Friday, September 7, 2018

हनुमानजी से जीने की कला सीखने के लिए होगा अंतराष्ट्रीय सेमिनार..

07 September 2018

🚩ज्योतिषियों की गणना अनुसार भगवान हनुमानजी का जन्म 1 करोड़ 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्र नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6:03 बजे हुआ था ।

केवल भारत ही नहीं  विदेश में भी लोग हनुमानजी को आदरपूर्वक मानते हैं, अर्चन-पूजन करते हैं ।

An international seminar will be to
 learn the art of living by Hanumanji.

🚩अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा संचालित एक पत्रकारिता विश्वविद्यालय में भगवान हनुमानजी पर इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन हो रहा है । विश्वविद्यालय चाहता है कि, यहां के छात्र भगवान हनुमानजी से जीने की कला सीखें । भगवान हनुमानजी का लाइफ मैनेजमेंट उन्हें बताया जाएगा । वर्तमान परिदृश्य में उनके लाइफ मैनेजमेंट की व्याख्या की जाएगी । इन सब के साथ यहां कम्यूनिकेशन स्किल पर भी बात होगी । इसके लिए पूरे विश्व से रिसर्च पेपर आमंत्रित किए गए हैं । सेमिनार का थीम “हनुमानजी जी का लाइफ मैनेजमेंट” और “हनुमानजी जी का वर्तमान और प्राचीन स्वरूप” है ।

🚩विश्वविद्यालय के कुलपति एम.एस. परमार कहते हैं, “इस कार्यक्रम का आयोजन अयोध्या रिसर्च इंस्टीट्यूट और कल्चर डिपार्टमेंट के द्वारा उत्तर प्रदेश के कल्चर डिपार्टमेंट के इंडोलॉजी एंड हेरिटेज मैनेजमेंट विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा है । इसमें शामिल होने के लिए विदेश से भी लोग आ रहे हैं । पूरे विश्व से हमने लगभग 60 रिसर्च पेपर प्राप्त किए हैं ।” बता दें कि एक ऋषि और भगवान विष्णु के भक्त नारद मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित मखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल है । वहां उन्हें पहले पत्रकार के रूप में वर्णित किया गया है, जिन्हें समाचार एकत्र करने की कला में महारत प्राप्त थी । स्त्रोत : जनसत्ता

🚩भगवान हनुमानजी के अनेक गुण है उनका बखान कितना भी करो कम पड़ेगा ।

🚩हनुमानजी के पास अष्ट सिद्धयाँ  और नव निधियां भी थीं । 

हनुमानजी को जिन अष्ट सिद्धियों का स्वामी तथा दाता बताया गया है वे सिद्धियां इस प्रकार हैं-

1.अणिमा:  इस सिद्धि के बल पर हनुमानजी कभी भी अति सूक्ष्म रूप धारण कर सकते हैं ।

🚩2. महिमा:  इस सिद्धि के बल पर हनुमान ने कई बार विशाल रूप धारण किया है ।

3. गरिमा:  इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी स्वयं का भार किसी विशाल पर्वत के समान कर सकते हैं ।

🚩4. लघिमा:  इस सिद्धि से हनुमानजी स्वयं का भार बिल्कुल हल्का कर सकते हैं और पलभर में वे कहीं भी आ-जा सकते हैं ।

🚩5. प्राप्ति:  इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी किसी भी वस्तु को तुरंत ही प्राप्त कर लेते हैं। पशु-पक्षियों की भाषा को समझ लेते हैं, आने वाले समय को देख सकते हैं ।

🚩6. प्राकाम्य:  इसी सिद्धि की मदद से हनुमानजी पृथ्वी गहराइयों में पाताल तक जा सकते हैं, आकाश में उड़ सकते हैं और मनचाहे समय तक पानी में भी जीवित रह सकते हैं । इस सिद्धि से हनुमानजी चिरकाल तक युवा ही रहेंगे । साथ ही, वे अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी देह को धारण कर सकते हैं । इस सिद्धि से वे किसी भी वस्तु को चिरकाल तक प्राप्त कर सकते हैं ।

इस सिद्धि की मदद से ही हनुमानजी ने श्रीराम की भक्ति को चिरकाल का प्राप्त कर लिया है ।

