December 7, 2017
जब भी किसी हिंदुत्वनिष्ठ या हिन्दू साधु-संत पर कोई झूठा इल्जाम लगता है तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया इस तरह खबर चलाती है कि जैसे न्यायालय में अपराध सिद्ध हो गया हो और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इल्जाम लगते ही न्यूज चालू हो जाती है । इससे सिद्ध होता है कि मीडिया को इस बात का पहले ही पता होता है कि कौन से हिन्दू साधु-संत पर कौन सा इल्जाम लगने वाला है और उनके खिलाफ किस तरीके से खबरें चलाना है सब पहले से ही तय कर लिया जाता है ।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले कांदिवली, मुंम्बई के नम्र मुनि महाराज के खिलाफ ABP न्यूज में आकर एक लड़की ने यौन शोषण का आरोप लगाया, मीडिया ने खूब दिखाया लेकिन बाद में आकर उस लड़की ने बताया कि ABP न्यूज की बड़ी एडिटर शिला रावल और हार्दिक हुंडिया ने मुझे मीडिया में ऐसा बोलने को कहा था, मेरे को लालच दिया था इसलिए मैंने नम्र मुनि के खिलाफ बोला, बाद में खुश्बू नाम की लड़की ने नम्र मुनि से माफी भी मांगी ।
मीडिया केवल हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिए साधु-संतों को बदनाम करती है लेकिन इससे विपरीत किसी मौलवी या ईसाई पादरी पर आरोप साबित भी हो जाता है तब भी मीडिया में कोई खबर देखने को नहीं मिलती । किसी अख़बार में कहीं कोई खबर छप भी गई तो ऐसे कोने में पड़ी मिलती है जहां किसी पाठक की नजर न पहुचें ।
Excuses of recovering health Maulvi rape media silent |
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार सतारा (पुणे) से खबर आई है कि 47 वर्ष के मौलवी हैदर अली रशीद ने एक 36 वर्षीय महिला और उसकी सास का तबीयत ठीक करने के बहाने 2004 से 2016 तक बलात्कार करता रहा।
मौलवी ने महाबलेश्वर, कोंढवा और उसके घर में रहकर गंदी हरकत की ।
मौलवी रशीद ने इसी बीच में 8 लाख की फीस भी ली और फ्लैट की डिमांड भी की । इसी बीच में जब बहू और परिवार वालों को लगा कि यह मौलवी ठगी कर रहा है तब पुलिस में रिपोर्ट की और पुलिस ने सोमवार 4 दिसंबर को उसे गिरफ्तार किया । पुलिस ने सेक्शन 376 (बलात्कार) 377 (अप्राकृतिक) 420 (धोखाधड़ी) काला जादू अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है।
अगर यही खबर किसी भी हिन्दू धर्म गुरु से जुड़ी होती तो मीडिया में इतनी खबरें दिखाई जाती कि भारत के अलावा अन्य देशों में भी पता चल जाता । ऐसा एक मामला सामने नहीं आया है ऐसे तो सैंकड़ो मामले हैं । इसी तरह चर्च के ईसाई पादरियों के खिलाफ भी अनेक दुष्कर्म के मामले समय-समय पर सामने आए हैं पर इस पर मीडिया नहीं दिखाती है क्योंकि मीडिया को हिन्द साधु-संतों को बदनाम करने और ईसाई पादरियों एवं मौलवियों की खबर नही दिखाने के लिए भारी फंडिग मिलती है।
अब पाठकों के मन में प्रश्न होता होगा कि ईसाई और मुस्लिम संस्थाओं को क्या फायदा होता होगा ??
आपको बता दें कि भारतीय संस्कृति इतनी महान और भारत देश इतना समृद्ध है कि भारत को लूटने और उसकी संस्कृति तोड़ने का प्रयास हजारों सालों से चल रहा है मुगल से लेकर अंग्रेज तक देश को लूटते ही रहे अभी भी उनकी नजर भारत देश पर है और भारत में 96.63 करोड़ हिंदू हैं, जो कुल आबादी का 79.8% है। अब उन हिन्दुओ की श्रद्धा टिकी है अपने धर्मगुरुओं पर जो साधु-संत-मुनि के नाम से जाने जाते हैं और उनके बताये हुए मार्ग पर चलते हैं जिससे वो उनके भीतर हिन्दू संस्कृति की महिमा भरते हैं और स्वदेशी चीजे अपनाने को कहते हैं और उनको दारू-सिगरेट-बीड़ी-चाय आदि व्यसनों को छुड़ा देते है और आसान-प्राणायाम आदि सिखाकर और घरेलू स्वास्थ्य की कुंजियां बताते है और हिन्दू संस्कृति के अनुसार जीवन जीने को बोलते है जिससे विदेशी कम्पनियों को अरबों-खरबों का नुकसान होता है दूसरा कि ईसाई मिशनरियां और मुस्लिम संघटन भारत में हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन नही करा पाते हैं इसलिए वो हिन्दुओ की अपने धर्म गुरु साधु-संतों पर जो आस्था टिकी हुई है उसको खत्म करने के लिए मीडिया में ईसाई मिशनरियां और मुस्लिम संस्थाएं पैसा डालकर यह सब करवा रहे है ।
हिन्दू समाज को एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहेगे की जब भी कोई ईसाई पादरी या मौलवी पर आरोप सिद्ध होता है फिर भी उनके धर्म के लोग उनके खिलाफ नही बोलते हैं लेकिन जब षडयंत्र के तहत किसी हिन्दू साधु-संत पर कोई आरोप भी लगता है तो भी उनके खिलाफ हिन्दू ही बोलना चालू कर देते है यही हिन्दू समुदाय की सबसे बड़ी कमी रही है कि जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश और संस्कृति एवं समाज कल्याण के लिए लगा दिया ऐसे संत पर कोई झूठा आरोप लगा दे और मीडिया विदेशी ताकतों के इशारे पर उनको बदनाम करे तो यही हिन्दू समाज उनको गलत समझ लेता है ।
अतः हिंदुस्तानी सावधान रहें, विदेशी ताकतों के इशारे पर चलने वाली मीडिया से, मीडिया में अधिकतर खबरें बनती नही हैं बनाई जाती हैं इसलिए आंख बंद करके मीडिया पर भरोसा नही करें।
जय हिन्द !!
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