Wednesday, June 5, 2024

भारत में ये वृक्ष लगा दिए तो प्रदूषण से हो जाएंगे मुक्त, बीमारियां भागने लगेगी

भारत में ये वृक्ष लगा दिए तो प्रदूषण से हो जाएंगे मुक्त, बीमारियां भागने लगेगी 6 June 2024 https://azaadbharat.org
🚩मनुष्य भोजन केवल 1 किलोग्राम के आसपास करता होगा लेकिन वायु 12 से 13 लीटर ग्रहण करता हैं। इसलिए वातावरण शुद्ध होना चाहिए जिससे शुद्ध हवा मिलने पर बीमारियां नही होगी । 🚩चन्द छोटी-छोटी सावधानियां रखेंगे और कुछ सरलतम कदग , पर बडे खास और ठोस असरदार कदम यदि हम सब मिलकर उठाएंगे तो न सिर्फ भारत बीमारीयों से मुक्त होगा , बल्कि पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी समूल नष्ट हो जाएगी । 🚩 धरती पर से पेड़-पौधे काटने पर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या हुई जिस पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्टॉक होम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था । जिसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार पृथ्वी भर का एक ही सिद्धांत मान्य किया गया। 🚩इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया तथा इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनैतिक चेतना जाग्रत करना और आम जनता को प्रेरित करना था। तभी से 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा। 🚩तो आइए इसी कड़ी में एक और बात जोड़ते हुए इस संबंध में चर्चा को आगे बढाते हैं… 🚩हमारे देश के प्रधानमंत्री जी आत्मनिर्भर भारत की बात अक्सर बोलते हैं। हमारे देश को अगर आत्म निर्भर करना है तो सबसे पहले हमें स्वदेशी पारम्परिक जड़ी बूटियों की पहचान करनी होगी । तुलसी, पीपल, नीम, गिलोय आदि कुदरती वृक्षों और पौधों को लगाना होगा और उसकी औषधियां अधिक मात्रा में तैयार करके प्रचलन में लानी होगी। जिससे हमारे देश में अरबो-खरबो रुपये की अंग्रेजी दवाइयाँ आना कम /बंद होगा और हमारी आयुर्वेदिक दवाइयाँ विदेशों में निर्यात होंगी तो आमदनी बढ़ेगी जिससे देश आत्मनिर्भर बनेगा। 🚩मनुष्य सोचता था , कि हमारा ही अधिकार है पृथ्वी पर और जल तथा वायु को प्रदूषित करता गया । इसका परिणाम खुद मनुष्य ही भुगत रहा है कई शहरों में जहरीली हवा हो गई और भयंकर बीमारियां आई । 🚩कोरोना काल मे ऑक्सीजन की कमी पड़ गई, ऑक्सीजन की कमी के कारण कइयों की मृत्यु भी हो गई। अब हमें वैचारिक प्रदूषण मिटाना होगा और “जिओ ओर जीने दो” ये मंत्र साकार करना होगा, अब हमें अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना होगा। 🚩गौरतलब है… सरकार द्वारा पिछले 70 सालों में पीपल, बरगद (वटवृक्ष) आंवला और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना लगभग बंद कर दिया गया है! सरकार ने इन पेड़ो से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन और वातावरण को प्रदूषित कर देता है। 🚩आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ों ने ले ली है। अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ( अच्छी गुणवत्तापूर्ण और आक्सीजन देने वाले वृक्ष) ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही और इनकी हवा से हवामान भी प्रदूषित होगा। 🚩नीलगिरी के वृक्ष भूल से भी न लगाए जाएं, ये जमीन को बंजर बना देते हैं। जिस भूमि पर ये लगाये जाते हैं उसकी शुद्धि 12 वर्ष बाद होती है, ऐसा माना जाता है। इसकी शाखाओं पर ज्यादातर पक्षी घोंसला नहीं बनाते । इसके मूल में प्रायः कोई प्राणी बिल नहीं बनाते । यह इतना हानिकारक, जीवन-विघातक वृक्ष है। 🚩जबकि पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% अवशोषण करता है, बरगद 80% और नीम 75% करता है। 🚩बता दें…कि पीपल के पत्ते का फलक बड़ा और डंठल पतला होता है जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं। पीपल को वृक्षों का राजा कहते है, श्री कृष्ण ने इसे अपनी विभूति भी बताया है भगवद्गीता में… “अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां” (गीता १०.