25 july 2018
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देश की अलग-अलग जेलों में 2 लाख 82 हजार 879 विचाराधीन कैदियों की संख्या है । यह आंकड़े साल 2014 के जेल सांख्यिकी के आंकड़े से मिले हैं । अभी तो और अधिक संख्या बढ़ गई होगी ।
अंग्रेजो के बनाये गए कानून से जो अभी भी चल रहे है इससे साफ पता चलता है कि आम जनता, गरीब और हिन्दूनिष्ठ ही इसका शिकार हो रहे है । बाकी नेता, अभिनेता, अमीर, पत्रकार, ईसाई और मुस्लिम धर्मगुरुओं पर कानून नही दिखाई दे रहा है ।
आपको बता दे कि केरल उच्च न्यायालय ने मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के दुष्कर्म के चार आरोपी ईसाई पादरियों में से एक और फादर जॉब मैथ्यू को बुधवार को जमानत दे दी।
India has two laws? For the general public, Hindus and priests |
इससे पहले अदालत ने सोमवार को दुष्कर्म के एक और आरोपी पादरी जॉनसन वी.मैथ्यू को जमानत दी थी।
दुष्कर्म मामले की जांच के दौरान पुलिस की अपराध शाखा ने मैथ्यू को 12 जुलाई को कोल्लाम के पास से गिरफ्तार किया था।
बता दे कि नियमित रूप से चर्च जाने वाली पीड़िता ने लगभग एक दशक तक पांच पादरियों द्वारा उसका 380 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है ।
इस मामले में अपराध शाखा केरल के चार पादरियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए हैं जिसमें से दो को जमानत मिल चुकी है जबकि फादर सोनी (अब्राहम) वर्गीस और फादर जेस के.जॉर्ज की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।
जॉनसन वी. मैथ्यू पर महिला का शील भंग करने का आरोप है जबकि तीन अन्य पादरियों पर महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप है।
अब बड़ा सवाल यहाँ खड़ा होता है कि दुष्कर्म आरोपी ईसाई पादरियों को तुरन्त जमानत हासिल हो जाती है लेकिन सालो से लाखों विचारधीन कैदियों को जमानत क्यों नही मिल रही है?
क्या उनके पास पैसे की कमी है इसलिए? क्या वे छोटे परिवार से है इसलिए?
क्या उनकी बड़े कोई राजनेता से पहचान नही है इसलिए?
क्या उनके पास अच्छा वकील करने के लिए धन नही है इसलिए?
क्या उनकी बड़े कोई राजनेता से पहचान नही है इसलिए?
क्या उनके पास अच्छा वकील करने के लिए धन नही है इसलिए?
दूसरी ओर हिन्दू साधु-संतों और हिन्दू कार्यकर्ताओं के साथ भी ऐसे ही हो रहा है।
बिना सबूत साध्वी प्रज्ञा को 9 साल, स्वामी असिमानन्द 8 साल, डीजी वनजारा जी को 8 साल, कर्नल पुरोहित को 7 आदि आदि को बिना सबूत जेल में रखा गया था ।
बिना सबूत साध्वी प्रज्ञा को 9 साल, स्वामी असिमानन्द 8 साल, डीजी वनजारा जी को 8 साल, कर्नल पुरोहित को 7 आदि आदि को बिना सबूत जेल में रखा गया था ।
आज भी बिना सबूत श्री धनंजय देसाई और श्री नारायण साई 4 साल से जेल में बंद है लेकिन उनको जमानत नही मिल पा रही है दूसरी ओर अपराधी नेता लालू, अभिनेता सलमान खान, पत्रकार तरुण तेजपाल, अमीर विजय माल्या, नीरव मोदी, अनेक ईसाई पादरी और मौलवी आदि आज़ाद घुम रहे है ।
इससे साफ पता चलता है कि भारत में दो कानून है जिसके कारण गरीब, आमजनता और हिन्दूनिष्ठ ही शिकार हो रहे है ।
अभी हाल ही में धर्मान्तरण रोकने वाले 82 वर्षीय हिन्दू संत आसाराम बापू को छेड़छाडी कर आरोप में पास्को एक्ट लगाकर उम्रकैद दे दी उससे पहले 5 साल उनके केस की सुनवाई चली उसमे एक दिन के लिये भी जमानत नही दी गई थी । और उनके पक्ष में अनेक सबूत थे जो उनको निर्दोष साबित करते है लेकिन उनको अनदेखी करके उम्रकैद सुना दी, खैर उनका केस उच्चन्यायालय में जायेंगे और उनको निर्दोष बरी करना पड़ेगा लेकिन बात मुद्दे की ये है कि कानून द्वारा केवल हिंदुनिष्टों को ही क्यो प्रताड़ित किया जाता है ?
हमारे देश में जो अंग्रेजो के बनाये कानून चल रहे है उससे आम जनता बेहद दुःखी है नेता, अभिनेता,पत्रकारों धनी को तो तुरन्त जमानत भी हासिल हो जाती है और कोर्ट में भी धक्के नही खाने पड़ते लेकिन एक आम आदमी अपने गहने-मकान-प्रोपर्टी आदि बेचकर भी न्ययालय में न्याय पाने को तरसता रहता है लेकिन सालों तक न्याय नही मिल पाता है यहाँ तक कि उसको अपना पक्ष रखने के लिए जमानत तक नही दी जाती है ।
इससे तो आम जनता को कानुन पर से भरोसा ही उठता जा रहा है ।
सरकार और न्यायालय को इस पर गंभीर विचार करना चाहिए आम व्यक्ति को शीघ्र न्याय मिले इसके लिए कदम आगे बढ़ाना चाहिए नही तो #निर्दोष को #न्याय #देरी से #मिलना भी #अन्याय ही है ।
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