Sunday, August 12, 2018

सत्यमेव जयते फ़िल्म में खुला राज, कौन रोक रहा है भारत को शक्तिशाली बनने से

🚩देखिए वीडियो
12 August 2018

🚩इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में सेक्युलर लोग भारतीय संस्कृति और देश के खिलाफ जमकर दुष्प्रचार कर रहे हैं । इन दुष्प्रचार के आज की युवा पीढ़ी गुमराह हो रही है, जिसके कारण आजकल वे भी अपने ही संस्कृति, देवी-देवताओं, साधु-संतों और मंदिरों की मजाक उड़ाने लगे हैं ।
Open Raj in Satyamev Jayate Film, who is
stopping India from becoming powerful

🚩सत्यमेव जयते फ़िल्म में भी कुछ ऐसे ही बताया गया है, कुछ युवा चाय के स्टाल पर चाय पीते-पीते अखबार पढ़ रहे थे, उस अख़बार में एक हिन्दू संत के लिए कुछ लिखा था और वे उसे पढ़कर मजाक उड़ाने लगे फिर एक नवयुवक जो हिन्दू संस्कृति को समझता था, उसने उन्हें क्या जवाब दिया है, इसे सुनकर आप भी चौक जाएंगे ।

🚩नवयुवक ने भ्रमित युवकों को बताया कि वैसे भी संतो का काम ही क्या है ? जंगल मे जाकर तपस्या करना, मौन होकर बैठे रहना और ज्यादा से ज्यादा लोगों को उपदेश देना ।

🚩अगर करना ही है तो हिन्दुओं को लालच देकर दूसरे धर्म मे घसीटो ।

🚩सही काम तो,  देश मे अश्लीलता, भ्रष्टाचार, अशांति फैलाकर मल्टीनेशनल कंपनियां भारत को लूट कर रही है । 

🚩गुलामी तो हम करते ही आए हैं, कभी अंग्रेजो की तो कभी मुगलों की, 
क्या बोलते हो ?  

🚩और हिन्दू संत आशारामजी बापू ने क्या किया ?  
धर्मांतरण पर रोक, वेलेन्टाइन डे पर रोक..., कि्समस डे पर रोक, गौ हत्या पर रोक और बाप रे बाप ! वेस्टर्न कल्चर पर रोक और इतने बड़े-बड़े रिस्की डिसीजन बापू ने अपने दम पर ले लिए । 

🚩और पता है  कि अगर सिस्टम साथ नही देगा तो विधर्मी लोग  बापू की संस्था को जीरो मिशन तक पहुँचा सकते हैं ।  पर बापू तो बापू है ना !

🚩भले ही हिन्दु धर्म व भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए मिट जाएंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगें 
क्या जरुरत थी  बापू को दिन मे दो दो तीन तीन  जगहों पर सत्संग करने की ?  और वो भी बिना किसी फीस या डोनेशन के ।

🚩आखिर क्या जरुरत थी गुरुकुल खोलने की ? जहाँ आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी मिलते हैं ।


🚩हमारे देश ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तो बहुत विकास किया, लेकिन कोई ये सोचता है कि मेरे भारत का बच्चा-बच्चा चरित्रवान कैसे बनें ? संयमी , सदाचारी और बलवान कैसे बनें ? 

🚩और दीवाली में बापू कहाँ जाते हैं, पता है ?  उन गरीबों,आदिवासियों के बीच जिनको ठीक से खाने की दो वक्त की रोटी, कपड़ा और मकान नहीं ।

🚩अरे भाई जरा समझो,  संतो पर आरोप लगाकर जेल में डालना जरुरी है क्योंकि उनके द्वारा विधर्मीयों  के मंसूबे नाकाम हो रहे थे । और आखिर भारत में कानून तो सबके लिए एक है ना, देखो बड़े-बड़े लोगों को  बेल और संतो को जेल ?  

🚩कुछ नहीं बहुत सारे दोष हैं, उनके ।

🚩1.युवा सेवा संघ खोल दिए, लाखों युवान नशा नहीं करते संयमी जीवन जीते हैं और राष्ट्र भक्त बन रहे हैं, ये कोई कम गुनाह है ?

