Friday, May 8, 2020

आशारामजी बापू की तरह सेम कहानी है डॉ पंड्या पर अंतराष्ट्रीय साजिश की !!

08 मई 2020

🚩महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की निर्मम हत्या, उसके बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या, पंजाब में होशियारपुर में साधु पर जान लेवा हमला हुआ फिर तबलीग जमाती पर बयान देने पर जैन मुनि सूर्य सागर जी पर गुजरात में एफआईआर दर्ज करवाई है और अब गायत्री परिवार के संस्थापक श्री डॉ. प्रणव पांड्या पर दुष्कर्म का केस को लेकर दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज हुई है।

🚩इन बातों से पता चलता है कि सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए जो भी आगे आते हैं, या तो उन पर चारित्रिक आरोप लगाकर मीडिया द्वारा बदनाम करके जेल भिजवाया जाता है या तो उनकी हत्या कर दी जाती है।

🚩डॉ प्रणव पंड्या की देश-विदेश में छाप साफ-सुथरी है। उनको कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। वैसे ही हिंदू संत आशारामजी बापू पर भी आरोप लगने सेे पूर्व देश विदेश में छवि साफ-सुथरी थी। दोनों ही हिन्दूनिष्ठ सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में पुरजोर तरह से लगे थे, धर्मान्तरण पर रोक लगाने में बहुत आगे थे क्योंकि इन दोनों के पास करोडों की संख्या में भक्त हैं।

🚩आपको बता दें कि डॉ प्रणव पंड्या पर जिस लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है वे 10 साल पुराना है और हिंदू संत आशारामजी बापू पर सूरत की जिस लड़की ने आरोप लगाया है वह 12 साल पुराना है। बता दें कि ये दोनों लड़कियां पूर्व में उनके आश्रमो में ही रहती थी। और डॉ पंड्या पर जिसने आरोप लगाया कि 2010 में दुष्कर्म हुआ और वे 2014 तक उनके आश्रम में रहती है और अब 2020 में आरोप लगा रही है। बापू आशारामजी पर जिसने आरोप लगाया है वह बोलती है मेरे साथ 2001 में दुष्कर्म हुआ और वह 2007 तक आश्रम में रहती है 2013 में उनके ऊपर केस करती है ।

🚩आप बताइए कि ये लोग 10-12 साल तक चुप रहे... और अचानक केस कर देते हैं...ऐसे अगर कोई भी लडक़ी किसी पर भी आरोप लगा दे कि मेरे साथ 10-20 साल पहले रेप हुआ था तो निर्दोष पुरुष की क्या हालत होगी?

🚩आपको बता दें कि जब आशारामजी बापू पर आरोप लगे थे तब उनकी उम्र 78 वर्षीय थी और प्रणव पंड्या जी पर आरोप लगे हैं तब उनकी उम्र 70 साल की है। क्या संत सिर्फ बलात्कार ही करते हैं ? वो भी बुढ़ापे में ? जिन्होंने करोड़ो लोगों को ब्रह्मचर्य पालन करवाया वे क्या बुढ़ापे में ऐसा घृणित कार्य कर सकते हैं ?

🚩आपको बता दे कि टीवी चैनल पर आपने देखा होगा कि बापू आशारामजी के खिलाफ बोलने वाले कुछ उनके आश्रम में ही रहने वाले थे वैसे ही प्रणव पंड्या जी के खिलाफ बोलने वाले भी उनके अंदर के ही लोग हैं, क्योंकि आश्रम का वातावरण सात्विक होता है जो दुष्ट व्यक्ति अपने पर दुख आने के कारण आश्रम में आ जाते हैं पर कुछ दिन के बाद उपद्रव शुरू कर देते हैं और संस्था और संस्था के मालिक से पैसे मांगते हैं। नही देने पर वे धर्मान्तरण कराने वाले लोगो के हाथों बिक जाते हैं और संतो पर मनगढ़ंत आरोप लगाना शुरू कर देते हैं।

🚩बापू आशारामजी पर आरोप लगने के मुख्य कारण यह है...

