Wednesday, July 24, 2019

मदर टेरेसा को महान बताया जाता है पर सच आप भी जान लीजिए

22 जुलाई 2019
🚩मदर टेरेसा गरीबों की मसीहा बताई जाती हैं और एक महिला का कैंसर ठीक हो गया तो संत की उपाधि दी गई पर वास्तविकता क्या है वो जानना बेहद जरूरी है। हमारे यहाँ साधु-संतों द्वारा ऐसे सैंकड़ो चमत्कार होते रहते है, और वे सच्चे ह्रदय से सेवा भी करते है पर उनको प्रसिद्ध नहीं किया जाता । ऐसे में यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि मदर टेरेसा में ऐसा तो क्या था कि उनको इतना प्रसिद्ध किया जा रहा है ।
🚩मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कोप्जे, मेसेडोनिया में हुआ था और बारह वर्ष की आयु में उन्हें अहसास हुआ कि “उन्हें ईश्वर बुला रहा है”। 24 मई 1931 को वे कलकत्ता आईं और फ़िर यहीं की होकर रह गईं। उन पर हमेशा वेटिकन की मदद और मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी की मदद से “धर्म परिवर्तन” का आरोप तो लगता ही रहा है, लेकिन बात कुछ और भी है, जो उन्हें “दया की मूर्ति”, “मानवता की सेविका”, “बेसहारा और गरीबों की मसीहा "आदि वाली “लार्जर दैन लाईफ़” वाली छवि पर ग्रहण लगाती हैं और मजे की बात यह है कि इनमें से अधिकतर आरोप पश्चिम की प्रेस या ईसाई पत्रकारों आदि ने ही किये हैं, ना कि किसी हिन्दू संगठन ने, जिससे संदेह और भी गहरा हो जाता है (क्योंकि हिन्दू संगठन जो भी बोलते या लिखते हैं उसे तत्काल सांप्रदायिक ठहरा दिये जाने का “फैशन” है)। अपने देश के गरीब ईसाईयों की सेवा करने के स्थान पर मदर टेरेसा को भारत के गरीब गैर ईसाईयों के उत्थान में रूचि क्या ईशारा करती है आपस्वयं समझ सकते है
🚩कोलकाता आने पर धन की उगाही करने के लिए मदर टेरेसा ने अपनी मार्केटिंग आरम्भ करी। उन्होंने कोलकाता को गरीबों का शहर के रूप में चर्चित कर और खुद को उनकी सेवा करने वाली के रूप में चर्चित कर अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करी। मदर टेरेसा को समूचे विश्व से, कई ज्ञात और अज्ञात स्रोतों से बड़ी-बड़ी धनराशियाँ दान के तौर पर मिलती थी। सबसे बड़ी बात यह थी की मदर ने कभी इस विषय में सोचने का कष्ट नहीं किया कि उनके धनदाता की आय का स्रोत्र एवं प्रतिष्ठा कैसी थी। उदहारण के लिए अमेरिका के एक बड़े प्रकाशक रॉबर्ट मैक्सवैल, जिन्होंने कर्मचारियों की भविष्यनिधि फ़ण्ड्स में 450 मिलियन पाउंड का घोटाला किया, उसने मदर टेरेसा को 1.25 मिलियन डालर का चन्दा दिया। मदर टेरेसा मैक्सवैल के भूतकाल को जानती थीं। हैती के तानाशाह जीन क्लाऊड डुवालिये ने मदर टेरेसा को सम्मानित करने बुलाया। मदर टेरेसा कोलकाता से हैती सम्मान लेने गईं, और जिस व्यक्ति ने हैती का भविष्य बिगाड़ कर रख दिया, गरीबों पर जमकर अत्याचार किये और देश को लूटा, टेरेसा ने उसकी “गरीबों को प्यार करने वाला” कहकर तारीफ़ों के पुल बाँधे।