🚩2. ऋषि प्रसाद पत्रिका द्वारा लोगों को सुखी, स्वस्थ व सम्मानित जीवन की कला सिखाना l

🚩3. बाल संस्कार केन्द्र खोले, जिसमें बच्चों को अच्छे संस्कार मिल रहे हैं ।

🚩4. महिलाओं को  आत्मनिर्भऱ व सम्मानित बनाने के लिए महिला उत्थान मंडल खोले, कितना बड़ा गुनाह है ये ।

🚩अरे भाई... गुनाहों की लिस्ट तो अभी बाकी है ।

🚩5. कत्लखाने जा रही हजारों गायों को बचाकर गौ पालन करना ।

🚩6 गरीबों को राशन कार्ड देना व भंडारो का आयोजन करना |

🚩7. मुफ्त चिकित्सा सेवाएं देना |

🚩बाबाओं को संपत्ति की क्या जरुरत थी?

🚩क्या जरुरत थी ?  बापू को प्राकृतिक आपदाओं मे अन्न , जल व वस्त्र पहुँचाने की ।
संपत्ति की जरुरत तो धर्मांतरण, नशाखोरी, अश्लीलता, भ्रष्टाचार फैलाने वालो को है ।
इन सब पर रोक लगाने वालों को और इतनी सारी सेवा करने के लिए कहाँ जरुरत है संपत्ति की ?  

🚩पर कौन आशारामजी बापू  के पीछे लगा है ?

🚩नंबर 1. जो लोग भारत को फिर से गुलाम बनाना चाहते हैं और अपना धर्म भारत में फैलाना चाहते हैं, ऐसी विदेशी मिशनरियाँ ।

🚩नंबर 2.. हिन्दु धर्म को बदनाम करने वाली - फॉरेन फंडेड मीडिया । 

🚩नंबर 3. मल्टीनेशनल कंपनीज ।
रमेश

🚩सच को झूठ और झूठ को सच बनाने का जिसके पास आइडिया है उसी का नाम मीडिया है । और बापू मीडिया वालों को पैसा कहाँ देने वाले थे ?  कभी मीडिया में उनके सेवाकार्यो की एक पट्टी भी चलती देखी तुमने ?  
क्या होने वाला है वेलेन्टाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस, क्रिसमस डे को तुलसी पूजन दिवस मनाने से ?  
और ये विश्वगुरु भारत और सबका मंगल, सबका भला से क्या होने वाला है ?  
कुछ नही ।

🚩नहीं चाहिए हमें स्वस्थ, सुखी और सम्मानित भारत, नहीं चाहिए हमें शिवाजी, महाराणा प्रताप, भगत सिंह, झाँसी की रानी जैसे वीर देशभक्त ?
नहीं चाहिए हमें ऐसे संत जो भारतीय संस्कृति का डंका पूरे विश्व में बजाते हैं । 

🚩तो फिर करते रहो गुलामी,  बँटते रहो धर्म के नाम पर ।

🚩अरे मेरे बाप... एक बार नही सौ बार कहता हूँ, वर्तमान में हिन्दु धर्म को बचाने वाले अगर कोई हैं तो सिर्फ बापू जैसे संत ही हैं । इसलिए करोड़ों रुपए खर्च करके बापू आसारामजी के ऊपर गंदा आरोप लगवाकर उन्हें जेल में डलवाया । अरे मेरे भाई...  अब तो समझो अगर बापू  को इसी तरह जेल रखा गया तो भारतीय संस्कृति और हिन्दु धर्म की रक्षा कौन करेगा ? फिर हमारे देश में घोर अपराध बढ़ते जायेंगें । और फिर ये देश कभी विश्वगुरु नही बन पायेगा ।

🚩सच कहता हूँ अगर जल्दी बापू जी बाहर नही आए तो आने वाले 100-200 साल तक ये लड़ाई लड़नेवाला और कोई नही होगा । फिर करते रहना 
मेरा भारत महान ।  मेरा भारत महान ।


🚩फिर बापू आसरामजी जेल में है क्यों हैं ?  

