24 September 2018
सभी हिन्दू अनेक देवी-देवताओं की पूजा करते हुए भी ईश्वर एक है यह मानते हैं । यहाँ चर्चा हिंदुओं की मान्यता या अमान्यता को लेकर नहीं है यहाँ विषय केवल, काफी लोगों द्वारा फैलाई गयी भ्रांतियों को साधारण रूप से दूर करना है क्योंकि इन भ्रांतियों में कभी-2 कुछ भोले लोग फंस जाते हैं । हिन्दू धर्म के मूल ग्रन्थ वेद हैं इसमें किसी हिन्दू को आपत्ति नहीं है इसलिए इनके निशाने पर वेद रहते हैं । मैं यहाँ इस छोटे से लेख में दोनो पुस्तकों, वेद और कुरान की समीक्षा नहीं कर रहा हूँ अभी के लिये केवल एक छोटी सी बात कहना चाहता हूँ । वैसे वेद और कुरान की आपस में तुलना करना ही तुच्छ लगता है फिर भी यदि आवश्यक हुआ तो उसको भी सप्रमाण लिख देंगे फिर कभी । अभी बस हिंदुओं एक छोटी सी बात समझ लो --
Read this truth to the Vedor Koran, the one telling the secular .. |
कुछ ब्लॉग जेहादियों द्वारा यह निरन्तर प्रचारित किया जा रहा है कि वेद और कुरान का एक ही सिद्धांत है वो कुरान को वेदों से और वेदों को कुरान से सत्यापित करते हैं और इस्लाम के पक्ष में माहौल बनाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं । इसमें अपने धर्म से अनभिज्ञ बेचारे हिन्दू जोकि सैंकड़ो वर्षों से धोखा खाते, इस्लाम द्वारा युद्धों को झेलते, धर्मान्तरण कराते हुए, इस्लाम के नाम पर देश के टुकड़े करवाते हुए, इस्लामिक आतंकवाद से मरते हुये भी प्रेम, भाई-चारे, शान्ति से अनावश्यक रूप से अत्यधिक ग्रसित बड़े ही गर्व के साथ हाँ में हाँ मिलाकर कहते हैं – हाँ धर्म तो सभी एक हैं सभी ईश्वर को एक मानते हैं, सभी प्रेम की शिक्षा देते हैं, वो तो लोग ही हैं जो कुछ का कुछ बना देते हैं । भाइयों जैसे साबुत उड़द, काला पत्थर, राई, काले कपड़े इत्यादि के कुछ एक गुण एक ही होते है तो क्या वे सब वस्तुएं एक ही हो गयी ? जबकि वो विभिन्न वस्तुऐं हैं । नमक और चीनी एक रंग के होते हैं किन्तु उनके स्वाद में कितना अन्तर होता है उसी प्रकार से यदि सभी मतों में ईश्वर एक माना गया भी है तो क्या शेष सभी बातों का भेद समाप्त हो जाता है । चलो थोड़ी देर के लिये मानो मैं आज एक नया मत चलाता हूँ और उस नये मत के अनुसार ईश्वर एक है यह कहता हूँ और साथ में किसी की भी हत्या करना पाप नहीं है ये कहता हूँ तो चलाया गया मत हिन्दू वेदानुसार कहलायेगा क्या ? कुछ हिंदुओं को अपने इतिहास में मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा की गयी बर्बादी को देखकर भी अक्ल नहीं आई तो कब आएगी और आज भी इस्लाम के आधार पर तुम्हे मारा जा रहा है, तुम्हारा धर्म-भ्रष्ट (कथित धर्म-परिवर्तन) किया जा रहा है । तुम्हारे ही मुंह पर ही तुम्हारे धर्म-ग्रन्थों का मजाक उड़ाया जा रहा है । मजे की बात यह है कि ये जेहादी वेदों का अर्थ अपने अनुसार दिखाकर या अनाप-शनाप बक कर उनका मजाक उड़ाते हैं, उनकी निंदा करते हैं, उसको अमान्य ठहराते हैं और फिर वेदों से ही कुरान की पुष्टि करते फिरते हैं । पुराणों का मजाक उड़ाया जाता है फिर कहीं से भविष्य पुराण के आधार पर ही मोहम्मद को अन्तिम अवतार घोषित किया जाता है । कुरान के अनुसार इस्लाम में अवतारवाद को अमान्य ठहराते हैं और