२६ ) 🚩पीपल का वृक्ष दमानाशक, हृदयपोषक, ऋण-आयनों का खजाना, रोगनाशक, आह्लाद व मानसिक प्रसन्नता का खजाना तथा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ानेवाला है। बुद्धू बालकों तथा हताश-निराश लोगों को भी पीपल के स्पर्श एवं उसकी छाया में बैठने से अमिट स्वास्थ्य-लाभ व पुण्य-लाभ होता है। पीपल की जितनी महिमा गाएं, उतनी कम है। 🚩इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगायें तथा यूकेलिप्टस आदि सजावटी पेड़ों को न लगाएं व सरकार द्वारा भी इन पर प्रतिबंध लगाया जाये। 🚩 दूसरी बात की केमिकल युक्त खेती हो रही है उसकी जगह परम्परागत जैविक खेती करनी होगी इससे पर्यावरण भी शुद्ध होगा और शुद्ध अन्न मिलने पर लोगों का स्वास्थ्य भी स्वतः बढ़िया होगा और लोग बीमार भी कम होंगे। 🚩हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ सालों में प्रदूषण मुक्त भारत होगा ही होगा । फिर यूँ बेवजह ऑक्सीजन के प्लांट लगाने की आवश्यकता नही पड़ेगी। 🚩एक उपाय ये भी है कि बड़, पीपल, नीम आदि के बीज मिट्टी में लपेट कर छोटी-छोटी बहुत सारी बॉल बना कर सूखा लें जब बारिश के दिनों में ट्रेन यात्रा करें तो खिड़की में से पटरी से दूर 20-30 फिट की दूरी पर जगह-जगह खाली स्थानों पर फेंकते जाए। बारिश में ये बीज अंकुरित हो जाएंगे आपकी ओर से बहुत बड़ी पर्यावरण शुद्धि की सेवा हो जाएगी। 🚩 कुछ लोग सिर्फ दिखावा करने के लिए पेड लगाते हैं और कोई भी पेड़ लगा देते है लेकिन बदलाव तो वास्तविक लाना है । तो इस बार हमें कम से कम 5 पेड़ लगाने होंगे और वो भी पीपल, बरगद, नीम, बिल्व अथवा तुलसी के ही लगाने होंगें और उसकी देखभाल भी करनी होगी तभी पर्यावरण प्रदूषण मुक्त होगा। 🚩ध्यान दें बारिश का समय आने वाला है । सभी पर्यवरण प्रेमी कम से कम 5 पेड़ पीपल, बड़, तुलसी , बिल्व या नीम के अवश्य लगाएं एव॔ उसकी देखभाल भी करें। 🚩 “अपना श्रृंगार तो किया कई बार, आओं करे मां भारती का श्रृंगार । धरती मां को पहनाये वृक्षों का सुंदर हार।।” 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Tuesday, June 4, 2024

बॉलीवुड गिरोह की सदस्य रवीना टंडन का भाईचारा काम क्यों नहीं आया?

बॉलीवुड गिरोह की सदस्य रवीना टंडन का भाईचारा काम क्यों नहीं आया? 5 June 2024 https://azaadbharat.org
🚩बॉलीवुड गिरोह की सदस्य रवीना टंडन के साथ पिछले 2 दिन में जो कुछ हुआ उससे वो खुद सदमे में होंगी। अक्सर बकरीद पर बधाई का संदेश देने वाली, सोशल मीडिया पर सेवई के साथ फोटो डालने वाली, रवीना ने सोचा भी नहीं होगा कि कभी कोई मुस्लिम परिवार उनके खिलाफ ऐसा झूठा मुकदमा दर्ज करवाएगा कि मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक उनकी छवि पर सवाल उठने लगेंगे। 🚩इस मामले के बाद रवीना को कुछ समझ आया हो या न आया लेकिन अपने गिरोह के लोगों की हकीकत तो वह जान ही गई होंगीं। इस गिरोह ने उनके लिए न तब आवाज उठाई जब उनपर आरोप लगे कि वो नशे में मारपीट कर रही थीं और न ही उन्हें तब समर्थन में कुछ बोला दिया जब पता चला कि सारे आरोप झूठे थे। इस मामले में मुंबई पुलिस ने बयान जारी करके उन्हें निर्दोष तक बताया लेकिन तब भी कोई बॉलीवुड सेलेब उनके समर्थन में बयान देने नहीं खड़ा हुआ। अगर कोई पूरे बॉलीवुड से उनकी आवाज बना तो सिर्फ वो कंगना रनौत हैं। 🚩कंगना ने अपने इंस्टा पोस्ट में रवीना टंडन के साथ हुई घटना पर लिखा, “रवीना टंडन जी के साथ जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है। अगर विपरीत समूह में पाँच से छह और लोग होते तो उन्हें मार दिया जाता। हम इस तरह के रोड रेज की निंदा करते हैं। उन लोगों को फटकार लगाई जानी चाहिए। उन्हें इस तरह के हिंसक और जहरीले व्यवहार से बचना नहीं चाहिए।” 🚩रवीना टंडन और कंगना रनौत दोनों की विचारधाराएँ अलग रही हैं। रवीना उस ग्रुप का हिस्सा हैं जो कठुआ से लेकर राफाह तक मामले में प्रोपगेंडा फैलाने में सक्रिय दिखाई देते हैं। वहीं कंगना मुखर होकर हिंदुत्व की बात करती हैं। आज रवीना का सिर्फ कंगना ने साथ दिया है लेकिन यही रवीना जब कंगना पर तरह-तरह के इल्जाम लग रहे थे तब न तो महिला होने के नाते, न बॉलीवुड अभिनेत्री होने के नाते इस पर कुछ बोली थीं। 