बापू जी जेल में हैं क्योंकि वो एक हिंदु संत हैं ।

बापू जेल में है क्योंकि वो सनातन धर्म व संस्कृति के लिए लड़ते हैं ।

बापू जेल में है क्योंकि वो राष्ट्र को मानते हैं राजनेता को नहीं ।

बापू जेल में है क्योंकि वो धर्म को मानते हैं धर्मांतरण को नहीं ।

बापू जेल में है क्योंकि हम निष्क्रिय हैं ।

बापू जेल में है क्योंकि बापूजी निर्दोष हैं ,अगर दोषी होते तो वो बाहर होते।

🚩प्रशासन निर्दोष, मीडिया निर्दोष, नेता निर्दोष, न्यायालय निर्दोष, अपने आपको निर्दोष कहने वाले ये लोग निर्दोष है कि नहीं ये मैं नही जानता पर बापू जी निर्दोष थे , हैं व रहेंगें ।

🚩लोग उनकों क्यो मानते हैं  ?  
किसी की श्रद्धा का प्रमाण  न्यायालय या मीडिया नहीं हो सकती है । उसका स्वंय का अनुभव होता है ।  

🚩जरा सोचो  इतना सब होने पर भी बापू के करोड़ों भक्तों का विश्वास अभी भी कायम है । अरे कुछ तो होगा उनके पास ?

🚩इतना सामर्थ्य होने पर बापू जी बाहर क्यों नहीं आते ?  

🚩कौन कहता है कि बापू आसारामजी जेल में हैं । जेल में तो हमारे देश कि अस्मिता, संस्कृति, धर्म है । और सामर्थ्य का उपयोग संत अपने लिए थोड़े ही ना करते हैं ?  जैसे जगदगुरु शंकराचार्य की माँ की अंत्येष्ठी के लिए उनके गाँववालों ने लकड़ी तक नहीं दी । तुकारामजी महाराज सामर्थ्यवान होते हुए भी कीर्तन में पत्थर के झाँझ का उपयोग करते थे । ऐसे ही संत ज्ञानेश्वर, बुद्ध भगवान आदि भी थे । अरे...  कबीर जी को भी जेल जाना पड़ा था । और तो और संत तो क्या भगवान होते हुए भी श्री रामजी नागपाश में बंध गये थे ।  वाह ... वाह री दुनिया ... वाह री दुनिया को लोगों... संतों ने तुम्हें क्या दिया और संतों को तुम क्या दे रहे हो । 

🚩शंकाचार्यजी को भी झूठे आरोप में फँसाया फिर वो निर्दोष बरी हुए साध्वी प्रज्ञा , स्वामी असीमानंद को भी निर्दोष बरी किया गया । ऐसे ही बापू जी को फँसाया गया है । वे भी अवश्य निर्दोष बरी होगे ।  और याद रखो, चाहे जो हो जाये पर भारत विश्व गुरु बनकर ही रहेगा । I Support Asharamji Bapu

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Saturday, August 11, 2018

थाईलैंड में बन रहा है भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर, पढ़ाई जाती है रामायण.

11 August 2018

🚩मुस्लिम शासक आक्रमणकारी बाबर 1527 में फरगना से भारत आया था, बाबर के आदेश से उसके #सेनापति मीर बाकी ने 1528 ई. में श्रीराम #मन्दिर को गिराकर वहाँ एक #मस्जिद बना दी थी । मंदिर तोड़ रहे थे, उस समय इस्लामी आक्रमणकारियों से मंदिर को बचाने के लिए रामभक्तों ने 15 दिन तक लगातार संघर्ष किया, जिसके कारण आक्रमणकारी मंदिर पर चढ़ाई न कर सके और अंत में मंदिर को तोपों से उड़ा दिया। इस संघर्ष में 1,36,000 रामभक्तों ने मंदिर रक्षा हेतु अपने जीवन की आहुति दी ।

🚩भगवान श्री राम का मंदिर टूटने के बाद #हिन्दू समाज एक दिन भी चुप नहीं बैठा । वह लगातार इस स्थान को पाने के लिए #संघर्ष करता रहा, लेकिन आजतक मंदिर नहीं बन पाया । वहीं दूसरी ओर थाईलैंड में भव्य मंदिर बन रहा है ।

🚩राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट थाईलैंड में मंदिर बनवा रहा है । बुधवार को अयुथया में इसके लिए भूमि पूजन किया गया । 
The grand temple of Lord Shriram is being
built in Thailand, it is taught Ramayana.

