोई जुलाहा, धुनिया व अन्य मुसलमान जा सकता है क्या-? गया के अंदर एक ह्वाइट हाउस मस्जिद है जहां जो भूमिहार से मुसलमान हुए हैं वही जा सकते हैं, यह केवल ऊपर से दिखाई देने वाली बात है आज असली मुसलमान होने का युद्ध जारी है सभी असली खलीफा बनने के लिए आतंकवाद मे विश्व को झोकने को तैयार हैं वे दलितों के साथ क्या न्याय करेंगे-?


🚩क्या दलित मुस्लिम एकता संभव है?


🚩वास्तविकता यह है की ये दलित नहीं ये तो धर्म रक्षकों की संताने हैं यही बात बार-बार डा आबेड़कर ने कही है क्या उसे नजरंदाज किया जा सकता है–! कहीं ऐसा तो नहीं– “एक बार महात्मा गांधी ने अली वंधुओं से पूछा की हिन्दू मुस्लिम एकता कैसे हो सकती है तो आली वंधुओं ने उत्तर दिया जिस दिन सभी हिन्दू इस्लाम स्वीकार कर लेंगे उसी दिन हिन्दू मुस्लिम एकता हो जाएगी”, ये सेकुलर प्रतिकृया वादी नेता कहीं दलित-मुस्लिम एकता के नाम पर उन्हे अपने पूर्वजों व अपनी संस्कृति से दूर तो नहीं करने चाहते, इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है, आज नए-नए दलित चिंतक पैदा हो गए हैं जिनहे अपनी संस्कृति का ज्ञान नहीं है वे केवल प्रतिकृया मे हैं आज भूमंडलीकरण के दौर मे वह अपने मानवीय सम्मान के प्रति सजग और सचेत है किसी भी जातीय श्रेष्ठता को अस्वीकार करता है मध्यम मार्ग पर चलकर सभी मे मानवीय (हिन्दुत्व) संवेदना का आलंगन करने को आतुर है।


🚩धर्म रक्षकों की सन्तानें-


🚩हम सभी को ज्ञान होना चाहिए कि वैदिक कल मे ही नहीं बल्कि महाभारत काल मे ये जातियाँ नहीं थी उन शास्त्रों मे वंश का वर्णन मिलता है इस्लामिक हमले मे जो जातियाँ धर्म रक्षक थी वही काल के गाल मे समा गईं मंदिरों की रक्षा व पूजा का भार क्षत्रियों व पुरोहितों का था वे पराजित हुए उन्हे या तो “इस्लाम स्वीकार करो या मैला उठाओ” उन्होने धर्म बचाया वे मुस्लिम दरबार मे काम करते थे लेकिन उनका छुवा पानी भी नहीं पीते थे धीरे-धीरे वे अछूत हो गए उनका मान भंग हुआ भंगी कहलाए, संत रविदास “चमरशेन वंश” के राज़ा थे स्वामी रामानन्द के शिष्य सन्यासी थे दिल्ली शासक सिकंदर लोदी से संघर्ष मे पराजित लेकिन भारत मे सर्वमान्य साधू सर्वाधिक शिष्य थे इनके पास, सिकंदर लोदी ने सदन कसाई को रविदास के पास मुसलमान बनाने हेतु भेजा वे इस्लाम नहीं स्वीकार करने की सज़ा चांडाल घोषित उनके शिष्यों ने भी स्वयं को चांडाल घोषित कर लिया “चांडाल” का अपभ्रंश “चमार” हो गया धीरे-धीरे वे अछूत हो गए लेकिन धर्म नहीं छोड़ा, बिहार मे पासवान जाती के लोग हैं वे गहलोत क्षत्रिय हैं गयाजी के “विष्णुपाद मंदिर” की सुरक्षा हेतु ‘राणा लाखा’ के नेतृत्व मे आए थे यहीं बस गए मुसलमानों से सुरक्षित हेतु ‘सुअर’ पालना शुरू कर दिया लड़की की विदाई के समय मुगलों के डर डोली मे छौना रखते वे धीरे धीरे पददलित हो गए और गहलौत से वे ‘दुसाद’ कहलाए, अछूत होना स्वीकार किया धर्म नहीं छोड़ा, वैदिक काल मे ऋषि दीर्घतमा, कवष एलुष, एतरेय महिदास आगे आए तो जहां त्रेतायुग (रामायण काल) मे महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखकर हिंदुधर्म की रक्षा की, वहीं द्वापर- कलयुग के संधि काल (महाभारत काल) मे वेदव्यास ने महाभारत एवं पुराणों को लिख धर्म की रक्षा की, इसी परंपरा की रक्षा करते हुए संत रविदास तथा संत कबीरदास समाज को जागृत कर खड़ा किया।


