22 September 2018
भारत का इतिहास रहा है कि जब-जब कोई व्यक्ति, महापुरुष देश के लिए अच्छा कार्य करना चाहते हैं, तब-तब विदेशी लोगों को यह रास नहीं आता है, परिणाम स्वरूप वे उनके खिलाफ भयंकर षड्यंत्र चालू कर देते हैं और हथकंडा अपने ही लोगों को बनाते है ऐसे एक दो नहीं, लेकिन हजारो-लाखों उदाहरण है ।
सुभाष चन्द्र बोस देश को आज़ादी दिलाने करीब ही थे और उनकी हत्या हो गई, लाल बहादुर शास्त्री देश के लिए महान कार्य कर रहे थे, अचानक गायब हो गए और उनकी हत्या हो गई । श्री राजीव दीक्षित देश को नया रूप देने का कार्य कर रहे थे और अचानक हत्या हो गई, उड़ीसा के स्वामी लक्ष्मणानन्द जी धर्मान्तरण पर रोक लगा रहे थे और उनकी हत्या हो गई ।
हिन्दू राष्ट्र के लिए कार्य करने वाली
साध्वी प्रज्ञा जी को बिना सबूत 9 साल जेल में रखकर प्रताड़ित किया गया । धर्मान्तरण रोकने वाले शंकरचार्य जी और स्वामी असीमानंद जी को जेल भिजवाया था ।
ऐसे ही देश हित में कार्य करने वाले श्री डी.जी. वंजारा जी, कर्नल पुरोहित को सालों से जेल में रखा गया ।
Know how the US and Vatican City sent prisoners of India to jail? |
वर्तमान में दो उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं :-
पहला वैज्ञानिक नंबी नारायणन जी का,
नंबी नारायणन को 1994 में केरल पुलिस ने जासूसी और भारत की रॉकेट टेक्नोलॉजी दुश्मन देश को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था ।
यह सारी कवायद भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को ध्वस्त करने की नीयत से हो रही थी, ये वो दौर था जब भारत जैसे देश अमेरिका से स्पेस टेक्नोलॉजी करोड़ों रुपये में किराये पर लिया करते थे । भारत के आत्मनिर्भर होने से अमेरिका को अपना कारोबारी नुकसान होने का डर था । जिसके लिए सी.आई.ए. ने वामपंथी पार्टियों को अपना हथियार बनाया ।
एस.आई.टी. के जिस अधिकारी सी.बी. मैथ्यूज़ ने नंबी के खिलाफ जांच की थी, उसे कम्युनिस्ट सरकार ने बाद में राज्य का डी.जी.पी. बना दिया, सी.बी. मैथ्यूज के अलावा तब के एस.पी. के.के. जोशुआ और एस. विजयन के भी इस साजिश में शामिल होने की बात सामने आ चुकी है ।
सी.बी.आई. की जांच में ही इस बात के संकेत मिल गए थे कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सी.आई.ए
के एक अधिकारी के इशारे पर केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने नंबी को साजिश का शिकार बनाया, एक इतने सीनियर वैज्ञानिक को न सिर्फ गिरफ्तार करके लॉकअप में बंद किया गया, बल्कि उन्हें टॉर्चर किया गया कि वो बाकी वैज्ञानिकों के खिलाफ गवाही दे सकें ।
परिणाम स्वरूप क्रायोजेनिक टेक्नोलॉजी विकसित होने में 15 साल की देरी हो गई और इस वजह से हमें अबतक लाखों डॉलर का नुकसान हो चुका है ।
दूसरा है हिन्दू संत आसाराम बापू का
उन्होंने ऐसे-ऐसे कार्य किये जिससे वेटिकन सिटी तक हिल गई थी...
1). ईसाई मिशनरियों को खुली
चुनौती दिया, लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को
पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया ।
2) . कत्लखाने में जाती हज़ारों
गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया ।
3). शिकागो विश्व धर्मपरिषद में
स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद
जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया ।
4). विदेशी कंपनियों द्वारा देश को
बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाने वाले हैं संत आशारामजी बापू ।
5). लाखों करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत मंत्र की दीक्षा देकर, तेजस्वी बनाया ।
6). पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका
और बहुत सारे देशों में जाकर
सनातन हिंदू धर्म का ध्वज
फहराया ।
7). 100 से ज्यादा देशों में आश्रमों
को स्थापित कर हिंदुत्व का
विस्तार किया ।
8). वेलेंटाइन डे का विरोध करके
"मातृ-पितृ पूजन दिवस"
का प्रारम्भ करवाया ।
9). क्रिसमस डे के दिन क्रिसमस ट्री
के बजाय, तुलसी पूजन दिवस
मनाने शुरू करवाया ।
10). लाखों-करोड़ों लोगों को अधर्म से
धर्म की ओर मोड़ दिया ।
11). बिकाऊ मीडिया को प्रचार-प्रसार के लिए रुपयों के पैकेज ना देकर, गरीबों में भंडारा व जीवनोपयोगी वस्तुएं दीं ।
12). गरीब इलाकों में
चलचिकित्सालय चलवाकर
निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध
करवाई ।
13). नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त करया ।
14). गिरते युवावर्ग को "दिव्य प्रेरणा प्रकाश" जैसी पुस्तकों द्वारा ब्रह्मचर्य की महिमा बताकर करोड़ों युवाओं को संयमी जीवन की ओर अग्रसर किया ।
15). वैदिक शिक्षा पर आधारित
अनेकों गुरुकुल खुलवाए ।
16). पिछले 50 वर्षों से लगातार आदिवासियों के बीच मुफ्त भंडारा
मकान, कपड़े, अनाज व दक्षिणा बाँटा ।
17). मुश्किल हालातों में कांची कामकोठी पीठ के "शंकराचार्य श्री #जयेंद्र सरस्वतीजी"
बाबा रामदेव, मोरारी बापूजी, साध्वी प्रज्ञा
एवं अन्य संतों का साथ दिया ।
हिन्दू संत आसाराम बापू कर इन महान कार्य करने के कारण विदेशी शक्तियों को यह रास नहीं आया, वेटिकन सिटी उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गई और सोनिया गांधी के इशारे पर झूठा मुदकमा दर्ज हुआ और मीडिया द्वारा बदनाम करके जेल भिजवाया गया ।
युवावस्था में अपनी सुंदर पत्नी को छोड़कर ईश्वर प्राप्ति के लिए गृह त्याग करनेवाले कारक महापुरुष क्या ऐसा गलत कार्य कर सकते हैं?
जिनके दर्शन सत्संग से सैकड़ो युवान/युवतियाँ ने संसार विमुख होकर ईश्वर प्राप्ति के लिए सन्यास जीवन स्वीकारा, क्या वे संत स्वयं ऐसा गलत कार्य कर सकते हैं ???
जिन-जिन महापुरुषों ने देश, संस्कृति, समाज के लिए अच्छे कार्य किये है उनके खिलाफ षड्यंत्र हुआ है, इस षडयंत्र से उन महापुरुष को नुकसान नहीं होता है, नुकसान समाज को होता है । उन्होंने तो अपना कार्य कर लिया अब हमारी बारी है हम उनके लिए क्या करते हैं? षड्यंत्र के खिलाफ आवाज उठाते हैं कि नहीं यही हमारी परीक्षा की घड़ी है ।
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