Saturday, December 1, 2018

हांगकांग के अभिनेता जॅकी हुंग और फ्रांस के दंपति ने अपनाया हिंदू धर्म

1 दिसंबर 2018

🚩हिंदू धर्म सनातन धर्म है जबसे सृष्टि का उद्गम हुआ है तबसे यह धर्म चला आ रहा है, बाकी ईसाई धर्म 2018 और मुस्लिम धर्म 1500 साल पुराना है । बड़ी बात तो ये है कि ईसाई धर्म की स्थापना यीशु ने तथा मुस्लिम धर्म की स्थापना मोहम्मद पैंगबर ने की, लेकिन हिन्दू धर्म की स्थापना किसी ने नहीं की अनादि काल से चली आ रही है और हिन्दू धर्म में ही भगवान व ऋषि-मुनियों के अवतार हुए है किसी अन्य धर्म में नहीं हुए हैं । जब-जब अधर्म बढ़ जाता है तब समाज को मार्गदर्शन देने के लिए स्वयं भगवान ही अवतार लेते हैं ।

🚩सनातन हिन्दू धर्म की महिमा समझकर विदेशी लोग भी अपना धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म में घरवासपी कर रहे हैं । एक सवाल जो आपके मन में भी आ रहा होगा वो ये कि इसे घरवासपी क्यों बताई जा रही है धर्मपरिवर्तन क्यों नहीं बोला गया? आपको बता दें कि जब सृष्टि का उद्गम हुआ था तब मात्र एक ही धर्म था जो केवल हिन्दू धर्म था, उसके बाद सारे मत पंथ निकले तो जन्म लेते ही हर मनुष्य हिन्दू ही होता है बाद में उसे बताया जाता है कि तू ईसाई है, मुसलमान है, बुद्धिष्ट है लेकिन वास्तव में हिन्दू ही होता है इसलिए हिन्दू धर्म अपनाना ये कोई धर्मपरिवर्तन नहीं हुआ बल्कि जो उनपर थोपा गया था कि तू ईसाई, मुसलमान आदि है उससे अपने मूल धर्म में वापस आता है तो उसको घरवासपी कहते हैं ।

🚩बता दें कि कई बड़ी हस्तियां और विदेशी लोग हिन्दू धर्म में आ चुके हैं अभी वर्त्तमान में  चाइनीज अभिनेता और फ्रांस के दंपति ने हिन्दू धर्म अपना लिया है।

Hong Kong actor Jackie Hung and French couple adopted Hindu religion

🚩अभिनेता ने अपनाया हिन्दू धर्म:-

हांगकांग से आए प्रसिद्ध अभिनेता और मार्शल आर्ट के कलाकार जॅकी हुंग ने कैंटोनमेंट स्थित एक होटल में पत्रकारों से कहा कि हांगकांग के बाद भारत की प्राचीन नगरी काशी मेरा पसंदीदा शहर है । मेरी इच्छा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर जैसा एक शिव मंदिर हांगकांग में बनवाऊं । जल्द ही अपना नाम भी बदलकर हिंदू रीति रिवाज के आधार पर रखूंगा ।

🚩उन्होंने बताया कि आज से चार वर्ष पहले मैं चेन्नई में किसी कार्यवश गया था । वहीं पर एक शिव मंदिर में अपने मित्र के साथ गया । वहां पर मुझे ऐसी शांति का अनुभव हुआ जो इससे पहले कभी नहीं मिली थी । उसके बाद मैने हिंदू धर्म को स्वीकार कर लिया । उसके बाद मेरे जीवन शैली और दृष्टिकोण में काफी बदलाव आया है ।

🚩फ्रांस के दंपति ने अपनाया हिन्दू धर्म:-

फ्रांस के रहने वाले पेशे से डिजाइनर मेथियस और उनकी पत्नी डेनियला ने हिंदू धर्म अपनाया । दीक्षा प्राप्त करने के बाद उनका नाम और गोत्र परिवर्तित हुआ । मैथियास परमानंद नाथ और डेनियला आनंदमयी मां बन गईं ।

🚩डेनियला ने बताया कि वे कुंडलिनी साधना के बाद बहुत ऊर्जा महसूस कर रही थीं तब उन्होंने और उनके पति ने शिव शक्ति मंत्र की दीक्षा लेने की इच्छा गुरुदेव से प्रकट की । उन्होंने बताया कि इस दीक्षा को ग्रहण करने के बाद वह खुद को बहुत ज्यादा ऊर्जावान महसूस कर रही हैं । ईश्वर की साधना कर इस मंत्र का जाप करेंगी जिससे उनका और समस्त विश्व का कल्याण हो और विश्व में शांति हो ।

