Saturday, October 14, 2023

नवरात्रि या उपवास में साबूदाने भूलकर भी न खाएं......

14 October 2023


http://azaadbharat.org



🚩भारतीय जीवनचर्या में व्रत एवं उपवासों का विशेष महत्त्व है। उनका अनुपालन धार्मिक दृष्टि से भी किया जाता है, साथ ही व्रत-उपवास करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है। लेकिन उपवास के नाम पर साबूदाना और तला हुआ आलू खाना भयंकर हानि करता है।


🚩आमतौर पर साबूदाना शाकाहार कहा जाता है और व्रत-उपवास में इसका काफी प्रयोग होता है, लेकिन शाकाहार होने के बावजूद भी साबूदाना पवित्र नहीं है। क्या आप इस सच्चाई को जानते हैं !?


🚩यह सच है कि साबूदाना ‘कसावा’ के गूदे से बनाया जाता है,परंतु इसकी निर्माण-विधि इतनी अपवित्र है कि इसे शाकाहार एवं स्वास्थ्यप्रद नहीं कहा जा सकता।


🚩साबूदाना बनाने के लिए सबसे पहले कसावा को खुले मैदान में बनी कुण्डियों में डाला जाता है तथा रसायनों (केमिकलों) की सहायता से उसे लम्बे समय तक सड़ाया जाता है। इस प्रकार सड़ने से तैयार हुआ गूदा महीनों तक खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है।


🚩रात में कुण्डियों को गर्मी देने के लिए उनके आस-पास बड़े-बड़े बल्ब जलाये जाते हैं। इससे बल्ब के आस-पास उड़नेवाले कई छोटे-छोटे जहरीले जीव भी इन कुण्डियों में गिरकर मर जाते हैं।


🚩दूसरी ओर इस गूदे में पानी डाला जाता है, जिससे उसमें सफेद रंग के करोड़ों लम्बे कृमि पैदा हो जाते हैं। इसके बाद इस गूदे को मजदूरों के पैरों-तले रौंदा जाता है। इस प्रक्रिया में गूदे में गिरे हुए कीट-पतंग तथा सफेद कृमि भी उसीमें समा जाते हैं। यह प्रक्रिया कई बार दोहरायी जाती है।


🚩इसके बाद इसे मशीनों में डाला जाता है और केमिकलों की सहायता से ‘मोती’ जैसे चमकीले दाने बनाकर साबूदाने का नाम-रूप दिया जाता है, परंतु इस चमक के पीछे कितनी अपवित्रता छिपी है वह सभी को दिखायी नहीं देती।


🚩अब आपने साबूदाने की सच्चाई जान ली है, अतः पवित्र व्रत उपवास में इसका उपयोग न करें।


🚩अब प्रश्न आता है कि हम व्रत में साबूदाना न खाएं तो क्या खाएं ?


🚩व्रत में सबसे उत्तम होता है गौ-माता का दूध।


🚩फलाहार - जैसे कि सेब, अनार, अंगूर ,केला आदि ले सकते हैं।


🚩सिंघाड़े का आटा, कूटू का चावल , कूटू का आटा , खजूर, राजगिरे का शिरा भी व्रत में खा सकते हैं।


🚩आयुर्वेद तथा आधुनिक विज्ञान दोनों का एक ही निष्कर्ष है कि व्रत और उपवास से जहाँ अनेक शारीरिक व्याधियाँ समूल नष्ट हो जाती हैं, वहीं मानसिक व्याधियों के शमन का भी यह एक अमोघ उपाय है। इससे जठराग्नि प्रदीप्त होती है व शरीरशुद्धि होती है।


🚩फलाहार का तात्पर्य- उस दिन आहार में सिर्फ कुछ कन्द,मूल या फलों और दूध का सेवन करने से है।

लेकिन आज इसका अर्थ बदलकर फलाहार में से अपभ्रंश होकर फरियाल बन गया है...

और इस फरियाल में लोग ठूँस-ठूँसकर साबुदाने की खिचड़ी या भोजन से भी अधिक भारी, गरिष्ठ, चिकने, तले-भूने व मिर्च-मसालेयुक्त आहार का सेवन करने लगे हैं। सभी देशवासी भाई-बहनों से अनुरोध है , कि इस प्रकार से उपवास न करें , क्योंकि इससे उपवास जैसे पवित्र शब्द की तो बदनामी होती ही है, साथ ही साथ उनके शरीर को और अधिक नुकसान पहुँचता है। उनके इस अविवेकपूर्ण कृत्य से लाभ के बदले उन्हें हानि ही हो रही है।


🚩सप्ताह में एक दिन व्रत करें तो अच्छा हैं। इससे आमाशय, यकृत एवं पाचनतंत्र को विश्राम मिलता है तथा उनकी स्वतः ही सफाई हो जाती है। इस प्रक्रिया से पाचनतंत्र मजबूत हो जाता है तथा व्यक्ति की आंतरिक शक्ति के साथ-साथ उसकी आयु भी बढ़ती है।


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Friday, October 13, 2023

14 अक्टूबर आपके लिए है खास, समय निकाल कर कर ले इतना काम

13 October 2023

http://azaadbharat.org




🚩हिन्दू धर्म का व्यक्ति अपने जीवित माता-पिता की सेवा तो करता ही है, उनके देहावसान के बाद भी उनके कल्याण की भावना करता है एवं उनके अधूरे शुभ कार्यों को पूर्ण करने का प्रयत्न करता है। ‘श्राद्ध-विधि’ इसी भावना पर आधारित है। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को है।


🚩पुराणों में आता है , कि आश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र के मुताबिक भाद्रपद) कृष्णपक्ष की अमावस्या (पितृमोक्ष अमावस्या) के दिन सूर्य एवं चन्द्र की युति होती है। सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन हमारे पितर यमलोक से अपना निवास छोड़कर सूक्ष्म रूप से मृत्युलोक (पृथ्वीलोक) में अपने वंशजों के निवास स्थान में रहते हैं। अतः उस दिन उनके लिए विधिवत श्राद्ध करने से वे तृप्त होते हैं।