🚩7. ईशित्व:  इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी को दैवीय शक्तियां प्राप्त हुई हैं ।
ईशित्व के प्रभाव से हनुमानजी ने पूरी वानर सेना का कुशल नेतृत्व किया था । इस सिद्धि के कारण ही उन्होंने सभी वानरों पर श्रेष्ठ नियंत्रण रखा । साथ ही, इस सिद्धि से हनुमानजी किसी मृत प्राणी को भी फिर से जीवित कर सकते हैं ।

🚩8. वशित्व:  इस सिद्धि के प्रभाव से हनुमानजी जितेंद्रिय हैं और मन पर नियंत्रण रखते हैं ।

वशित्व के कारण हनुमानजी किसी भी प्राणी को तुरंत ही अपने वश में कर लेते हैं । हनुमान के वश में आने के बाद प्राणी उनकी इच्छा के अनुसार ही कार्य करता है। इसी के प्रभाव से हनुमानजी अतुलित बल के धाम हैं ।

🚩नौ निधियां  :
हनुमान जी प्रसन्न होने पर जो नव निधियां भक्तों को देते है वो इस प्रकार है

1. पद्म निधि : पद्मनिधि लक्षणों से संपन्न मनुष्य सात्विक होता है तथा स्वर्ण चांदी आदि का संग्रह करके दान करता है ।

🚩2. महापद्म निधि : महाप निधि से लक्षित व्यक्ति अपने संग्रहित धन आदि का दान धार्मिक जनों में करता है ।

3. नील निधि : नील निधि से सुशोभित मनुष्य सात्विक तेज से संयुक्त होता है । उसकी संपत्ति तीन पीढ़ी तक रहती है ।

🚩4. मुकुंद निधि : मुकुन्द निधि से लक्षित मनुष्य रजोगुण संपन्न होता है वह राज्यसंग्रह में लगा रहता है ।

5. नन्द निधि : नन्दनिधि युक्त व्यक्ति राजस और तामस गुणोंवाला होता है वही कुल का आधार होता है ।

🚩6. मकर निधि : मकर निधि से संपन्न पुरुष अस्त्रों का संग्रह करनेवाला होता है ।

7. कच्छप निधि : कच्छप निधि लक्षित व्यक्ति तामस गुणवाला होता है, वह अपनी संपत्ति का स्वयं उपभोग करता है ।

🚩8. शंख निधि : शंख निधि एक पीढ़ी के लिए होती है।

9. खर्व निधि : खर्व निधिवाले व्यक्ति के स्वभाव में मिश्रीत फल दिखाई देते हैं ।

🚩ईसाई मिशनरियों द्वारा भोले-भाले लोगों को बहकाया जाता है कि हनुमानजी एक बंदर हैं, पशु हैं, किंतु सत्य तो ये है कि वे भी अगर ईमानदारी से उनकी शरण हो जाएं तो हनुमानजी की प्रत्यक्ष कृपा का अनुभव कर सकते हैं और फिर वे आरोग्यता का दान लेकर, अपने गले से क्रॉस का चिह्न हटाकर सुंदर, सुखद, विनयमूर्ति, प्रेममूर्ति, पुरुषार्थमूर्ति, सज्जनता तथा सरलता की मूर्ति श्री हनुमानजी को ही गले में धारण करेंगे ।

🚩श्री हनुमानजी को बंदर कहकर भारत की संस्कृति पर आस्था रखनेवालों के प्रति अपराध करनेवालों ! तुम्हारे अपराध के फलस्वरूप रोग, पीड़ा, अशांति आती है । अतः सावधान हो जाओ । श्रीरामजी और हनुमानजी की कृपा आप भी पाइए और भारतवासियों को धर्मान्तरित मत कीजिए । आप इस देव की शरण आइए, इसीमें आपका भला है।

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Thursday, September 6, 2018

समलैंगिक संबंध अपराध नहीं ? जानिए इससे कितना भयंकर होता है नुकसान.

