स्लो पॉइजन दे रहा है बॉलीवुड.....
25 August 2023
http://azaadbharat.org
🚩पिछले कुछ दशकों से चारों तरफ से सनातन हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए अनेकों प्रकार की साजिशें रची जा रही हैं। विधर्मियों का उद्देश्य है, कि येन केन प्रकारेण, कैसे भी करके सनातन हिन्दू धर्म को खत्म कर दिया जाए।
.......और ऐसा करने लिए सबसे पहले सनातनधर्म के आधार स्तंभ , सनातनधर्म के रक्षक और पोषक हिन्दू साधु संतों को खत्म करने ,उनके प्रभाव को खत्म करने के प्लान बनाये जाते हैं।
🚩हिन्दूधर्म का अपमान, हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान, हिन्दू साधु संतों एवं हिन्दूधर्म के प्रति नफरत फैलाने तथा हिन्दूधर्म को नीचा दिखानें में अगर सबसे बड़ा किसी का रोल है तो वो बॉलीवुड का रहा है।
ये लोग ऐसी फिल्में बनाते हैं जिससे हिन्दू देवी देवताओं, साधु-संतों, ब्राह्मणों, पर्व-त्योहारों , मंदिरों, मठों और आश्रमों आदि पर सीधे कुठाराघात होता है। ये लोग ऐसी फिल्में बनाकर जनता को गुमराह करते हैं, और कुछ इस प्रकार की काल्पनिक कहानियां बनाते हैं , कि जैसे सारी बुराइयाँ सनातन हिन्दू धर्म में ही हैं
चर्चों में पादरी क्या काण्ड करते हैं, मस्जिदों में मौलाना क्या क्या दुष्कर्म करते हैं इस पर कभी कोई फिल्म बनाने की सोच भी नहीं सकता ! क्योंकि इनको पता है , कि ऐसा करने पर कमलेश तिवारी की तरह इनकी हत्या भी हो सकती है !!
जबकि हिंदू समाज तो सहिष्णु है , तो सोशल मीडिया पर थोड़ा हल्ला करके चुप हो जाएगा.....
🚩अभी कुछ हिन्दुओं में तो जागरूकता आई है, पर सभी को जागना होगा और बॉलीवुड के इस हिन्दू विरोधी रवैये को उखाड़कर फेंकना ही होगा ! नहीं तो ये लोग दीमक की तरह भारतीय संस्कृति को खोखला कर देंगे !!
🚩अगर बात साधु-संतों की करें तो सभी सनातन धर्म को मानने वाले जानते ही हैं कि उन महापुरुषों ने घोर तपस्याएं करके जो कुछ पाया होता है, उसे वो मानवमात्र की भलाई के लिए लगाते हैं। समाज में आकर सभी को सही मार्ग दिखाते हैं, समाज को व्यसनमुक्त बनाने का प्रयास करते हैं। संयमी और सदाचारी समाज बनाते हैं, गरीबों-आदिवासियों और जरूरतमंदों की सहायता करते हैं। गौशालाएं बनाकर गौ माता की रक्षा करते हैं। बच्चों, युवाओं व महिलाओं के उत्थान के लिए केंद्र खोलते हैं। धर्मान्तरण पर रोक लगाते हैं। चिंता, तनाव, अवसाद ( Depression/ Tension ) में रह रहे लोगों को शांति देते हैं। स्वदेशी का प्रचार करते हैं, सभी को स्वस्थ, सुखी और सम्मानित जीवन जीने की कला सिखाते हैं। राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर देते हैं।
🚩पर बॉलीवुड वाले इस वास्तविकता पर फ़िल्म कभी भी नहीं बनायेंगे। बल्कि इसके उलट ये हिन्दू धर्म के विरोधी प्रकाश झा , मनोज बाजपेई जैसे लोग हिन्दूधर्म को बदनाम करने के लिए झूठी कहानियां बनाकर जनता में परोसते हैं । और विवेकहीन , भोले-भाले लोग इन झूठी कहानियों पर विश्वास कर लेते हैं और अपने ही धर्म व धर्मगुरुओं पर शंका करने लगते हैं।
🚩विचार कीजिए....... बॉलीवुड ने समाज को क्या दिया है !?
