7 july 2018
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देशी गाय का गौमूत्र आैर गौमूत्र से बने अर्क का प्रयोग सदियों से जीर्ण व्याधियों को ठीक करने में किया जा रहा है। खतरनाक व भयंकर असाध्य रोग कैंसर के उपचार के लिए दुनिया भर में शोध चल रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नही मिली है पर अब सदियों से इस्तेमाल हो रहे गौमूत्र ने एक नई राह दिखाई है ।
गौमूत्र को आयुर्वेद में त्रिदोष (वात-पित-कफ) शामक माना गया है। इन सभी को खत्म करने की शक्ति गौमूत्र में है। गौमूत्र को प्राचीन ग्रंथ आैर आयुर्वेद के जानकार कैंसर ( जिसे पुराने आयुर्वेद के ग्रंथो में अबुर्द के नाम से जाना जाता था ) के उपचार में कारगर मानते थे। अब धीरे धीरे #आयुर्वेद का यह मत #वैज्ञानिक कसौटी पर भी खरा उतरता नजर आ रहा है ।
गुजरात जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा अलग-अलग शोध किए जाते हैं। बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सह संशोधक वैज्ञानिक डॉ. रूकमसिंह तोमर, डॉ. श्रद्धाबेन भट्ट, डॉ. कविताबेन जोशी ने गोमूत्र पर महत्वपूर्ण शोध किया है। शोध में गोमूत्र के अर्क में चार प्रकार के कैंसर के कोश को नष्ट करने की क्षमता पाई गई है।
वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रजाति की गायों के मूत्र का नमूना लेकर उस पर प्रयोग किए। शोध में यह पाया गया कि गोमूत्र के रोजाना सेवन करने से 3000 से 3500 कैंसर के कोश नष्ट होते हैं। वर्तमान में कीमोथेरेपी, रेडियोथेरापी खर्चीले और दुष्प्रभावी हैं। गोमूत्र के अर्क के सेवन का असर कैंसर से प्रभावित हिस्से पर ही होता है । 24 घंटे में कितने कोश नष्ट हो सकते हैं यह मरीज की रोग प्रतिकारक क्षमता पर भी कम हो सकती है। गोमूत्र के अर्क का सेवन कई लोग नही कर पाते इसे ध्यान में रखते हुए जल्द ही गोमूत्र का पाउडर और गोली बनाने पर विचार किया जा रहा है।
इस शोध के बदले कृषि यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एआर पाठक, डॉ. वीपी चोवटिया, डॉ. पीवी पटेल, डॉ. बीए गोलकिया ने वैज्ञानिकों को अभिनंदन दिया है ।http://dhunt.in/4lhEq?s=a&ss= wsp
गौमूत्र का रासायनिक विश्लेषण करने पर वैज्ञानिकों ने पाया, कि इसमें 24 ऐसे तत्व हैं जो शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र का नियमित सेवन करने से कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गौमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है।
गौ मूत्र कड़क, कसैला, तीक्ष्ण और ऊष्ण होने के साथ-साथ विष नाशक, जीवाणु नाशक, त्रिदोष नाशक, मेधा शक्ति वर्द्धक और शीघ्र पचने वाला होता है। इसमें नाइट्रोजन, ताम्र, फास्फेट, यूरिया, यूरिक एसिड, पोटाशियम, सल्फेट, फास्फेट, क्लोराइड और सोडियम की विभिन्न मात्राएं पायी जाती हैं। यह शरीर में ताम्र की कमी को पूरा करने में भी सहायक है।
*गौ मूत्र की महत्ता*
