03 जून 2019
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हमारे दादा परदादा जी बताते हैं कि पहले इतनी गर्मी नहीं पड़ती थी । आज की जैसी स्थति है, वैसी पहले नहीं थी और इसका कारण कुछ वैज्ञानिक बताते हैं कि वायु प्रदूषण करके मनुष्य ने पर्यावरण को इतना नुकसान पहुंचाया है कि धरती के ‘ इको–सिस्टम ‘ को ही हिला कर रख दिया है, जिससे गर्मी लगातार बढ़ रही है । वैज्ञानिक तो ये भी ये कह रहे हैं कि अगर यही हाल रहा तो 2050 तक मुंबई और समुद्र किनारे बसे शहर भी समुद्र में ही डूब जाएंगे ।
धरती का वातावरण गर्म हो रहा है । जिससे धरती के ध्रुवों में जो बड़े-बड़े बर्फ के पहाड़ हैं वे पिघल रहे हैं । और यदि बर्फ पिघल जाएगा तो एक दिन पूरी धरती जल में डूब जाएगी । इसलिए समय रहते हम कुछ और न कर सकें तो कम से कम हमारे यहां के प्रदूषित पर्यावरण से अपनी धरती को बचा सकते हैं । जिससे भविष्य में हमें इस भारी नुकसान को देखना ना पड़े ।
आज हमे गर्मी बहुत तेज लग रही है, जिससे बचने के लिए AC का सहारा लेते हैं पर अभी तो तापमान 49 डिग्री जा रहा है अगर अभी भी हम नहीं चेते और पौधे न लगाएं तो प्रदूषण बढ़ेगा और 55 से 60 डिग्री तापमान चला जाएगा तब जीना भी मुश्किल हो जायेगा ।
अभी से समझकर पौधे लगाने होंगे क्योंकि एक पौधे को बड़ा होने मे 5 से 7 साल लग जाएंगे ।
अभी से समझकर पौधे लगाने होंगे क्योंकि एक पौधे को बड़ा होने मे 5 से 7 साल लग जाएंगे ।
गर्मी से बचना है तो हर जगह पेड़-पौधे लगाएं इसकी अंधाधुन कटाई को रोकें क्योंकि पेड़ पौधे नहीं तो हवा नहीं, हवा नहीं तो बादल नहीं, बादल नहीं तो, बारिश नहीं, बारिश नहीं तो गर्मी ही गर्मी, अधिक गर्मी बढ़ने का कारण तो हम ही हैं और हम अपने साथ-साथ इस पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतु को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं । इसलिए पेड़ पौधे काटे नहीं बल्कि लगाएं ।
स्वास्थ्य एवं पर्यावरण रक्षक प्रकृति के अनमोल उपहार-
अन्न, जल और वायु हमारे जीवन के आधार हैं । सामान्य मनुष्य प्रतिदिन औसतन 1 किलो अन्न और 3 किलो जल लेता है परंतु इनके साथ वह करीब 10,000 लीटर (12 से 13.5 किलो) वायु भी लेता है । इसलिए स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु शुद्ध वायु अत्यंत आवश्यक है ।
प्रदूषणयुक्त, ऋण-आयनों की कमी वाली एवं ओजोन रहित हवा से रोग प्रतिकारक शक्ति का ह्रास होता है व कई प्रकार की शारीरिक-मानसिक बीमारियाँ होती हैं ।
हमारे जीवन में श्वास बहुत कीमती है और शुद्ध हवा से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं इसके लिए हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे ताकि हमें शुद्ध वायु के साथ-साथ, गर्मी से भी राहत मिले ।
पेड़-पौधे मनुष्य को स्वच्छ वायु और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, साथ ही जलवायु सुधार, जल संरक्षण, मिट्टी के संरक्षण, और वन्य जीवन की सुरक्षा करते हैं । प्रकाश संश्लेषण या फोटोसिंथेसिस प्रोसेस के दौरान पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ले लेते हैं और ऑक्सीजन को छोड़ते हैं । यही ऑक्सीजन मनुष्य को सांस लेने और जीवित रहने में मदद करता है । अमेरिका के कृषि अनुसंधान विभाग का कहना है कि एक एकड़ जंगल से लगभग 6 टन कार्बन डाइऑक्साइड खत्म होता है और 4 टन ऑक्सीजन वायुमंडल में पेड़ों के माध्यम से प्राप्त होता है । इतने ऑक्सीजन से 18 से 20 लोग आराम से 1 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं । साथ ही पेड़-पौधे, गाड़ियों और कारखानों से उत्पत्ति होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड गैस को भी खींच लेते हैं और ऑक्सीजन में बदल देते हैं ।
इतना तो हम कर ही सकते हैं...
सरकार जितने भी नियम-कानून लागू करे पर उसके साथ-साथ जनता की जागरूकता से ही पर्यावरण की रक्षा संभव हो सकेगी । इसके लिए कुछ अत्यंत सामान्य बातों को जीवन में दृढ़ता-पूर्वक अपनाना आवश्यक है।
जैसे -
1. प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष यादगार अवसरों (जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ) पर अपने घर, मंदिर या ऐसे स्थल पर फलदार अथवा औषधीय पौधा-रोपण करें, जहां उसकी देखभाल हो सके ।
1. प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष यादगार अवसरों (जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ) पर अपने घर, मंदिर या ऐसे स्थल पर फलदार अथवा औषधीय पौधा-रोपण करें, जहां उसकी देखभाल हो सके ।
2. उपहार में भी सबको पौधे दें ।
3. शिक्षा संस्थानों व कार्यालयों में विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारीगण राष्ट्रीय पर्व तथा महत्त्वपूर्ण तिथियों पर पौधे रोपें ।
4. विद्यार्थी एक संस्था में जितने वर्ष अध्ययन करते हैं, उतने पौधे लगाएं और जीवित भी रखें ।
5. प्रत्येक गांव/शहर में हर मुहल्ले व कॉलोनी में पर्यावरण संरक्षण समिति बनाई जाए ।
6. निजी वाहनों का उपयोग कम से कम किया जाए।
7. रेडियो-टेलीविजन की आवाज धीमी रखें। सदैव धीमे स्वर में बात करें। घर में पार्टी हो तब भी शोर न होने दें।
8.जल व्यर्थ न बहाएं ।
9.अनावश्यक बिजली की बत्ती जलती न छोड़ें । पॉलीथिन का उपयोग न करें । कचरा कूड़ेदान में ही डालें ।
10.अपना मकान बनवा रहे हों तो उसमें वर्षा जल-संरक्षण और उद्यान के लिए जगह अवश्य रखें ।
ऐसी अनेक छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर भी पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है । ये आपके कई अनावश्यक खर्चों में तो कमी लाएंगे साथ ही पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाने की आत्मसंतुष्टि भी देंगे।
इस बार बारिश में पेड़-पौधे लगाने का न भूलें ।
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