*1). लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया।*

*2). कत्लखाने में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।*

*3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।*

*4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया ।*

*5). लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया ।*

*6). लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया  ।*

*7). वैलेंटाइन डे का विरोध करके "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का प्रारम्भ करवाया  ।*

*8). क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया  ।*

*9). करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया  ।*

*10). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त कराया  ।*

*11). वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए  ।*

*12). मुश्किल हालातों में कांची कामकोटि पीठ के "शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी" बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया  ।*

*🚩ऐसे अनेक भारतीय संस्कृति के उत्थान के कार्य किये हैं जो विस्तार से नहीं बता पा रहे हैं।*

🚩डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने तो यह भी बताया कि हिंदी संत आशारामजी बापू ने लाखों हिंदुओं की घर वापसी और करोड़ो लोगों को सनातन धर्म की तरफ ले आये इसके कारण वेटिकन सिटी ने सोनिया गाँधी को कहकर झूठे केस में फँसाया गया। उनके आश्रम में फेक्स भी आया था कि 50 करोड़ दो नहीं तो जेल जाने को तैयार रहो इससे साफ होता है कि उन पर अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र हुआ है।

🚩आपको बता दें कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख अध्येता पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने महाप्रयाण से पहले ही देशभर में सप्तसूत्री जागरण का अभियान छेड़ दिया था। जिससे संपन्न इलाकों के साथ ही आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्र भी खासे प्रभावित हुए। इस अभियान का प्रभाव जांजगीर जिले में भी देखने को मिला। जिले में पिछले डेढ़ दशक के दौरान धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासी गायत्री परिवार के जनजागरण अभियान से प्रभावित होकर पुनः सनातन धर्म की ओर रुख कर रहे हैं। जिसका असर धर्म परिवर्तन की गिरती दर के रूप में देखने को मिला।

🚩गायत्री परिवार के कारण यहां हिंदू धर्म परिवर्तन में कमी आने लगी। जिसके कारण कई बार मिशनरियों ने स्थानीय स्तर पर गायत्री परिवार के साथ विवाद की स्थिति पैदा की। गायत्री परिवार के जग-जागरण अभियान को रोक पाने में असफल इस विशेष धार्मिक संगठन पर जब ऊपरी दवाब पड़ा तो इसने गायत्री परिवार के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय साजिश को मूर्त रूप देना शुरू किया।

🚩तो आपने देखा कि पालघर में जो साधुओं की हत्या हुई उसमे भी मिशनरियों का हाथ सामने आ रहा है और इन बड़े धर्माचार्य श्री डॉ प्रणव पांड्या और हिंदू संत आशारामजी बापू ने भी धर्मान्तरण पर रोक लगाई और हिंदुओं की घर वापसी करवाई तो उनपर भी झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा स्वामी विवेकानंद जी के साथ भी ईसाई मिशनरियों ने किया था । उनपर भी चारित्रिक आरोप लगाए थे पर आज उनको करोड़ो लोग पूजते हैं।

🚩हिंदुओं ऐसे षडयंत्र से आप भी सावधान रहें और औरों को भी सावधान करें। अपने किसी भी धर्मगुरु पर आरोप लगे तो बिना सच्चाई जाने कुछ न बोले बल्कि उनका समर्थन जरूर करें क्योंकि वे ही हमारे धर्म को संभाल के रखे हैं।

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Thursday, May 7, 2020

एक के बाद एक की बारी, अब गायत्री परिवार के डॉ. प्रणव पांड्या की बारी?

07 मई 2020

🚩देखा गया गया है कि जो भी सनातन संस्कृति की की सेवा करने आगे आते हैं उन पर अनेक प्रकार के षड़यंत्र होते है, ये आज की बात नही है सदियों से चलता आ रहा है आपको ये भी बता दे कि भगवान बुद्ध के समय उनके ऊपर भी उनकी ही भिक्षुणी द्वारा दुष्कर्म और उसकी हत्या का आरोप लगाया गया था लेकिन उनको करोड़ो लोग भगवान मानते है और मानते रहेंगे लेकिन बात सिर्फ इतनी ही है कि जब भी कोई महापुरुष सोये हुए समाज को जगाना चाहता है और अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाता है तो विधर्मी लोग महापुरुषों के नजदीकी लोगों को ही प्रलोभन देकर खरीद लेते है और उन पर षडयंत्र शुरू कर देते हैं।