🚩शादी करती हुई लड़की को मंडप से उठा लेना, बलात्कार, चोरी, डकैती करना , छोटे कपड़े पहनना, मां-बाप को वृद्धाश्रम छोड़ देना, लव जिहाद को बढ़ावा देना, भारतीय संस्कृति को हीन बताना, हिन्दू साधु-संतों, देवी देवताओं, मदिरों और पंडितों का मजाक उड़ाना तथा पाश्चात्य संस्कृति को महान बताना !!
यही तो अधिकांश फिल्म निर्देशक करते आये हैं ।
🚩साधु संतों , मंदिरों और भगवान को अपमानित करने वाली फिल्में और वेब सीरीज बनाने के पीछे कहीं न कहीं हिन्दूधर्म व भारतीय संस्कृति को तोड़ने वाली ताकतें लगी हुई हैं। क्योंकि साधु, संतों , भगवान और मंदिरों पर करोड़ों लोग श्रद्धा करते हैं, वहाँ पर जाकर शांति पाते हैं। इसके कारण धर्मांतरण कराने वाली मिशनरीज और विदेशी प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियों को भारी नुकसान हो रहे हैं।
अब क्योंकि साधु-संतों के प्रति श्रद्धा रखने वाले आश्रम में जाते हैं और वहाँ उनको भारतीय संस्कृति के अनुसार जीने का सही तरीका मिलता है, फिर वे हिन्दू धर्म के प्रति आस्थावान हो जाते हैं, जिसके कारण वे ईसाई मिशनरियों के चंगुल में नहीं आते हैं औऱ वे विदेशी प्रोडक्ट भी नहीं खरीदते।
🚩इस कारण ईसाई मिशनरियों का लक्ष्य है - भारत में धर्मांतरण करके अपना वोटबैंक बढ़ाकर सत्ता हासिल करना । अब संतों के कारण उसमें भी बाधा उत्पन्न होती है और विदेशी कंपनियों के सामान नहीं बिकने पर उनको अरबों-खरबों रूपयों का घाटा भी होता है।
इन सभी बातों से बौखलाए और झल्लाए सनातन विरोधी अनेक प्रकार के षड्यंत्र रचकर हिन्दुओं की मठ- मन्दिरों , आश्रमों और साधु-संतों के प्रति आस्था को नष्ट करने लगे रहते हैं ।
.......और प्रकाश झा, मनोज बाजपेई जैसे जयचंद गद्दारी करके अपने ही धर्म के खिलाफ फिल्में बनाते हैं।
🚩सर्वे किया जाय तो चर्चों से बलात्कार के हजारों किस्से आ चुके हैं । मदरसों में भी यौन शोषण के हजारों किस्से सामने आते रहते हैं पर अभी तक इस विषय पर तो कोई फिल्म नहीं बनी और न ही कोई हिम्मत करेगा । क्योंकि उसके लिए अलग से फंडिंग तो मिलेगी नहीं और ऊपर से सर तन से जुदा की न सिर्फ धमकियां मिलेंगी बल्कि सर तन से जुदा हो भी जाएं... क्या पता !!!
इसलिए वास्तव में जहाँ पर गड़बड़ियां हो रही हैं, उधर से ये बॉलीवुड वाले उदासीन ही रहते हैं।
🚩हिन्दू सहिष्णु हैं और उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने के लिए भारी फंडिंग भी मिलती रहती है, इस कारण विधर्मियों के टुकड़ों पर पलने वाले जयचंद हिन्दू विरोधी फिल्में बनाते हैं...
और बड़े अफसोस और शर्म की बात है कि हम हिन्दू ही ऐसी फिल्मों , सीरीजों को न सिर्फ देखते हैं साथ ही सहमत भी होते हैं । हम ही तो हैं , जो इन आधुनिक जयचंदों की हौसलाअफजाई करते हैं और उन्हें फाइनेंशियली भी मजबूत बनाते हैं ।
विश्वास कीजिए अगर हमसब मिलकर इनका बहिष्कार करें तो , बेशक इनकी कमर टूट जाएगी , क्योंकि हम विधर्मियों के धर्मांतरण और जिहाद के बावजूद भी अभी तक तो बहुसंख्यक हैं । तो हमें जरूरत है सिर्फ एकजुट और एकमत होने की ।
🚩उपाय सिर्फ एक... " सभी सनातनी हिन्दू ऐसी फिल्मों का पुरजोर बहिष्कार करें और अपने अपने स्तर पर कानूनी कार्यवाही भी करें। "
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