Tuesday, September 29, 2020

थम नहीं रही हैं साधु-संतों की हत्याएं, एक ओर साधु की हुई हत्या..

29 सितंबर 2020


भारतीय संस्कृति महान एवं प्राचीन है, राष्ट्र विरोधी ताकतों ने देखा कि अगर भारतीय संस्कृति को खत्म करना है तो सबसे पहले उनके रक्षक साधु-संतों के प्रति लोगों की श्रद्धा खत्म करो जिसके लिए मीडिया द्वारा बदनाम कराओ या झूठे केस द्वारा जेल भिजवा दो अथवा हत्या कर दो जिससे आसानी से हिन्दू संस्कृति को खत्म करके धर्मान्तरण कर सकें एवं जिहाद फैला सकें और मंदिर की जगह चर्च या मस्जिद बनाकर उनका धर्म आसानी से फैला सकें।




आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के जिला हरदा के तहसील खिड़किया, ग्राम बारंगी में 80 वर्षीय महंत नारायण गिरीजी की गुरुवार को (24 सितंबर) को बेरहमी से हत्या कर दी गई। महंत नारायण गिरी जी बस स्टैंड के पास पंचमुखी हनुमान मंदिर में लगभग 20 साल से रहते आ रहे है यह घटना पालघर की घटना की तरह फिर से दोहराई गयी लेकिन किसी मीडिया ने ये खबर अब तक कही नही दिखाई।

जो मीडिया किसी साधु-संत पर झूठे आरोप लगने पर 24 घण्टे गला फ़ाड़कर चिल्लाती रहती है वो मीडिया एक निर्दोष बुर्जुग संत की हत्या पर चुप है।

आजकल साधु-संतों की हत्या व उनके ऊपर झूठे केस दायर करना, उनको मीडिया द्वारा बदनाम करना, उनके खिलाफ झूठी कहानियां बनाकर फिल्में बनाना ये कार्य जोरो से चल रहा है पर सरकार इस पर ध्यान नही दे रही है, जनता की तीव्र मांग है कि साधु-संतों के हत्यारों को फाँसी का प्रावधान होना चाहिए जिसके कारण आगे कोई भी किसी साधु की हत्या न करें और साधुओं की सुरक्षा के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए, साधु-संतो पर जो झुठे केस दायर किये जा रहे हैं उनके खिलाफ भी कार्यवाही करनी चाहिए ऐसी जनता की मांग हैं।

आपको बता दें कि हिन्दू साधू-सन्तो द्वारा धर्मांतरण पर रोक लगाना, गौहत्या रोकना, गौमाता की महिमा बताना, श्री राम मंदिर बनाना, हिन्दुओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करना, विदेशी प्रोडक्ट खरीदने से रोकना, स्वदेशी का प्रचार करना, व्यसन मुक्त भारत बनाना, सिनेमा आदि से दूर रखने का प्रयास करना, अपनी प्राचीन संस्कृति की ओर हमें मोड़ना, वेद व शास्त्र सम्मत कार्य करने के लिए प्रेरित करना, विदेशी त्यौहार के बदले अपने त्यौहारों को मनाने को प्रेरित करना आदि आदि अनेक दिव्य कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं, अधर्म से लड़ते हैं और हमें जगाते हैं। जिसके कारण आज हिन्दू साधु-संतों की हत्या हो रही है और मीडिया द्वारा बदनाम करवाकर जेल भिजवाया जा रहा है।

जैसे कि साध्वी प्रज्ञा, स्वामी असीमानन्द, शंकराचार्य अमृतानंद, स्वामी केशवानंद जी आदि अनेक संतों को बिना सबूत सालों से जेल में रखा गया। उड़ीसा के स्वामी लक्ष्मणानन्द जी, पालघर में आदि अनेक संतो की हत्या करवा दी, आज भी धर्मांतरण को रोकने वाले हिंदू संत आशारामजी बापू 7 साल से जेल में बंद है, कई आतंकवादियों को जमानत मिली लेकिन बापू आशारामजी को 7 साल से अभी तक एकबार जमानत तक नही मिल पाई।

साधु-संत राष्ट्र एवं सनातन संस्कृति की रक्षा करने के लिए जेल जा सकते हैं, अपने प्राण तक दे सकते हैं तो हिंदुओं का भी कर्तव्य है कि उनके ऊपर हो रहे षड्यंत्रों को संगठित होकर कानूनी कार्यवाही से रोकें।

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