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🚩ऐसा कोई माँ-बाप नहीं चाहते कि हमारा बेटा-बेटी लोफर हो, किसी लड़के - लड़की के चक्कर में आये । सभी के माता-पिता चाहते हैं कि 'हमारी संतान ओजस्वी-तेजस्वी हो, बलवान बुद्धिमान हो, स्वयं के पैरों पर खड़ी रहे और बुढ़ापे में हमारा ख्याल रखे । छोटी उम्र में लड़के-लड़कियाँ बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड बनकर शादी करके बर्बादी की खाई में न गिरें ।' ऐसा सब चाहते हैं । बच्चे हमारा आदर करें ऐसा सभी चाहते हैं।
🚩गुजरात में कानून
🚩धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनाने के बाद अब गुजरात की सरकार प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की स्वीकृति को अनिवार्य कर लव जिहाद पर एक और प्रहार करने वाले है। दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने महेसाणा में पाटीदार समाज के एक कार्यक्रम में कहा कि प्रेम विवाह में इस शर्त को जोड़ने की मांग को लेकर कानून में विचार किया जाएगा।
🚩जानकारी के लिए बता दें कि गुजरात में पाटीदार समाज के लोगों की मांग है कि अगर कोई लड़का-लड़की प्रेम विवाह करते हैं तो शादी के पंजीकरण के लिए कम से कम एक अभिभावक के हस्ताक्षर जरुरी होना चाहिए। बता दें कि पाटीदार समाज का कहना है कि इससे काफी हद तक लव जिहाद पर लगाम लगाया जा सकता है।
🚩माता-पिता की सहमति के बिना की गई शादियां राज्य में अपराध दर को बढ़ाती हैं- BJP
🚩वहीं, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के विधायकों ने गुजरात विधानसभा से मांग की थी कि ‘प्रेम विवाह’ के पंजीकरण के लिए माता-पिता के हस्ताक्षर अनिवार्य किए जाएं और दस्तावेज़ उसी सम्बन्ध में दर्ज किया जाए जहां जोड़ा रहेगा। बता दें कि कलोल से बीजेपी विधायक फतेह सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे मामलों में विवाह का पंजीकरण जब एक लड़की अपने माता-पिता की सहमति के बिना अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ शादी करती है तो राज्य में अपराध दर में वृद्धि होती है। उन्होंने आगे कहा कि माता-पिता की सहमति के बिना की गई शादियां राज्य में अपराध दर को बढ़ाती हैं और यदि ऐसे विवाह माता-पिता की सहमति से पंजीकृत होते हैं, तो अपराध दर में 50 प्रतिशत की कमी आएगी।
🚩BJP विधायक ने कानूनों में संशोधन करने का किया आग्रह
🚩बीजेपी विधायक फतेह सिंह चौहान ने सरकार से मौजूदा कानूनों में संशोधन करने और कोर्ट मैरिज के लिए माता-पिता की सहमति को अनिवार्य बनाने का आग्रह किया। फतेह सिंह चौहान ने दावा किया, ”कालोल में ऐसे कई मामले हैं जहां लड़कियों को असामाजिक लोगों द्वारा बहकाया गया और अपहरण कर लिया गया। उन्हें बचाने के लिए ऐसा संशोधन जरूरी है। वहीं, कांग्रेस विधायक गेनी ठाकोर ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम में प्रेम विवाह के संबंध में कानून में पर्याप्त बदलाव करने की मांग कुछ समय से उठाई जा रही है और कहा कि नेता पूरी तरह से प्रेम विवाह के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में लड़कियों को उत्पीड़न का सामना न करना पड़े।
🚩राजस्थान के पाली में अब घर से भागकर लव मैरिज करना आसान नहीं होगा
🚩राजस्थान के पाली में अब घर से भागकर लव मैरिज करना किसी के लिए आसान नहीं होगा। पाली बार एसोसिएशन ने माता-पिता की सहमति के बिना इस प्रकार के विवाह कोर्ट में नहीं करवाने का निर्णय लिया है। पाली में बेटी के प्रेम विवाह से आहत माता-पिता ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसी के मद्देनजर बार एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है।