🚩‘भारत को विश्वगुरु बनाएगा यह मंदिर’

🚩महंत शरण ने कहा, ‘‘थाईलैंड में बन रहा राम मंदिर भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करेगा । इससे भगवान राम की विचारधारा का प्रचार भारत के बाहर भी होगा ।’’ महंत ने बताया कि यह मंदिर अयुथया शहर में सोराय नदी के किनारे बनाया जा रहा है । यह नदी शहर के बीच से होकर बहती है ।

🚩अयोध्या ही है, अयुथया का अर्थ

🚩इतिहासकारों के अनुसार, 15वीं सदी में थाईलैंड की राजधानी को अयुथया कहा जाता था । इसे स्थानीय भाषा में अयोध्या ही बोलते हैं । दक्षिण पूर्व एशिया के बौद्ध बहुल देश थाईलैंड के लोगों में हिन्दू धर्म के प्रति भी आस्था दिखती है । यहां के लोग अपने राजा को भगवान राम का वंशज मानते हैं और उन्हें विष्णु का अवतार कहते हैं । थाई संस्कृति और साहित्य का रामायण और श्रीराम से काफी जुड़ाव है । यहां के राजा अपने नाम के साथ राम लिखते थे । इसके अलावा थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक को ‘महेंद्र अयोध्या’ भी कहते हैं । लोगों का मानना है कि यह ‘अयोध्या’ इंद्र ने बसाई थी । स्त्रोत : दैनिक भास्कर

🚩भगवान राम के समय ही राज्यों बँटवारा :-

🚩थाईलैंड में आज भी संवैधानिक रूप में राम राज्य है । इतिहास में बताया जाता है कि पश्चिम में लव को लवपुर (लाहौर ), पूर्व में कुश को कुशावती, तक्ष को तक्षशिला, अंगद को अंगद नगर, चन्द्रकेतु को चंद्रावती कहा जाता है । कुश ने अपना राज्य पूर्व की तरफ फैलाया और एक नाग वंशी कन्या से विवाह किया था । थाईलैंड के राजा उसी कुश के वंशज हैं l इस वंश को “चक्री वंश कहा जाता है l चूँकि राम को विष्णु का अवतार माना जाता है और विष्णु का आयुध चक्र है इसलिए थाईलैंड के लोग चक्री वंश के हर राजा को “राम ” की उपाधि देकर नाम के साथ संख्या दे देते हैं ।

🚩राष्ट्रीय ग्रन्थ रामायण:-

🚩बताया जाता है कि थाईलैंड में थेरावाद बौद्ध के लोग बहुसंख्यक हैं, फिर भी वहां का राष्ट्रीय ग्रन्थ रामायण है l जिसे थाई भाषा में "राम-कियेन" कहते हैं l जिसका अर्थ राम-कीर्ति होता है, जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित है l इस ग्रन्थ की मूल प्रति सन 1767 में नष्ट हो गयी थी, जिससे चक्री राजा प्रथम राम (1736–1809), ने अपनी स्मरण शक्ति से फिर से लिख लिया था l थाईलैंड में रामायण को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करना इसलिए संभव हुआ क्योंकि वहां भारत की तरह दोगले हिन्दू नहीं है, जो नाम के हिन्दू हैं, हिन्दुओं के दुश्मन यही लोग हैं l


🚩आपको बता दे कि बैंकाक की सिल्पाकॉर्न विश्वविद्यालय के एसोसिएटेड प्राध्यापक बूंमरूग खाम-ए ने बताया कि थाईलैंड में रामायण लिटरेचर की तरह स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल है । विश्वविद्यालय के खोन (नाट्य) विभाग के छात्र सबसे अधिक रामलीला को पसंद करते हैं । थाईलैंड में रामायण को रामाकेन और रामाकृति बोलते हैं । जो वाल्मीकि रामायण से मिलती जुलती है, किंतु इसमें थाई कल्चर का समावेश है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के अनेक विद्यार्थी रामायण पर पी.एच.डी. कर रहे हैं । इसमें से कुछ वर्ल्ड रामायण कांफ्रेंस में शामिल होने जबलपुर आए हैं ।

🚩बौद्ध बाहुल्य देश में  भगवान श्री रामजी और रामायण का महत्व है, तो भारत में कब भगवान श्री रामजी का मंदिर बनेगा और स्कूलों, कॉलेजों में रामायण पढ़ाई जायेगी ?