🚩गरुड़ पुराण में लिखा है, “अमावस्या के दिन पितृगण वायुरूप में घर के दरवाजे पर उपस्थित रहते हैं और अपने स्वजनों से श्राद्ध की अभिलाषा करते हैं। जब तक सूर्यास्त नहीं हो जाता, तब तक वे भूख-प्यास से व्याकुल होकर वहीं खड़े रहते हैं। सूर्यास्त हो जाने के पश्चात वे निराश होकर आह भरते हुए दुःखी मन से अपने-अपने लोकों को चले जाते हैं। अतः अमावस्या के दिन प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। यदि पितृजनों के पुत्र तथा बन्धु-बान्धव उनका श्राद्ध करते हैं और गया-तीर्थ में जाकर इस कार्य में प्रवृत्त होते हैं तो वे उन्हीं पितरों के साथ ब्रह्मलोक में निवास करने का अधिकार प्राप्त करते हैं। उन्हें भूख-प्यास कभी नहीं लगती। इसीलिए विद्वान को प्रयत्नपूर्वक विधिवत या सामर्थ्य न हो तो शाकपात से भी अपने पितरों के लिए श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।


🚩राजा रोहिताश्व ने मार्कण्डेयजी से प्रार्थना की:

‘‘भगवन् ! मैं श्राद्धकर्म का यथार्थरूप से श्रवण करना चाहता हूँ।


🚩मार्कण्डेयजी ने कहा: ‘‘राजन् ! इसी विषय में आनर्त-नरेश ने भर्तृयज्ञ से पूछा था। तब भर्तृयज्ञ ने कहा था: ‘राजन्! विद्वान पुरुष को अमावस्या के दिन श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। क्षुधा से क्षीण हुए पितर श्राद्धान्न की आशा से अमावस्या तिथि आने की प्रतीक्षा करते रहते हैं। जो सामर्थ्य न होने पर अमावस्या को जल या शाक से ही श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है, उसके भी पितर तृप्त होते हैं और उसके समस्त पातकों का नाश हो जाता है।


🚩आनर्त-नरेश बोले: ‘ब्रह्मन्! मरे हुए जीव तो अपने कर्मानुसार शुभाशुभ गति को प्राप्त होते हैं, फिर श्राद्धकाल में वे अपने पुत्र के घर कैसे पहुँच पाते हैं?


🚩भर्तृयज्ञ: ‘राजन् ! जो लोग यहाँ मरते हैं उनमें से कितने ही इस लोक में जन्म लेते हैं, कितने ही पुण्यात्मा स्वर्गलोक में स्थित होते हैं और कितने ही पापात्मा जीव यमलोक के निवासी हो जाते हैं। कुछ जीव भोगानुकूल शरीर धारण करके अपने किये हुए शुभ या अशुभ कर्म का उपभोग करते हैं।


🚩राजन् ! यमलोक या स्वर्गलोक में रहनेवाले पितरों को भी तब तक भूख-प्यास अधिक होती है, जब तक कि वे माता या पिता से तीन पीढ़ी के अंतर्गत रहते हैं। जब तक वे माता,मातामह, प्रमातामह या वृद्धप्रमातामह और पिता, पितामह , प्रपितामह या वृद्धप्रपितामह पद पर रहते हैं, तब तक श्राद्धभाग लेने के लिए उनमें भूख-प्यास की अधिकता होती है।


🚩पितृलोक या देवलोक के पितर श्राद्धकाल में सूक्ष्म शरीर से श्राद्धीय ब्राह्मणों के शरीर में स्थित होकर श्राद्धभाग से तृप्त होते हैं, परंतु जो पितर कहीं शुभाशुभ भोग हेतु स्थित हैं या जन्म ले चुके हैं, उनका भाग दिव्य पितर लेते हैं और जीव जहाँ जिस शरीर में होता है, वहाँ तदनुकूल भोगों की प्राप्ति कराकर उसे तृप्ति पहुँचाते हैं।


🚩ये दिव्य पितर नित्य और सर्वज्ञ होते हैं। पितरों के उद्देश्य से शक्ति के अनुसार सदा ही अन्न और जल का दान करते रहना चाहिए। जो नीच मानव पितरों के लिए अन्न और जल न देकर आप ही भोजन करता है या जल पीता है, वह पितरों का द्रोही है। उसके पितर स्वर्ग में अन्न और जल नहीं पाते हैं। श्राद्ध द्वारा तृप्त किये हुए पितर मनुष्य को मनोवांछित भोग प्रदान करते हैं।


🚩आनर्त-नरेश : ‘ब्रह्मन्! श्राद्ध के लिए और भी तो नाना प्रकार के पवित्रतम काल हैं, फिर अमावस्या को ही विशेषरूप से श्राद्ध करने की बात क्यों कही गयी है ?


🚩भर्तृयज्ञ : ‘राजन् ! यह सत्य है कि श्राद्ध के योग्य और भी बहुत-से समय हैं। मन्वादि तिथि, युगादि तिथि, संक्रांतिकाल, व्यतिपात योग, चंद्रग्रहण तथा सूर्यग्रहण- इन सभी समयों में पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध करना चाहिए। पुण्य-तीर्थ, पुण्य-मंदिर, श्राद्धयोग्य ब्राह्मण तथा श्राद्धयोग्य उत्तम पदार्थ प्राप्त होने पर बुद्धिमान पुरुषों को बिना पर्व के भी श्राद्ध करना चाहिए।

तथापि अमावस्या को विशेषरूप से श्राद्ध करने का आदेश दिया गया है, इसका कारण है कि सूर्य की सहस्रों किरणों में जो सबसे प्रमुख है उसका नाम ”अमा” है। उस “अमा” नामक प्रधान किरण के तेज से ही सूर्यदेव तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं। उसी “अमा” में तिथि विशेष को चंद्रदेव निवास करते हैं, इसलिए उसका नाम अमावस्या है। यही कारण है कि अमावस्या प्रत्येक धर्मकार्य के लिए अक्षय फल देनेवाली बतायी गयी है। श्राद्धकर्म में तो इसका विशेष महत्त्व है ही।