🚩दरअसल, बॉलीवुड में रवीना जिस गिरोह का हिस्सा हैं वहाँ ईद की इफ्तारी में शामिल होना किसी भी सेलेब के लिए छवि निर्माण का तरीका होता है। रवीना ने अपने अभिनेत्री रहते हुए बॉलीवुड के प्रोग्रामों में शामिल होकर ऐसा खूब किया, मगर आज जब एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें घेरकर उनकी लिंचिंग शुरू की, उनपर झूठे इल्जाम लगाए, उन्हें शराब के नशे में चूर बताना चाहा… तब उनका वो भाईचारा काम नहीं आ पाया जो उन्होंने ऐसी पार्टियों में जा जाकर बनाया था। 🚩घटना की वायरल वीडियो को अगर देखें तो पता चलेगा कि रवीना टंडन बेबस और लाचार होकर कहती सुनाई पड़ रही थी कि उन्हें मारा न जाए उन्हें छोड़ दिया जाए यानी उस समय उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। अब जो रवीना को पर्सनली नहीं जानता उसके लिए समझना मुश्किल होगा क्या सही है क्या गलत, मगर जो सेलेब लोग रवीना को जानते हैं वो तो समझ पा रहे होंगे कि वीडियो में वो हकीकत में बेबस थीं थी या वो नशे में कर रही थी… सब जानते समझते हुए इस गिरोह के एक शख्स ने आवाज नहीं उठाई। बाद में पुलिस ने खुद जाँच करके सच्चाई बताई तब जाकर दूसरा एंगल सामने आया। 🚩वीडियो में कहा जा रहा था कि रवीना ने उस परिवार के साथ गाली-गलौच की है जबकि हकीकत यह निकलकर आई कि उन्होंने गाली गलौच नहीं की थी उनके साथ गाली-गलौच हुई थी। रवीना टंडन गाड़ी से निकलकर सड़क पर सिर्फ अपने ड्राइवर को बचाने आई थीं उतने में वो भीड़ उनपर टूट पड़ी और बेबुनियादी इल्जाम लगाए जाने लगे। रवीना के साथ खींचतान हो रही थीं मगर उन्होंने फिर भी कुछ नहीं बोला। शायद उन्हें अंदाजा हो गया था कि जो भीड़ उनसे उलझी है वो उनके साथ कुछ भी कर सकती है। वो लगातार मामले को सुलझाने की बात करती रहीं, पर मामला नहीं सुलझा…। धीरे-धीरे खबरें मीडिया में चढ़ीं, रवीना टंडन पर सवाल उठे… लेकिन बॉलीवुड वाले चुप रहे। 🚩अजीब बात तो ये है कि सारा मामला क्लियर होने के बावजूद बॉलीवुड के गिरोह के लोग अपने ही समूह की महिला के साथ हुई ज्यादती को मुद्दा नहीं बना रहे। राफाह तक पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट हो रहे हैं पर रवीना के लिए कहीं नहीं। मीडिया में बयान देना तो दूर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर एक पोस्ट करके भी घटना का विरोध नहीं किया जा रहा है। कारण क्या है? शायद सब जानते है। 🚩सोचिए क्या इस मामले में अगर कोई हिंदू रवीना टंडन के साथ ऐसी बदसलूकी कर देता तो क्या ये गिरोह शांत रहता? नहीं, तब उन्हें देश में लोकतंत्र खतरे में दिखाई देता और हिंदुत्व का भयावह चेहरा दिखता। मगर, अभी ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि प्रताड़ित करने वाले एक निश्चित वर्ग से हैं। वो वर्ग जिसे खुद रवीना टंडन चाहती हैं कि वो उनसे नाराज न हो। 🚩यही वजह है कि शायद सारे पक्ष अपने साथ होने के बावजूद रवीना टंडन ने इस मामले में कोई शिकायत नहीं दी जबकि वो अच्छे से जानती है कि अगर उनके पक्ष में सबूत नहीं मिलते तो वो परिवार पूरी तैयारी कर चुका था उनको जेल भेजने की। उनपर बुजुर्ग महिला को पीटने का आरोप लगा दिया गया था। लड़की की नाक फोड़कर खून निकालने जैसे दावे कर दिए गए थे, उन्हें बिन बात के नशेड़ी साबित किया जा रहा था… ये सब जानते हुए रवीना टंडन चुप हैं। शायद वह खुद घबराई हुई हैं ये सोचकर कि इस शांतिप्रिय समुदाय के खिलाफ आवाज उठाने के नुकसान उन्हें न झेलने पड़ें या शायद इस बात का डर है कि उन्हें वो गिरोह न खारिज कर दे जिनका काम ही प्रोपगेंडे को हवा देना। ऐसा भी हो सकता है कि रवीना जानती हों कि उनके साथ इस मुद्दे पर आवाज क्यों नहीं उठा रहे… उन्हें मालूम होगा कि ऐसी परिस्थिति में मीडिया को कैसे डील करना होता है… कैसे समुदाय विशेष की छवि को धूमिल करने से बचाना होता है। - जयन्ती मिश्रा 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Monday, June 3, 2024

क्या अब न्यायलय अवैध मजारों को हटाने का आदेश देगी ?