🚩मदर टेरेसा को चार्ल्स कीटिंग से 1.25 मिलियन डालर का चन्दा मिला, ये कीटिंग महाशय वही हैं जिन्होंने “कीटिंग सेविंग्स एन्ड लोन्स” नामक कम्पनी 1980 में बनाई थी और आम जनता और मध्यमवर्ग को लाखों डालर का चूना लगाने के बाद उसे जेल हुई थी। अदालत में सुनवाई के दौरान मदर टेरेसा ने जज से कीटिंग को माफ़ करने की अपील की थी, उस वक्त जज ने उनसे कहा कि जो पैसा कीटिंग ने गबन किया है क्या वे उसे जनता को लौटा सकती हैं? ताकि निम्न-मध्यमवर्ग के हजारों लोगों को कुछ राहत मिल सके, लेकिन तब वे चुप्पी साध गईं।
🚩यह दान किस स्तर तक था इसे जानने के लिए यह पढ़िए। मदर टेरेसा की मृत्यु के समय सुसान शील्ड्स को न्यूयॉर्क बैंक में पचास मिलियन डालर की रकम जमा मिली, सुसान शील्ड्स वही हैं जिन्होंने मदर टेरेसा के साथ सहायक के रूप में नौ साल तक काम किया, सुसान ही चैरिटी में आये हुए दान और चेकों का हिसाब-किताब रखती थीं। जो लाखों रुपया गरीबों और दीन-हीनों की सेवा में लगाया जाना था, वह न्यूयॉर्क के बैंक में यूँ ही फ़ालतू पड़ा था?
🚩दान से मिलने वाले पैसे का प्रयोग सेवा कार्य में शायद ही होता होगा इसे कोलकाता में रहने वाले अरूप चटर्जी ने अपनी पुस्तक "द फाइनल वर्डिक्ट" पढ़िए। लेखक लिखते हैं ब्रिटेन की प्रसिद्ध मेडिकल पत्रिका Lancet के सम्पादक डॉ.रॉबिन फ़ॉक्स ने 1991 में एक बार मदर के कलकत्ता स्थित चैरिटी अस्पतालों का दौरा किया था। उन्होंने पाया कि बच्चों के लिये साधारण “अनल्जेसिक दवाईयाँ” तक वहाँ उपलब्ध नहीं थीं और न ही “स्टर्लाइज्ड सिरिंज” का उपयोग हो रहा था। जब इस बारे में मदर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “ये बच्चे सिर्फ़ मेरी प्रार्थना से ही ठीक हो जायेंगे"। मिशनरी में भर्ती हुए आश्रितों की हालत भी इतने धन मिलने के उपरांत भी कोई बेहतर नहीं थी। मिशनरी की नन दूसरो के लिए दवा से अधिक प्रार्थना में विश्वास रखती थी जबकि खुद कोलकाता के महंगे से महंगे अस्पताल में कराती थी। मिशनरी की एम्बुलेंस मरीजों से अधिक नन आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का कार्य करती थी। यही कारण था की मदर टेरेसा की मृत्यु के समय कोलकाता निवासी उनकी शवयात्रा में न के बराबर शामिल हुए थे।
🚩मदर टेरेसा अपने रूढ़िवादी विचारों के लिए सदा चर्चित रही। बांग्लादेश युद्ध के दौरान लगभग साढ़े चार लाख महिलायें बेघरबार हुईं और भागकर कोलकाता आईं, उनमें से अधिकतर के साथ बलात्कार हुआ था। मदर टेरेसा ने उन महिलाओं के गर्भपात का विरोध किया था, और कहा था कि “गर्भपात कैथोलिक परम्पराओं के खिलाफ़ है और इन औरतों की प्रेग्नेन्सी एक “पवित्र आशीर्वाद” है
मदर टेरेसा ने इन्दिरा गाँधी की आपातकाल लगाने के लिये तारीफ़ की थी और कहा कि “आपातकाल लगाने से लोग खुश हो गये हैं और बेरोजगारी की समस्या हल हो गई है”। गाँधी परिवार ने उन्हें इस बड़ाई के लिए “भारत रत्न” का सम्मान देकर उनका “ऋण” उतारा। भोपाल गैस त्रासदी भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना है, जिसमें सरकारी तौर पर 4000 से अधिक लोग मारे गये और लाखों लोग अन्य बीमारियों से प्रभावित हुए। उस वक्त मदर टेरेसा ताबड़तोड़ कलकत्ता से भोपाल आईं, किसलिये? क्या प्रभावितों की मदद करने? जी नहीं, बल्कि यह अनुरोध करने कि यूनियन कार्बाईड के मैनेजमेंट को माफ़ कर दिया जाना चाहिये। और अन्ततः वही हुआ भी, वारेन एंडरसन ने अपनी बाकी की जिन्दगी अमेरिका में आराम से बिताई, भारत सरकार हमेशा की तरह किसी को सजा दिलवा पाना तो दूर, ठीक से मुकदमा तक नहीं कायम कर पाई।