06 September 2018

🚩 भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में समलैंगिकता को अपराध माना गया था । आईपीसी की धारा 377 के मुताबिक, जो कोई भी किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाता है तो इस अपराध के लिए उसे 10 वर्ष की सज़ा या आजीवन कारावास का प्रावधान रखा गया था । इसमें जुर्माने का भी प्रावधान था और इसे ग़ैर ज़मानती अपराध की श्रेणी में रखा गया था ।

🚩देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है । इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा ।

🚩वर्तमान कानून से अब कोई भी महिला, महिला के साथ और कोई भी पुरूष, पुरुष के साथ अप्राकृतिक शारीरिक संबंध बना सकता है, इसे कोई अपराध नहीं माना जाएगा ।
Gay sex is not crime? Know how terrible it is to harm.
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🚩यह प्रथा विदेशो में चलती है भारत एक आध्यत्मिक देश है यहाँ अप्राकृतिक संबध बनाना पाप माना जाता है, ये भगवान, शास्त्र विरुद्ध कार्य है जो मनुष्य को भयंकर नुकसान पहुँचाता है ।

🚩'द चिल्ड्रंस सोसायटी' ने साल 2015 में 14 साल के करीब 19 हजार किशोरों से मिली जानकारी का विश्लेषण किया । संस्था की रिपोर्ट बताती है कि समान लिंग के प्रति आकर्षण रखने वाले किशोरों और बाकी किशोरों के बीच खुशी के मामले में काफी अंतर था । एक चौथाई से ज्यादा समलैंगिक किशोर अपने जीवन से कम संतुष्ट थे । वहीं सर्वे में शामिल सभी लोगों के बीच यह आंकड़ा महज 10 फीसदी तक था ।

🚩करीब 40 फीसदी किशोरों में अत्यधिक डिप्रेशन के लक्षण पाए गए. रिपोर्ट कहती है कि कि सभी किशोरों में से करीब 15 फीसदी ने पिछले साल खुद को नुकसान पहुंचाया. वहीं समलैंगिक किशोरों में ऐसे लोगों की संख्या लगभग 50 फीसदी के बराबर थी ।

🚩हिन्दू धर्म में समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध है इसे नैतिक पतन का लक्षण माना जाता है । इसलिए यहाँ पकड़े जाने पर समलैंगिकों को हमेशा कठोर सजा दी जाती थी ।

🚩आज धीरे-धीरे कर देश इस तरह के एक ही शारीरिक सम्बन्ध की शादियों को स्वीकार करने लगा है । समलैंगिकता को अब कानूनी दर्जा मिल रहा है । एक ही सेक्स के दो लोग अब शादी रचाकर एक साथ रहने के लिए आजाद है, लेकिन ये शादी ना केवल समाज के नियमों को तोड़ती है बल्कि प्रकृति के नियमों का भी उल्लघंन करती है ।

🚩यह प्राकृतिक कानून का उल्लंघन है :- 

शादी दो इंसानों के बीच का संबंध है, जिसे समाज द्वारा जोड़ा जाता है और उसे प्रकृति के नियमों के साथ आगे चलाया जाता है । समाज में शादी का उद्देश्य शारीरिक संबंध बनाकर मानव श्रृखंला को चलाना है । यहीं नेचर का नियम है । जो सदियों से चलता आ रहा है, लेकिन समलैंगिक शादियां मानव श्रृंखला के इस नियम को बाधित करती है ।

🚩अधर में बच्चे का भविष्य:- 

सामान्यतः बच्चों का भविष्य मां-बाप के संरक्षण में पलता है । समलैगिंक विवाह की स्थिति में बच्चों का विकास प्रभावित होता है । वो या तो मां का प्यार पाते हैं या पिता का सहारा । मां-बाप का प्यार उन्हें एक -साथ नहीं मिल पाता जो उनके विकास को प्रभावित करता है । संडे टेलिग्राफ' अखबार के मुताबिक समलैंगिक शादी उस मूलभूत विचार को बिल्कुल खत्म कर देगा कि हर बच्चे को मां और बाप दोनों चाहिए ।

🚩समलैंगिक जीवन शैली को बढ़ावा देता है:-

एक ही सेक्स में विवाह की कानूनी मान्यता जरूरी है । ये शादियां समाज के नियम के साथ-साथ पारंपरिक शादियों को नुकसान पहुंचाती है । लोगों के सोचने के नजरिए को प्रभावित करती है । बुनियादी नैतिक मूल्यों , पारंपरिक शादी के अवमूल्यन, और सार्वजनिक नैतिकता को कमजोर करता है ।

🚩नागरिक अधिकारों का गलत इस्तेमाल:-

समलैंगिक कार्यकर्ताओं को एक ही सेक्स में शादी करने का मुद्दा 1960 के दशक में नस्लीय समानता के लिए संघर्ष का मुद्दा बन गया था । एक औरत और एक मर्द के बीच उनके रुप-रंग, लंबाई-चौड़ाई को बिना ध्यान में रखे संबंध बनाया जा सकता है, लेकिन एक ही सेक्स में शादी प्रकृति का विरोध करता है । एक ही लिंग के दो व्यक्तियों, चाहे उनकी जाति का, धन, कद अलग हो संभव नहीं होता ।