🚩स्वामी दयानन्द सरस्वती की राह को आसान करते हुए डॉ भीमराव अंबेडकर ने सामाजिक विकृतियों को दूर करते देश के राष्ट्रिय चरित्र को उजागर किया, उन्होने कहा ”मै ईसाई और इस्लाम मत नहीं स्वीकार करुगा नहीं तो हमारी निष्ठा भारत के प्रति न होकर मक्का, मदीना और योरूशलम हो जाएगी इस कारण मै अपने भारतीय धर्म को स्वीकार करता हूँ”, दलित मुस्लिम एकता की बात करने वालों को सबसे अंबेडकर, बाबू जगजीवन राम को पढ़ना समझना चाहिए, “बंगाल मे एक दलित नेता हो गये योगेंद्र नाथ मण्डल जिन्हे डॉ अंबेडकर की वह बात समझ मे नहीं आई जिसमे उन्होने कहा था कि मुसलमानों का भाई चारा केवल आपस यानि मुसलमानों के लिए ही है न कि अन्य समाज के लिए, प्रतिक्रीया मे उन्होने (योगेंद्र मण्डल) ने दलित मुस्लिम एकता कि बात कि और बहुत सारे दलित पिछडी जतियों के लोगो को पाकिस्तान मे रहने का आवाहन किया परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या मे (25%) आज के बंगलादेश मे रह गये उन्होने इस्लाम कि प्रकृति को नहीं समझा जिन्ना ने उन्हे पाकिस्तान का प्रथम कानून मंत्री होने का सौभाग्य प्रदान किया पाकिस्तान बनाते ही परिणाम क्या हुआ-? दलित पिछड़े गरीब हिंदुओं पर हमले शुरू हो गया उनकी बहन- बेटियाँ उठाई जाने लगीं ‘योगेंद्र मण्डल’ चिल्लाते रहे कोई सुनने वाला नहीं उनके कारण आज भी विश्व का सबसे दुखी मनुष्य बंगलादेशी हिन्दू है आखिर क्या हुआ-? योगेंद्र मण्डल का तीन वर्ष भी वे पाकिस्तान मे टिक नहीं पाये उन्होने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री “लियाकत अली” को एक बहुत भाउक पत्र लिखा और प बंगाल के एक गाँव मे जीवन भर पश्चाताप हेतु अनाम जिंदगी बिताई, लेकिन उनके कारण आज लाखों दलित हिन्दू बंगलादेश मे अपनी बहन- बेटियों की इज्जत और जिंदगी बचाने की भीख मांग रहा है”, इस विषय पर दलित चिंतकों को विचार करना चाहिए कि ये दीर्घतमा, कवष एलुष, वाल्मीकि, संत रविदास, संत कबीरदास, भीमराव अंबेडकर और बाबू जगजीवन राम की सन्तानें है जो अपने पूर्वजों को कलंकित नहीं होने देंगे, देश के तोड़क नहीं रक्षक साबित होंगे ॥