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Friday, August 10, 2018

जानिए गलत फैसला देनेवाले न्यायधीश को, ईश्वर कैसे देता है भयंकर दंड...

10 August 2018

🚩भारत की न्यायप्रणाली में काफी हद तक भ्रष्टाचार व्याप्त है, ये कई न्यायाधीश बता चुके हैं, सच को झूठ और झूठ को सच करने के लिए अनेक जज पैसे लेते भी पकड़े गए हैं, इससे साफ होता है कि जिसपर इंसान को भरोसा है वही भ्रष्टाचार में लिप्त है ।

🚩सूरत जेल में श्यामसुंदर अवधेश नारायण पांडे कई दिनों तक मेरे साथ मेरी बैरेक में रहे । उनके साथ सत्संग – हरिचर्चा व कई विषयों पर मेरी चर्चा होती रहती है । अक्सर मैं सुबह की मीठी धूप एकाध घंटा लेता हूँ । सूर्यस्नान के फायदे मैं जानता हूँ । कदाचित एक समय का भोजन मैं छोड़ सकता हूँ, लेकिन सूर्यस्नान को तो मैं भोजन से भी अधिक महत्त्व देता हूँ । भोजन से भी विशेष लाभदायक खुले बदन सूर्य की किरणों में घूमना या बैठना है – ऐसा मैं मानता हूँ ।
Know the judge who has given the wrong decision,
 how God gives terrible punishment ...

🚩इस मौसम में सुबह की धूप के समय, मैं पांडेजी के साथ बैठा था और “मेरी कलम से....” जो लिखता रहता हूँ उसके कुछ अंश उनको सुना रहा था । बातों ही बातों में चर्चा चल रही थी कि आजकल फँसाने के लिए कुछ भी किया जा सकता है । एक जेल के अधिकारी ने मुझे दो-चार दिन पहले ही बताया था कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा था कि एक न्यायधीश अहमदाबाद में अपने घर पर शाम के वक्त कुर्सी लगाकर बैठते थे और कोई निर्दोष को सजा देने के लिए या किसी अपराधी को जेल से मुक्त करने के लिए मोटी रकम की ऑफर करता था तो वे उसी प्रकार के फैसले रूपये ले-देकर सुनाते थे । इसी बीच पांडेजी ने मुझे एक घटित घटना सुनाई ।

🚩पांडेजी ने कहा –

🚩मुझे मेरे पिताजी ने एक अपने जीवन की घटना सुनाई थी और न्यायधीश द्वारा इरादतन गलत सजा सुनाने से क्या दुष्परिणाम होता है, इसका एक प्रणाम उन्होंने बताया था ।

🚩घटना जबलपुर (म.प्र.) की है | तब हम हमारे परिवार के साथ जबलपुर में रहते थे । मेरे पिताजी ने मुझसे कहा था कि "गलत व्यवहार व आचरण का परिणाम भी गलत ही होता है, सदा याद रखना ।" एक न्यायधीश ने जबलपुर में अपने पद पर होते हुए, अपने न्यायधीश के पद का दुरूपयोग किया था । एक हत्या के केस में एक निर्दोष व्यक्ति को उन्होंने जानबुझकर सजा सुनाई और जिसको सजा सुनाई वह एक सज्जन साधू स्वाभाव का निर्दोष व्यक्ति था । जज को पता था कि मैं जिसे सजा दे रहा हूँ, वह दोषी नहीं है । लेकिन जो दोषी था उसे निर्दोष सिद्ध किया और जिसकी गलती थी ही नहीं, जो निरपराध था, उसे लम्बी सजा रिश्वत लेकर सुनाई । वास्तव में जो दोषी था उसे निर्दोष छोड़ दिया । शिकायतकर्ता ने ऐसे निर्णय लेने के पीछे न्यायधीश को मोटी रकम प्रदान की थी म

🚩हमारे मामाजी व पिताजी उस न्यायधीश साहब के घर पूजा आदि कराने अक्सर जाते रहते थे । मजिस्ट्रेट साहब ने अपने मुख से हमारे मामाजी को यह बात बतलायी थी और कहा था कि हमारे जीवन में यह एक बड़ी भूल हो गयी और हमें इसका बड़ा पछतावा भी है कि हमने एक निर्दोष-निरपराधी व्यक्ति को सजा सुनाई है ।

