November 30, 2017
फास्टफूड की सबसे बड़ी नेस्ले के लोकप्रिय ब्रांड मैगी को बड़ा झटका लगा कि जब उत्तर प्रदेश शाहजहांपुर जिले के प्रशासन ने लैब में मैगी की गुणवत्ता की जांच की और जांच में मैगी की गुणवत्ता फेल हो गयी। इस पर शाहजहांपुर जिले के प्रशासन अधिकारियों ने नेस्ले इंडिया और इसके वितरकों पर जुर्माना लगाया है। जिला प्रशासन ने जुर्माना नेस्ले पर 45 लाख ,तीन वितरकों को 15 लाख और दो विक्रेताओं को 11 लाख का जुर्माना लगाया।
Maggi if you eat, be careful: once again the poison proved to be Maggi |
प्रशासन ने पिछले साल नवम्बर में मैगी के सैम्पल इकट्ठा किए थे और सैम्पल को जांच के लिए लैब में भेज दिया था। जांच में पाया गया कि इसमें मैगी के उन नमूनों में इंसान की खपत के लिए तय सीमा से अधिक मात्रा में राख थी।
पिछले साल मैगी में मिलावट की खबर से बाजार में मैगी की सेल काफी हद तक गिर गयी थी।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले इंडियन फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के फूड इंस्पेक्टरों ने लखनऊ से मैगी के जो पैकेट जब्त किए थे उनमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) और लेड जैसे घातक तत्व पाए गए हैं । यह बच्चों में मैगी खाने की तलब पैदा करता है। मैगी में मोनो सोडियम ग्लूकामेट तय मानक से ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
डॉक्टरों का कहना है कि मोनोसोडियम ग्लूटामेट और लेड जैसे खतरनाक केमिकल बेहद नुकसान देह साबित हो सकते हैं। जेपी अस्पताल के डॉक्टर ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने बताया कि बॉडी में लेड की मात्रा तय सीमा से ऊपर होने पर बॉडी को कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है जिसमें हार्ट अटैक, दौरे पड़ना और कोमा जैसे हालात भी शामिल है। बच्चों में ये उनके मानसिक विकास में बाधा पैदा कर सकती है। मैगी में लेड और एमएसजी जैसे खतरनाक तत्व मिले हैं जो सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं |
शरीर में घातक केमिकल लेड से दिमागी परेशानी, ब्लड सर्कुलेशन की समस्या, लेड से किडनी फेल होने तक की नौबत आ सकती है। मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) से मुंह, सिर और गर्दन में जलन होती है। स्किन एलर्जी, हाथ-पैर में कमजोरी, सिरदर्द, पेट की तकलीफ भी हो सकती है। सीएसई के प्रोग्राम मैनेजर अमित खुराना ने बताया था कि हमने जो सॉल्ट और शुगर कंटेंट को लेकर रिसर्च की है उसके मुताबिक नमक का कंटेंट इसमें ज्यादा पाया गया। जहां तक यूपी फूड डिपार्टमेंट की जानकारी है कि मैगी में लेड पाए जाने का सवाल है वो निसंदेह बहुत ज्यादा नुकसानदेह है ।
कुछ समय पहले फिल्म अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को मैगी मामले में नोटिस जारी किया गया था। हरिद्वार खाद्य विभाग ने नेस्ले इंडिया के उत्पाद आटा मैगी को सेहत के लिहाज से फायदेमंद बताने पर माधुरी पर गलत जानकारी देने और मीडिया माध्यमों के जरिए झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है।
अधिकारी जैन के मुताबिक मैगी बनाने वाली नेस्ले इंडिया कंपनी की ऑफिशल वेबसाइट पर माधुरी को आटा मैगी के बारे में यह कहते हुए दर्शाया गया है कि इसे खाने से तीन रोटियां खाने के बराबर फाइबर मिलता है और शरीर सेहतमंद रहता है। उन्होंने बताया कि माधुरी को नोटिस उनके मुंबई के पते पर भेजा गया है। उनसे इस बात को लेकर जवाब मांगा गया है कि विज्ञापन में उन्होंने मैगी खाने से स्वास्थ्य के दावे किस आधार पर किए ? उनसे यह भी पूछा गया है कि क्या वह खुद भी मैगी का इस्तेमाल करती हैं। अगर नहीं करती हैं तो क्यों?
मैगी खाने से हार्ट अटैक का खतरा
जांच में पाया गया कि मैगी में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामैट (एमएसजी) की मात्रा मानक से अधिक पाई गई। इस जांच के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया | मैगी में जो हानिकारक तत्व पाए गए हैं, उनसे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है ।
सावधान मैगी खाने से होती है घातक बीमारी
1). हार्ट अटैक, दौरे पड़ना
2). बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है
3). किडनी भी हो सकती है डैमेज
4). स्किन एलर्जी, हाथ-पैर में कमजोरी, सिरदर्द, पेट की तकलीफ भी हो सकती है।
5).मानसिक विकास में बाधा पैदा कर सकती है, कोमा जैसे हालात भी शामिल है |
पैकिंग बढ़िया बनाकर विदेशी कंपनियाँ हमारे देश की जनता का स्वास्थ्य और पैसा लूटकर देश को खोखला कर रहे हैं। और देश की भोली जनता इस बात से अनभिज्ञ स्वदेशी की तुलना में विदेशी वस्तुओं को ही ज्यादा महत्व देती है।
देशवासियों को समझना होंगा कि जो कंपनियाँ धन व स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर हमारे देश को लूटना चाहते हैं उनसे सावधान रहें और स्वदेशी चीजें अपनाकर स्वास्थ्य व देश को भी आर्थिक रीत से मजबूत बनाए ।