*1.* कैंसर रोधक #टेक्सोल पेव #टीटेक्सेल को #अमेरिका से पेटेन्ट भी कराया है जोकि #कैंसर रोधक है।
*2.* रोम में #गौमूत्र की महत्ता इतनी अधिक बढ़ रही थी कि वहां गौमूत्र पर कर भी लगाने का वर्णन है।
*3.* यूरोप के देशों में 18वीं शताब्दी में #गौमूत्र से पीलिया, गठिया, साइटिका, अस्थमा, धात , इन्फ्लूएजा आदि रोगों के निदान का विस्तृत वर्णन है।
*4.* चीन में हर्बल औषधियों में गौमूत्र के सहपान का वर्णन है।
*5.* #अमेरिका के #डाॅक्टर #क्राफोड है मिल्टन के अनुसार गौमूत्र के प्रयोग से ह्रदय के रोग दूर होता है। कुछ दिन गौमूत्र सेवन से #रक्तचाप ठीक होता है, #भूख बढ़ती है तथा किडनी सम्बन्धी रोगों में लाभ होता है।
*6.* गौमूत्र रक्त में बहने वाले #कीटाणुओं का नाश करता है ।
*8.* गौमूत्र घावों की विशाक्तता को दूर करता है तथा #स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है गौमूत्र 100 से अधिक रोगों के पूर्ण निदान में प्रभावी है।
*9.* गौमूत्र अर्क के #कैंसर रोधी गुण पर पेटेन्ट संख्या यू0एस0-6410056 प्राप्त हुआ है।
*10.* गौमूत्र रक्त व विष की विकृति को हटाता है, बडी आंत में गति को शक्ति देता है, शरीर में वात पित व कफ #दोष को स्थिर रखने में सहयोग करता है।
*11.* यह अनिच्छित व #अनावश्यक वसा को निर्मित होने से रोकता है, लाल रक्त कोशिकाओं एवं #होमेयोग्लोबिन के उत्पादन में सन्तुलन रखता है।
*12.* यह जीवाणुनाशी व #मूत्रवर्धक होने से विष (टोक्सिन) को नष्ट करता है, मूत्र मार्ग से पथरी को हटाने में सहायक है, #रक्तशुद्धि करता है।
*13.* यह तेजाब विहीन, वंशानुगत गठिया रोग से मुक्त करता है। आलस्य व मांसपोशियों की कमजोरी को हटाता है, कीटाणुनाशक, कीटाणु की #वृद्धि को रोकता है। (गेन्गरीन) मांस सड़ाव से रक्षा करता है।
*14.* यह #रक्तशुद्धिकर्ता अस्थि में शक्ति प्रदाता (कीटाणुनाशक) रक्त में #तेजाबी अव्यवों को कम करता है ।
*15.* यह जीवन में शक्ति व उत्साह वृधन में #सक्रियता लाता है व मानसिक रूग्णता व प्यास से बचाता हैं अस्थि में पुनः शक्ति प्रदान कर जीवन में उमंग वृद्धि करते हुए पुनरोत्पादक शक्ति प्रदान करता है।
*16.* यह रोग प्रतिरोधात्मक #शक्ति #वर्द्धक, हृदय को शक्ति व संतोष प्रदान करता है।
गौमूत्र कि कितनी भी महत्ता लिखे वे कम पड़ेगी इसलिए आप समझ सकते है कि हर रोग मिटाने के लिए गोमूत्र का सेवन काफी है।
गौमूत्र देशी गाय का ही सेवन करना सही रहता है। गाय का गर्भवती या रोग ग्रस्त नहीं होना चाहिए। एक वर्ष से बड़ी बछिया का गौ मूत्र बहुत लाभकारी होता है।
20 मिली गौमूत्र छानकर प्रातः खाली पेट पीना चाहिए ।
भारतवासियों आप भी गौ उत्पादक की महत्ता समझकर उपयोग करके #स्वस्थ्य रहे और #गौ हत्या रोकने तथा देश को #समृद्ध बनाये रखने में सहभागी होइए ।
आज से हम सभी संकल्प ले क़ि गाय माता को कत्लखाने जाने से बचाकर #गाय माता की रक्षा करेंगे ।
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