क्या अब न्यायलय अवैध मजारों को हटाने का आदेश देगी ? 4 June 2024 https://azaadbharat.org
🚩दिल्ली हाई कोर्ट ने नागा साधुओं के नाम संपत्ति करने के मामले में एक अहम टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा कि नागा साधु सांसारिक दुनिया और मोह से दूर रहते हैं। नागा साधुओं का जीवन पूरी तरह वैरागी का होता है, इसलिए उनके नाम संपत्ति की माँग मान्यताओं के अनुसार सही नहीं है। कोर्ट ने एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। 🚩मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा कि नागा साधु महादेव के भक्त होते हैं। वह सांसारिक मोह और दुनिया से पूरी तरह विरक्त होते हैं। कोर्ट ने कहा कि वह जितना हिंदू धर्म समझते हैं उसके मुताबिक, नागा साधु शिव भक्त होने के कारण संसार से जुड़ी किसी भी वस्तु से जुड़ाव नहीं बल्कि अलगाव रखते हैं, इसलिए उनके नाम पर संपत्ति माँगना हिंदू धर्म की मान्यताओं और प्रथाओं के मुताबिक गलत है। 🚩महंत श्री नागा बाबा भोला गिरि बनाम जिला मजिस्ट्रेट व अन्य के मामले में याचिकाकर्ता ने त्रिवेणी घाट, निगमबोध घाट, जमुना बाजार की जमीन को उनके नाम करने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश देने की माँग की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह जमीनें उनके कब्जे में 1996 से हैं। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में साधु-संत, फकीर और गुरु होते हैं। सभी के लिए सार्वजनिक भूमि पर समाधि स्थल और मंदिर बनाने के नाम पर कुछ समूह अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इसका लाभ उठा रहे हैं, जो कि आने वाले समय में बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। 🚩जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सार्वजनिक जमीन पर कब्जा किया है, इसलिए वह अतिक्रमणकर्ता हैं, क्योंकि दिल्ली सरकार की ओर से हटाई गई झुग्गियाँ यमुना नदी के पुनरुद्धार के लिए थी, जो कि सभी के लिए लाभ में आने वाला है। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में यह कहीं भी प्रदर्शित नहीं है कि विवादित स्थान बाबा की समाधि या जनता को पूजा करने के लिए दिया गया है। कोर्ट ने साफ किया कि याचिकाकर्ता के पास किसी भी तरह का ऐसा सबूत नहीं है, जिससे यह साफ हो सके कि जमीन पर बनाई गई बाबा की समाधि एक ऐतिहासिक स्थान है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। हालाँकि कोर्ट ने कहा कि अभी तक उक्त जमीन पर बने निर्माण को तोड़ने संबंधी कोई आदेश एलजी कार्यालय की ओर से जारी नहीं हुआ है। स्त्रोत ओप इंडिया 🚩तो क्या अवैध मजारों को भी हटाने का आदेश देगी कोर्ट? 🚩देश में अनगिनत मजारें ऐसी हैं, जो सरकारी जमीनों पर बनी हुई हैं। यहाँ तो नागा बाबा समाधि के मामले में तो याचिकाकर्ता ने बताया ही है कि साल 1991 के कागजातों में उनकी जमीन दर्ज है, लेकिन अब उसका अता-पता नहीं है। ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट उनकी जमीन की पैमाइश करा दे, लेकिन हाई कोर्ट नहीं माना। ऐसे में देश भर में जो हर कुछ मील पर अवैध मजारें सरकारी जमीनों पर बनी हुई हैं, उनकी कानूनी स्थिति क्या होगी, इस पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे, साल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले दिल्ली में 54 से ज्यादा मस्जिद, मदरसे सरकारी जमीनों पर बने हुए थे, जिनकी पूरी लिस्ट उप-राज्यपाल को सौंप दी गई थी। 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Sunday, June 2, 2024

पादरी मौलवी के रेप पर चुप लेकिन आमिर खान का बेटा फिल्म में हिन्दू संत का अपमान करेगा

पादरी मौलवी के रेप पर चुप लेकिन आमिर खान का बेटा फिल्म में हिन्दू संत का अपमान करेगा 3 June 2024 https://azaadbharat.org
🚩आमिर खान की फिल्म ‘PK’ (2014) आपको याद होगी, जिसमें जम कर हिन्दू धर्म का मजाक बनाया गया था। न सिर्फ भगवान शिव को लेकर अपमानजनक दृश्य दिखाया गया था, बल्कि हिन्दू संत को गुंडा भी दर्शाया गया था। अब आमिर खान ने हिन्दूफोबिया की ये मशाल अपने बेटे जुनैद को सौंप दी है। YRF (यशराज फिल्म्स) और Netflix मिल कर ‘महाराज’ नामक एक फिल्म बना रहा है, जो जुनैद खान की पहली फिल्म होगी। डेब्यू के साथ ही जुनैद खान ने बॉलीवुड में हिन्दू-घृणा के एजेंडे को चलाना शुरू कर दिया है। 🚩असल में ये फिल्म ‘महाराज लिबेल केस’ पर बन रही है। ये मामला धर्मगुरु जदुनाथजी बृजरतनजी महाराज से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने सन् 1862 में गुजराती अख़बार ‘सत्यप्रकाश’ नामक अख़बार में करसंदास मूलजी द्वारा लिखे गए एक लेख को लेकर मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। इस लेख में वैष्णव पंथ के ‘पुष्टिमार्ग’ (वल्लभ संप्रदाय) के साधुओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। आरोप लगाया गया था कि जदुनाथजी के कई महिलाओं से यौन संबंध हैं और लोगों को अपनी भक्ति साबित करने के लिए अपनी पत्नी साधुओं को सौंपनी पड़ती है। 🚩जहाँ जुनैद खान इस फिल्म में उक्त पत्रकार का रोल करेंगे और हीरो होंगे, वहीं विलेन के रूप में एक हिन्दू साधु को दिखाया जाएगा जिसका रोल जयदीप अहलावत अदा करेंगे। फिल्म का पोस्टर रिलीज करते हुए बताया गया है कि आखिरकार 162 वर्षों बाद दिखाया जाएगा कि कैसे एक व्यक्ति ने अपने संकल्प की शक्ति से यथास्थिति को चुनौती दी। 