🚩अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रकार क्रिस्टोफ़र हिचेन्स ने 1994 में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसमें मदर टेरेसा के सभी क्रियाकलापों पर विस्तार से रोशनी डाली गई थी, बाद में यह फ़िल्म ब्रिटेन के चैनल-फ़ोर पर प्रदर्शित हुई और इसने काफ़ी लोकप्रियता अर्जित की। बाद में अपने कोलकाता प्रवास के अनुभव पर उन्होंने एक किताब भी लिखी “हैल्स एन्जेल” (नर्क की परी)। इसमें उन्होंने कहा है कि “कैथोलिक समुदाय विश्व का सबसे ताकतवर समुदाय है, जिन्हें पोप नियंत्रित करते हैं, चैरिटी चलाना, मिशनरियाँ चलाना, धर्म परिवर्तन आदि इनके मुख्य काम है” जाहिर है कि मदरटेरेसा को टेम्पलटन सम्मान, नोबल सम्मान, मानद अमेरिकी नागरिकता जैसे कई सम्मान मिले।
🚩ईसाईयों के लिए यही मदर टेरेसा दिल्ली में 1994 में दलित ईसाईयों के आरक्षण की हिमायत करने के लिए धरने पर बैठी थी। तब तत्कालीन मंत्री सुषमा स्वराज ने उनसें पूछा था की क्या मदरदलित ईसाई जैसे उद्बोधनों के रूप में चर्च में जातिवाद का प्रवेश करवाना चाहती है। महाराष्ट्र में 1947 में देश आज़ाद होते समय अनेक मिशन के चर्चों को आर्यसमाज ने खरीद लिया क्यूंकि उनका सञ्चालन करने वाले ईसाई इंग्लैंड लौट गए थे। कुछ दशकों के पश्चात ईसाईयों ने उस संपत्ति को दोबारा से आर्यसमाज से ख़रीदने का दबाव बनाया। आर्यसमाज के अधिकारीयों द्वारा मना करने पर मदर टेरेसा द्वारा आर्यसमाज के पदाधिकारियों को देख लेने की धमकी दी गई थी। कमाल की संत थी।
🚩मदर टेरेसा जब कभी बीमार हुईं, उन्हें बेहतरीन से बेहतरीन कार्पोरेट अस्पताल में भरती किया गया, उन्हें हमेशा महंगा से महंगा इलाज उपलब्ध करवाया गया। यही उपचार यदि वे अनाथ और गरीब बच्चों (जिनके नाम पर उन्हें लाखों डालर का चन्दा मिलता रहा) को भी दिलवातीं तो कोई बात होती, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। एक बार कैंसर से कराहते एक मरीज से उन्होंने कहा कि “तुम्हारा दर्द ठीक वैसा ही है जैसा ईसा मसीह को सूली पर हुआ था, शायद महान मसीह तुम्हें चूम रहे हैं। तब मरीज ने कहा कि “प्रार्थना कीजिये कि जल्दी से ईसा मुझे चूमना बन्द करे”। आगे पाठक स्वयं समझदार है
🚩मदर टेरेसा की मृत्यु के पश्चात भी चंदा उगाही का कार्य चलता रहे और धर्मान्तरण करने में सहायता मिले इसके लिए एक नया ड्रामा रचा गया। पोप जॉन पॉल को मदर को “सन्त” घोषित करने में जल्दबाजी की गई। सामान्य रूप से संत घोषित करने के लिये जो पाँच वर्ष का समय (चमत्कार और पवित्र असर के लिये) दरकार होता है, पोप ने उसमें भी ढील दे दी। पश्चिम बंगाल की एक क्रिश्चियन आदिवासी महिला जिसका नाम मोनिका बेसरा है, उसे टीबी और पेट में ट्यूमर हो गया था। बेलूरघाट के सरकारी अस्पताल के डॉ. रंजन मुस्ताफ़ उसका इलाज कर रहे थे। उनके इलाज से मोनिका को काफ़ी फ़ायदा हो रहा था और