🚩वागीश शास्त्री ने बताया कि शिव शक्ति मंत्र की साधना प्रसुप्त शक्ति को जागृत करती है और मस्तिष्क विचारों से भर जाता है इससे व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है और नए-नए विचार आते हैं । जो साधक शिव शक्ति मंत्र दीक्षा लेने के बाद निश्चित संख्या में जप करते हैं और उसका दशांश हवन करते हैं उनको वांछित फल की प्राप्ति हो सकती है ।

🚩विश्व भर से लोग अध्यात्म, योग और तंत्र की साधना प्राप्त करने मेरे पास वर्षों से आते हैं और कुंडलिनी साधना में व्यक्ति अपने चक्रों को जागृत करता है । शिव शक्ति मंत्र साधना से साधक अपने इष्ट को प्रसन्न करता है और वांछित फल प्राप्त कर सकता है ।

🚩वागीश शास्त्री ने यह भी बताया कि परंतु बिना गुरु के दीक्षा के किसी भी मंत्र का प्रभाव नहीं मिलता है । आजकल व्यक्ति बिना गुरु के निर्देशन में कुंडलिनी साधना करते हैं वह उनके लिए उपयुक्त नहीं है और बिना गुरु के निर्देशन में साधना करना उनके लिए घातक हो सकता है । सभी व्यक्तियों को किसी सिद्ध गुरु के निर्देशन में ही कुंडलिनी साधना करनी चाहिए ।

🚩भारतीय संस्कृति एक दिव्य संस्कृति है । इसमें प्राणिमात्र के हित की भावना है । हिन्दुत्व को साम्प्रदायिक या आतंकवादी कहने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि हिन्दुत्व अन्य मत पंथों की तरह मारकाट करके अपनी साम्राज्यवादी लिप्सा की पूर्ति हेतु किसी व्यक्ति विशेष द्वारा निर्मित नहीं है ।

🚩हिन्दुत्व एक व्यवस्था है मानव में महामानव और महामानव में महेश्वर को प्रगट करने की । यह द्विपादपशु सदृश उच्छृंखल व्यक्ति को देवता बनाने वाली एक महान परम्परा है । 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' का उद्घोष केवल इसी संस्कृति के द्वारा किया गया है इसलिए आज हिन्दू धर्म अपना रहे हैं ।

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Friday, November 30, 2018

कांग्रेस और मीडिया ने किया हिन्दू विरोधी कार्य, जनता ने दिया करारा जवाब

30 नवम्बर 2018

🚩भारतीय संस्कृति महान है लेकिन उसे नष्ट करने के लिए अनेक प्रयत्न किये जा रहे हैं और उसमे भी मुख्य रूप से भूमिका निभा रही है विदेशी फंडेड प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, जो सहीं खबरें न दिखाकर केवल उसके एजेंडे के अनुसार खबरें दिखाने लगी है और कांग्रेस उसका समर्थन कर रही है ।

🚩आपको बता दें अभी हाल ही में एक घटना गुजरात के अहमदाबाद में हुई । 24 से 30 नवम्बर तक एक "बुक फेयर" लगा था उसमे करीब 250 के आसपास साहित्य के स्टाल लगे थे उसमे सभी धर्म, मत, पंथ के साहित्य के स्टाल थे, उसमे ईसाई मिशनरियां और इस्लाम पंथ वालों का भी स्टाल लगा था और वे लोग अपने स्टाल पर बुलाकर ईसाई और मुस्लिम धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे थे और बुक भी फ्री में बांट रहे थे, लेकिन उनके खिलाफ न मीडिया बोली और न ही कांग्रेस बोली, सभी मौन रहे ।
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🚩बता दें कि मीडिया और कांग्रेस हिन्दू संत आसाराम बापू आश्रम के हिंदू संस्कृति के साहित्य स्टॉल से तिलमिला उठे और मीडिया और कांग्रेस के प्रवक्ता उनके खिलाफ बोलने लगे, यहाँ तक की स्टाल बंद करने की धमकी भी दे डाली पर जनता ने मीडिया और कांग्रेस का कड़ा विरोध किया और स्टाल पर रखी हजारों पुस्तक खरीदने लगे और भारतीय संस्कृति की महिमा समझने लगे ।

