December 1, 2017 www.azaadbharat.org
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर भाजपा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि फिल्मकार हिंदू धर्म के लिबरल होने का फायदा उठाते हैं। कभी कोई फिल्म बनाते हैं तो कभी कोई । पहले ‘पीके’ बनाई थी और अब पद्मावती बनाई है।’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमारे आदर्श हैं, यदि उनके चरित्र का देश की स्वतंत्रता के अलावा कोई और दृश्य दिखाया जाएगा तो ये कुबूल नहीं। उसी तरह से महाराणा प्रताप हो गए, शिवाजी महाराज हो गए, रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती हमारे आदर्श हैं। उनके शौर्य की गाथा दिखाना, उनकी वेशभूषा भी वैसी ही दिखाना जैसी है, ये तो उचित है, लेकिन इसके अलावा कुछ भी देखना देश को कुबूल नहीं। क्या इन फिल्मकारों ने किसी दूसरे धर्मों के प्रति कभी ऐसे चित्र बनाए हैं, हिंदू धर्म लिबरल है, इसलिए ऐसी फिल्म बना दी जाती हैं। कभी ‘पीके’ बना देते हैं तो कभी कुछ, ऐसा हमेशा से होते रहा है और अब ये बर्दाश्त नहीं।’
Giriraj Singh: Filmmakers take advantage of Hinduism |
हिन्दू धर्म के खिलाफ बॉलीवुड की घिनोनी साजिश...
हिंदूधर्म को नष्ट करने के लिये बॉलीवुड में अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं और जब विषय हमारी श्रद्धाओं का होता है तो बॉलीवुड,मीडिया अक्सर उसे गलत ढंग से दर्शाता है जैसे मूवी में डाकूओं और विलेन का तिलक लगाना, मूर्ति पूजा को गलत ठहराना, गंदे-गंदे एक्शन और गानों में राम नाम और श्रीकृष्ण नाम को रटना, साधुओं को पाखंडी साबित करने का प्रयास करना, धार्मिक भजनों पर महिलाओं को नग्न करके नचाना आदि...!!!
आज के युवावर्ग में अपनी हिन्दू संस्कृति के प्रति कूट कूट कर नकारात्मकता भरी जा रही है और नशे और चरित्रहीनता का शिकार बनाया जा रहा है।
धार्मिक स्तर पर उनके विश्वास को तोडा जा रहा है।
उदाहरण के तौर पर बेहतरीन शराबी गानों को परोसना और उसमें नग्न महिलाओं को भड़कीले तरीके से नचाना आदि ।
ये सब देखकर कम उम्र के युवा निर्णय लेने की क्षमता को खोते जा रहे हैं और इन भद्दे और वेश्यावृति के अश्लील गानों पर थिरकते हैं और अपने व्यक्तित्व को भी उन्हीं के अनुसार ढाल रहे हैं।
उन्हें देखकर स्पष्ट है कि मैकॉले ने जो सपना देखा था भारत को धार्मिक और चारित्रिक रुप से नष्ट करके गुलाम बनाये रखने का, आज वह सत्य प्रतीत हो रहा है।
परन्तु भारत कोई जमीन का टुकडा नहीं अपितु ये हमारे महान ऋषि मुनियों और वीरों के तप और बलिदान से सींची धरोहर है।
हमें खुशी है कि आज उन्हीं ऋषियों और वीरों की संतानों ने फिर जन्म लिया है और वही इन गलत कृत्यों का विरोध भी कर रहे हैं और अगर हम सभी संगठित हो जायें तो शीघ्र ही इन सभी बुराईयों को जड़ से उखाड कर फैंक सकते हैं ।
बॉलीवुड केवल हिन्दू भगवान, देवी-देवता और साधू-संतों के विरोध में ही क्यों?
ईसाई पादरियों या मौलवियों के लिए क्यों नही?
आओ संगठित होकर चरित्रहीनता की खाई में गिराने वाले बॉलीवुड और मीडिया को मुँहतोड़ जबाब दें,और अपने देश को विश्वगुरु के पद तक पहुँचाने में सहयोगी हो।
उठाइये अपनी आवाज अभी से बॉलीवुड मुर्दाबाद, हिन्दू संस्कृति जिंदाबाद ।
Such movies should be boycotted so that producers of those movies got lesson & they think many before making such movies.
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