एक बीमारी लगभग ठीक हो गई थी। अचानक एक दिन मोनिका बेसरा ने अपने लॉकेट में मदर टेरेसा की तस्वीर देखी और उसका ट्यूमर पूरी तरह से ठीक हो गया। मिशनरी द्वारा मोनिका बेसरा के ठीक होने को चमत्कार एवं मदर टेरेसा को संत के रूप में प्रचारित करने का बहाना मिल गया। यह चमत्कार का दावा हमारी समझ से परे हैं कि एक ओर जीवन में अनेक बार मदर टेरेसा को चिकित्सकों की आवश्यकता पड़ी उन्हीं मदर टेरेसा की कृपा से ईसाई समाज उनके नाम से प्रार्थना करने वालो को बिना दवा केवल दुआ से चमत्कार द्वारा ठीक होना मानता है। अगर कोई हिन्दू बाबा चमत्कार द्वारा किसी रोगी के ठीक होने का दावा करता है तो सेक्युलर लेखक उस पर खूब चुस्कियां लेते है मगर जब पढ़ा लिखा ईसाई समाज ईसा मसीह से लेकर अन्य ईसाई मिशनरियों द्वारा चमत्कार होने एवं उससे सम्बंधित मिशनरी को संत घोषित करने का महिमा मंडन करता है तो उसे कोई भी सेक्युलर लेखक दबी जुबान में भी इस तमाशे को अन्धविश्वास नहीं कहता।
🚩जब मोरारजी देसाई की सरकार में सांसद ओमप्रकाश त्यागी द्वारा धर्म स्वातंत्रय विधेयक के रूप में धर्मान्तरण के विरुद्ध बिल पेश हुआ तो इन्ही मदर टेरेसा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर इस विधेयक का विरोध किया और कहाँ था की ईसाई समाज सभी समाज सेवा की गतिविधिया जैसे की शिक्षा, रोजगार, अनाथालय आदि को बंद कर देगा अगर उन्हें अपने ईसाई मत का प्रचार करने से रोका जायेगा। तब प्रधान मंत्री देसाई ने कहाँ था इसका अर्थ क्या यह समझा जाये की ईसाईयों द्वारा की जा रही समाज सेवा एक दिखावा मात्र हैं और उनका असली प्रयोजन तो धर्मान्तरण हैं। देश के तत्कालीन प्रधान मंत्री का उत्तर ईसाई समाज की सेवा के आड़ में किये जा रहे धर्मान्तरण की पोल खोल रहा है
🚩अब भी मदर टेरेसा एवं अन्य ईसाई संस्थाओं के कटु उद्देश्य को जानकर मीडिया इन संस्थाओं का अगर समर्थन करता है तो उसकी बुद्धि पर तरस करने के अतिरिक्त और कुछ नहीं किया जा सकता। हिन्दू समाज को संगठित होकर ईसाई धर्मान्तरण के विरुद्ध कार्य करना चाहिए। कहीं देर न हो जाये...। डॉ . विवेक आर्य
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

कश्मीर, कैराना और मेरठ के बाद आगरा से भी हिंदू पलायन हो रहे हैं

21 जुलाई 2019
http://azaadbharat.org
🚩20 जनवरी 1990 को कश्‍मीर की मस्जिदों से कश्‍मीरी पंडितों को काफिर करार दिया गया। #मस्जिदों से लाउडस्‍पीकरों के जरिए ऐलान किया गया, 'कश्‍मीरी पंडित या तो मुसलमान धर्म अपना लें, या चले जाएं या फिर मरने के लिए तैयार रहें ।' यह ऐलान इसलिए किया गया ताकि #कश्‍मीरी पंडितों के घरों को पहचाना जा सके और उन्‍हें या तो इस्‍लाम कुबूल करने के लिए मजबूर किया जाए या फिर उन्‍हें मार दिया जाए।

🚩कश्मीर में वर्ष 1990 में हथियारबंद आंदोलन शुरू होने के बाद से अब तक लाखों कश्मीरी पंडित अपना घर-बार छोड़कर चले गए। उस समय हुए नरसंहार में हजारों पंडितों का कत्लेआम हुआ था। हिंदु महिलाओं का सामूहिक बलात्कार किया और उसके बाद बच्चों सहित महिलाओं को मार-मारकर उनकी हत्या कर दी।