🚩इसका उदाहरण स्वामी दयानंद सरस्वती जी को षड्यंत्रकारीयों ने दयानंदजी के रसोईये के तैयार किया और जहर दिलवा दिया, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई कभी नही हारती लेकिन उनके ही नजदीकी ने गेट खुलवाकर अंग्रेजो को अंदर बुलावाकर रानी को पकड़वा दिया, ऐसे अनेक उदाहरण है अगर नजदीकी वाले लोग विधर्मियों के साथ नही बिकते तो 700 साल मुगल और 200 साल अंग्रेज हमारे देश को गुलाम नही बनाते।

🚩दो दिन से खबर चल रही है कि गायत्री परिवार के संचालक डॉ. प्रणव पांड्या पर बलात्कार का आरोप लगाया है! आरोप लगाने वाली लड़की छत्तीसगढ़ की है और गायत्री परिवार में पहले सेवा करती थी। एफआईआर के अनुसार लड़की ने लिखवाया है कि मेरे साथ 2010 मे बलात्कार किया गया, उस लड़की की उम्र 14 साल की थी और 10 साल के बाद दिल्ली में जीरो एफआईआर करवाती है। अब बड़ा सवाल उठता है कि 10 साल तक लड़की क्या कर रही थी? उसने बोला कि मेरी हिम्मत नही हो रही थी लेकिन निर्भया केस में फांसी मिलने के बाद मेरी हिम्मत बढ़ी। लेकिन निर्भया केस में भी फांसी मिले करीब 2 महीनें होने आये इससे तो लगता है कि लडकी किसी के कहने पर तो ऐसा नही कर रही है? और हां उसने डॉ प्रणव पंड्या की धर्मपत्नी श्रीमती शैलबाला  पांड्या पर भी आरोप लगाया है कि वे भी बलात्कार करवाने में शामिल थी। कितनी हास्यास्पद बात है कोई पत्नी अपने पति के लिए क्या अलग-अलग लड़कियां लाकर रेप करवा सकती है? और वे भी धर्म मे दृढ आस्था रखने वाली पवित्र आत्मा श्री शैलबाला पण्ड्या है जो मन मे भी ऐसा नही सोच सकती, फिर लड़कियों को अपने पति के पास दुष्कर्म करने ले जाये ऐसा तो हम सोच भी नही सकते।

🚩डॉ प्रणव पांड्या पूर्व न्यायाधीश स्व. श्री सत्यनारायण पंड्या के बेटे है और  तपोनिष्ठ पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य के दामाद है और उनकी उम्र 70 साल की है तो ऐसे पवित्र आत्मा ऐसा दुष्कर्म कर नही सकते ऐसा लगता है।

🚩आपको बता दे कि डॉ. प्रणव पांड्या के ऊपर केस दर्ज करवाने में गायत्री परिवार का सेवक मनमोहन सिंह, जो जमशेदपुर झारखंड का रहने वाला है और करीब 20 साल से उनके ही आश्रम में रहता है आज भी वही रह रहा है, शामिल है।

🚩खेर, जब सच सामने आएगा तब पता चलेगा कि वास्तविकता क्या थी लेकिन आप ही सोचो कि आपके पड़ोस की ही लड़की बोल दे कि मेरे साथ 10-20 साल पहले फलाने लड़के ने रेप किया था तो आपको कैसा लगेगा? कई जगह पर देखा गया है कि बदला लेने अथवा पैसे एठने के लिए लड़कियां किसी का मोहरा बनकर झूठे केस दर्ज करवाती है, बाद में पकड़ी जाती है तो माफी भी मांगती हैं।

🚩कुछ दिन पहले भागवत कथाकर श्री देवकीनंदन पर भी यौन शोषण का आरोप लगाया था फिर षडयंत्र का पर्दाफाश हुआ और महिला ने माफी भी मांगी।