🚩मीडिया और कांग्रेस को यह सवाल चुभ रहा था कि आसाराम बापू को सजा हो गई फिर भी उनके साहित्य क्यों बिक रहे हैं, लेकिन आपको बता दें कि सलमान खान को हिट एंड रन और काले हिरण हत्या केस में सेशन कोर्ट ने सजा सुना दी थी तब तो मीडिया और कांग्रेस सलमान खान के पक्ष में बोल रही थी एक भी शो बंद करने की मांग नहीं की, फिर उन्हें हाइकोर्ट से तुंरत जमानत भी मिल गई, लेकिन धर्मान्तरण पर रोक लगाने वाले हिन्दू संत आसाराम बापू के केस में 5 साल तक ट्रायल चला उसमें भी जमानत नहीं मिल पाई और सजा होने के बाद भी नहीं मिल पाई इससे साफ होता है कि राष्ट्रविरोधी ताकतें उन्हें बाहर नहीं आना देना चाहती हैं ।

🚩आपको बता दें कि हिन्दू संत आसाराम बापू करीब 5 साल 3 महीने से जोधपुर जेल में बंद हैं उनको सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन हाईकोर्ट में उन्होंने सेशन कोर्ट की सजा के खिलाफ चैलेंज किया है, हाईकोर्ट ने उनकी अपील स्वीकार भी कर ली है ।

🚩बता दें कि न्यायव्यवस्था में चारस्तरीय व्यवस्था बनाई गयी है अगर पहली कोर्ट से चूक हो जाए, तो दूसरी और यदि कहीं दूसरी से हो जाये तो तीसरी इस तरीके से आखरी सुप्रीम तक जा सकते हैं।  वहाँ भी न्याय न मिले तो लोक अदालत में जा सकते हैं । जबतक आखरी कोर्ट से सजा नहीं होती है तबतक आप न्यायप्रक्रिया से गुजर रहे हैं । पहली कोर्ट का आखरी निर्णय सही नहीं माना जाता है, पहली कोर्ट का निर्णय सहीं मानकर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं ऐसा ही हिन्दू संत आसाराम बापू के केस में हो रहा है अभी पहली कोर्ट ने सजा सुनाई है आगे के तीन स्टेप बाकी हैं तब तक उन्हें दोषी मानना उचित नहीं है ।

🚩मीडिया और कांग्रेस को किसी हिंदुनिष्ठ या साधु-संत का कोई एक मुद्दा मिलने की देर है फिर उसे इतना उछालते हैं मानो उनके किसी हितैषी की मौत हो गई हो पर जब अन्य धर्म पर बोलने का मौका आता है तो चुप बैठ जाते हैं ।

🚩यदि आप भी मीडिया और सेकुलर नेताओं की बातों को सच मानकर बापू आसारामजी को दोषी मानते हैं तो आपको सच्चाई बताते हैं, उसे भी जान लीजिये...

🚩1.आरोप लगाने वाली लड़की घटना बताती है राजस्थान के जोधपुर की, रहने वाली थी उत्तर प्रदेश की, पढ़ती थी मध्यप्रदेश में और तथाकथित छेड़छाड़ की घटना के 5 दिन बाद FIR करवाई गई ।  वो भी जोधपुर की घटना बताकर FIR जोधपुर से 600 कि.मी.दूर दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे ।

🚩2.  जिस रजिस्टर में लड़की की घटना लिखी थी उस हेल्पलाइन रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्ध तरीके से फाड़े गए ।

3. 20.08.2013 को लड़की के न्यायालय में मैजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान होने के बाद F.I.R. 21.08.2013 को न्यायालय में पेश की गई ।

🚩4. कमला मार्केट पुलिस स्टेशन, दिल्ली में F.I.R. लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई, जो आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई ।

5. ओरिजिनल एफ.आई.आर. को बदल दिया गया, FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।

🚩6. जोधपुर के पुलिस स्टेशन में लड़की के बयान रिकोर्ड करते समय की गयी वीडियो रिकार्डिंग में कई जगह interruptions पाए गए | 

7.मेडिकल में भी लड़की के शरीर पर एक खरोंच का भी निशान नहीं पाया गया ।

🚩8. उम्र संबंधी अलग-अलग सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र पाई गई ।

9. अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा द्वारा 12 अगस्त से 17 अगस्त 2013 (तथाकथित घटना के समय) की कॉल डिटेल हटाकर कोर्ट में पेश किया गया ।

🚩10. लड़की की कॉल डिटेल से स्पष्ट हुआ कि घटना की रात लड़की किसी संदिग्ध व्यक्ति से फोन द्वारा संपर्क में थी ।

11. तथाकथित घटना के समय बापू आसारामजी एक मँगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लड़की कुटिया में गई ही नहीं ।