🚩आंकड़ों के अनुसार, इस नरसंहार में 6,000 कश्मीरी पंडितों को मारा गया। 7,50,000 पंडितों को पलायन के लिए मजबूर किया गया। 1,500 मंदिर नष्ट कर दिए गए। कश्मीरी पंडितों के600 गांवों को इस्लामी नाम दिया गया। आज भी लाखों कश्मीर पंडित अपने ही देश मे शरणार्थी रह रहे हैं ।
🚩कुछ समय पहले खबर आई थी कि उत्तरप्रदेश के कैराना में कुछ मुसलमानों से परेशान होकर हिंदू पलायन कर रहे है, उसके बाद मेरठ में भी पलायन की खबर आई थी अब आगरा से भीकुछ ऐसी ही खबर आ रही है।
🚩उत्तर प्रदेश के मेरठ में मजहबी उन्मादियों के कहर के कारण हिन्दुओं के पलायन का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि सूबे के ही यमुनानगरी के नाम से विख्यात से हिन्दुओं के पलायन की बड़ी खबर सामने आई है। मामला आगरा के शहीद नगर इलाके का है जहाँ के रहने वाले लोगों ने अपने घरों के बाहर एक पोस्टर चिपका दिया है जिस पर लिखा है ‘यह मकान बिकाऊ है।’ आगरासे पलायन की  खबर सामने आने के बाद सियासी हलकों में हड़कंप मच गया है।
🚩आगरा के शहीद नगर से पलायन को मजबूर लोगों का कहना है कि कि हमारे घरों के आस- पास मांस बिक्री की दुकानें हैं। लोग हमारे दरवाजे पर अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं और कई बार मांस खाया हुआ पत्तल भी फेंक जाते हैं, शोर मचाते हैं, महिलाओं/बच्चियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करते हैं। शाम को तो ऐसा लगता है जैसे ओपन बॉर खुला हुआ है। इतनी गंध आती है कि सहना मुश्किल हो जाता है। इस सबके बाद ये लोग बहुत गलत बातें करते हैं, इसलिए हमने पलायन का निर्णय लिया है।
🚩शहीद नगर की रहने वाली मंजू ने बताया कि अराजकतत्वों के कारण घर की महिलाएं बाहर नहीं निकल पाती हैं। मकान की बालकनी में भी खड़ी नहीं हो सकती हैं। कभी भी कोई घटना होसकती है। इलाके में पुलिस की पैट्रोलिंग होती नहीं है। मंजू ने बताया कि इलाके के लोगों ने अधिकारियों से कई बार शिकायत की और हमेशा की तरह से सरकारी तंत्र फेल साबित हुआ। वहीं शराबियों के उत्पात के लोगों के सब्र का बांध टूट गया और अपना घर बेचने पर मजबूर हो गये है।
🚩एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि यहां का माहौल काफी खराब हो चुका है। हमें अपनी जान तथा बहिन बेटियों की इज्जत भी प्यारी है, लेकिन पिछले कुछ समय से जैसी स्थिति बन रही है वो हमारे व हमारे परिवार के लिए ठीक नहीं है, इसीलिए हम लोगों के सामने मकान बेचने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा है। मामला सामने आने के बाद सीओ विकास जायसवाल ने कहा है कि इस मामले में कार्रवाई के आदेश एसओ को दिए गए हैं। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारी सिर्फ कार्रवाई करने की तसल्ली देकर मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं। - स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज़