🚩शिवमोगा और बैंगलोर मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती जी पर भी एक गायिका को 3 करोड़ नही देने पर 167 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था। उनको भी कोर्ट ने निर्दोष बरी कर दिया।

🚩श्री कृपालुजी महाराज पर 85 वर्ष की उम्र में बलात्कार का आरोप लगाया, जो कि मिथ्या प्रमाणित हुआ था।

🚩सौराष्ट्र (गुजरात) के श्री केशवानन्द स्वामी के ऊपर यौन शोषण का झूठा आरोप थोप कर बारह साल की जेल की सजा दी। सात साल जेल भोगने के बाद निर्दोष साबित हुए।

🚩ऐसे ही डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 85 वर्षीय हिन्दू संत आशारामजी बापू का केस पूरा बोगस है क्योंकि जिस समय की घटना लड़की बता रही है उस समय तो वह फोन पर अपने मित्र से बात कर रही थी और आशारामजी बापू अपने एक कार्यक्रम में व्यस्त थे, उसके फोटोज भी है और 50 लोग गवाह भी है फिर भी उनको षड्यंत्र के तहत 25 अप्रैल 2018 में उम्रकैद की सजा दे दी। बापू आशारामजी ने धर्मान्तरण पर रोक लगाई इसके कारण वेटिकन सिटी ने सोनिया गांधी से बोलकर झूठा केस दर्ज करवाया।

🚩आपको बता दें कि बापू आशारामजी के अहमदाबाद आश्रम में एक Fax आया था जिसमें 50 करोड़ की फिरौती की मांग की गई थी और न देने पर धमकी दी गई थी कि, अगर बापू ने 50 करोड़ नही दिए तो झूठी लड़कियां तैयार करके झूठे केस में फंसा देंगे और कभी बाहर नहीं आ पाओगे पर कोर्ट ने इनके ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया।

🚩इस तरह से एक के बाद एक सनातनी साधु-संतों को टारगेट किया जा रहा है, इससे हमे सावधान रहना होगा क्योंकि विधर्मी लोग चाहते है कि सनातन हिंदू संस्कृति ही को खत्म करना है और उसके आड़े साधु-संत आते है इसलिए उनके खिलाफ साजिश रचते हैं।

🚩आज सुप्रसिद्ध हस्तियाँ और संतों को फंसाने में महिला कानून का अंधाधुन दुरूपयोग किया जा रहा है।

🚩बलात्कार कानून की आड़ में महिलाएं आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार का आरोप लगाकर जेल में डलवा रही हैं। कानून का दुरुपयोग करने पर वास्तविकता में जो महिला पीड़ित होती है उसको न्याय भी नही मिला पाता है।

🚩बलात्कार निरोधक कानूनों की खामियों को दूर करना होगा तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे।

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Wednesday, May 6, 2020

जनता की अपील : टैक्स के पैसे का दुरुपयोग न करे सरकार !!

06 मई 2020

🚩कोरोना महामारी चलते देश मे लॉकडाउन किया गया और जीवन उपयोगी वस्तु मिलती रहे उसके लिए सरकार ने सरहानीय प्रयास भी किया। वर्तमान में लॉकडाउन चालू है लेकिन शराब की दुकानें खुलवा दी जिसके कारण दुकानों पर शराब पीने वालों की लंबी लाइनें लगी थी कहीं कहीं तो 1 किलोमीटर से भी अधिक लाइनें थी । इससे पता चला कि भारत में दारू पीने वालों की संख्या कम नही हैं।

🚩शराब पीने वालों की संख्या देखकर जनता की मांग उठी है कि शराब पीने वालों का आधार कार्ड लिया जाए और यही आधार कार्ड जिला पुरवठा अधिकारी के पास जमा किया जाए । जिससे शराब पीने वालों का राशन, शिक्षा, पानी , चिकित्सा पर छूट आदि सरकारी सुविधाएं मिलती है, वे बंद की जा सके क्योंकि इसमें जो जनता ईमादारी से पसीने की कमाई का टैक्स भरती है उनके पैसे से दारू पीने वालों को भी सुविधाएं मिल जाती हैं।

🚩जिस राज्य में दारू पर पाबंदी है उस जगह पर पुलिस रेड क्यो मारे ?? जिसके परिवार में जो दारू पीता है वो ही बता दे .. अन्यथा तो पुलिस को जिसको भी दारू पीने का पता लगे उसको मिल रही सरकारी सुविधाओं को बंद कर देना चाहिए।

🚩टैक्स का सदुपयोग करे सरकार !!

