जनसंख्या विस्फोट : जापान, स्पेन, यूरोप, नेपाल और भारत में भी कई गुणा बढ़ गई हैं, मुस्लिमों की आबादी....
10 June 2023
🚩समाजशास्त्री डा. पीटर हैमंड ने गहरे शोध के बाद 2005 में इस्लाम धर्म के मानने वालों की दुनियाभर में प्रवृत्ति पर एक पुस्तक लिखी, जिसका शीर्षक है ‘स्लेवरी, टैररिज्म एंड इस्लाम-द हिस्टोरिकल रूट्स एंड कंटेम्पररी थ्रैट’। इसके साथ ही ‘द हज’ के लेखक लियोन यूरिस ने भी इस विषय पर अपनी पुस्तक में विस्तार से प्रकाश डाला है । जो तथ्य निकल कर आए हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि चिंताजनक हैं ।
🚩किसी देश में जब मुसलमान आबादी का हिस्सा 80% हो जाती हैं, तो उस देश में सत्ता या शासन प्रायोजित जातीय सफाई की जाती है । अन्य धर्मों के अल्पसंख्यकों को उनके मूल नागरिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाता है। सभी प्रकार के हथकंडे अपनाकर जनसंख्या को 100% तक ले जाने का लक्ष्य रखा जाता है। जैसे बांग्लादेश (मुसलमान 83 प्रतिशत), मिस्र (90 प्रतिशत), गाजापट्टी (98 प्रतिशत), ईरान (98 प्रतिशत), ईराक (97 प्रतिशत), जोर्डन (93 प्रतिशत), मोरक्को (98 प्रतिशत), पाकिस्तान (97 प्रतिशत), सीरिया (90 प्रतिशत) व संयुक्त अरब अमीरात (96 प्रतिशत) में देखा जा रहा है।
🚩स्पेन में मुस्लिम जनसंख्या 10 गुणा बढ़े
🚩पिछले 30 वर्षों में स्पेन में मुस्लिमों की जनसंख्या 10 गुणा बढ़ गई है। ये जानकारी खुद स्पेन के ही ‘सेक्रेटरी ऑफ द इस्लामिक कमीशन’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिम यूरोप के इस देश में मुस्लिमों की जनसंख्या 25 लाख के पार चली गई है। मोहम्मद अजाना ने ‘Anadolu’ मीडिया संस्थान को बताया कि अनाधिकारिक आँकड़ों की मानें तो स्पेन में मुस्लिमों की जनसंख्या 30 लाख के भी पार चली गई है।
🚩ये जानकारी भी दी गई है कि स्पेन में फ़िलहाल 53 मुस्लिम संगठन हैं और मस्जिदों की संख्या 2000 के पार चली गई है। साथ ही 40 कब्रिस्तान भी हैं।
🚩जापान में 10 गुणा बढ़ गई मुस्लिम आबादी, मस्जिद 15 से बढ़कर हुए 113
🚩जापान में पिछले 2 दशक में अचानक से मुस्लिमों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है। वहाँ मस्जिद जो पहले गिने-चुने होते थे वो भी अब गिनती में काफी बढ़ गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डेमोग्राफिक चेंज के पीछे कारण जापान में आकर बसने वाले प्रवासी मुस्लिम हैं।
🚩हैरान करने वाली बात है कि सन् 2000 में जापान में मुस्लिमों की संख्या सिर्फ 10 से 20 हजार थी लेकिन अब इनकी गिनती 2 लाख पार है। यानी एक ही पीढ़ी में ये लोग जापान में 10 गुना बढ़े हैं। वहीं 2010 तक जापान में मुस्लिम 110,000 हुए थे और अब ये 230,000 पहुँच गए।
🚩इसी तरह जापान में मस्जिद दिखना पहले आसान नहीं था। 1999 में केवल 15 मस्जिद थे। मगर अब वहाँ 113 मस्जिद हैं। बताया जा रहा है जो जगह कभी एक फैक्ट्री हुआ करती थी वहाँ भी मस्जिद खोल लिया गया जिसे इंडोनेशिया फंड देता है।
🚩इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिम यूरोप के इस देश में मुस्लिमों की जनसंख्या 25 लाख के पार चली गई है। मोहम्मद अजाना ने ‘Anadolu’ मीडिया संस्थान को बताया कि अनाधिकारिक आँकड़ों की मानें तो स्पेन में मुस्लिमों की जनसंख्या 30 लाख के भी पार चली गई है।
🚩भारत में 1951 में मुसलमानों की आबादी 3.5 करोड़ थी जो कि 2022 में 17.2 करोड़ हो गई। ईसाइयों की जनसंख्या 80 लाख से बढ़कर 2.8 करोड़ पहुंच गई।
🚩नेपाल में मुस्लिम, ईसाई जनसंख्या बढ़ गई
🚩नेपाल में जातियों और विभिन्न जनजातियों की संख्या 142 के पार चली गई है। 2021 में हुई जनगणना के विवरण अब सामने आए हैं, जिसमें ये पता चला है। 2011 में हुई जनगणना में जातियों एवं जनजातियों की संख्या 125 थी। नेपाल के ‘National Statistics Office’ ने ये आँकड़े जारी किए हैं। इसे पहले ‘सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स’ के नाम से जाना जाता था। नेपाल की जातियों, भाषा और धर्मों को लेकर सवालों का भी संस्था ने जवाब दिया है। नेपाल में 2.367 करोड़ हिन्दू हैं, जबकि मुस्लिम 23.945 लाख।
🚩2011 में हिन्दुओं की जनसंख्या 81.3% थी, अर्थात हिन्दुओं की जनसंख्या 0.19% कम हुई है। वहीं बौद्ध समाज जनसंख्या का 9% हिस्सा था, इस हिसाब से बौद्धों की संख्या भी 0.79% कम हुई है। वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या 0.69% बढ़ गई है, क्योंकि वो 2011 में 4.4% हुआ करते थे। ईसाई पहले 0.5% ही थे, जो अब 1.26% ज़्यादा हो गए हैं। स्त्रोत:ओप इंडिया
🚩जब किसी क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या 20 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है तब विभिन्न ‘सैनिक शाखाएं’ जेहाद के नारे लगाने लगती हैं, असहिष्णुता और धार्मिक हत्याओं का दौर शुरू हो जाता है, जैसा इथियोपिया (मुसलमान 32.8 प्रतिशत) और भारत (मुसलमान 22 प्रतिशत) में अक्सर देखा जाता है । मुसलमानों की जनसंख्या के 40 प्रतिशत के स्तर से ऊपर पहुंच जाने पर बड़ी संख्या में सामूहिक हत्याएं, आतंकवादी कार्रवाइयां आदि चलने लगती हैं। जैसा बोस्निया (मुसलमान 40 प्रतिशत), चाड (मुसलमान 54.2 प्रतिशत) और लेबनान (मुसलमान 59 प्रतिशत) में देखा गया है। शोधकर्ता और लेखक डा. पीटर हैमंड बताते हैं कि जब किसी देश में मुसलमानों की जनसंख्या 60 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है, तब अन्य धर्मावलंबियों का ‘जातीय सफाया’ शुरू किया जाता है (उदाहरण भारत का कश्मीर), जबरन मुस्लिम बनाना, अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल तोड़ना, जजिया जैसा कोई अन्य कर वसूलना आदि किया जाता है । जैसे अल्बानिया (मुसलमान 70 प्रतिशत), कतर (मुसलमान 78 प्रतिशत) व सूडान (मुसलमान 75 प्रतिशत) में देखा गया है।
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