1994 में जन्मे जुनैद खान आमिर खान और उनकी पहली पत्नी रीना दत्ता के बेटे हैं। आमिर खान अपने बेटे और साई पल्लवी को लेकर एक और फिल्म बना रहे हैं। 🚩अंग्रेजों के जमाने वाली ‘बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट’ ने इस मामले का फैसला पत्रकार करसंदास मूलजी के पक्ष में सुनाया था। ये फैसला अंग्रेज जज जोसेफ अरनॉल्ड ने सुनाया था। 162 साल पहले के अस्पष्ट मामले को आमिर खान के बेटे के डेब्यू फिल्म में दिखाया जाएगा, जिसमें गुंडा एक हिन्दू संत होगा। सवाल उठ रहे हैं कि आए दिन मदरसों और कई चर्च से आ रही बलात्कार की घटनाओं के बीच इस तरह की फिल्म बना कर क्या नैरेटिव पेश किया जाने वाला है? जो पादरी और मौलवी रेप करते है उनपर फिल्म क्यों नही बनाई जा रही हैं? 🚩भारत देश की सिनेमा इंडस्ट्री अर्थात बॉलीवुड के दोगलेपन से हम सब काफी समय से वाकिफ हैं। कला के नाम पे, ये अनगिनत अपमानजनक सामग्री बना कर बेच चुके हैं, ठीक वैसे ही जैसे किसी ने अपनी मर्यादा बेच दी हो। दूर से चमचमाता हुआ,ये कालसर्पी गटर बड़ा ही आकर्षक लगता है। बहुत ही गिने चुने व्यक्ति हैं, जो सामाजिक दृश्य की सही प्रस्तुति करते हैं, अपनी सिनेमा में । बॉलीवुड के दूषित गर्भ से हिंदू विरोधी फिल्में बनती है , हिंदुओं को एकजुट होकर इसका पूर्ण बहिष्कार करना चाहिए। 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Saturday, June 1, 2024

चीन में आखिरी मस्जिद पर भी चला हथौड़ा, अगर भारत ऐसा करता तो क्या होता ?

चीन में आखिरी मस्जिद पर भी चला हथौड़ा, अगर भारत ऐसा करता तो क्या होता ? 2 June 2024 https://azaadbharat.org
🚩चीन में इस्लामी कट्टरपंथ से निपटने के नाम पर वहाँ 5 साल पहले शुरू हुआ हर इमारत के चीनीकरण का काम पूरा होने को है। खबर है कि वहाँ अरबी शैली में बनी आखिरी बड़ी मस्जिद से मीनार और गुंबद भी हटवा दी गई है और इस मस्जिद को चीनी स्टाइल में खड़ी किया गया है। सामने आई तस्वीरों में पहले और अब के बदलाव साफ देखे जा सकते हैं। 🚩बता दें कि चीन ने साल 2019 में हर इस्लामी इमारत को चीनी स्टाइल में बदलने का फैसला लिया था। उसके बाद ही मस्जिदों से गुंबद और मीनार हटने शुरू हुए और 5 सालों में देश की आखिरी मस्जिद से मीनार हटने का काम भी पूरा हो गया। ये आखिरी मस्जिद शादियन में स्थित था, जो कि दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत में एक जगह है। 🚩इस मस्जिद का निर्माण सबसे पहले मिंग राजवंश के दौरान हुआ था और फिर सांस्कृतिक क्रांति के दौरान इसे नष्ट कर दिया गया था बाद में फिर इस मस्जिद का पुननिर्माण हुआ। इस दौरान ये ध्यान दिया गया कि ये मस्जिद सऊदी अरब के मदीना में बनी मस्जिद जैसी हो, लेकिन अब चीन में एक बार फिर इस इस्लामी इमारत में बदलाव करवा दिए गए हैं। ये मस्जिद इतनी बड़ी थी कि इसमें 10 हजार लोग दुआ पढ़ने आ सकते थे। 🚩रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले साल तक इस मस्जिद पर हरे रंग का गुंबद था जिसपर आधा चांध भी दिखता था। इसके अलावा इसके अगल-बगल चार मीनारें थीं। 2022 में भी इसमें रग-रोगन का काम हुआ था। लेकिन अब अगर इस मस्जिद को देखें तो ये बिलकुल चीनी स्टाइल में तब्दील इमारत है। सिर्फ इसके सामने थोड़ा बहुत उर्दू में लिखा दिखाई देता है। ऐसे ही चांद और टाइलें भी वहाँ से कम कर दी गई हैं। 🚩चीन के इस तरह इस्लामी इमारतों को चीनी सभ्यता का बनाने के प्रयास पर कई पाकिस्तानियों ने रिएक्ट किया है। पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि अगर यही काम भारत या फिर किसी अन्य मुल्क में हो रहा होता तो पाकिस्तान इसका हल्ला मचा देता, मगर चूँकि यह हरकत चीन ने की है तो उन्हें इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्हें न अपना मजहब याद आ रहा है और न ही मुसलमानों पर होता खतरा। मुल्क की आवाम इसलिए भी नाराज है क्योकि इस मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार न तो इस पर अपना मुँह खोल रही है और न ही इसका विरोध कर रही है। 🚩सना अमजद के यूट्यूब चैनल पर इस मुद्दे को उठाकर पाकिस्तानी आवाम की राय माँगी गई जिसमें पाकिस्तान के लोग भी अपनी सरकार के रवैये के खिलाफ दिखाई दिए। एक पाकिस्तानी ने कहा कि भारत हमारा दुश्मन नहीं है। दुश्मन है तो सिर्फ चीन। कभी भी चीन ने किसी के साथ सौदा बिना लालच के नहीं किया। फिर भी पाकिस्तान उनके खिलाफ कुछ नहीं कहता है। स्रोत: ओप इंडिया 🚩पाकिस्तानी लोगों ने कैमरे पर यहाँ तक बोला कि भारत की बारी आने पर पाकिस्तानी कश्मीर-कश्मीर करने लग जाते है, लेकिन उनका ध्यान इस पर क्यों नहीं जाता कि लद्दाख की पट्टी पर चीन अपना कब्जा जमाए बैठे हुए है, फिर आखिर कोई उसके खिलाफ क्यों नहीं बोल रहा है। इसके अलावा पाकिस्तानियों ने ये भी कहा कि पाकिस्तान में चीन की दोस्ती की कसमें और भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी सिर्फ इसलिए होती है क्योंकि इससे उन्हें फायदा होता है। 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Friday, May 31, 2024

तंबाकू सेवन से क्या हानि होती हैं? छोड़ने से क्या फायदा होगा? छोड़ने का उपाय क्या हैं?