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Tuesday, December 5, 2023

लव जिहाद : बलात्कार, धर्मांतरण, गैंग रेप, गर्भपात…

06 December 2023

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🚩हिन्दू समाज ने अपना देश, धन, सम्पति आदि सब त्याग कर दर दर की ठोकरें खाना स्वीकार किया। मगर अपने धर्म से कोई समझौता नहीं किया। अगर ऐसी शिक्षा, ऐसे त्याग और ऐसे प्रेरणादायक इतिहास को हिन्दू समाज आज अपनी लड़कियों को दूध में घुटी के रूप में दे। तो कोई हिन्दू लड़की कभी लव जिहाद का शिकार न बने।


🚩फरीदाबाद में लव जिहाद 


🚩हरियाणा के फरीदाबाद से लव जिहाद का मामला आया है। वहाँ एक नाबालिग हिंदू लड़की को झूठी पहचान बताकर आरिफ ने प्रेम के जाल में फँसाया और उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसके साथ एक साल तक रेप करता रहा। जब लड़की बालिग हो गई तब उसने उसका धर्मांतरण करवाकर जबरन निकाह कर लिया। इसके बाद आरिफ ने अपने भाई-अब्बा सबसे उसका रेप कराया। एक समय आया जब उसके साथ गैंगरेप भी हुआ।


🚩पुलिस को दी शिकायत में लड़की ने अपने साथ हुए अत्याचार के बारे में बताया। पीड़िता ने कहा कि वीर बनकर आरिफ ने उसे फंसाया था। तब वो नाबालिग थी, इसलिए काफी दिनों तक वो वीर बनकर उसके साथ संबंध बनाए रखा। पीड़िता ने कहा कि इसी दौरान उसका रेप किया गया जिसकी वीडियो भी बनाई। बाद में इसी वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर वो ब्लैकमेल करने लगा।


🚩लड़की का कहना है कि जितना समय वो आरिफ के साथ रही उस बीच वो कई बार गर्भवती हुई लेकिन आरोपियों ने उसका गर्भपात करवा दिया। एक 6 माह की बेटी को भी इन लोगों ने मारा। इसके बाद वो पीड़िता को मनाली ले जाकर पहाड़ से धक्का देने का प्लान बनाने लगे। हालाँकि इसी बीच किसी तरह लड़की ने घरवालों को संपर्क किया और उन्हें सारी आपबीती बताई। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुँचा। शिकायत में लड़की ने बताया कि आरिफ के ऊपर और भी मामले दर्ज हैं।


🚩लड़की की शिकायत मिलने के बाद पुलिस अपने स्तर पर मामले की तहकीकात कर रही है। आरिफ के बारे में पता लगाया जा रहा है कि इससे पहले आरिफ के ऊपर किन मामलों में केस है। सेक्टर 16 महिला थाना एसएचओ इंदुबाला का कहना है कि मामले में धर्म परिवर्तन से लेकर गैंगरेप तक की संगीन धाराओं में केस दर्ज हुआ है। 14 लोग लड़की की शिकायत में आरोपित बनाए गए हैं।


🚩आज लाखों बेटियां इन जिहादी दरिंदों के चुंगल में फंसी हुई हैं। कौन मुक्त कराएगा उनको इन पैशाचिक दरिन्दों से । कुछ राजनीतिक पार्टियां, लिबरल कांग्रेसी कम्युनिस्टों आपियों का वह सेकुलर गैंग जो फर्जी सेकुलरिज्म के नाम पर भारत की बेटियों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। शुतुरमुर्ग बनकर अपनी गर्दन को रेत में घुसा करके कुछ नहीं देखना चाहते हैं ।


🚩यहां केवल 1 युवती की ही बात बताई गई लेकिन लाखों हिंदू युवतियां है जो लव जिहाद से पीड़ित है, सैंकड़ों युवतियों ने तो अपनी जान भी गंवा दी है, आज समय है की माता पिता अपने बच्चों को सनातन संस्कृति के अनुसार संस्कार ज़रूर दे नही तो मासूम बेटियां इन दरिंदो के हाथ में जायेगी तो क्या बेहाल होगा वे ऊपर की कहानी के माध्यम से जान ले।


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Monday, December 4, 2023

गौ तस्कर, 110 गोवंश को गाड़ी में ठूँसकर बंगाल लेकर जा रहे थे, 24 की जान निकली...