🚩श्राद्ध की महिमा बताते हुए ब्रह्माजी ने कहा है: ‘यदि मनुष्य पिता, पितामह, प्रपितामह और वृद्धप्रपितामह के उद्देश्य से तथा माता, मातामह, प्रमातामह और वृद्धप्रमातामह के उद्देश्य से श्राद्ध-तर्पण करेंगे तो उतने से ही उनके पिता और माता से लेकर मुझ तक सभी पितर व देवता भी तृप्त हो जायेंगे।


🚩जिस अन्न से मनुष्य अपने पितरों की तुष्टि के लिए श्रेष्ठ ब्राह्मणों को तृप्त करेगा और उसी से भक्तिपूर्वक पितरों के निमित्त पिंडदान भी देगा, उससे पितरों को सनातन तृप्ति प्राप्त होगी।


🚩पितृपक्ष में शाक के द्वारा भी जो पितरों का श्राद्ध नहीं करेगा, वह धनहीन चाण्डाल होगा। ऐसे व्यक्ति से जो बैठना, सोना, खाना, पीना, छूना-छुआना अथवा वार्तालाप आदि व्यवहार करेंगे, वे भी महापापी माने जाएंगे। उनके यहाँ संतान की वृद्धि नहीं होगी। किसी प्रकार भी उन्हें सुख और धन-धान्य की प्राप्ति नहीं होगी।


🚩यदि श्राद्ध करने की क्षमता, शक्ति, रुपया-पैसा नहीं है, तो श्राद्ध के दिन 1 पानी का लोटा भरकर रखें फिर भगवद्गीता के सातवें अध्याय का महात्म्य सहित पाठ करें और 1 माला द्वादश मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” तथा एक माला “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा” की करें और लोटे में भरे हुए पानी से सूर्य भगवान को अर्घ्य दें, फिर 11.36 से 12.24 के बीच के समय (कुतप वेला) में गाय को चारा खिला दें। चारा खरीदने का भी पैसा नहीं है, ऐसी कोई समस्या है तो अर्घ्य देते समय दोनों भुजाएँ ऊँची कर लें, आँखें बंद करके सूर्यनारायण का ध्यान करें: और बोलें हे भगवान सूर्य नारायण इस जल अर्घ्य को स्वीकार करके आप संतुष्ट और पुष्ट हो और ‘हमारे पिता को, दादा को, फलाने को आप तृप्त करें, उन्हें आप सुख दें, आप समर्थ हैं। मेरे पास धन नहीं है, सामग्री नहीं है, विधि का ज्ञान नहीं है, घर में कोई करने-करानेवाला नहीं है, मैं असमर्थ हूँ,लेकिन आपके लिए मेरा सद्भाव है, श्रद्धा है। पाठ के पूर्व और सम्पन्न होने पर व अर्घ्य देने से पूर्व...

            देवताभ्य पित्रेभ्यश्च महायोगिभ्य एव च 

            नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव भवन्त्युत ।।

और...

            ओम् ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधा देव्यै स्वाहा


इन दो वैदिक मंत्रों का श्रद्धापूर्वक 3,3 बार उच्चारण अवश्य कर लें ,जिससे सब कमी पूरी हो जाएगी और सभी त्रुटियाँ भी क्षम्य हो जाएंगी।

इससे भी आपके पितरों की सद्गति और तृप्ति हो सकती है। इससे आपको मंगलमय लाभ होगा।

हरि ओम् !!


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Thursday, October 12, 2023

जनसंख्या नियंत्रण कानून अत्यंत आवश्यक..... ??

 क्या है भारत में जनसंख्या विस्फोट का मुख्य कारण और क्यों है ?



12 October 2023

http://azaadbharat.org


🚩भारत में आज एक बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है तथा पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से भारत में जनसंख्या बढ़ी है । 

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है, कि भारत में जनसंख्या विस्फोट का मुख्य कारण है यहाँ के तथाकथित अल्पसंख्यक समुदाय का तेजी से अपनी जनसंख्या वृद्धि करने पर focused रहना, जिससे आने वाले समय में ये समुदाय बहुसंख्यक समुदाय को dominate करके अपना वर्चस्व स्थापित कर सके।

रही बात हिन्दुओ की तो 80% से अधिक हिन्दू तो हम दो हमारे दो कानून का पालन करते ही नजर आते हैं। 


🚩भारत में जनसंख्या के विस्फोट को रोकने के लिए अगर अब भी शीघ्रता से कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना तो आने वाले कुछ सालों में देश की आबादी 200 करोड़ के पार होगी । इसलिए जरूरी है कि इस पर सख्त कानून बनाया जाए ।


🚩वर्तमान में अगर आंकडों को देखा जाए तो विश्व की जनसंख्या लगभग 780 करोड हैं। वर्तमान में भारत की जनसंख्या 138 करोड है यानि पूरे विश्व की जनसंख्या के लगभग 18 प्रतिशत जनसंख्या भारत में रहती है। ये बेहद तेजी से बढती जा रही है । आबादी बढने से स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य जरूरी संसाधनों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। यदि ऐसे ही गती से जनसंख्या बढती रही तो देश की स्थिति और विकट हो सकती है।

 

 🚩वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा किए गए प्रयास

 

🚩देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने चिंता व्यक्त की है । इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उपाध्याय ने एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population control Law) बनाने की मांग की है । उपाध्याय का कहाना है कि भारत की जनसंख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ है । अपने पत्र में उपाध्याय लिखते हैं…

 

🚩वर्तमान समय में सवा सौ करोड़ भारतीयों के पास आधार है, लगभग 20% अर्थात 25 करोड़ नागरिक (विशेष रूप से बूढ़े और बच्चे) बिना आधार के हैं। इसके अतिरिक्त लगभग पांच करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं । इससे स्पष्ट है कि हमारे देश की जनसंख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा है और हम चीन से बहुत आगे निकल चुके हैं ।