तंबाकू सेवन से क्या हानि होती हैं? छोड़ने से क्या फायदा होगा? छोड़ने का उपाय क्या हैं? 1 June 2024 https://azaadbharat.org
🚩जिस प्रकार दीपक के तेल को जलाकर उसका काजल एकत्रित किया जाता है उसी प्रकार अमेरिका के दो प्रोफेसर, ग्रेहम और वाइन्डर ने तम्बाकू जला कर उसके धुएँ की स्याही इक्टठी की। उस तम्बाकू की स्याही को अनेकों स्वस्थ चूहों के शरीर पर लगाया। परिणाम यह हुआ कि कितने चूहे तो तत्काल मर गये । अनेकों चूहों का मरण दो-चार मास बाद हुआ जबकि अन्य अनेकों चूहों को त्वचा का कैंसर हो गया और वे घुट-घुट कर मर गये। जिन चूहों के शरीर पर तम्बाकू की स्याही नहीं लगायी गयी थी और उन्हें उनके साथ रखा गया था उन्हें कोई हानि न हुई। इस प्रयोग से सिद्ध हो गया कि तम्बाकू का धुआँ शरीर के लिए कितना खतरनाक है। 🚩विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2016 में कहा था कि ‘‘तंबाकू का सेवन दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र (11 देशों)-(जिसमें भारत शामिल है) में करीब 24.6 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं और 29 करोड़ से थोड़े कम इसका धुआंरहित स्वरूप में सेवन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तंबाकू से हर साल क्षेत्र में 13 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जो 150 मौत प्रति घंटे के बराबर है ।’’ WHO के मुताबिक तंबाकू सेवन और धूम्रपान से दुनिया में हर 6 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत होती है । बीसवीं सदी के अंत तक सिगरेट पीने के कारण 6 करोड़ 20 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे थे । विकसित देशों में हर छठी मौत सिगरेट के कारण होती है। महिलाओं में सिगरेट पीने के बढ़ते चलन के कारण यह आँकड़ा और बढ़ा है । 🚩तम्बाकू से होने वाले दुष्परिणाम- 🚩निकोटीन, टार और कार्बन-मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक कैमिकल से युक्त तंबाकू जितना आपके फेफड़ों और चेहरे को प्रभावित करता है उतना ही हानिकारक आपके नाजुक दिल के लिए भी होता है । 🚩तंबाकू का सेवन करने वाले के मुँह से बदबू तो आती है, लेकिन उसके साथ ही उसको मुंह और गले में भयानक कैंसर की भी संभावना होती है । तंबाकू में मौजूद निकोटीन पूरे शरीर में रक्त की पूर्ति करने वाली महाधमनी को प्रभावित करता है। यह फेफड़ों को भी काफी हद तक प्रभावित करता है जिससे श्वास संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं। 🚩तंबाकू के नियमित सेवन से सिर दर्द और चक्कर आना जैसी आम शिकायत भी हो सकती है। इतना ही नहीं तंबाकू आपकी रक्त वाहिनिकाओं को प्रभावित कर हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों को भी जन्म दे देता है। यह हमारे पाचन तंत्र को खराब करने के साथ-साथ हम पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डालता है। तम्बाकू से अनेक भयंकर बीमारियां होती है । 🚩धूम्रपान से बच्चों पर भयंकर असर… जिन घरों में धूम्रपान आम होता है, उन घरों के बच्चे न चाहते हुए भी जन्म से ही ‘धूम्रपान’ की ज्यादतियों के शिकार हो जाते हैं। कोई वयस्क एक मिनट में लगभग 16 बार सांस लेता है, जबकि बच्चों में इसकी गति अधिक होती है। पाँच साल का एक सामान्य बच्चा एक मिनट में 20 बार साँस लेता है। किन्हीं विशेष परिस्थितियों में यह गति बढ़कर 60 बार प्रति मिनट तक हो सकती है। 🚩जाहिर है कि जिन घरों में सिगरेट या बीड़ी का धुआँ रह-रहकर उठता है उन घरों के बच्चे तंबाकू के धुएँ में ही साँस लेते हुए बड़े होते हैं। चूँकि वे वयस्कों से अधिक तेज गति से साँस लेते हैं इसलिए उनके फेफड़ों में भी वयस्कों के मुकाबले अधिक धुआँ जाता है। धुएँ के साथ जहरीले पदार्थ भी उसी मात्रा में दाखिल होते हैं। 🚩धूम्रपान का धुआँ बच्चों में निमोनिया या पल्मोनरी ब्रोंकाइटिस अर्थात साँस के साथ उठने वाली खाँसी की समस्या पैदा कर सकता है।बच्चों के मध्यकर्ण में अधिक पानी भर सकता है, उन्हें सुनने की अथवा वाचा की समस्या पैदा हो सकती है। धूम्रपान के धुएँ में पलने वाले बच्चों के फेफड़े कम क्षमता से काम करते हैं। इसी वजह से उनकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली भी कमजोर होती है। वे युवावस्था में दूसरों के मुकाबले कम तगड़े होते हैं। 