05 December 2023

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🚩गाय शब्द आते ही बुद्धिजीवियों के एक बड़े वर्ग में बेचैनी आ जाती है, क्योंकि गाय की रक्षा को उन्होंने एक बेहद नए व आयातित शब्द से जोड़ रखा है जिसका नाम मॉब लिंचिंग है। गाय शब्द आते ही सत्ता में भी हलचल मचती है, क्योंकि संसद में गौ-रक्षकों को सज़ा दिलाने के लिए कुछ लोग अपनी सीट तक छोड़ देते हैं और संसद तक नहीं चलने देते हैं। पर गाय हमारी माता है ये हम कैसे और क्यों भूल जाएं...

यह एक अकाट्य सत्य है कि, स्वस्थ्य, सुखी व सम्मानित जीवन जीना है , तो धरती पर गौ माता का रहना अनिवार्य है। गौ रक्षा हम सभी का परम कर्तव्य है।


🚩झारखंड से एक बार फिर गौ तस्करी


🚩मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झारखंड के गिरिडीह में शुक्रवार (1 दिसंबर 2023) को निमियाघाट थाना क्षेत्र के तूरी टोला के नजदीक ये वाहन पकड़े गए। बताया जा रहा है कि इन वाहनों को बंगाल और बांग्लादेश भेजा जा रहा था।


🚩जब पुलिस ने इन वाहनों (2 कंटेनर और 1 पिकअप वैन) को रोककर जाँच करवाई तो देखा तो इनमें टोटल 110 गोवंश ठूँस-ठूँस कर भरे गए थे। तस्कर इन गाड़ियों को बिहार से शेरघाटी होकर बंगाल के कोलकाता ले जा रहे थे। पुलिस ने इस संबंध में 2 ड्राइवरों समेत 8 तस्करों को गिरफ्तार किया।


🚩दैनिक जागरण की रिपोर्ट बताती हैं कि पशुओं को वाहनों के भीतर इतनी क्रूरता से एक के बाद एक डाला गया था कि ये हिल भी नहीं पा रहे थे। पहले कंटेनर में इन्होंने 50 गोवंश भरे थे। दूसरे में 43 गोवंश को लादा गया था। इसके अलावा पिकअप वैन में भी 17 गोवंशी लादे गए थे जिनमें से 8 की मौत हो गई। बताया गया है कि इस घटना के बाद जितने भी गोवंश जिंदा बचे पुलिस ने उन्हें मधुबन गौशाला भेज दिया है।


🚩भारतीय इतिहास में गौहत्या को लेकर कई आंदोलन हुए हैं और कई आज भी जारी हैं। लेकिन अभी तक गौहत्या पर प्रतिबन्ध नहीं लग सका है। इसका सबसे बड़ा कारण राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी होना है। आप कल्पना कीजिये- हर रोज जब आप सोकर उठते हैं तब तक हज़ारों गायों के गलों पर छूरी चल चुकी होती है। गौहत्या से सबसे बड़ा फ़ायदा तस्करों एवं गाय के चमड़े का कारोबार करने वालों को होता है। इनके दबाव के कारण ही सरकार गौहत्या पर प्रतिबन्ध लगाने से पीछे हट रही है। वरना जिस देश में गाय को माता के रूप में पूजा जाता हो वहां सरकार गौहत्या रोकने में नाकाम क्यों है?