 

🚩यदि संसाधनों की बात करें तो हमारे पास कृषि योग्य भूमि दुनिया की लगभग 2% है, पीने योग्य पानी लगभग 4% है, और जनसंख्या दुनिया की 20% है । चीन का क्षेत्रफल 95,96,960 वर्ग किमी और अमेरिका का क्षेत्रफल 95,25,067 वर्ग किमी है जबकि भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी है अर्थात हमारा क्षेत्रफल चीन और अमेरिका के क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई है लेकिन प्रतिदिन जनसंख्या वृद्धि की दर चीन से डेढ़ गुना है और अमेरिका से छह गुना ज्यादा है ।

 

🚩जल, जंगल, जमीन की समस्या, रोटी ,कपड़ा ,मकान की समस्या, चोरी, लूट, झपटमारी की समस्या, ट्रैफिक जाम व पार्किग की समस्या, बलात्कार व व्याभिचार की समस्या, आवास व कृषि विकास की समस्या, दूध, दही ,घी में मिलावट की समस्या, फल, सब्जी में रसायन की समस्या, रोड एक्सीडेंट व रोड रेज की समस्या, बढ़ती हिंसा व आत्महत्या की समस्या, अलगाववाद व कट्टरवाद की समस्या, आतंकवाद व नक्सलवाद की समस्या, सड़क रेल व जेल में भीड़ की समस्या, मुकदमों के बढ़ते अंबार की समस्या, अनाज की कमी व भुखमरी की समस्या, गरीबी बेरोजगारी व कुपोषण की समस्या, वायु जल मृदा व ध्वनि प्रदूषण की समस्या, कार्बन वृद्धि व ग्लोबल वार्मिग की समस्या, अर्थव्यवस्था के धीमी रफ्तार की समस्या व थाना तहसील हॉस्पिटल और स्कूल में भीड़ की समस्या का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है। चोर-लुटेरे, झपटमार, जहरखुरानी करने वालों, बलात्कारियों और भाड़े के हत्यारों पर सर्वे करने से पता चलता है कि 80% से अधिक अपराधी ऐसे हैं जिनके माँ-बाप ने “हम दो- हमारे दो” नियम का पालन नहीं किया । इन तथ्यों से स्पष्ट है कि भारत की 50% से अधिक समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट ही है ।

 

🚩अंतराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की दयनीय स्थिति का मुख्य कारण भी जनसंख्या विस्फोट है । ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हम 103वें स्थान पर, साक्षरता दर में 168वें स्थान पर, वर्ल्ड हैपिनेस इंडेक्स में 140वें स्थान पर, ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में 130वें स्थान पर, सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स में 53वें स्थान पर, यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स में 134वें स्थान पर, होमलेस इंडेक्स में 8वें स्थान पर, लिंग असमानता इंडेक्स में 76वें स्थान पर, न्यूनतम वेतन में 64वें स्थान पर, रोजगार दर में 42वें स्थान पर, क्वालिटी ऑफ़ लाइफ इंडेक्स में 43वें स्थान पर, फाइनेंसियल डेवलपमेंट इंडेक्स में 51वें स्थान पर, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में 80वें स्थान पर, रूल ऑफ़ लॉ इंडेक्स में 68वें स्थान पर, एनवायरमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स में 177वें स्थान पर तथा जीडीपी पर कैपिटा में 139वें स्थान पर हैं लेकिन जमीन से पानी निकालने के मामले में पहले स्थान पर हैं जबकि हमारे पास पीने योग्य पानी मात्र 4% है ।


🚩प्रत्येक वर्ष 5 जून को हम विश्व पर्यावरण दिवस और 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाते हैं, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए पिछले पांच वर्ष में विशेष प्रयास भी किया गया लेकिन आंकड़े बताते हैं कि वायु, जल, ध्वनि और मृदा प्रदूषण की समस्या कम नहीं हो रही है और इसका मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है । जनसंख्या विस्फोट के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है इसलिए चीन की तर्ज पर एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून के बिना स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत अभियान का सफल होना मुश्किल है ।

 

🚩अब तक 125 बार संविधान संशोधन हो चुका है, 3 बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी बदला जा चुका है, सैकड़ों नए कानून बनाये गए लेकिन देश के लिए सबसे ज्यादा जरुरी चीजों में से एक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया, जबकि ‘हम दो-हमारे दो’ कानून से भारत की 50% समस्याओं का समाधान हो जाएगा ।

 

🚩सभी राजनीतिक दलों के नेता सांसद और विधायक, बुद्धिजीवी, समाजशास्त्री, पर्यावारणविद, शिक्षाविद, न्यायविद, विचारक और पत्रकार इस बात से सहमत हैं कि देश की 50% से ज्यादा समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है । टैक्स देने वाले ‘हम दो-हमारे दो’ नियम का पालन करते हैं लेकिन मुफ्त में रोटी कपड़ा मकान लेने वाले जनसंख्या विस्फोट कर रहे हैं ।

 

🚩जब तक 2 करोड़ बेघरों को घर दिया जायेगा तब तक 10 करोड़ बेघर और पैदा हो जायेंगे इसलिए एक नया कानून ड्राफ्ट करने में समय खराब करने की बजाय चीन के जनसंख्या नियंत्रण कानून में ही आवश्यक संशोधन कर उसे संसद में पेश करना चाहिए । कानून मजबूत और प्रभावी होना चाहिये और जो व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करे उसका राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता, बिजली कनेक्शन और मोबाइल कनेक्शन बंद करना चाहिए । इसके साथ ही कानून तोड़ने वालों पर सरकारी नौकरी और चुनाव लड़ने तथा पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए । ऐसे लोगों को सरकारी स्कूल हॉस्पिटल सहित अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित करना चाहिये और 10 साल के लिए जेल भेजना चाहिए ।

https://www.hindujagruti.org/hindi/news/155709.html

 

🚩भारत मे हिंदू ज्यादा बच्चें पैदा नहीं कर रहे हैं, मुस्लिम अपनी जनसंख्या बढ़ाने में तेजी से लगे है , रिपोर्ट के अनुसार अगर ऐसे ही चलता रहा ,तो एक दिन हिन्दू भारत में अल्पसंख्यक हो जाएंगे और मुस्लिम बहुसंख्यक । फिर पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी बुरी हालत ... भारत मे हिदुओं की होगी । इसलिए यथाशीघ्र जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना अत्यंत आवश्यक है।


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Wednesday, October 11, 2023

फ़्रांसीसी पत्रकार गॉटियर : दुनियाभर में हिन्दू धर्म पर हो रहे हैं हमले... हिन्दुओं को धर्म रक्षार्थ लड़ना चाहिए !!