🚩हिंदू हर जगह से भागता ही जा रहा है, पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान से भागकर भारत मे आ रहा है पर भारत मे भी 8 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक बन चुके हैं और उत्तरप्रदेश में भीकई इलाकों से ऐसी खबर आ रही है कि हिंदू पलायन कर रहे है, एक तरफ ईसाई मिशनरियां हिंदुओं का पुरजोर से धर्मांतरण करवा रहे है दूसरी तरफ लव जिहाद, लैंड जिहाद और बलजबरी सेकुछ मुसलमान हिन्दुओं को भगा रहे है। अब हिंदू भाग-भाग कर कहाँ तक जाएगा?
🚩सबसे पहले तो हिंदुओं को चाहिए कि जाति-पाती छोड़कर एक हो जाये दूसरा की हर हिंदू कमसे कम 4 बच्चें पैदा करें और कही भी किसी भी हिंदु पर अत्याचार या षडयंत्र हो रहा हो तो सभीहिंदू तन-मन-धन से उसको सहयोग करें जिससे किसी की भी हिम्मत न चले कोई हिंदू को परेशान करने की, अपने धर्म या धर्मगुरुओं पर एवं हिंदुनिष्ठ नेताओं पर भी जो षड्यंत्र हो रहे है उसको रोकने के लिए भी एक होकर मुहतोड़ जवाब देना चाहिए तभी हिंदुओं का अस्तित्व बचेगा नही तो फिर हर जगह से भागता ही रहेगा और कही भागने की जगह नही मिलेगी।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Sunday, July 21, 2019

अमेरिका की लोआ असेंबली में गीता व वैदिक श्लोकों से हुई प्रार्थना

20 जुलाई 2019
http://azaadbharat.org
🚩विदेश के लोग श्रीमद्भगवद्गीता व वेदों से प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि वहाँ शरीर के उपभोग के लिए सुख-सुविधाएं बहुत हैं, लेकिन मन शांति के लिए उनके पास कुछ नहीं है और मन की शांति नहीं है तो सारी सुविधाएं बेकार है और मन मे शांति है तो कम सुविधाएं में भी इंसान सुखी रह सकता है। और मन की शांति देने की शक्ति केवल भारतीय संस्कृति में ही है इसलिए विदेशी लोग भी अब भारतीय संस्कृति का अनुसरण कर रहे है।

🚩आपको बता दें कि अमेरिका की लोआ असेंबली की सुबह की प्रार्थना पूज्य गीता के श्लोक एवं वैदिक मंत्रों से हुई। तकरीबन तीन मिनट की प्रार्थना में वैश्विक सर्वमंगल, सर्वकल्याण की कामना निहित रही। विश्व हिंदू परिषद के विदेश विभाग प्रमुख पं.कृष्ण कुमार पांडेय ने ओम से शुरुआत के बाद पहले गीता के श्लोक ‘त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव’ का पाठ किया। इसी क्रम में वैदिक मंत्र और अंत में ‘सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया’ के पाठ और शांति की कामना के साथ सुबह की प्रार्थना कराई। बाद में उन्होंने ‘ओ लार्ड यू आर माई मदर, ओ लार्ड यू आर माई फादर..’ कहकर प्रार्थना में कहे गए श्लोक और मंत्रों का अर्थ भी बताया।
🚩यह भारतीय सनातन संस्कृति के लिए गर्व का विषय है कि गीता के श्लोक तथा वैदिक मंत्रों के साथ अमेरिका की लोआ असेंबली की शुुरुआत हुई। लोआ सीनेट ऐंड हाउस ऑफ द रिप्रेंजेटेटिव्स की ओर से सुबह की प्रार्थना के लिए पंडित कृष्ण कुमार को सीनेटर हरमन क्यूरमबैच, अमेस की रिप्रेंजेटेटिव लीजा हेडेंस और मैरीन की रिप्रेंजेटेटिव स्वाति दांडेकर की ओर से आमंत्रित किया गया था। इसी के साथ अमेरिकन असेंबली में पहली बार हिन्दू प्रार्थना का इतिहास रचा गया। स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज़