🚩आज हमारे देश की जनता ने नरेन्द्र मोदीजी की सरकार चुनी है। सेक्युलरवाद और अल्पसंख्यकवाद के नाम पर पिछले अनेक दशकों से बहुसंख्यक हिन्दुओं के अधिकारों का दमन होता आया है। उसी के प्रतिरोध में हिन्दू प्रजा ने संगठित होकर जात-पात से ऊपर उठकर एक सशक्त सरकार को चुना है। इसलिए यह इस सरकार का भी कर्त्तव्य बनता है कि वो बदले में हिन्दुओं की शताब्दियों से चली आ रही गौरक्षा की मांग को पूरा करे और गौहत्या पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाए।


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Sunday, December 3, 2023

धर्मांतरण गैंग जनजातीय लोगों को चंगाई सभा में बुलाकर देते थे लालच ,9 गिरफ्तार

4 December 2023

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🚩ईसाई मिशनरी गैर ईसाईयों का धर्म परिवर्तन करवाने के लिए पादरियों को मासिक वेतन देकर नियुक्ति करता है। उनका काम दिन-दुखियों की सेवा करना, बीमारों के लिए प्रार्थना करना, चंगाई सभा करना, रविवार को प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित करना होता हैं। इस समय बेहद मीठी भाषा में ईसा मसीह के लिए भेड़ों को एकत्र करना एकमात्र लक्ष्य होता है। यह कार्य स्थानीय लोगों के माध्यम घुलमिलकर किया जाता है। जिससे किसी को आपके पर शक न हो। जितने अधिक धर्म परिवर्तन का लक्ष्य पूर्ण होता है उतना अधिक अनुदान ऊपर से मिलता है। यह कार्य शांतिपूर्वक, चुपचाप, बिना शोर मचाये किया जाता हैं।इस प्रकार से प्रथम चरण में स्थानीय संस्कृति के समान अपने को ढालना होता है। इसीलिए इसे संस्कृतिकरण कहते है। 


🚩सोनभद्र में धर्मान्तरण 


🚩उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भोलेभाले गरीब व जनजातीय लोगों को पैसे का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाली गैंग का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने इस मामले में 42 लोगों पर केस किया था। अब खबर है कि इनमें से 9 आरोपित पकड़ लिए गए हैं। इनकी गिरफ्तारी गुरुवार (30 नवंबर 2023) को हुई और पुलिस ने इस बारे में अगले दिन यानी शुक्रवार को सूचित किया।


🚩आरोप है कि ये सारे लोग गरीबों को चंगाई सभा का आयोजन कर अलग-अलग तरह के लालच देकर उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहे थे। उनकी आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर अपने धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे थे।


🚩छापे में पुलिस को इनके पास से कई ईसाई धर्म वाली पुस्तकें, प्रोपगेंडा फैलाने वाली सामग्री और लैपटॉप मिले है। 


🚩केस पर बात करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि जिले के चोपन थाना क्षेत्र के मलहिया टोला निवासी नरसिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोग आदिवासी लोगों और गरीबों को फर्जी तरीके से ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं। 


🚩हमारे देश के केरल, उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड, गोवा आदि की सरकार तक ईसाई चर्च की कृपा के बिना नहीं चल सकती। हिन्दुओं की इन राज्यों में कैसी दुर्गति है। समीप जाकर देखने से ही आपको मालूम चलेगा। अगर तीसरा प्रभुत्व का चरण भारत के अन्य राज्यों में भी आरम्भ हो गया तो भविष्य में क्या होगा? यह प्रश्न पाठकों के लिए है। हिन्दू समाज को अपनी रक्षा एवं बिछुड़ चुके अपने भाइयों को वापिस लाने के लिए दूरगामी वृहद् नीति बनाने की अत्यंत आवश्यकता है। अन्यथा बहुत देर न हो जाये!


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Saturday, December 2, 2023

‘मस्जिदों को कर दो ध्वस्त, इस्लाम से लड़ने का यही उपाय' -स्वीडन के सत्ताधारी नेता

3 December 2023

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🚩स्वीडन के दक्षिणपंथी नेता जिम्मी अकेस्सन ने कहा है कि पुलिस को उन मस्जिदों की खोज के लिए अभियान चलाना चाहिए और उन्हें ध्वस्त कर देना चाहिए जहाँ लोकतंत्र विरोधी बातें की जा रही है। 