🚩बांझपन को बढ़ावा देता है:- 

प्रकृतिक शादियों में महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं, लेकिन समलैंगिक शादियों में दंपत्ति प्रकृतिक तौर पर बांझपन का शिकार होता है ।

🚩सेरोगेसी के बाजार को मिलता है बढ़ावा:-

एक ही लिंग की शादियों में दंपत्ति बच्चा पैदा करने में प्रकृतिक तौर पर असमर्थ होता है । ऐसे में वो सेरोगेसी या किराए की कोख का इस्तेमाल कर अपनी मुराद को पूरा करना का प्रयास करता है । समलैंगिक विवाह के कारण सेरोगेसी के बाजार को बढ़ावा मिलता है ।

🚩भगवान भी होते हैं नाराज

यह सबसे महत्वपूर्ण कारण है । यह शादी भगवान द्वारा स्थापित प्राकृतिक नैतिक आदेश का उल्लंघन करती है और भगवान नाराज होते हैं ।

🚩समाज पर दबाव:-

समलैंगिक शादियां समाज पर अपनी स्वीकृति के लिए दबाव डालती है । कानूनी मान्यता के कारण समाज को जबरन इन शादियों को मंजूर करना ही होता है । जिन देशों में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता मिल चुकी है, उन देशों में समलैंगिक शादियों से पैदा हुए बच्चों को शिक्षा देनी ही होती है । अगर कोई व्यक्ति या अधिकारी इसका विरोध करता है तो उसे विरोध का सामना करना पड़ता है ।

🚩मनुष्य को इतने भयंकर नुकसान के कारण ही समलैंगिक संबध बनाना गैरकानूनी था, पर अभी पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण के कारण आज देशवासी भी पशुता की ओर जाने लगे है इससे सावधान रहना जरूरी है ।

🚩न्यायालय के पास आम जनता, श्री राम मंदिर, धारा 370, कश्मीर पंडितों के लिए समय नहीं है, पर अप्राकृतिक संबध बनाने वाले फैसला सुनाने के लिए समय मिल जाता है ।

🚩भारत मे गौमाता की रक्षा के लिए कानून नहीं बना पा रहे हैं और समलैंगिक संबध के लिए कानून बना रहे हैं, कितने दुर्भाग्य की बात है ।

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Wednesday, September 5, 2018

