अगस्त 12, 2017
गोवा : सनातन संस्था द्वारा हुए एक कार्यक्रम के दौरान उत्तरप्रदेश, डासना, चंडीदेवी मंदिर सिद्धपीठ
की महंत यति माँ #चेतनानंद सरस्वती ने एक चैनल में इंटरव्यू देते हुए कई सवाल उठाते हुए कहा कि #सनातन संस्था बहुत ही #पवित्र कार्य कर रही है, इसके माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में लोग सक्रीय हैं सनातन के लिए, उनको एक मंच पर आने का मौका मिल रहा है ।
ये साधु-संतों का कर्तव्य है, ये समाज का कर्तव्य है कि वो #साधु-संतों #पर होनेवाले इस #कुचक्र को समझे ।
आज पूजनीय आसारामजी बापू को फंसाया गया है, कल मुझे यति (माँ चेतनानंद ) और परसों किसी और को फंसाया जा सकता है ।
ये कुचक्र है उस आध्यात्मिक शक्ति के खिलाफ जो सनातन धर्म को जीवित रखे हुए हैं ।
कोई भी कार्य तभी संभव होगा जब संत समाज आगे आएगा, जब धर्माचार्य आगे आएंगे । तब सरकार को मजबूर होना पड़ेगा और सरकार जब इस बात को मानेगी कि कुचक्र जो चला रहे हैं,सहयोग नहीं कर रहें हैं सनातन धर्म को । उसको सहयोग करने के लिए ही #BJP हिंदूवादी विचार से सत्ता पर पहुँची तो #हिन्दू संतों का #रक्षण करना उनका #कर्तव्य बनता है । लेकिन वो इस कर्तव्य को #नहीं निभा रहे हैं ।
जिस तरीके से पूजनीय #आसारामजी बापू को #प्रताड़ित किया जा रहा है, उनको जेल में रखा गया है, अभी तक कोई #आरोप सिद्ध नहीं कर पा रहे हैं कोर्ट में ।
मेरा सभी धर्माचार्यो से निवेदन है कि वो उठ कर सामने आए क्योंकि आज अगर पूजनीय आसारामजी बापू हैं तो कल हम में से कोई और होगा..।
जो RSS है या बजरंग दल है या कोई और है, ये किसी एक संगठन का कार्य नहीं है। हिन्दू संगठनों का जो कार्य है वो बिना संतों के आशीर्वाद के संभव नहीं है.. सत्ता में अगर कोई भी हिंदूवादी पार्टी पहुँचती है तो उसमें सबसे पहले संत शंखनाद करते हैं इसलिए पहुंचती है ।
मेरा एक निवेदन है सारे #संगठनों से अगर आप #मौन साक्षी बन रहे हैं तो इसका मतलब आपकी मौन #सहमति है कि उनको (बापू आसारामजी) #प्रताड़ित किया जाएँ । इसका पाप आपको भी अपने सिर पर ढोना पड़ेगा और ये बहुत जल्द होगा ।
इसको हमें बहुत सरल रूप से समझ लेना चाहिए कि ये #अन्याय संतों पर, हिन्दू समाज पर, सनातन संस्कृति पर, ये तब तक होनेवाला है जब तक हम धर्माचार्य अपने मठों को छोड़ कर हर संत के साथ,जिस भी संत पर आपदा आई है उस संत के साथ खड़े नहीं होंगे ।
ये #अन्याय लगातार होनेवाला है क्योंकि कोई भी #पोलिटिकल वील आज संतों के साथ खड़ी नहीं हुई है । किसी निजी राजनैतिक पार्टी की इच्छा शक्ति ऐसी नहीं है कि वो संतों को #संरक्षण दें ।
जो #लोगों को और #समाज को #गंदा कार्य करने की #प्रेरणा देते हैं उनको #बेल #मिल जाती है आसानी से !!
जबकि गंभीर #आरोपों में उनके ऊपर #FIR हुई हो लेकिन #बेल मिल गई ।
लेकिन आज पूजनीय #आसारामजी बापू को 4 साल से अभी तक #बेल #नहीं मिल रही है । उसमें कहीं न कहीं #दोहरी #न्यायव्यवस्था है और कहीं न कहीं #राजनैतिक दलों का मैं हाथ मानती हूँ ।
क्योंकि बहुत सारी चीजें #राजनैतिक दबाव में हैं, बहुत सारी चीजें सामाजिक दबाव में संभव हो पाती हैं ।
#राजनैतिक दबाव में #कोर्ट को #2:30 बजे खोला जा सकता है रात को तो क्या बापूजी को नहीं छोड़ा जा सकता ?