🚩जिम्मी अकेस्सन का कहना है कि ऐसी मस्जिदों को खोजने और फिर उन्हें तोड़ कर ही बढ़ते इस्लामीकरण से लड़ा जा सकता है। जिम्मी अकेस्सन का कहना है कि नई मस्जिदों को बनाने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं दी जानी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि देश में बाहर से आने वाले अवैध घुसपैठियों को मस्जिदें बनाने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए।


🚩अकेस्सन ने कहा, “हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम न मस्जिदों को तोड़ना और सीज करना चालू करें जहाँ से सर्वाधिक लोकतंत्र-विरोधी, स्वीडन-विरोधी, सेमेटिक विरोधी, होमोफोबिक-विरोधी और स्वीडिश समाज विरोधी प्रोपेगंडा निकलता है।”


🚩जिम्मी अकेस्सन स्वीडन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट के नेता हैं। वह सरकार के साथ गठबंधन में भी शामिल हैं। उनकी पार्टी के पास स्वीडन की संसद रिक्स्दाग में 72 सीटें हैं।


🚩प्रधानमंत्री अकेस्सन ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि ये हमारे NATO में शामिल होने के मौके भी कम करता है। गौरतलब है कि स्वीडन NATO में शामिल होना चाहता है लेकिन तुर्की उसे समर्थन नहीं दे रहा है। तुर्की का कहना है कि स्वीडन में इस्लामोफोबिया बढ़ रहा है इसलिए हम उसका समर्थन नहीं करेंगे। स्वीडन में इससे पहले कुरान जलाने की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं।


🚩UP में मस्जिद-इबादतगाहों से उतरवाए गए 3238 लाउडस्पीकर


🚩उत्तर प्रदेश पुलिस ने 23 नवंबर, 2023 से पूरे राज्य की इबादतगाहों और मस्जिदों में लगे अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ अभियान चला रखा है। इस अभियान के तहत 3000 से अधिक लाउडस्पीकरों को उतरवाया गया है। ये लाउडस्पीकर विभिन्न मत-मज़हबों को मानने वाले लोगों की इबादतगाहों पर लगे थे। इसके अलावा 7 हजार से अधिक माइकों की आवाजों को कम करवाया गया। नियमों की अनदेखी करने के चलते 2 जिलों में FIR भी दर्ज हुई है जबकि कई जगहों पर चालान भी काटा गया है।


🚩TOI के मुताबिक इबादतगाहों पर अवैध लाउडस्पीकर के खिलाफ 23 नवंबर से शुरू हुआ ये अभियान 1 महीने यानी 22 दिसंबर तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत अब तक 61399 ऐसी जगहों को चेक किया गया है जहाँ लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। अधिकारियों को सुबह 5 से 7 बजे के बीच इबादतगाहों और मस्जिदों की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।


🚩उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष DG लॉ एंड आर्डर IPS प्रशांत कुमार ने बताया कि जिले से हर दिन ध्वनि प्रदूषण कम करने लिए किए जा रही प्रयासों की आख्या मँगवाई जा रही है।


🚩प्रशांत कुमार ने बताया कि अब तक कुल 3238 लाउडस्पीकरों को विभिन्न इबादतगाहों और मस्जिदों से हटवाया जा चुका है। इसके अलावा 7288 माइकों की आवाज तय मानक से तेज थी जिन्हें कम करवाया गया है। आदेशों की अनदेखी करने के चलते आगरा और प्रतापगढ़ जिले में 1-1 FIR दर्ज की गई है।


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Friday, December 1, 2023

हाईकोर्ट : रेप केस में पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं

02 December 2023

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🚩महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून जरूरी हैं,परंतु आज साजिश या प्रतिशोध की भावना के चलते निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के कानूनों का दुरुपयोग तेजी से हो रहा है । राष्ट्रहित में काम करने वाली सुप्रतिष्ठित हस्तियों एवं संतों के खिलाफ इन कानूनों का राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा भी खूब अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है ।


🚩झूठे रेप केस करने वालों को भी कड़ी सजा होना ही चाहिए , तभी ऐसे cases पर रोक लगाई जा सकती है। 

 

🚩हाईकोर्ट : पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं !!