टैक्स भरने वाले जनता को हमेशा एक चिंता सताती है कि हमारे टैक्स का सदुपयोग हो लेकिन सरकार ऐसे दारू पीने वाले लोगों को राशन, शिक्षा, चिकित्सा आदि और मंदिर के पैसे मस्जिद, चर्च , मौलवियों के पगार देने आदि में उपयोग करती है । इससे दुःख होता है!! जैसे हमारा एक परिवार होता है उसमें अगर एक भाई कमाए और दूसरा भाई दारू पीकर उड़ाता रहे तो कमाने वाला भाई कबतक उसकी भरपाई करेगा ? ऐसे ही सरकार अगर टैक्स भरने वाले लोगों से टैक्स लेकर दारू पीने और अल्पसंख्यक लोगों में उपयोग कर रहे हैं तो कबतक चलता रहेगा ?*

🚩 राजनीति फायदों के लिए अल्पसंख्यक लोगों का अथवा जाती विशेष की तुस्टीकरण करने में दुरुपयोग कर रहे है इस अन्याय पर लोग कबतक सहन करेंगे?*

🚩 जाती धर्म और राष्ट्र इन तीनो के हितों की बीच मे कोई विरोधभास होता हैं तब लोग अपने जाती-मत-पंथ में संकीर्ण हो जाते हैं कुछ अल्पसंख्यक अपने मत-पंथ से न राष्ट्र को बड़ा मानते है और नही मानवता को तो ऐसे संकीर्ण मानसिकता वाले अल्पसंख्यक लोगों को बहुसंख्यक लोगों के पसीने के पैसे के टैक्स उनको क्यों दिया जाएं?

🚩जब कोरोना महामारी चलते लॉकडाउन किया गया और प्रधानमंत्री ने अपील की कि अपने अडोस-पड़ोस का ख्याल रखें । किसी को भूखा न रहने दें तो अनेक धार्मिक संस्था, निजी संस्था, कुछ स्वदेशी कम्पनियां और मध्यमवर्गीय लोगों ने भी इसका ध्यान रखा ओर जिनके पास भोजन की व्यवस्था नहीं थी उनको भोजन-राशन दिया । किसी को भूखे नहीं मरने दिया जबकि सिर्फ प्रधानमंत्री ने अपील की थी कोई आदेश जारी नहीं किया था । यही लोग बढ़चढकर अन्य को राशन दे रहे थे और यही लोग सरकार से टैक्स बचाने के लिए अनेक युक्तियां भी खोजते हैं ऐसा क्यों ? क्योंकि उनका जो टैक्क्स सरकार के पास जा रहा है उसपर पूरा भरोसा नहीं है कि उसका सदुपयोग होगा कि दुरुपयोग ? इसलिए कुछ लोग टैक्स देने में छुपाते हैं। अगर बहुसंख्यक के पैसे अल्पसंख्यक में और मंदिर के पैसे मस्जिदों एवं चर्चों में उपयोग नहीं किये जायें और जिनको वास्तविकता में जरूरत है उनपर खर्च किया जाए तो कोई टैक्स नही छुपायेगा सभी लोग पूरा टैक्स भरेंगे जैसे मंदिरों में दान देते हैं वैसे ही टैक्स भी देंगे।

🚩कीमती शराब बिगाड़ दी...

डायोजिनीज को उनके मित्रों ने महँगे शराब का जाम भर दिया। डायोजिनीज ने कचरापेटी में डाल दिया।

मित्रों ने कहाः "इतनी कीमती शराब आपने बिगाड़ दी ?"