जनता में भारी रोष, Sc/St एक्ट में बदलाव नही किया तो कल होगा भारत बंद

05 September 2018
http://azaadbharat.org
🚩देश में राष्ट्रविरोधी ताकतें व स्वार्थी लोगों द्वारा दहेज, बलात्कार के कानून की तरह Sc/St एक्ट का भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।
🚩झूठे मुकदमें दर्ज होने के कारण जो लोग वास्तव में पीड़ित हैं, उनको न्याय नही मिल पा रहा है । आज न्यायालय में करोड़ों मुकदमों पर सुनवाई चल रही है, लाखों कैदी विचारधीन है, जिनको जमानत भी नही मिल पाती है ।
If there is no change in the public anger,
 Sc / St Act, then India will stop tomorrow.
🚩सज्जन व्यक्ति कभी झूठा आरोप नहीं लगाते हैं, पर आजकल कुछ लोग पैसों के लालच व बदला लेने की भावना से दहेज, बलात्कार के कानुन की तरह SC/ST एक्ट का भी काफी दुरुपयोग कर रहे हैं, अधिक झूठे मामले  सामने आने के कारण, अदालतें भी परेशान हो गई थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और सुप्रीम ने यहाँ तक कह दिया था कि डी.एस.पी. स्तर के अधिकारी के जांच के बाद ही एफ.आई.आर. दर्ज होगी एवं उसके बाद गिरफ्तारी होगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बात को मान्य नहीं रखकर मोदी सरकार ने पुराने और मूल स्वरूप में उसी कानून को फिर से लागू कर दिया ।
🚩मात्र एक शिकायत पर किसी भी व्यक्ति को दोषी मान कर गिरफ्तार कर लेना और उसकी जमानत तक नहीं होने देना और 70 वर्षों से चली आ रही जातिगत आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की मांग को लेकर जनता ने 6 सितंबर 2018 को प्रातः 10:00 बजे से 4:30 बजे तक भारत बंद का आवाहन किया है ।
🚩एस.सी./एस.टी. संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18 A जोड़ी जाएगी । इसके जरिए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा । इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाया प्रावधान रद्द हो जाएगा और अब ये प्रावधान होगा-
-एस.सी./एस.टी. एक्ट में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है ।
-आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी, हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी ।
-एस.सी./एस.टी. मामले में जांच, इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर जांच करेंगे ।
-जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा ।
-एस.सी./एस.टी. मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी ।
-सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने से पहले, जांच एजेंसी को अथॉरिटी से इजाजत नहीं लेनी पड़ेगी ।
🚩जनता का कहना है कि इस दलित उत्पीड़न एक्ट में यदि मोदी जी तीन चार प्रावधान जोड़ देते, तब यह बहुत अच्छा कानून होता और सभी के लिए फायदेमंद है ।
🚩पहला यदि शिकायत झूठी पाई जाती है तो शिकायतकर्ता को जेल हो और पीड़ित को मुआवजा मिले ।
🚩दूसरी चीज दलित उत्पीड़न एक्ट से मुआवजा खत्म कर दिया जाए क्योंकि 80% शिकायतें सिर्फ मुआवजे के लालच में की जाती हैं ।
🚩आपको बता दें कि दो दिन पहले नोएडा में एक दलित लड़की का उसके सगे ममेरे भाई ने बलात्कार किया, लेकिन उस लड़की के घरवालों ने मुआवजा पाने की लालच में पड़ोसी सवर्णों के ऊपर केस दर्ज करवा दिया, लेकिन पुलिस ने ईमानदारी से जांच की तो मामला सामने आ गया ।
🚩चौथी चीज पहले एक DSP रैंक का अधिकारी मामले की जांच करें और यदि शिकायत सच हो तभी जेल भेजा जाए ।
🚩आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह सभी प्रावधान जब मायावती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थी तो उन्होंने जोड़े थे ।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2269363209962905&id=1441254326107135
🚩Sc/St एक्ट में बदलाव करना अत्यंत जरूरी है क्योंकि सभी हिन्दू ही हैं, सज्जन लोग तो इसका दुरुपयोग नहीं करेंगे, लेकिन स्वार्थी लोगों द्वारा इसका भयंकर दुरुपयोग किया जाएगा और हिन्दुओं को ही नुकसान होगा क्योंकि फिर हिंदुओं में आपस में ही मतभेद होगा और वे जाति-पाति में बंट जाएंगे, आपस में ही लड़ने लगेंगे, एक दूसरे को सहयोग नहीं करेंगे, जिससे हिन्दूओं को ही घाटा होगा और देशविरोधी ताकतें इसका भरपूर फायदा उठाएंगी ।
🚩आपको बता दें कि आज़ाद भारत किसी भी जाति को नहीं मनाता है । केवल हिन्दू चाहे वे कोई भी जाति का क्यों न हो ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, शुद्र वे अपने कर्म के अनुसार वर्ण है, लेकिन हमारी नजर में सब हिन्दू ही हैं और हमें एक होकर रहना चाहिए, लेकिन किसी भी गलत कानून का विरोध करना हर हिन्दुस्तानी का कर्तव्य है, चाहे वो दहेज, बलात्कार या Sc/St एक्ट हो उन सभी कानूनों का भयंकर दुरपयोग हो रहा है, उसमें भी संशोधन होना अत्यंत जरूरी है ।
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Tuesday, September 4, 2018

ईसाई मिशनरियों का गोरखधंधा : बच्चों की कर रहे है तस्करी

04 September 2018

🚩हिंदुस्तान में हिंदुओं को तो संविधान और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया जाता रहा है, लेकिन मुसलमानों और ईसाईयों के कुकर्मों पर हमेशा पर्दा डाल दिया जाता है । 

🚩देश मे हाल में ही कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे ये बात साफ हो गई है कि ईसाई मिशनरियां मानव तस्करी के साथ दुष्कर्म को बढ़ावा देने वाली बन गई हैं । मदर टेरेसा की संस्था ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ के रांची सेंटर में बच्चे बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद पहली बार लोगों को पता चला है कि मानवता और समाज में सेवा के नाम पर दरअसल क्या हो रहा था । जाहिर है देश के लिए इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि धर्म की आड़ में बच्चे बेचने का रैकेट चले ।

