20 September 2018
गाय माता देश की धरोहर है और उसमें 33 करोड़ देवताओं का वास होता है, देश में गौभक्त सदियों से लड़ाई लड़ रहे हैं पर न न्यायालय सुन रहा है और ना ही सरकार, लेकिन अभी एक खुशी की खबर आई है कि उत्तराखंड में विधानसभा में गाय को राष्ट्रमाता' घोषित करने का बिल पास हो गया है ।
A wave of happiness in the Gaubhaktas: the cow got the title of "Nation Mother" in Uttarakhand |
गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है । विधानसभा में यह बिल पास हो गया है और अब इसे केंद्र के पास अप्रूवल के लिए बढ़ाया गया है । उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने उत्तराखंड विधानसभा में बिल पेश किया था । उन्होंने कहा, 'हम सभी (विपक्ष और सत्ता) गाय के महत्व से वाकिफ हैं । न सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों में भी इसका सम्मान किया जाता है ।'
उन्होंने आगे कहा, 'धार्मिक ग्रन्थों में भी, हमें गाय का उल्लेख मिलता है और कहा जाता है कि इसके शरीर 33 करोड़ देवी और देवताओं का वास होता है । वह कहती हैं कि अगर गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिल जाता है तो इनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि गौवध बंद हो सके ।'
'गाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए'
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, कई लोगों के लिए यह जानवर कमाई का जरिया भी है और लोग जीविकोपार्जन के लिए इस पर निर्भर हैं । देहरादून के मेयर विनोद चंबोली समेत बीजेपी के कई नेताओं ने प्रस्ताव पर लोगों एकजुटता बढ़ाने के लिए प्रयास किया । उन्होंने कहा, 'अब समय आ गया है कि गाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ।'
गाय माता को राष्ट्रमाता घोषित क्यों करना चाहिए?
1.गौ माता में #तैंतीस करोड़ देवताओं का वास है ।
2. गौ माता अन्नपूर्णा देवी, कामधेनू तथा मनोकामना पूर्ण करने वाली है।
3. गौ #माता #धर्म की धुरी है । गौ माता के बिना धर्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती ।
4 .गाय के #दूध, घी, #गोबर, #दही और
गौ-मूत्र के निर्मित पंचगव्य से शरीर में रोग-प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने की क्षमता बढ़ती है ।
5. गाय #धार्मिक #आर्थिक #सांस्कृतिक व #आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न है ।
गौमाता ही सनातन धर्म की मूल है । जिस गौमाता के दूध की खीर से भगवान राम अवतरित हुए, जिस गौमाता के पीछे भगवान कृष्ण भागते रहे, जिस गौमाता की रक्षा के लिए भगवान परशुराम ने अपने पिता की हत्या का प्रतिशोध लिया, जिस गौमाता के कारण ही हमारे 16 संस्कार पूर्ण होते है, जो गौमाता भारत माता का साकार स्वरूप है, जो गौमाता आज़ादी की क्रांति का मूल है, जो गौमाता धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देने वाली है, जो गौमाता भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो गौमाता भारत को विश्वगुरु बना सकती है, जो गौमाता किसानों को गोबर का मूल्य दिला सकती है, जो गौमाता दूध से ही कुपोषण को दूर कर सकती है, जो गौमाता प्रकृति को प्राणवायु दे सकती है, जो गौमाता आरोग्य की मूल है,जो गौमाता स्वयं प्रकृति है, जो गौमाता भारत का स्वरूप है उस गौमाता को 70 वर्षो से निरंतर काटा जा रहा है, इससे बड़े शर्म, दुर्भाग्य और पाप की बात क्या होगी भला ।
सोचिए गौमाता को हम विश्वमाता कहते हैं और माता मानते हैं, लेकिन भारत सरकार के दस्तावेजों में गाय पशु है और पशु काटने के 36000 से अधिक वैध-अवैध कत्लखाने हैं भारत में, इसलिए जब तक गाय पशु है तब तक कौन उसे बचा सकता है और जब गाय माता है तो कौन माई का लाल उसे काट सकता है । इसलिए गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाना जरूरी है ।
गौ-माता भारत देश की रीड की हड्डी है । जो सभी को स्वस्थ्य #सुखी जीवन जीने में मदद रूप बनती है । देशवासियों को आजीवन गौ-माता की रक्षा के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए ।
जैसे उत्तराखंड सरकार ने प्रयास किया, गाय माता को "राष्ट्रमाता" दर्जा दिलाने के लिए ऐसे ही हर राज्य की सरकार और केंद्र सरकार को प्रयास करके गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवाना चाहिए ।
गौमाता की इतनी उपयोगिता और उसकी हत्या हो रही है उससे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि सभी को मिलकर #गौ-माता को #राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाकर तन-मन-धन से इसकी रक्षा करनी चाहिए ।
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