🚩बता दें कि जब लड़की कुटिया में गई ही नहीं, मेडिकल में कोई प्रूफ है नहीं, फिर भी उम्रकैद सजा देना ये आश्चर्यजनक है ।

आपको बता दें कि उनपर आरोप लगने से पहले उनके आश्रम में फैक्स आया था कि पचास करोड़ दो नहीं तो जेल जाओ और चूंकि आसाराम बापू ने पैसे नहीं दिए उसके बाद ये पूरी घटना हुई ।

🚩बता दें कि डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कई बार खुलासा किया है कि बापू आसारामजी को धर्मपरिवर्तन पर रोक लगाने और लाखों हिन्दुओं की घरवापसी कराने के कारण षडयंत्र के तहत जेल भिजवाया गया है ।

🚩गौरतलब है कि बापू आसारामजी का समाज व देशहित के सेवाकार्यों में अतुलनीय योगदान रहा है जिसकी भूरी-भूरी प्रशंसा बड़ी-बड़ी सुप्रसिद्ध हस्तियों ने उनके आश्रम को प्रशस्ति पत्र देकर की है । राष्ट्रविरोधी ताकतों को यह रास न आया और उन्हें षड्यंत्रपूर्वक जेल भेजा गया ।

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Thursday, November 29, 2018

जानिए ईसाई मिशनरीयां ईसाई बनाने के लिए किस तरह करते हैं षड्यंत्र

29 नवम्बर 2018

🚩गैर ईसाईयों को ईसाई बनाने के लिए मिशनरियां किस तरह के षड्यंत्रों का प्रयोग करती हैं वह विचारणीय है । क्या आपने कभी सुना है कि कुछ मुस्लिम इसाई बने हैं? आखिर हिन्दू ही इतना आसान टारगेट क्यों है ? कुछ समय पहले झारखण्ड सरकार ने No Conversion ( धर्मान्तरण रोकने का कानून) बनाया तो समस्त ईसाइयों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया ।

🚩जानिए इनके कुछ छल कपट जो पूर्व में अपनाए गए थे और आज भी अपनाए जा रहे हैं:-

🚩1- उत्तरी सेंटिनल द्वीप के मूल निवासियों ने 27 वर्षीय अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाउ को मार दिया था । जांच में स्पष्ट हुआ कि चाउ ने हर एक भारतीय नियम, कानून और अधिनियम की अवहेलना की । ऐसा नहीं है कि चाउ पहली बार अंडमान निकोबार आया था । वह सितंबर 2016 से लेकर अपनी मौत से पहले तीन बार पोर्ट ब्लेयर आ चुका था ।

🚩आखिर चाउ कौन था? किस मानसिकता और किस उद्देश्य की पूर्ति हेतु उसने अपनी जान दांव पर लगा दी ? जहां एक तरफ भारत में चाउ के वास्तविक उद्देश्य पर पर्दा डालने का संगठित प्रयास हो रहा है वहीं ‘इंटरनेशनल क्रिश्चियन कन्सर्न’ नामक ईसाई संगठन और अधिकांश विदेशी मीडिया ने सच्चाई उजागर करते हुए चाउ का वर्णन ईसाई मिशनरी/प्रचारक के रूप में किया है । दर्दनाक मौत से पहले चाउ ने अपने माता-पिता के नाम छोड़े पत्र में लिखा, ‘आप लोगों को लगता होगा कि मैं सनक गया हूं, किंतु उन्हें (सेंटिनल द्वीपवासी) जीसस के बारे में बताना आवश्यक है । उन लोगों से मेरा मिलना व्यर्थ नहीं है । मैं चाहता हूं कि वे लोग भी अपनी भाषा में प्रभु की आराधना करें । यदि मेरी मौत हो जाए तो आप इन लोगों से या प्रभु से नाराज मत होना । मैं आप सभी से प्यार करता हूं और मेरी प्रार्थना है कि आप दुनिया में ईसा मसीह से अधिक किसी और से प्यार न करें।’ 13 पन्नों की यह चिट्ठी चाउ ने अपनी मदद करने वाले मछुआरों को सौंपी थी ।
Learn how to make Christian missionaries Christian: Conspiracy

