Saturday, December 21, 2024

25 दिसंबर: तुलसी पूजन दिवस

 21 December 2024

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🚩25 दिसंबर: तुलसी पूजन दिवस


🚩भारतीय संस्कृति में तुलसी पूजन दिवस का विशेष महत्व है। हर साल 25 दिसंबर को यह पर्व मनाया जाता है, जो प्रकृति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। इस दिन तुलसी माता की पूजा कर समाज में सकारात्मक ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और भारतीय मूल्यों का प्रचार-प्रसार किया जाता है।


🚩तुलसी पूजन दिवस क्यों मनाया जाता है?


तुलसी को हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी का स्वरूप और भगवान विष्णु की प्रिया माना गया है। तुलसी के बिना किसी भी पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता। इसके अलावा, तुलसी का पौधा पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इस दिन तुलसी माता की पूजा करने से परिवार और समाज में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।


🚩तुलसी पूजन की विधि (25 दिसंबर)


🌿 स्नान और शुद्धि:


 सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ़ वस्त्र धारण करें।


🌿तुलसी पर जल चढ़ाएं:


 तुलसी के पौधे पर शुद्ध जल अर्पित करें।


🌿 सिंदूर और फूल चढ़ाएं:


 तुलसी पर सिंदूर और लाल या गुलाबी फूल अर्पित करें।


🌿घी का दीप जलाएं:


 तुलसी माता के पास घी का दीपक जलाकर आरती करें।


🌿तुलसी स्तोत्र का पाठ:


 तुलसी स्तोत्र का पाठ कर भक्ति-भाव से पूजा करें।


🌿भोग और प्रसाद:


 फल, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाकर प्रसाद वितरण करें।


🚩तुलसी पूजन के नियम और मान्यताएं


🟡शाम के समय तुलसी माता के पास दीपक जलाना विशेष शुभ माना जाता है।


🟡 रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचना चाहिए।


🟡 तुलसी माला धारण करने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है।


🚩25 दिसंबर:

 तुलसी पूजन और संस्कृति को सहेजने का दिन


आज के समय में जब पश्चिमी परंपराओं का प्रभाव बढ़ रहा है, तुलसी पूजन दिवस हमें अपनी संस्कृति को सहेजने और समाज को उसके महत्व से अवगत कराने का अवसर देता है।


🌿क्रिसमस ट्री की जगह तुलसी: 


25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने के बजाय तुलसी का पौधा अपनाकर समाज को पर्यावरण संरक्षण और भारतीय मूल्यों का महत्व समझाएं।


🌿पर्यावरण और स्वास्थ्य:


 तुलसी न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। यह वायु को शुद्ध करती है और कई बीमारियों का उपचार करती है।


🚩भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का संकल्प


25 दिसंबर तुलसी पूजन दिवस केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने और समाज में पर्यावरण और आध्यात्मिकता का संदेश फैलाने का पर्व है।


आइए, इस 25 दिसंबर तुलसी पूजन दिवस पर हम सभी समाज में तुलसी के महत्व को समझाएं और भारतीय संस्कृति को सशक्त बनाएं।

“तुलसी पूजन करें, प्रकृति और संस्कृति को समृद्ध करें!”


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