 11 October 2023

http://azaadbharat.org




🚩फ़्रांसीसी पत्रकार फ्रांस्वा गॉटियर ने कहा है कि, हिन्दू भारत में बहुसंख्यक हैं, लेकिन उनकी मानसिकता अल्पसंख्यकों वाली है। गॉटियर आजकल भारत में ही रहते हैं । वो महाराष्ट्र के पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापना कर चुके हैं। इसके लिए लगातार विदेशों से चंदा जुटाने में लगे हुए थे । वे फ्रांस के विभिन्न अख़बारों में काम कर चुके हैं। वो कई दशकों से भारत में रह रहे हैं और उन्होंने एक भारतीय महिला नमृता बिंदर से विवाह भी किया है।


🚩गॉटियर ने एक साक्षात्कार में हिन्दुओं को लेकर कई महत्वपूर्व बातें कही हैं। उन्होंने कहा, “हमें इतिहास से यह सबक मिला है कि हिन्दुओं को लड़ना चाहिए। विश्व में आज भी हिन्दू धर्म पर हमले हो रहे हैं। चाहे पाकिस्तान हो या अफगानिस्तान हो। ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण अब यह बहुत बड़ी समस्या है, विशेषकर पंजाब और दक्षिण में।”


🚩उन्होंने आगे कहा, “केबल टीवी के माध्यम से भारत का पश्चिमीकरण हो रहा है। पूरे विश्व में विशेषज्ञों को भारत के विषय में बताने के लिए सरकारों द्वारा कहा जाता है, जो कि समझने के लिए काफी कठिन देश है। ये विशेषज्ञ हिन्दुओं के प्रति द्वेष भाव रखते हैं।” गॉटियर ने कहा, “हिन्दू धर्म कभी नहीं कहता कि आप धर्मान्तरित हो जाओ या फिर मैं आपको धर्मान्तरित करने के लिए मिशनरी भेज दूँगा।”


🚩उन्होंने इन विशेषज्ञों द्वारा हिन्दुओं के विषय में फैलाई जाने वाली घृणा को लेकर कहा, “ये विशेषज्ञ लगातार कहते रहते हैं कि हिन्दू रूढ़िवाद, इस्लामिक रूढ़िवाद के समान है जो कि बिल्कुल झूठ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदुत्व कभी भी भारत के बाहर विश्व विजय पर नहीं गया और ना ही अपने धर्म को इस तरह से रखा जैसे कि ईसाईयत ने दक्षिण अमेरिका की सभी सभ्यताओं को साफ़ कर दिया और ना ही इस्लाम की तरह जिसने मिस्र की सभ्यता को खत्म कर दिया।”


🚩गॉटियर ने कहा कि हिन्दुओं की संख्या 1.3 अरब है और वह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। हिन्दू सबसे शांतिपूर्ण लोग हैं, लेकिन हिन्दुओं की मानसिकता अल्पसंख्यकों के जैसी है। यही सबसे बड़ी समस्या है। भारत में भी वह बहुसंख्यक हैं, लेकिन मानसिकता अल्पसंख्यक की रखते हैं। जब गॉटियर से पश्चिमी देशों में भारत में हिंदुत्व के बढ़ते प्रभाव को लेकर की जाने वाले नकारात्मक रिपोर्टिंग के विषय में पूछा गया तो उन्होंने इसे बकवास बताया।


🚩गॉटियर ने कहा, “यह बेवकूफी है। हिन्दू विश्व में सबसे सहिष्णु लोग हैं। आज भी हम यह देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी समुदायों- हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई का ध्यान रखते हैं। इसलिए जो भी यह कहता है कि हिंदुत्व के माध्यम से चरमपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह इस महान धर्म को अपमानित कर रहा है ।”


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Tuesday, October 10, 2023

गरबा क्यों खेलते है और नवरात्रि में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ? जानिए......

10 October 2023

http://azaadbharat.org



🚩नवरात्रि में विभिन्न प्रांतों में किए जानेवाले धार्मिक कार्यक्रमों का एक महत्त्वपूर्ण अंग है- गरबा । प्रारंभ में विशेषकर यह भक्तिपूर्ण नृत्य गुजरात से ही देशभर में प्रचलित हुआ है । गुजरात में नवरात्रि में अनेक छिद्रों वाले मिट्टी के कलश में दीपक रखते हैं, जो रात्रि के अंधेरे में बड़ा ही सुंदर प्रकाशित होता है । इस दीप कलश का मातृशक्ति के प्रतीक या स्त्री की सृजनशक्ति के प्रतीक के रूप में पूजन भी करते हैं।


🚩गरबा खेलने’ का क्या अर्थ है ?


