हमारा नया साल कौनसा है ? कवि ने कविता के माध्यम से बताया
02 अप्रैल 2019
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जो भारतवासी अंग्रेजों के नये साल में एक-एक माह पहले ही बधाई देने के लिये लाईन लगाए हुए थे आज से ठीक तीन दिन बाद उन्हीं भारतवासियों का नया साल आ रहा है, लेकिन कोई भी भारतवासी मैसेज नहीं कर रहा है ।
अंग्रेजों ने हमे कैसे मानसिक गुलाम बना लिया है इससे साफ पता चलता है कि आजादी मिले भले 72 साल हो गये हो लेकिन मानसिक गुलामी नहीं गई है क्योंकि भारतवासी खुद का नववर्ष भूल गए है और अंग्रेजो का नववर्ष बड़े हर्षोल्लास से मना रहे हैं ।
कवि ने इसपर कविता लिखी है आप भी पढ़कर समझ जाएंगे कि हमें कौनसा नया साल मनाना है ?
ना पक्षियों की चहक, ना ही सुंदर-सुंदर फूलों की महक।
भयंकर ठिठुरती सर्दी में, जन जीवन भी सामान्य नहीं।।
01 जनवरी को नववर्ष, है ईसाई नववर्ष।
यह नहीं है हिन्दू संस्कृति,यह हमें मान्य नहीं।।
भयंकर ठिठुरती सर्दी में, जन जीवन भी सामान्य नहीं।।
01 जनवरी को नववर्ष, है ईसाई नववर्ष।
यह नहीं है हिन्दू संस्कृति,यह हमें मान्य नहीं।।
ये नववर्ष हमारे संतों ने नहीं, पॉप ग्रिगोरी 13वें ने चलाया था।
जनवरी महीने का ये नाम, जानूस गॉड के नाम पर बनाया था।
क्यों मनाए हम ऐसा नववर्ष, जिसमें नहीं है कोई उत्कर्ष।
चैत्र मास शुक्लपक्ष प्रतिपदा को, आओ मनाए हिन्दू नववर्ष।।
जनवरी महीने का ये नाम, जानूस गॉड के नाम पर बनाया था।
क्यों मनाए हम ऐसा नववर्ष, जिसमें नहीं है कोई उत्कर्ष।
चैत्र मास शुक्लपक्ष प्रतिपदा को, आओ मनाए हिन्दू नववर्ष।।
सुंदर मनोरम इस दिन को, वसंत ऋतु का आगमन होता है।
इस दिन वातावरण भी, विशेष सात्विकता संजोता है।।
पेड़ पौधे लहराते है, रंग बिरंगे सुंदर फूल महकते है।
देखकर प्रकृति की अनुपम सुंदरता, पक्षी भी चहकते है।।
इस दिन वातावरण भी, विशेष सात्विकता संजोता है।।
पेड़ पौधे लहराते है, रंग बिरंगे सुंदर फूल महकते है।
देखकर प्रकृति की अनुपम सुंदरता, पक्षी भी चहकते है।।
ब्रह्माजी ने इस दिन सृष्टि रचना की, सतयुग का आरंभ हुआ।
भगवान राम का राजतिलक हुआ, हिन्दू कालगणना का शुभारंभ हुआ।
करने को सृष्टि की रक्षा, भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ।
भगवान झूलेलाल का अवतरण हुआ, जिससे विश्व का उद्धार हुआ।
भगवान राम का राजतिलक हुआ, हिन्दू कालगणना का शुभारंभ हुआ।
करने को सृष्टि की रक्षा, भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ।
भगवान झूलेलाल का अवतरण हुआ, जिससे विश्व का उद्धार हुआ।
महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा, पंजाब में इसे बैशाखी बुलाते हैं।
आंध्र, तेलंगाना में उगाडी, असम में बिहू नाम से मनाते हैं।।
06 अप्रैल को नववर्ष स्वागत में, आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं ।
रंगोली बनाए, भजन संकीर्तन करें, घर घर भगवा पताका फहराए।।
आंध्र, तेलंगाना में उगाडी, असम में बिहू नाम से मनाते हैं।।
06 अप्रैल को नववर्ष स्वागत में, आओ हम सब मिलकर दीप जलाएं ।
रंगोली बनाए, भजन संकीर्तन करें, घर घर भगवा पताका फहराए।।
-कवि सुरेंद्र कुमार जी
हिन्दू संस्कृति के अनुसार इस साल 6 अप्रैल 2019 को नूतन वर्ष आ रहा है । हिन्दू समाज पहले नूतन वर्ष बड़े धूम-धाम से मनाता था लेकिन दुर्भाग्य है कि अंग्रेजों ने अपना कैलेंडर रख दिया और इतिहास से वास्तविक नूतनवर्ष को गायब कर दिया जिसके कारण आज के हिन्दू भारत को गुलाम बनाने वाला नूतनवर्ष मना रहे हैं और अपना नूतनवर्ष भूल गए ।
चैत्रे मासि जगद् ब्रम्हाशसर्ज प्रथमेऽहनि ।
-ब्रम्हपुराण
अर्थात ब्रम्हाजी ने सृष्टि का निर्माण चैत्र मास के प्रथम दिन किया । इसी दिन से सतयुग का आरंभ हुआ । यहीं से हिन्दू संस्कृति के अनुसार कालगणना भी #आरंभ हुई । इसी कारण इस दिन वर्षारंभ मनाया जाता है ।
-ब्रम्हपुराण
अर्थात ब्रम्हाजी ने सृष्टि का निर्माण चैत्र मास के प्रथम दिन किया । इसी दिन से सतयुग का आरंभ हुआ । यहीं से हिन्दू संस्कृति के अनुसार कालगणना भी #आरंभ हुई । इसी कारण इस दिन वर्षारंभ मनाया जाता है ।
इस साल सभी भारतीयों को चैत्री शुक्ल प्रतिपदा को धूम-धाम से नववर्ष मनाना चाहिए, सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
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