02 अप्रैल 2019
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ना पक्षियों की चहक, ना ही सुंदर-सुंदर फूलों की महक।
भयंकर ठिठुरती सर्दी में, जन जीवन भी सामान्य नहीं।।
01 जनवरी को नववर्ष, है ईसाई नववर्ष।
यह नहीं है हिन्दू संस्कृति,यह हमें मान्य नहीं।।
भयंकर ठिठुरती सर्दी में, जन जीवन भी सामान्य नहीं।।
01 जनवरी को नववर्ष, है ईसाई नववर्ष।
यह नहीं है हिन्दू संस्कृति,यह हमें मान्य नहीं।।
जनवरी महीने का ये नाम, जानूस गॉड के नाम पर बनाया था।
क्यों मनाए हम ऐसा नववर्ष, जिसमें नहीं है कोई उत्कर्ष।
चैत्र मास शुक्लपक्ष प्रतिपदा को, आओ मनाए हिन्दू नववर्ष।।
सुंदर मनोरम इस दिन को, वसंत ऋतु का आगमन होता है।
इस दिन वातावरण भी, विशेष सात्विकता संजोता है।।
पेड़ पौधे लहराते है, रंग बिरंगे सुंदर फूल महकते है।
देखकर प्रकृति की अनुपम सुंदरता, पक्षी भी चहकते है।।
इस दिन वातावरण भी, विशेष सात्विकता संजोता है।।
पेड़ पौधे लहराते है, रंग बिरंगे सुंदर फूल महकते है।
देखकर प्रकृति की अनुपम सुंदरता, पक्षी भी चहकते है।।
भगवान राम का राजतिलक हुआ, हिन्दू कालगणना का शुभारंभ हुआ।
करने को सृष्टि की रक्षा, भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ।
भगवान झूलेलाल का अवतरण हुआ, जिससे विश्व का उद्धार हुआ।
महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा, पंजाब में इसे बैशाखी बुलाते हैं।
आंध्र, तेलंगाना में उगाडी, असम में बिहू नाम से मनाते हैं।।
06 अप्रैल को नववर्ष स्वागत में, आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं ।
रंगोली बनाए, भजन संकीर्तन करें, घर घर भगवा पताका फहराए।।
आंध्र, तेलंगाना में उगाडी, असम में बिहू नाम से मनाते हैं।।
06 अप्रैल को नववर्ष स्वागत में, आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं ।
रंगोली बनाए, भजन संकीर्तन करें, घर घर भगवा पताका फहराए।।
-ब्रम्हपुराण
अर्थात ब्रम्हाजी ने सृष्टि का निर्माण चैत्र मास के प्रथम दिन किया । इसी दिन से सतयुग का आरंभ हुआ । यहीं से हिन्दू संस्कृति के अनुसार कालगणना भी #आरंभ हुई । इसी कारण इस दिन वर्षारंभ मनाया जाता है ।
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