#बेल तो एक #अधिकार है ।
जब तक अपराध #सिद्ध #न हो जाये । #न्यायप्रणाली की ये व्यवस्था है कि बेल पर छोड़ा जा सकता है । अभी तक अपराध सिद्ध नहीं हुआ तो मैं ये मानती हूँ उनको बेल देनी चाहिए और #दोहरी #न्यायव्यवस्था को बंद करना चाहिए ।
एक बात मुझे समझ नहीं आई । वयवृद्ध सन्यासी जिनकी आयु 80 वर्ष है उनपर बलात्कार का आरोप ही कैसे लगाया गया ?
लेकिन वो बहुत #स्पष्ट है कि जो भी #हिंदूवादी #कार्य करेगा, जो भी #सनातन संस्कृति को #जीवित रखने का कार्य करेगा उसको ये #आरोप #झेलने पड़ेंगे ।
उनको प्रताड़ित कर कहीं इलाज नहीं दिया जा रहा है । मैं इसे प्रताड़ने का एक भाग मानती हूँ ।
शारीरिक व मानसिक प्रताड़ने का एक भाग है कि न्यायव्यवस्था तो ये कहती है कि कोई #बीमार है तो उसका #प्रोपर इलाज कराना कारागार के #अधिकारियों का ये #कर्तव्य है कि उनकी ट्रीटमेंट हो ।
पर ये प्रताड़ने का भाग बना लिया है । दवाइयां न मिले बीमारी से वो ग्रसित हो जाये,ऐसी उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं ।
मैं सिर्फ ये बापूजी के भक्तों को संदेश नहीं देना चाहती, पूरे सनातन को संदेश देना चाहती हूँ... जो हिन्दू धर्म में विश्वास रखते हैं, जो इस धर्म को जीवित रखना चाहते हैं,मैं उनको ये संदेश देना चाहती हूँ कि किसी भी परिस्थिति में अपने मनोबल को न गिरने दें । क्योंकि आगे का समय बहुत विकट आनेवाला है, बहुत भयानक आनेवाला है अगर किसी भी क्षण मनोबल गिरा तो हमारे बच्चों की बहुत दुर्गति होगी ।
निश्चित ही मेरा ये विश्वास है कि बहुत जल्द बापूजी हमारे बीच में होंगे ।
देखिये ये सरकार को भी करना चाहिए जितने भी संत हैं,दादाजी हैं, #धनंजय भाई देसाई हैं, #बापूजी हैं, अभी #साध्वी प्रज्ञाजी को छोड़ा गया है 9 साल के बाद ।
आप किसी व्यक्ति को #मानसिक #प्रताड़ना देकर कह दें कि ये दोषी नहीं माने जाते.. तो मैं मानती हूँ कि सरकार को #BJP को ये मानना चाहिए कि संतों के आशीर्वाद के बिना दोबारा उनका सत्ता में आना संभव नहीं होगा....
साधु-संतों व समाज का कर्तव्य है कि वे हिन्दू संतों पर हो रहे कुचक्र को समझें।
#Rss जैसे बड़े-बड़े #संगठन अगर आज भी #मौन साक्षी बने रहे तो संत आसारामजी बापू के साथ हो रहे #अन्याय में आप भी #भागीदार होंगे और इस पाप को आपको भी अपने सिर पर ढोना पड़ेगा ।
#राजनैतिक दबाव में कोर्ट को अगर रात 2:30 बजे खोला जा सकता है तो क्यों #80 वर्षीय बापूजी को #जमानत तक #नहीं दी जा सकती ?
BJP को ये मान लेना चाहिए कि संतों के आशीर्वाद के बिना दोबारा उनका सत्ता पर आना संभव नहीं होगा ।
-यति माँ चेतनानंद सरस्वती महंत सिद्धपीठ, चंडीदेवी मंदिर, डासना(उ.प्र.)
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