अपने मजहब-प्रवर्तक को अन्तिम अवतार घोषित करते हैं । क्या मजाक लगा रखा है ये फिर भी कुछ हिन्दूओं की बुद्धि पर तरस आता है जो इनके प्रत्यक्ष छल को अन्धों की भांति देख ही नहीं पाते । कुरान या किसी भी मत में कुछ बात यदि सहीं भी लिखी हैं मतलब कि यदि वैदिक पुस्तकें भी उन कुछ बातों को मान्यता देती हैं किन्तु शेष सब बातों को गलत और अमान्य ठहराती हैं तो क्या वो मत वेदानुसार हो जायेंगे ? हिंदुओं मोहम्मद साहब का इतिहास और उसके विचार तो पढ़ो फिर बताना कि क्या इस्लाम कम्युनिज्म की तरह एक साम्राज्यवाद नहीं है, जिसको तुम जाने-अनजाने धर्म की संज्ञा देते हो । क्या तुम्हे इन प्रत्यक्ष जेहादियों की धूर्त सोच दिखाई नहीं देती जो तुम्हें डंके की चोट पर गाली देते हैं, तुम्हारा मजाक उड़ाते हैं फिर भी तुम इनका आलिंगन करने के लिये बेक़रार रहते हो । पूरा देश भी इसीका प्रत्यक्ष उदाहरण है पाकिस्तान से हजार जूते खाने पर भी उससे प्रेम की पींगे बजायी जा रही हैं । यहाँ की मीडिया, फिल्में, टी. वी. नेता इत्यादि सभी पाकिस्तान से प्रेम और भाई-चारे की बात करते नहीं थकते, जबकि पाकिस्तान यहाँ के लोगों की खोपड़ी में सूराख भी करता रहता है और इनके मुंह पर थूकता भी है ।
अब बहुत से हिंदुओं को भी इनके साथ ही इस लेख से आपत्ति हो सकती है कि तुमतो अमन, चैन-शान्ति भंग करने पर तुले हो तुम्हारा उद्देश्य क्या है वगैरह-2 । बताओ जी कौन सी शान्ति की बात करते हैं ? ये लोग इनकी बुद्धि को क्या हो गया है ? इतना मजहब के नाम पर अत्याचार होने पर और मारे जाने पर भी इनकी अक्ल सही नहीं होती तो कोई क्या कर सकता है । हर जेहादी या आतंकवादी, लोगों की हत्या के बाद डंके की चोट पर उसको इस्लाम के अनुसार बताता है, इन्ही के कुछ साथी इस बात को प्रसारित करते हैं कि यह मुसलामानों पर हुए अत्याचार की प्रतिक्रिया है, कुछ समर्थक कहेंगे ये भटके हुए जवान हैं आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, पर साथ में वो हत्यारे जेहादी खुलकर चिल्ला-2 कर कहते रहेंगे कि हम इस्लाम का युद्ध लड़ रहे हैं, पर हिन्दूओं को उन जेहादियों की आवाज़ नहीं सुनाई देती वो तो ढोंग भरी शान्ति या कायरता में ही मग्न रहता है ।
मेरा उद्देश्य लोगों को सत्य से अवगत कराना है, हो सके तो हो जाओ वरना परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहो । अभी तो पकिस्तान, बंगलादेश, काश्मीर और आंशिक कुछ प्रदेश ले ही लिये हैं । आगे-2 देखना हिंदुओं की यही सोच रही तो ये सारा भारत ले लेंगे । इन जेहादियों का साथ कुछ तथाकथित हिन्दू संत भी दे रहे हैं, जोकि भेड़ की खाल में छिपे भेड़िये हैं जो कि इनके साथ मिलकर शान्ति का राग गाने वाली हिन्दू भेड़ों(मूर्खों) को चुपचाप निगल रहे हैं । उदाहरण के तौर पर एक तथाकथित शंकराचार्य है, एक तथाकथित अग्निवेश व प्रमोद कृषण है ऐसे ही और भी हैं और कुछ लोगों को भी संन्यासी के भेष में लाकर इस्लाम की तारीफ़ करवाते फिरते हैं वेदों के अनुसार बतलाते हैं । यदि इनकी धूर्तता कुछ लोगो को नहीं दिखाई देती उनके बारे में यही कह सकते हैं--
विनाशकाले विपरीत बुद्धि !! - हिन्दू लेखक
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