🚩नवरात्रि में प्रथम दिन स्थापित माता की प्रतिमा और कलश के चारों ओर घुमते हुए तालियों के लयबद्ध स्वर के साथ देवी माँ के भक्तिरस पूर्ण गुणगानात्मक भजन और नृत्य को गरबा खेलना कहते हैं। अर्थात तालियों की ध्वनि पर भजन एवं नृत्य करते हुए सगुण उपासना से श्री दुर्गादेवी की स्तुति करना । और इस प्रकार भक्तजन जगत के कल्याण के लिए और दुर्जनों व दुष्ट शक्तियों के विनाश के लिए माता का प्रार्थना पूर्वक आवाहन करते हैं । माता के प्रति भक्ति प्रकट करने, उनको पूर्ण समर्पण करने के लिए गरबा खेला जाता है।


🚩नवरात्रि में अनुचित कृत्यों को रोकें :


🚩पूर्वकाल में ‘गरबा’ नृत्य के समय देवी गीत , कृष्णलीला गीत एवं संत रचित गीत ही गाए जाते थे। वर्तमान काल में भगवती के इस सामूहिक नृत्य की उपासना में विकृतियां आ गई हैं। ‘रिमिक्स’, पश्चिमी संगीत अथवा चलचित्रों के गीतों की ताल पर अश्लील हावभाव में मनोरंजन के लिए गरबे के स्थान पर ‘डिस्को-डांडिया’ खेला जाता है। गरबे को निमित्त बनाकर व्यभिचार आदि भी किया जाता है। पूजास्थल पर तंबाकू सेवन, मद्यपान, ड्रिंक्स, ध्वनि प्रदूषण आदि अनुचित कृत्य भी किए जाते हैं। मूलत: एक धार्मिक उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम को व्यावसायिक रूप देकर विकृत कर दिया गया है। इससे संस्कृति और समाज की हानि हो रही है। इसे रोकने हेतु उचित कदम उठाना अत्यावश्यक है।


🚩क्या अनुचित रूप से गरबा खेलने से माँ की कृपा होगी ?


🚩यद्यपि देवी माँ की यह उपासना अन्तर्मुख होने का सुअवसर प्रदान करती है।

तथापि अनुचित रूप से गरबा खेलते समय बढ़े रज-तम के कारण उस स्थान पर कष्टदायक तरंगें अधिक मात्रा में आकृष्ट होती हैं। बढ़ी ही अनिष्टकारी शक्तियां आकृष्ट होती हैं । जिनका वहां उपस्थित व्यक्तियों पर न्यूनाधिक मात्रा में असर होता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति बहिर्मुख और विषयों के आधीन होता जाता है। 


🚩देवी की उपासना स्वरूप परंपरागत गरबा :


🚩जब हम उत्कट भाव से देवी-देवताओं का आदर-सम्मान करेंगे, तभी उनकी कृपा प्राप्त कर पाएंगे। आज पवित्र गरबा नृत्य के दौरान जबरन होने वाले अनाचार जैसे कृत्यों से नहीं। भावपूर्ण पूजन से भक्त पर देवी मां की पूर्ण कृपा होती है। इसलिए गरबा खेलने को हिन्दू धर्म में देवी की उपासना मानते हैं। इसमें देवी का भक्तिरस पूर्ण गुणगान करते हैं।


🚩इस समय देवी के समक्ष पारंपरिक भावपूर्ण नृत्य किया जाता है। नृत्य में प्रत्येक स्तर पर तीन तालियां बजायी जाती हैं एवं छोटे छोटे डंडों से लयबद्ध ध्वनि भी करते हैं। गरबा खेलते समय गोल घेरा बनाते हैं साथ ही देवी के गीत अथवा भजन गाते हैं। नृत्य करते करते माता की स्तुति में अपने नकली मैं-पने को अर्थात् अहं भाव को कुछ क्षणों के लिए भूल जाते हैं और भक्तिभाव में सराबोर होने से एकाग्रता होती है । जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।


🚩सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।


🚩नवरात्रि महिषासुरमर्दिनी माँ श्री दुर्गादेवी का त्यौहार है। देवी ने महिषासुर नामक असुर के साथ नौ दिनों तक अर्थात प्रतिपदा से नवमी तक युद्ध कर, नवमी की रात्रि उसका वध किया। उस समय से देवी को ‘महिषासुरमर्दिनी’ के नाम से जाना जाता है। जग में जब-जब तामसी, आसुरी एवं क्रूर लोग प्रबल होकर सात्त्विक, उदार एवं धर्मनिष्ठ सज्जनों को छलते हैं, तब देवी धर्मसंस्थापना हेतु पुनः-पुनः अवतार धारण करती हैं। उनके निमित्त यह नवरात्रि का व्रत है।

संदर्भ– सनातन का ग्रंथ, ‘देवीपूजन से संबंधित कृत्यों का शास्त्र‘ एवं अन्य ग्रंथ


🚩ऐसे पवित्र त्यौहार में व्यभिचार करना, मद्यपान करना, लड़के-लकड़ियों के प्रति बुरी नजर रखना, अश्लील कपड़े पहनना- ये सब अनुचित है। इससे माँ प्रसन्न नहीं होतीं, इससे तो और नाराज होती हैं। इसलिए नवरात्रि में पवित्रता बनाए रखें ।


🚩नवरात्रि में लव जिहाद के किस्से भी बढ़ जाते हैं। हिन्दू युवतियों को ध्यान रखना चाहिए कि कहीं कोई जिहादी हिन्दू बनकर आपको प्रेम जाल में फंसा तो नहीं रहा है न?

नहीं तो, वह आपको लव जिहाद में फंसाकर आपकी और आपके परिवार की जिंदगी बर्बाद कर देगा।

पंडाल के व्यवस्थापकों को भी ध्यान रखना चाहिए की कोई विधर्मी नहीं आने पाए और इससे बचाव के लिए गरबा खेलने आने वाले सभी सदस्यों को गौ-मूत्र का पान करवाएं , तिलक लगाएं और आईकार्ड चेक करें । जिससे विधर्मी अंदर प्रवेश नही कर पाएं।


🚩देवी मां का अनादर रोकना चाहिए :


🚩आजकल चित्र, नाटक, विज्ञापन इत्यादि द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं का अनादर किया जा रहा है। इससे समाज में धर्म की हानि होती है। इसको भी रोकना आवश्यक है।


🚩सभी को नवरात्रि में पवित्रता बनाए रखनी चाहिए और कोई देवी माँ का अपमान करता है तो उसको करारा जवाब अवश्य देना चाहिए ।


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, October 9, 2023

भास्कर ने हिन्दुओं को बदनाम करने की बहुत कोशिश की, पर खुल गई उसकी पोल.....