🚩ऐसी प्रार्थना अगर सेक्यूलर भारत में हुई होती तो शायद देश का लोकतंत्र ही खतरे में आ जाता, संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाने वाला बता दिया गया होता, भगवाकरण की कोशिश करने वाला प्रयास बता दिया गया होता, लेकिन यह दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की असेंबली में हुआ इससे भारतीय सनातन संस्कृति की महत्ता एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय पटल पर स्थापित और गौरवान्वित हुई है।
🚩विदेशी लोग भारतीय संस्कृति अपनाकर अपने को धन्य समझ रहे हैं पर हमारे देश के केंद्रीय विद्यालयों में प्रात:कालीन प्रार्थना संस्कृत और हिंदी में पढ़ी जाती हैं । इस प्रार्थना का संस्कृत भाग उपनिषद्, महाभारत आदि ग्रंथों की शिक्षाओं पर आधारित होता हैं जैसे "असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय"  तथा "दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना'' आदि । मध्य प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति ने याचिका डाली है कि केंद्रीय विद्यालय में पढ़ी जाने वाली प्रार्थनाओं में किसी भी प्रकार के धार्मिक निर्देश नहीं दिए जा सकते । इसलिए इन्हें प्रार्थनाओं में से हटा देना चाहिए । और सुप्रीम कोर्ट इसपर सुनवाई भी करेगा।
🚩केंद्रीय विद्यालयों में जो बच्चें प्रार्थना करते है वे केवल हिंदूओ के लिए ही नहीं बल्कि सभी मनुष्यों के लिए परम् हितकारी है ।
प्रार्थना है...
असतो मा सदगमय ॥
तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥
मृत्योर्मामृतम् गमय ॥
इसका हिन्दू में अर्थ है कि
हे प्रभु! हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलो ।अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो ।। मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो ॥
🚩विदेशी लोग हमारी भारतीय संस्कृति अपनाकर उन्नति कर रहे हैं और हम पाश्चात्य संस्कृति अपनाकर अपने को बर्बाद कर रहे हैं और राष्ट्र विरोधी ताकतें तो ऐसे भी हमारी संस्कृति तोड़ने में लगी हुई है।
🚩अपनी संस्कृति पर हो रहे कुठाराघात को रोकने के लिए हिंदुस्तानियों को संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए ।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Friday, July 19, 2019

हिमा दास ने 15 दिन में 4 गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम किया रोशन

19 जुलाई 2019
http://azaadbharat.org
🚩देश की ऐसी अनेकों बेटियां है जो समाज और देश का नाम रोशन कर रही हैं, पर उनको जैसा सम्मान मिलना चाहिए ऐसा मिलता नहीं है । अभी हाल ही में एक विधायक की बेटी साक्षी मिश्रा ने घर से भागकर शादी कर ली जो एक समाज के लिए ये कार्य उचित नही है फिर भी मीडिया उसका समर्थन करके दिन रात खबरे दिखाई यहाँ तक कि उसकी माँ बीमार थी दवाई ले नही रही थी फिर भी बेटी को कुछ फर्क नही पड़ा ऐसी नीच हरकत करने वाली साक्षी की खबरें मीडिया ने खूब दिखाई, पर देश की वीर बहादुर बेटी हिमा दास ने लगातार 4 गोल्ड मैडल जीते और देश का नाम रोशन किया, लेकिन इसपर मीडिया कोई चर्चा नही कर रहे जबकि साक्षी की चर्चा से देश की बेटियां गलत दिशा में जा सकती है और हिमा दास की चर्चा से देश की बेटियां समाज और देश का नाम रोशन कर सकती हैं ।