🚩बच्चों का सामान्य विकास अवरुद्ध हो जाता है। उनका वजन और ऊँचाई दूसरों के मुकाबले कम होती है। जिन्होंने जीवन में कभी भी धूम्रपान नहीं किया हो उन्हें पेसिव स्मोकिंग के कारण फेफड़ों के कैंसर होने का 20-30 प्रतिशत जोखिम होता है। 🚩धूम्रपान छोड़ने के अनेक फायदे… 🚩1. धूम्रपान बंद करने के 12 मिनट के भीतर ही आपकी उच्च हृदय गति (हाई बी.पी) और रक्त चाप में कमी(लो बी.पी) दिखने लगेगी। 12 घंटे बाद अपने खून में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर घटकर सामान्य पर पहुंच जाएगा। वहीं दो से 12 हफ्तों में आपके शरीर के भीतर खून के प्रवाह और फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाएगी। 🚩2. धूम्रपान छोड़े हुए एक साल बीतते-बीतते आप में दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा धूम्रपान करने वालों की तुलना में आधा तक रह जाएगा। वहीं पांच साल तक पहुंचने पर मस्तिष्काघात का खतरा नॉन स्मोकर के स्तर पर पहुंच जाएगा। 🚩3. दस साल तक अपने-आपको धूम्रपान से दूर रखने पर आप में फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा धूम्रपान करने वाले की तुलना में आधे पर पहुंच जाएगा। वहीं मुंह, गले, मूत्राशय, गर्भाशय और अग्नाशय में कैंसर का खतरा भी कम हो जाएगा । 🚩4. धूमपान छोड़ने पर आपकी जीवन प्रत्याशा में भी इजाफा होगा। अगर आप 30 वर्ष की उम्र से पहले ही धूम्रपान की लत से तौबा कर लेते हैं तो धूम्रपान करने वालों की तुलना में आपकी जीवन प्रत्याशा करीब 10 साल तक बढ़ जाएगी, लेकिन धूम्रपान छोड़ने में देर करने से आपकी जिंदगी भी छोटी होती चली जाएगी। 🚩5. धूम्रपान छोड़ने से आप में नपुंसकता की आशंका कम होती है। इसके अलावा महिलाओं में गर्भधारण में कठिनाई, गर्भपात, समय से पहले जन्म या जन्म के समय बच्चे का वजन बेहद कम होने जैसी समस्याएं भी कम होती है। 🚩6. आपके धूम्रपान से तौबा करने पर आपके बच्चों में भी सैकंड हैंड स्मोक से होने वाली श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। 🚩7.धूम्रपान छोड़ना आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद हैं। मान लें अगर आप औसतन प्रतिदिन 🚩10 सिगरेट पीते हैं और एक सिगरेट की कीमत 10 रुपये है, तो आप साल भर में ही 36,500 रुपये बस धूम्रपान में ही फूंक डालते हैं। इन पैसों से आप कुछ तो बेहतर काम कर ही सकते हैं। 🚩व्यसन छोड़ने के उपाय- 🚩अजवाइन साफ कर इसे नींबू के रस और काले नमक में दो दिन तक भीगने के लिए छोड़ दें, फिर इसे सुखा लें और इसके बाद इसको मुंह में घंटो रखकर तंबाकू को खाने जैसी अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं । 🚩अगर आपको तंबाकू खाने की तलब काफी ज्यादा है तो आप बारीक सौंफ के साथ मिश्री के दाने मिलाकर धीरे धीरे चूस सकते हैं । 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Thursday, May 30, 2024

हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए बनाई फिल्म’: CPI(M) नेता

हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए बनाई फिल्म’: CPI(M) नेता 31 May 2024 https://azaadbharat.org
🚩दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में सिनेमा व राजनीति एक-दूसरे से मिले-जुले हुए हैं। तमिलनाडु के CM रहे करूणानिधि और जयललिता फिल्म इंडस्ट्री से थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे NTR फिल्म इंडस्ट्री से थे। हालाँकि, केरल में ये देखने को नहीं मिलता है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री एक एक बड़ा बाजार है, जिसने ममूटी, मोहनलाल, जयराम और सुरेश गोपी जैसे सुपरस्टार दिए हैं। आज दिलकीर सलमान और फहाद फासिल सुर्खियाँ बटोर रहे हैं। 