🚩पाली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने बताया कि हमारे पास कोर्ट मैरिज के लिए आने वाले युवक-युवती से माता-पिता का सहमति पत्र मांगा जाएगा। सहमति पत्र दिखाने पर ही उनकी कोर्ट मैरिज करवाई जाएगी। 24 जुलाई को ओल्ड हाउसिंग बोर्ड निवासी एक युवती ने प्रेम विवाह किया था। पुलिस के सामने पेश होकर अपने माता-पिता से खतरा बताया और सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। पुलिस ने जब माता-पिता को उनका सामना बेटी से करवाया तो उसने अपने माता-पिता को पहचानने तक से इनकार कर दिया था। इस बात से आहत होकर दोनों ने 25 जुलाई को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। बहन के अंतरजातीय विवाह से दुखी भाई भी घर छोड़कर चला गया था। तीन दिन बाद पुलिस ने दिल्ली से उसे घर पहुंचाया।
🚩नहीं करेंगे किसी प्रकार का सहयोग
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने बताया कि हाल ही में पाली के हाउसिंग बोर्ड में हुई हृदयविदारक घटना के बाद यह निर्णय लिया गया है कि घर से भागकर और माता-पिता की बिना सहमति लव मैरिज करने आने वाले लड़के-लड़कियों को न तो कानूनी सलाह दी जाएगी और न ही कानूनी तरीके से कोई सहयोग किया जाएगा। न ही किसी प्रकार के दस्तावेज तैयार करवाए जाएंगे।🚩यह बात ध्यान देने लायक है कि समाज का तानाबाना इस समय जरूर हिल चुका है, बिलकुल हिल चुका है ।
समाज की तरक्की हो रही है , पढ़ाई की वजह से, शिक्षा जो हमारी लड़कियों को मिल रही है वही है जो लड़कों को मिल रही है। लड़कियों और लड़कों दोनों की कमाने की ताकत एक जैसी हो गई है। पर इन सबको चलते-चलते समाज में एक सकारात्मक सोच होनी चाहिए थी। उसकी जगह देखा जा रहा है कि बहुत ज्यादा पतन हो रहा है। नैतिक मूल्य का बहुत ज्यादा पतन हो रहा है।
🚩उस बात को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार ने अगर उसके बारे में सोचा है, तो अच्छा हैं। आखिर आपके भी मां-बाप आपको जन्म देते हैं, आपको शिक्षा देते हैं, आर्थिक रूप से आपको पांव पर खड़े करते हैं, तो कहीं पर बच्चों की भी जिम्मेदारी बनती है कि माता-पिता के खिलाफ सिर्फ यूं न जाएं कि सिर्फ इस पॉइंट को प्रूफ करने के लिए कि हम स्वतंत्र हैं, जो मर्जी करेंगे। आप हमें सिखाने वाले, समझाने वाले कौन हैं?
🚩माता पिता बच्चों के कभी भी खिलाफ नहीं हो सकते हैं। उनके हमेशा हितैषी ही रहेंगे। तो मां-बाप की भी कुछ उम्मीदें होती हैं, उनका भी एक दिल होता है जो टूटता है जब बच्चे अपने कानूनी अधिकार को लागू करना करना चाहते हैं। उनके साथ-साथ जवाबदारी भी तो होती हैं। सिर्फ वो नहीं होता है कि आप सिर्फ अपने अधिकार को मांग करें। मां—बाप के प्रतिआपका कर्तव्य भी होता है। जैसे आजकल कोर्ट ने कहा है, मांगने पर लड़कियों को भी पिता की संपत्ति के अंदर अधिकार मिल जाता है, पर माता-पिता अगर सक्षम नहीं हैं, तो लड़कियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि माता-पिता की संभाल करें।
🚩जबकि कानून में ऐसी बात नहीं है कि माता-पिता के भरण पोषण करने की जिम्मेदारी किसी बेटी की है, पर अब समाज के अंदर बदलाव आ रहे हैं। उसके देखते-देखते नए कानून कई बार बनते हैं। समाज में हम सबको साथ-साथ चलना है और अच्छा यही रहता कि माता-पिता और बच्चे साथ-साथ चलें।
🚩विवाह एक अच्छी बात है, सकारात्मक बात है, पर उसका मतलब ये नहीं कि रिश्ते टूटें। रिश्ते बनने चाहिए। विवाह इसलिए करते हैं कि रिश्ते और बनें। ऐसा नहीं है कि रिश्ते टूटें। एक तरफ तो रिश्ता कर रहे हो और अपने माता-पिता से रिश्ता तोड़ रहे हो।
माता पिता ने ही हमें जन्म दिया है इसलिए वे भगवान के बराबर है इसलिए माता पिता की सहमति से शादी करेंगे तो भविष्य उज्ज्वल और सुखद बनेगा।
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