🚩अभी हाल ही में दूसरा मामला बच्चों की तस्करी का आया है ।
Christian missionaries' gravity: children are being smuggled


झारखंड के चाईबासा जिले से मानव तस्करी कर अवैध तरीके से लुधियाना ले जाए गए 34 बच्चों में 30 बच्चे लापता हैं । सभी बच्चों को लुधियाना स्थित पैकियम मर्सी क्रास बाल गृह में रखा गया था । वहाँ ईसाई मिशनरियों द्वारा उनका धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था और उनसे बाल मजदूरी करवाई जा रही थी । इस पूरे प्रकरण में चाईबासा के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (ए.एच.टी.यू.) थाने में F.I.R. दर्ज कराई गई है । यह प्राथमिकी सी.डब्ल्यू.सी. चाईबासा की सदस्य ज्योत्सना तिर्की ने दर्ज कराई है । 

🚩कौन कर रहा है बाल तस्करी?

जुनूल लोगा नाम के व्यक्ति ने लुधियाना में मर्सी होम क्रिश्चियन में पढ़ाई कर मैट्रिक पास किया था । जुनूल लोगा बाहर के बच्चों को वहां पढ़ाई व रोजगार का प्रलोभन देकर उनके माता-पिता को धोखे में रख कर ले गया था। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार "जुनूल लोगा" ने झारखंड के विभिन्न जिलों में कार्यरत मिशनरी संस्थाओं व चर्च के पादरियों की मिलीभगत से मानव तस्करी कर के बच्चों को अवैध रूप से चाईबासा (झारखंड) से लुधियाना ले जाकर अवैध रूप से कार्यरत पैकियम मर्सी क्रास बालगृह में अमानवीय ढंग से रखा । वहां सी.डब्ल्यू.सी. को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई थी।

🚩सीडब्ल्यूसी मेंबर ज्योत्सना ने की थी शिकायत 

एसपी गणदेशी के मुताबिक चाईबासा में बाल कल्याण समिति सदस्य ज्योत्सना तिर्की की शिकायत के बाद पुलिस कार्रवाई शुरू की गई है । शिकायत मिली थी कि चाईबासा और बिहार से ले जाकर लुधियाना में एक मिशनरी ने चाइल्ड शेल्टर होम में 34 बच्चों को अवैध तरीके से रखा है । तत्काल टीम लुधियाना भेजी गई और पंजाब पुलिस के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया । जिसे ट्रांजिट रिमांड पर चाईबासा लाने से पहले उसे वहां कोर्ट में लाया गया था । पुलिस  सभी बच्चों की जानकारी हासिल कर रही है । कथित धर्मांतरण पर कहा, प्रथम दृष्टया रिपोर्ट में पता चलता है कि कुछ बच्चों का धर्मांतरण हुआ है । 

🚩पुलिस ने रिकॉर्ड के मुताबिक कहा कि साल 2006 से झारखंड से करीब 300 बच्चों को पंजाब के लुधियाना लाया गया है । 

सी.डब्ल्यू.सी. मेंबर ज्योत्सना की शिकायत के अनुसार, यह ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण और बाल मजदूरी का मामला है ।

🚩देश में धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा है । इस कारण देश में हिंदू आबादी लगातार घट रही है । हिंदुओं के देश में ही आठ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं । इसमें सबसे बड़ी भूमिका ईसाई मिशनरियों की सामने आती रही है ।

देशवासियों को ईसाई मिशनरियों के स्कूलों में भी बच्चों को नही भेजना चाहिए, वहाँ पर भी हिंदु त्योहारों और हिन्दू रीति रिवाजों का विरोध होता है, साथ ही साथ हिन्दू देवी-देवताओं का भी अपमान किया जाता है और यीशु को महान बताकर बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता है ।

🚩ईसाई मिशनरियों के काले चिट्ठे सामने आ गए है लेकिन एक भी सेक्युलर नेता या मीडिया बोलने को तैयार नही है क्योंकि इन्हें भी वेटिकन सिटी से फंडिग मिलती है ।
मीडिया को पवित्र हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने और ईसाई पादरियों के दुष्कर्म छुपाने के लिए भारी फंडिग मिलती है इसलिए बिकाऊ मीडिया की खबरों से भी सावधान रहें ।

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