🚩आपको बता दें कि भारत की युवा स्प्रिंटर हिमा दास ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा है। उन्होंने 15 दिनों के अंदर चौथा स्वर्ण पदक जीत लिया है। हिमा ने चेक गणराज्य में हुए टाबोर एथलेटिक्स टूर्नामेंट में 200 मीटर स्पर्धा का स्वर्ण जीता।
🚩19 साल की हिमा ने बुधवार को हुई रेस को 23.25 सेकेंड में पूरा करके स्वर्ण पदक जीता। वही वीके विसमाया 23.43 सेकेंड का समय निकालते हुए दूसरे पायदान पर रहीं। यह इस सीजन का उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।
🚩पुरुष वर्ग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड होल्डर मोहम्मद अनस ने 400 मीटर की स्पर्धा में 45.40 सेकेंड का समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीता। अनस ने 13 जुलाई को इसी स्पर्धा में 43.21 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
🚩2 जुलाई के बाद से हिमा का यूरोप में हुए टूर्नामेंट में यह चौथा स्वर्ण पदक है। जीत के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज 200 मीटर में फिर एक स्वर्ण पदक जीता और टाबोर में अपना समय बेहतर करके 23.25 सेकेंड किया।’
🚩उन्होंने दो जुलाई को पोलैंड में हुई पहली रेस को 23.65 सेकेंड में जीता था। स्त्रोत : आज तक
🚩वीर बेटी हिमा दास लगातार आगे बढ़ रही है पर उसकी चर्चा करने का समय भारत की मीडिया के पास नही है, बस थोड़ी कही कोने में खबर दिखा दिया पर जितनी साक्षी मिश्रा की चर्चा की इतनी चर्चा क्यो नही की गई?
🚩हिमा दास के पास सप्लीमेंट और प्रोटीन कभी नहीं थे जो सिर्फ दाल और चावल खाकर उस मुकाम पर पहुंची है। वह कभी स्टेडियम के पक्के ट्रैक पर नहीं दौड़ पाई क्योंकि उसके लिए तो खेतों के कच्चे रास्ते ही उसके सपने और देश के सपने पूरे करने वाले थे।
🚩हिमा दास ने जब देश के लिए विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता उसकी आंखें आंसुओं से भरी हुई थी जब राष्ट्रीय गान चल रहा था । यह आंसू गोल्ड मेडल के नही थे यह आंसू थे भारत का नाम रोशन करने के लिए भारत के राष्ट्रगान के सम्मान में और अब लगातार भारत का नाम रोशन करती जा रही है । हिमा दास सभी तरह की प्रतियोगिता में भारत को पदक अवश्य दिलाती है।
🚩हिमा दास को जो जीत में राशि मिली वो अपने पास नहीं रखी बल्कि उसने अभी हाल ही में असम बाढ़ पीड़ितों के लिए राशि दान कर दी इसे कहते हैं अपने देश अपने राज्य के प्रति वफादारी ।
🚩जब क्रिकेट मैच होता है तो अरबों रुपये का खर्च होता है, अधिकतर देशवासी उसके पीछे पागल रहते हैं, जबकि वे एक सट्टा बाजार है फिर भी देशवासी उसके पीछे पैसे और समय बर्बाद करते हैं, पर ऐसी बहादुर बेटी जो देश का नाम रोशन कर रही है और अपने पैसे देशवासियों की सेवा में लगा दिया उसके लिए न मीडिया को समय है और ना ही देशवासी उनका हौसला बुलंद करते है।
🚩अब हमें ऐसे सच्चे देशभक्त का हौसला बढ़ाना होगा जिससे उसे भी देशवासियों पर गर्व और बढ़े और इसी तरह देश का नाम और रोशन करें।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