"तुम क्या कर रहे हो ?" डायोजिनीज ने पूछा।

"हम पी रहे हैं।" जवाब मिला।

"मैंने जो चीज कचरापेटी में उड़ेली वही चीज तुम अपने मुँह में उड़ेलकर अपना विनाश कर रहे हो। मैंने तो शराब ही बिगाड़ी लेकिन तुम शराब और जीवन दोनों बिगाड़ रहे हो।"

🚩 विदेशी अर्थशास्त्रीयों का भी कहना है कि विदेशो में सरकार को जिनती शराब की बिक्री से आय नही होती उनसे कई ज्यादा गुना उनके इलाज में दवाइयों पर खर्च करना पड़ता हैं। ये तो वही बात हो गई कि पहले बोलो आग रात को लगाओं इससे उजाला होगा फिर बोलो की आग बढ़ गई है उसको बुजाने के लिए फायर बिग्रेड लाना है तो पैसे दो ये तो सरासर मूर्खता के अलावा कुछ नही हैं।

🚩 जिस शराब से व्यक्ति का जीवन तबाह होता हैं, परिवार का पतन होता हैं,  समाज मे अराजकता फैलती हैं ऐसी अनीति और अधर्म के पैसे जिस राजकोष में हो वहाँ कैसे बरकत आएगी ऐसे पैसे विनाश की तरफ ही जाते हैं, कभी समृद्धि नही ला सकते हैं।

🚩जो व्यक्ति शराब पीकर अपना जीवन का बिगाड़ कर रहा हो और पाप कमा रहे हो उनको सरकार अगर सरकारी सुविधाएं देती है तो जनता के टैक्स का दुरुपयोग ही होगा । इसलिए सभी शराबियों का आधार कार्ड लिया जाए और उनको सरकारी सुविधाएं देना बंद किया जाए जिसके कारण लोग शराब पीना धीरे-धीरे बंद करेंगे और घरेलू हिंसा कम होगी। स्वास्थ्य लोगो का अच्छा रहेगा, परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी होगी और टैक्स भरेंगे तो देश भी समृद्ध होगा। इसलिए ये उपाय समाज और देशहित मे हैं।

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Tuesday, May 5, 2020

युवा पीढ़ी शराब की लत नहीं छोड़ेगी तो समाज तबाह हो जाएगा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

05 मई 2020

🚩पाश्चात्य शिक्षा के रंग में रंगे हुए लोग कई बार मानते हैं कि दारू का थोड़ा इस्तेमाल आवश्यक और लाभप्रद है। वें अपने आपको सुधरे हुए मानते हैं। लेकिन यह उनकी भ्रांति है। डॉ. टी.एल. निकल्स लिखते हैं- "जीवन के लिए किसी भी प्रकार और किसी भी मात्रा में अल्कोहल की आवश्यकता नहीं है। दारू से कोई भी लाभ होना असंभव है। दारू से नशा उत्पन्न होता है लेकिन साथ ही साथ अनेक रोग भी पैदा होते हैं। जो लोग सयाने हैं और सोच समझ सकते हैं, वे लोग मादक पदार्थों से दूर रहते हैं। भगवान ने मनुष्य को बुद्धि दी है, इससे बुद्धिपूर्वक सोचकर उसे दारू से दूर रहना चाहिए।"

🚩दारू पीने वालों की स्त्रियों की कल्पना करो। उनको कितना दुःख सहन करना पड़ता है। शराबी लोग अपनी पत्नी के साथ क्रूरता पूर्ण बर्ताव करते हैं। दारू पीने वाला मनुष्य मिटकर राक्षस बन जाता है। वह राक्षस भी शक्ति एवं तेज से रहित होता है। उसके बच्चे भी कई प्रकार से निराशा महसूस करते हैं। सारा परिवार पूर्णतया परेशान होता है। दारू पीने वालों की इज्जत समाज में कम होती है। ये लोग योग तथा भक्ति के अच्छे मार्ग पर नहीं चल सकतें। आदमी ज्यों-ज्यों अधिक दारू पीता है त्यों-त्यों अधिकाधिक कमजोर बनता है।