🚩अब पिछले 53 वर्षों से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय ममूटी पर जिहादी होने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद वो विवादों में आ गए हैं। उन्हें उनके फैंस ‘मम्मूक्का’ भी कहते हैं। चेन्नई स्थित एक कारोबार मोहम्मद शरशाद बनियांदी, जो कि CPI(M) नेता भी है, उन्होंने ‘सुपर मेगास्टार’ ममूटी को लेकर कुछ ऐसे खुलासे किए हैं, जो धर्मनिरपेक्ष, उदार और लोकतांत्रिक व्यवस्था में यकीन रखने वालों को हैरान करने वाले हैं। हालाँकि, न सिर्फ CPI(M) व उनके लेफ्ट के साथी दल, बल्कि कॉन्ग्रेस भी ममूटी को जिहादी बताए जाने का विरोध कर रही है। 🚩मोहम्मद शरशाद बनियांदी ने कहा है कि उनकी पूर्व-पत्नी राठीना PT और स्क्रिप्ट लेखक हर्षद ने मिल कर एक हिन्दू विरोधी और सवर्ण विरोधी फिल्म बनाने की साजिश रची, जिसमें ममूटी मुख्य अभिनेता थे। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि राठीना PT पर दबाव बनाया गया था कि हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए वो इस फिल्म का निर्देशन करें। मामला 2022 में रिलीज हुई फिल्म ‘Puzhu’ से जुड़ा है, जिसे ममूटी की होम प्रोडक्शन कंपनी ‘Wayfarer Films’ द्वारा बनाया गया था। 🚩इस फिल्म का डिस्ट्रीब्यूशन SonyLIV ने किया था।इस फिल्म इस फिल्म में उन्होंने एक ‘उच्च जाति’ के IPS अधिकारी का किरदार निभाया है, जो अपनी बहन से इसीलिए नफरत करता है क्योंकि वो अपने दलित प्रेमी के साथ भाग गई थी। असल में राठीना PT ने एक हल्का-फुल्का मनोरंजन वाली फिल्म बनाने की सोची थी, लेकिन दावा है कि उन्हें ‘सुपर मेगास्टार’ के हिसाब से चलना पड़ा। फिल्म के लेखक हर्षद को भी शरशाद ने एक ‘इस्लामी कट्टरपंथी’ बताया है। 🚩बनियांदी ने कहा कि ममूटी को राठीना के साथ एक अन्य प्रोजेक्ट पर काम करना था, लेकिन जल्दी-जल्दी में ‘Puzhu’ बना दी गई। उन्होंने दावा किया कि इस फिल्म के लिए कुछ ‘बाहरी तत्वों’ ने उनकी पूर्व पत्नी के मन में कुछ भर दिया था। ममूटी 2000 से ही ‘कैराली टीवी’ के चेयरमैन हैं, जिसे CPI(M) का वरदहस्त हासिल है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से उनके नज़दीकी रिश्ते हैं। 2007 में ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI)’ के ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि अगर ये संगठन गुजरात में सक्रिय रहता तो 2002 में दंगे नहीं होते। 🚩बता दें कि DYFI ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट)’ का ही युवा संगठन है। अब SIMI के पूर्व अध्यक्ष एवं CPI(M) के MLA KT जलील ने भाजपा पर हमला किया है। उन्होंने ममूटी का बचाव किया है। वो कहते रहे हैं कि भारत को इस्लाम के माध्यम से ही ‘मुक्त’ किया जा सकता है। वो केरल में मंत्री भी रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि मोहम्मद शरशाद बनियांदी अपने कहे से पलट गए हैं, लेकिन हमें अभी तक ऐसा कुछ आधिकारिक नहीं मिला है। 🚩सोशल मीडिया के दौर में लिखने-बोलने-दिखने का ऑप्शन अब आम जनता के पास भी है। बॉलीवुड के सनातन-विरोधी रवैये पर लोग अब इनकी खाल उतारने लगे हैं। तो क्या ऐसे में मुंबइया फिल्म इंडस्ट्री हिंदुओं को लेकर अपनी घटिया मानसिकता से बाहर आ चुकी है? अभिव्यक्ति की जिस आजादी के नाम पर हिंदू धर्म को नीचा दिखाया जाता है, क्या उसी तरीके से इस्लाम और ईसाई मजहब को लेकर यह इंडस्ट्री कहानियाँ लिख सकती है, उसे पर्दे पर उतारती है? बिना ज्यादा सोचे एकमात्र उत्तर जो दिमाग में आएगा, वो है – नहीं। 🚩बॉलीवुड एक फट्टू इंडस्ट्री है। बॉलीवुड धंधा करने वाली कौम का नाम है। इन लोगों को पता है कि हिंदू को छोड़ कर ये अगर किसी और पर निशाना साधे तो ‘सर तन से जुदा’ निश्चित है, बिजनेस का बेड़ागर्क पक्का है। इसलिए हर बार ये मजाक उड़ाते हैं सनातनी परंपराओं का, हिंदुओं की आस्थाओं का। साल 2023 भी इनके लिए कोई अपवाद नहीं रहा। 🚩हिंदू विरोधी फिल्मों का बहिष्कार करना ही सर्वोत्तम उपाय हैं तभी इनकी अक्ल ठिकाने आयेगी। 🔺 Follow on 🔺 Facebook https://www.facebook.com/SvatantraBharatOfficial/ 🔺Instagram: http://instagram.com/AzaadBharatOrg 🔺 Twitter: twitter.com/AzaadBharatOrg 🔺 Telegram: https://t.me/ojasvihindustan 🔺http://youtube.com/AzaadBharatOrg 🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