🚩न्यायधीश ने कहा कि सजा सुनाने के बाद हमारे दाएं हाथ में कोढ़ हो गया है हमारे हाथ के दाएं अंगूठे से  पीव-मवाद निकलने लगा है । हाथ से लिखना व कार्य करना मुश्किल हो गया है । इतना ही नहीं उन्होंने अपने न्यायधीश के पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया और कहने लगे कि ऐसी कोई पाठ-पूजा या अनुष्ठान करें-करवाएं कि जिसने हमारा यह अपराध निवृत्त हो जाए और हमारी दुर्गति भी न हो । यह कोढ़ भी मिट जावे । मामाजी ने इस विषय में असमर्थता दिखाई, तब वे जज साहब इस्तीफ़ा देने के बाद नर्मदा किनारे चले गए । गहना कर्मणो गतिः.... 

🚩मामाजी ने उनको सही सलाह दी । किसीको मुँह दिखाने में भी उनको शर्म आने लगी । मतलब न्यायाधीश भी एक मनुष्य है और इस पद पर रहते हुए बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है । न्यायाधीश एक भगवान का स्वरुप होता है । इस पद का दुरूपयोग करने का परिणाम भी बहुत भयंकर आ सकता है । लोगों के प्रति न्याय करनेवाले न्यायधीश द्वारा अगर लोभ-लालच या स्वार्थ में आकर अन्यायकारी फैसले लिए जाते हैं, तो ईश्वर उनको दण्डित करता ही है क्योंकि सबसे बड़े न्यायाधीश तो ईश्वर ही हैं । अतः प्रत्येक न्याय के पद पर बैठे हुए न्यायाधीश को भी ऊपरवाले न्यायाधीश से डरना चाहिए और अपने द्वारा किसीके साथ अन्याय तो नहीं हो रहा, इसकी विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए ।
- श्री नारायण साईं 
(संदर्भ : विश्वगुरु ओजस्वी पत्रिका, अंक - 96) 

🚩गौरतलब है कि हिन्दू संत श्री नारायण साईं पर 12 साल पुराना रेप केस लगा हुआ है । उनको बिना सबूत 4 साल से सूरत (गुजरात) जेल में रखा गया है, अभी तक एक भी सबूत उनके खिलाफ नही मिला है, जबकि लड़की ने कैसे षड्यंत्र रचा है उसके कई सबूत सामने आए हैं, लेकिन फिर भी उनको जमानत तक नही दी जा रही है, जबकि पत्रकार तरुण तेजपाल पर रेप केस सिद्ध हो गया है फिर भी आराम से बाहर गुम रहा है, इससे ज्यादा न्यायालय में भ्रष्टाचार का क्या सबूत चाहिए ?

🚩इसकी पुष्टि भी कई जज कर चुके हैं :

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश काटजू ने कहा था कि #भारतीय न्याय प्रणाली में 50% जज भ्रष्ट हैं ।

🚩सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश संतोष हेगड़े भी सवाल उठा चुके हैं कि ‘धनी और प्रभावशाली’ तुरंत जमानत हासिल कर सकते हैं । #गरीबों के लिए कोई न्याय कि व्यवस्था नही है ।

🚩कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व वरिष्ठ #न्यायधीश जस्टिस के एल. मंजूनाथ ने कहा कि यहाँ सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए कोई स्थान नहीं है और इस देश में न्याय के लिए कोई जगह नहीं ।

🚩इसलिये आज न्याय प्रणाली से देश कि जनता का भरोसा उठ गया है ।

🚩देश में करीब 2.78 लाख विचाराधीन कैदी हैं । इनमें से कई ऐसे हैं जो उस अपराध के लिए मुकर्रर सजा से ज्यादा समय जेलों में बिता चुके हैं । देश भर के जिला न्यायलयों में करीब 2.8 करोड़ मामले लंबित हैं ।

🚩आरोप साबित होने पर भी कई बड़ी हस्तियाँ बाहर घूम रहीं हैं और अभी तक जिन पर एक भी आरोप साबित नहीं हुआ है वो जेल में है । 
क्योंकि या तो न्याय पाने वाले गरीब हैं या तो कट्टर हिंदूवादी है इसलिए उनको न्याय नही मिल पाता है ।
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