🚩कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार (28 नवंबर 2023) को एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि बलात्कार के केस में पीड़ित महिला के मात्र बयान को सबसे बड़ा सबूत नहीं माना जाना चाहिए। । दरअसल, जज ने झूठे और बदला लेने के इरादे से बलात्कार के केस दर्ज कराने के मामलों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर यह टिप्पणी की।


🚩मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनन्या बंदोपाध्याय ने कहा, “बलात्कार की पीड़िता के घायल होने को ही ‘स्टर्लिंग विटनेस’ बताया गया है। एक रूढ़िवादी समाज में एक महिला खुद को या अपने परिवार को अपमानित नहीं करती है। ऐसी महिला खराब नैतिक व्यवहार का प्रदर्शन नहीं करती है। हालाँकि, ऐसी स्थिति को सार्वभौमिक नहीं माना जा सकता है।”


🚩जज बंदोपाध्याय ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहाँ पीड़िता ने झूठी कहानी बना कर , बदला लेने के इरादे से रेप के केस दर्ज करवाए हैं। इन टिप्पणियों के साथ ही जज ने रेप और घर में जबरन घुसने के आरोप में जेल काट रहे एक दोषी को अपील की अनुमति दे दी।


🚩मामला साल 2006 का है। दोषी व्यक्ति पर आरोप है कि वह अपने पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर में जबरदस्ती घुस गया। वहाँ महिला को अकेली देखकर उसका बलात्कार किया। इस दौरान दोषी ने महिला के मुँह में कपड़ा ठूँस दिया, ताकि उसकी आवाज कोई सुन ना सके।


🚩महिला ने अपने बयान में कहा था कि जब शख्स पुरुलिया स्थित उसके घर में घुसा था, तब वह अकेली थी। हालाँकि, कोर्ट में जब क्रॉस सवाल हुए तब उसने बताया कि जिस समय शख्स उसके घर में घुसा था, उस वक्त वह अपने बच्चे को स्तनपान करा रही थी।


🚩कोर्ट के ध्यान में यह भी गया कि मेडिकल रिपोर्ट में विशेष तौर पर बलात्कार की बात नहीं है। यहाँ तक कि रेप की घटना के दौरान रेप पीड़िता द्वारा पहने गए कपड़ों की फोरेंसिक जाँच से संबंधित रिपोर्ट भी कोर्ट के रिकॉर्ड में थी। इस दौरान कोर्ट ने पाया कि महिला के बयानों में कई तरह की असमानता है।


🚩कोर्ट ने माना कि यह जब पीड़िता के बच्चे को जमीन पर फेंक दिया गया था, तब उसने कोई आवाज नहीं उठाई, यह बात भी अस्वाभाविक सी है। दरअसल, पुरुलिया की कोर्ट ने पीड़िता के बयान के आधार पर शख्स को रेप का दोषी ठहराकर सजा सुनाई थी।


🚩महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाये गए कड़े कानून का दुरुपयोग पैसे ऐठने अथवा बदला लेने की भावना से अथवा साजिश के तहत किया जा रहा है। कई बार झूठे केस निर्दोष पुरुषों पर लगाये जाते हैं। उसमें भी हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने के लिए ऐसी साजिशें बहुत चल रही हैं।

और  समय पाकर वे निर्दोष बरी भी होते ही हैं, पर जो उनके स्वास्थ्य, सम्मान , समय और धन का नुकसान हुआ , उसकी भरपाई कौन करेगा...!?

कौन कर सकता है...!?


🚩कई न्यायालयों ने तो चिंता भी जताई है कि फ़ेक रेप केसेज़ का आज मानो नया ट्रेंड ही चल पड़ा है । जिसमें पैसा ऐंठने, बदला लेने की भावना से अथवा साज़िश के तहत निर्दोष पुरुषों को फंसाया जा रहा है ।


🚩हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने की पुरज़ोर साज़िशें चल रही हैं। क्योंकि भारत में करोड़ों लोग आज भी हिन्दू साधु-संतों में श्रद्धा रखते हैं और उनके बताये मार्ग अनुसार चलते हैं।

इस कारण भारतीय संस्कृति सुरक्षित है और धर्मांतरण जैसा अधर्म पैर नहीं जमा पाता... विदेशी प्रोडक्ट की बिक्री नहीं बढ़ती...