🚩दारू पीने के अनेकों नुकसान को लेकर 6 अक्टूबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा पीढ़ी में शराब पीने की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए कहा था कि यदि इस बुराई को नहीं रोका गया तो अगले 25 साल में समाज तबाह हो जाएगा।

🚩प्रधानमंत्री ने बताया था कि क्या आप इस बारे में खबर नहीं सुनते कि युवा पीढ़ी खासकर हमारें लड़के शराब और ऐसी चीजों के चंगुल में फंस रहे हैं, जिनसे हमारे पूर्वज घृणा करते थें। यदि हम इस प्रवृत्ति को बढ़ते रहने देंगे तो 20-25 साल में हमारा समाज तबाह हो जाएगा।

🚩प्रधानमंत्री मोदीजी ने ही कहा था कि शराब युवा पीढ़ी को तबाह कर देगा प्रधानमंत्री के अभी तक सभी निर्णय अच्छे माने गए हैं लेकिन शराब खोलने के फैसले का जनता विरोध कर रही है क्योंकि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की स्थिति में जब 45 दिन तक लोगों ने दारू नही पिया तो एक भी व्यक्ति नही मरा घरेलु हिंसा भी कम हुई थी और लोगो का स्वास्थ्य भी अच्छा हो रहा था लेकिन जैसे ही राजस्व बढ़ावे के लिए शराब की दुकान खोली तो घरेलु हिंसा बढेगी, रोग भी बढ़ेंगे और लॉकडाउन में लोग अपने घर मे पैसे नही होंगें तो भी कर्जा लेकर अथवा घर के गहनें बेचकर अथवा चोरी करके दारू पिएंगें इससे उनका खुद का आर्थिक नुकसान भी होगा, नुकसान होने के कारण आत्महत्याऐं तक बढ़ सकती हैं! दूसरी बात की ऐसा अनीति से कमाया धन भी देशवासियों को नुकसान करेगा इसलिए प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि ऐसा कोई कदम न उठाएं की देशवासियों का नुकसान हो जाये।

🚩सभी चाहतें हैं कि हमारे भारत देश की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत हो कि विश्व मे किसी की भी न हो क्योंकि पूर्व में हमारा देश सोने की चिड़िया रहा है पर क्या अभी हमारे पास सिर्फ दारू बेचकर ही आर्थिक स्थिति मजबूत करने का तरीका बचा है? इसके अलावा कोई अन्य उपाय नही है? हमारें देशवासी बहुत मेहनती हैं, अगर उनको मौका देंगे तो वें फिर से आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं जैसे कि अगर हम आर्युवेद और देशी गौ माता के उत्पाद बनाकर दुनिया को उसकी महिमा बताकर दें सकते हैं इससे वें लोग स्वस्थ होंगे और हमारा राजस्व बढ़ेगा एकबार इसको करके देखना चाहिए पर शराब की दुकानें चालू करके अर्थव्यवस्था अच्छी करना ये तो हमारे लिए घातक साबित होगा।

🚩शराबी लोग स्वयं तो डूबते हैं साथ ही साथ अपने बच्चों को भी डुबोते हैं। सुविख्यात डॉक्टर डॉक कहते हैं कि दारू पीने वाले लोग अत्यन्त दुर्बल होते हैं। ऐसे लोगों को रोग अधिकाधिक परेशान करते हैं।

🚩दारू के शौकीन लोग कहते हैं कि दारू पीने से शरीर में शक्ति, स्फूर्ति और उत्तेजना आती हैं। परन्तु उनका यह तर्क बिल्कुल असंगत है। थोड़ी देर के लिए कुछ उत्तेजना आती है लेकिन अन्त में दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

🚩जीव विज्ञान के ज्ञाताओं का कहना है कि शराबियों के रक्त में अल्कोहल मिल जाता है अतः उसके बच्चे को आँख का कैन्सर होने की संभावना है। दस पीढ़ी तक की कोई भी संतान इसका शिकार हो सकती है। शराबी अपनी खाना-खराबी तो करता ही है, दस पीढ़ियों के लिए भी विनाश को आमंत्रित करता है।

🚩इन विनाशकारी परिणाम को देखते हुए सरकार को दारू हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए।

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