9 October 2023


http://azaadbharat.org


🚩भारत में मीडिया का रवैया हमेशा से ही हिन्दू विरोधी रहा है । ये हमेशा से एक तरफा खबर दिखाते या छापते हैं।

उदाहरण के तौर पर जब ओवैसी या जाकिर हुसैन जैसे मुस्लिम नेता हिन्दू देवी-देवताओं और साधु पुरूषो के लिए अपमानजनक बातें बोले या भारत विरोधी बातें बोले या फिर कोई मौलवी या ईसाई पादरी कितने भी बलात्कार करे, कन्हैया लाल जैसे गुंडे छात्रनेता देश को तोड़ने की बात करें..... लेकिन उस ओर कभी समाज का ध्यान केंद्रित नही करते !

.....और अगर कुछ करते हुए दिखते भी हैं तो सिर्फ और सिर्फ उनके बचाव में ।


🚩वहीं अगर कोई हिन्दू हिंदुत्व की बात करे तो उसको तोड़-मरोड़ कर विवादित बयान बना कर पेश किया जाता है ताकि जनता उनके विरुद्ध हो जाये ।


🚩दैनिक भास्कर समूह के गुजराती अखबार ‘दिव्य भास्कर’ ने मंगलवार (3 अक्टूबर 2023) को एक खबर प्रकाशित की है। इसमें दावा किया है कि अहमदाबाद में जय श्रीराम न बोलने पर चार हिन्दू युवकों ने एक मुस्लिम युवक की बुरी तरह से पिटाई की ।


🚩रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला अली तालिब हुसैन और मोहम्मद शहरोज तालिब हुसैन नामक दो भाई अहमदाबाद के मधुपुरा इलाके में रहते हैं। इसमें से अली हुसैन ने शहरोज के साथ हुई मारपीट को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस को दी गई शिकायत में 20 वर्षीय युवक अली तालिब हुसैन ने कहा कि 1 अक्टूबर 2023 की शाम को वह अपने घर पर था। इसी दौरान उसका भाई शहरोज हुसैन वहाँ आया और कहा कि 3-4 लोगों ने उससे झगड़ा किया है और मारने के लिए आए हैं।


🚩इस पर अली हुसैन नीचे गया और देखा कि चार लोग चाकू, चप्पल, पाइप और डंडे लेकर खड़े हुए हैं। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि वहाँ आए 4 युवकों ने शहरोज पर हमला किया। इससे वह घायल हो गया और उसे हॉस्पिटल ले जाना पड़ा।


🚩इसके के बिल्कुल विपरीत, भास्कर ने रिपोर्ट में दावा किया कि , “अली हुसैन ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि 4 लोगों ने उसके भाई शहरोज से ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए कहा था और उसने मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई।

”दिव्य भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार (साभार: दिव्य भास्कर वेबसाइट)


🚩ऑपइंडिया ने ‘दिव्य भास्कर’ के इस दावे का फैक्ट चेक किया है। हालाँकि भास्कर की इस रिपोर्ट को फैक्ट चेक करने के लिए आखिर में लिखी दो लाइनें ही काफी थीं। इसमें लिखा है कि पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि चारों लड़के ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते हुए सड़क से जा रहे थे। इस पर मुस्लिम युवक को लगा कि वे उससे ‘जय श्रीराम’ कह रहे हैं इसकी वजह से ही झगड़ा हुआ।


🚩भास्कर की रिपोर्ट में ही उसकी ‘हेड लाइन’ की पोल खुल चुकी थी, लेकिन इसके बाद भी ऑपइंडिया ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। इसमें मामले की जाँच कर रहे मधुपुरा पुलिस स्टेशन के एन. धासुरा ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ बोलने को लेकर मजबूर करने जैसी कोई घटना हुई ही नहीं । यह पूरी घटना एक हिन्दी भाषी व्यक्ति के गुजराती न समझने के चलते हुई ।


🚩पुलिस अधिकारी ने ऑपइंडिया से हुई बातचीत में पूरी जानकारी देते हुए कहा कि , “दो हिन्दू युवक सड़क से जा रहे थे। मुस्लिम युवक भी वहाँ खड़ा हुआ था। इसी दौरान हिन्दू युवकों ने आपस में जय श्रीराम कहकर अभिवादन किया, लेकिन मुस्लिम युवक को लगा कि उन लोगों ने उससे ‘जय श्रीराम’ कहा है। इसके बाद वह उन हिन्दुओं से झगड़ने लगा।”


🚩उन्होंने आगे कहा कि, मुस्लिम युवक के गलत समझने और झगड़ा करने के चलते विवाद हुआ। इसके बाद दोनों पक्षों के लोग एकजुट हुए। इसमें से एक युवक को चाकू भी लगी । पर ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए मजबूर करने जैसी कोई घटना नहीं हुई है। यह सिर्फ अफवाह है !


🚩गौरतलब है कि, " भास्कर ने दावा किया कि, मुस्लिम युवक ने आरोप लगाया था कि ‘जय श्रीराम’ नहीं कहने के चलते उसके साथ मारपीट हुई , जो सरासर गलत साबित हुआ ।


🚩बहरहाल , पुलिस अभी इस मामले की जाँच कर रही है। इसके बाद भी भास्कर ने अपनी रिपोर्ट के जरिए झूठी खबर फैलाने की कोशिशें बंद नहीं की हैं ।


🚩इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया की समाज में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका है । मीडिया को लोकतांत्रिक व्यवस्था का चौथा स्तंभ भी कहा गया है क्योंकि इसकी जिम्मेदारी देश की जनता की समस्याओं को सबके सामने लाने के साथ-साथ सरकार के कामकाज पर सबका ध्यान आकर्षित करना भी है।


🚩पर मीडिया आज पैसे और टीआरपी की अंधी दौड़ में एक तरफा झूठी खबरें दिखाकर अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है। इसके कारण आज समाज के हर वर्ग में मीडिया की आलोचनाएं होने लगी हैं ।