🚩इसलिए राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा ((  जिनको भारत में धर्मांतरण करवाना है, विदेशी प्रोडक्ट बेचना है, पश्चिमी संस्कृति लाना है उनको ये सब सहन नही होता है क्योंकि उनके आड़े आते हैं ये हिन्दू साधु-संत )) ये षड़यंत्र के कुचक्र चलते रहते हैं ।

इसलिए राष्ट्र विरोधी ताकतें विदेशी फंडिंग से चलने वाली मीडिया से साठगांठ करके साधु-संतों को बदनाम करने की साजिश करती रहती हैं ।


🚩कुछ स्वार्थी, लालची नेताओं की मिलीभगत से मासूम साधु पुरुषों को प्रताड़ित किया जाना या फ़िर निर्दोष, निरपराध संतो को जेल में भी भिजवा दिया जाता है, यहां तक की उनकी हत्या तक कर दी जाती है ।


🚩आज इसका सबसे बड़ा ज्वलंत उदाहरण... एक निहायत ही झूठे और बेबुनियाद केस में महान हिंदू संत श्री आशारामजी बापू को फंसाकर 10 वर्षों से जेल में कैद रखना।

ये और कुछ नहीं सीधे तौर पर सनातन धर्म पर कुठाराघात है!


🚩गौरतलब है कि ये बिकाऊ मीडिया खासकर निर्दोष हिन्दुओं और उसमे भी विशेष रूप से साधु-संतों के ऊपर लगे आरोपों को ही बढ़-चढ़कर क्यों बताती है ??!??

क्या इन्हें पूरी दुनिया में हिन्दू ही बुरे दिखते हैं !!?

या फिर इसलिए की हिन्दू सहिष्णु हैं !!?


🚩सच्चे रेप के मामलों की भरमार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। ईसाई मिशनरीज के कर्ताधर्ता और पादरियों या इस्लाम के प्रचारक मौलवियों की इतनी काली करतूतें रोज चर्चा मे आती हैं और ठंडे बक्से मे दफन भी हो जाती हैं...!

पर कोई केस दर्ज नही होता और हुआ भी तो वो अपराधी जल्द ही छूट भी जाते हैं... , आख़िर क्यों !?


🚩अत्यंत ही गंभीर विषय है यह , कि जिस समस्या से निपटने हेतु ये महिला सुरक्षा कानून बनाए गए, वो समस्याएं तो यथावत बनी हुई हैं ।और इस कानून का दुरुपयोग कर नित नए अपराध और काण्ड बढ़ते ही जा रहे हैं।


🚩अतः हिंदुस्तानी सावधान रहें , सिर्फ आरोप लगने मात्र से किसी भी पुरुष को अपराधी मानकर उसका जीना दूभर न हो और उसे न्याय मिले , ऐसी हर एक भारतीय की कोशिश होनी चाहिए। एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक होने के बावजूद हमें आँखें बंद करके बुराई को बर्दाश्त करना , कतई शोभा नहीं देता।

और इसीलिए इस ओर प्रभावी कदम उठाए जाएं ऐसी आवाज बुलंद होनी ही चाहिए। 


🚩 साथ ही यह भी ध्यान रहे साथियों ! कि अपने ही भाई बन्धुओं, धर्मगुरुओं और हितैषियों पर लगे आरोपों को सच्चा मानकर उनके मजाक नही उड़ाये और ना ही अन्य को ऐसा करते देख समर्थन दें।बल्कि इसका प्रतिकार होना चाहिए।

🚩सावधान और सजाग रहें,अपने धर्म का नाश न करें, झूठ या षडयंत्र को समझें और उसका डटकर विरोध करें ।


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