🚩भारतीय मीडिया को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि , “मीडिया का एक सेक्शन ऐसा है जो दीमक की तरह हमारे देश में लगा है और धीरे-धीरे देश की गरिमा, अस्मिता एवं एकता को खाए जा रहा है । झूठी अफवाहें फैलाता रहता है । गंदे-भद्दे और देशद्रोह से भरे हुए विचार खुले तौर पर सबके सामने रखता है । इनके खिलाफ हमारे संविधान में किसी भी तरह की न तो कोई पेनाल्टी है और न ही कोई सजा है ।"


🚩भारतीयों को ये समझना ही होगा कि , इस बिकाऊ और देशद्रोही मीडिया का बहिष्कार करना आज बेहद आवश्यक हो गया है।


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

वेब सीरीज़, टीवी सीरियल्स और बॉलीवुड फिल्में !! जानिए क्यों करना चाहिए इनका बहिष्कार..... !?

देखने योग्य नहीं हैं आज के 


8  October 2023


http://azaadbharat.org



🚩आजकल के वेब सीरीज, टीवी सीरियल और बॉलीवुड फिल्मों  का सबसे गलत प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर देखने को मिल रहा हैं, आज सभी को बहुत अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।

 

🚩आधुनिकता की आड़ में नँगा नाच हो रहा है। ये सब नए सीरियल की देन है जो कि पैसे और टीआरपी के लालच में पता नही क्या क्या परोस रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो हमारे रीति-रिवाज व सामाजिक परम्पराओं को धूमिल होने में वक़्त नहीं लगेगा।


🚩इन धारावाहिकों का बहिष्कार किया जाना चाहिए जिन धारावाहिकों में भारतीय पारिवारिक मूल्यों को विध्वंस किया जाता है।

इन वेब सीरीज और धारावाहिकों ने तो सारी हदें पार की है क्योंकि वेब सीरीज और धारावाहिकों में कोई पाबंदी नहीं है, लंबे समय तक चलती रहती हैं। इसलिए ये बड़े पैमाने से समाज को बर्बाद कर रहे हैं क्योंकि मोबाईल और टीवी की पहुंच हर घर तक है।


🚩अपने घरों को इन सुनियोजित कलह क्लेशों से कैसे बचाये ?

सबसे पहले बेब सीरीजी और टीवी धारावाहिको का बॉयकाट करे। यहाँ पर हर दूसरे नाटक मे हमारे देश के परिवारों को बर्बादी की ओर धकेला जा रहा है।

"इन वेब सीरीज़ और धारावाहिको में अवैध संबंधो की ट्रेनिंग दी जाती है।"


🚩20-25 साल के बच्चे मिलकर अपनी माँ की दूसरी शादी की तैयारी करते हैं , हद है !

जबकि पिता जीवित है, उसकी कहीं और सेटिंग चल रही है...अब उनकी माँ कम से कम 45-50 वर्ष की आयु में किसी और से शादी कर रही है।

भाई बहन आपस में कह रहे है कि हम बड़े भाग्यशाली है कि हमे अपनी मम्मी की डोली सजाने के अवसर मिल रहा है, सबको यह अवसर नहीं मिलता।

अब उन्हें कौन समझाए कि , हद दर्जे के बेफकूफ हो तुम।

वेब सीरीज और सीरियल वालों ने इतना गलत दिखावा फैलाया है कि सामाजिक और पारिवारिक संस्कारों का सत्यानाश कर दिया है ।


🚩"इन नाटकों ने जो किया है वैसा सत्यानाश तो विदेशी लुटेरे सैंकड़ों सालों में भी नहीं कर पाए थे !"


🚩आइए आज यह संकल्प लें कि ऐसे " वेब सीरीज ,  टीवी सीरियलों और फिल्मों " का हम बहिष्कार करेंगे , जो भारतीय सनातन संस्कृति को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं।


🚩राजीव दीक्षित जी ने कहा था कि ,

जिस देश में प्राचीन काल में बच्चों को  रामायण, महाभारत तथा महान लोगों के जीवन चरित्र पढ़ाए/सुनाए जाते थे...

उसी देश में आज  ” जब मैं भारत के युवाओं को ‘गंदे-गंदे’  गीत गाते देखता हूँ। तो मुझे बड़ा दुःख होता हैं। "


🚩टीवी की वजह से हर घर को भारी नुकसान हो रहा है। बच्चे मानसिक पागल होकर ‘मौत’  के घाट उतर रहे हैं। बच्चे टीवी में ऐसे विज्ञापन देखते हैं, जो सत्य नही हैं, और उनकी नकल करने की कोशिश करते हैं, और मृत्यु के शिकार हो जाते हैं ।

हर साल टीवी देखकर उसके स्टंट्स का अनुसरण करके मरने वाले लोगों का आंकड़ा बहुत बढ़ गया है। अमेरिका जैसे देश के दो करोड़ लोग टेलीविजन देखकर मानसिक पागल (मेंटल) हो गये।


🚩जब हम बार बार हिंसा, मारपीट वाली वीडियो, फिल्में आदि देखते हैं, तो यह सारे दृश्य हमारी दया, करुणा व प्रेम को खत्म कर देती हैं। इससे क्या होता है, जब हमारे सामने कुछ गलत काम या गलत चीजें हो रही होती हैं, तो हम उसे रोकने में असक्षम (असमर्थ) हो जाते हैं। और चुपचाप उस गलत हो रही चीज को देखते रहते हैं। हम पशु बन जाते हैं।


🚩 इलाज सिर्फ एक इन धारावाहिकों , सीरीजों और फिल्मों का पूर्ण रूप से बहिष्कार...


!! जय श्रीराम !!


🔺 Follow on


🔺 Facebook

https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/


🔺Instagram:

http://instagram.com/AzaadBharatOrg


🔺 Twitter:

twitter.com/AzaadBharatOrg


🔺 Telegram:

https://t.me/ojasvihindustan


🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg


🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