🚩2-  जिसे आज हम झारखंड कहते वह उस समय बिहार का हिस्सा था । आदिवासियों में एक अफवाह फैलाई गई कि आदिवासी हिन्दू नहीं इसाई हैं । उस समय कार्तिक उरांव, जो वनवासियों के समुदाय से थे एवं कांग्रेस में इंदिरा गांधी के समकक्ष नेता थे, ने इसका बहुत ही कड़ा और कारगर विरोध किया । उन्होंने कहा कि पहले सरकार इस बात को निश्चित करे कि बाहर से कौन आया था ? यदि हम यहाँ के मूलवासी हैं तो फिर हम ईसाई कैसे हुए क्योंकि ईसाई पन्थ तो भारत से नहीं निकला । और यदि हम बाहर से आए ईसाईयत को लेकर, तो फिर आर्य यहाँ के मूलवासी हुए । और यदि हम ही बाहर से आए तो फिर ईसा के जन्म से हज़ारों वर्ष पूर्व हमारे समुदाय में निषादराज, गुह, शबरी, कणप्पा आदि कैसे हुए ? उन्होंने यह कहा कि हम सदैव हिन्दू थे, हैं और रहेंगे ।

🚩उसके बाद कार्तिक उरांव ने बिना किसी पूर्व सूचना एवं तैयारी के भारत के भिन्न-भिन्न कोनों से वनवासियों के पाहन, वृद्ध तथा टाना भगतों को बुलाया और यह कहा कि आप अपने जन्मोत्सव, विवाह आदि में जो लोकगीत गाते हैं उन्हें हमें बताईए । और फिर वहां सैकड़ों गीत गाये गए और सारे गीतों में यही वर्णन मिला कि यशोदा जी बालकृष्ण को पालना झुला रही हैं, सीता माता राम जी को पुष्पवाटिका में निहार रही हैं, कौशल्या जी राम जी को दूध पिला रही हैं, कृष्ण जी रुक्मिणी से परिहास कर रहे हैं, आदि आदि । साथ ही यह भी कहा कि हम एकादशी को अन्न नहीं खाते, जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा, विजयादशमी, रामनवमी, रक्षाबन्धन, देवोत्थान पर्व, होली, दीपावली आदि बड़े धूमधाम से मनाते हैं ।

🚩फिर कार्तिक उरांव ने कहा कि यहाँ यदि एक भी व्यक्ति यह गीत गा दे कि मरियम ईसा को पालना झुला रही हैं और यह गीत हमारे परम्परा में प्राचीन काल से है तो मैं भी ईसाई बन जाऊंगा । उन्होंने यह भी कहा कि मैं वनवासियों के उरांव समुदाय से हूँ । हनुमानजी हमारे आदिगुरु हैं और उन्होंने हमें राम नाम की दीक्षा दी थी । ओ राम , ओ राम कहते कहते हम उरांव के नाम से जाने गए । हम हिन्दू ही पैदा हुए और हिन्दू ही मरेंगे । 

🚩3 - "जेमो केन्याटा" केन्या की जनता के बीच राष्ट्रपिता का दर्जा रखते हैं । उन्होंने कहा था, 
जब केन्या में ईसाई मिशनरियां आर्इं उस समय हमारी धरती हमारे पास थी और उनकी बाइबिल उनके पास । 
उन्होंने हम से कहा – “आँख बंद कर प्रार्थना करो ।” 
जब हमारी आंखें खुलीं तो हमने देखा कि उनकी बाइबिल हमारे पास थी और हमारी धरती उनके पास।

🚩4-- छत्तीसगढ़ - एक मिशनरी के हाथ में 2 मूर्तियाँ । एक भगवान कृष्ण की, दूसरी यीशु की । ईसाई मिशनरी (प्रचारक) गाँव वालों को कहता है कि देखो जिसका भगवान सच्चा होगा वह पानी में तैर जाएगा। यीशू की मूर्ति तैरती हैं ( क्योंकि वह लकड़ी की बनी थी) और श्रीकृष्ण की मूर्ति पानी में डूब जाती है (क्योंकि वह POP या मिट्टी की बनी थी)। ये ट्रिक कई गाँवों में आजमाई गई । एक गाँव में एक युवक ने कहा कि हमारे यहाँ तो अग्नि परीक्षा होती है तो मिशनरी बहाना बनाकर निकल जाते हैं ।
🚩5 - इसाई चमत्कारिक प्रेरक/ प्रचारक – पाल दिनाकरण – प्रार्थना के पैक बेचते हैं ।
पॉल दिनाकरण प्रार्थना की ताकत से भक्तों को शारीरिक तकलीफों व दूसरी समस्याओं से छुटकारा दिलाने का दावा करते हैं । पॉल बाबा अपने भक्तों को इश्योरेंस या प्रीपेड कार्ड की तरह प्रेयर पैकेज बेचते हैं । यानी, वे जिसके लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं, उससे मोटी रकम भी वसूलते हैं । मसलन 3000 रुपये में आप अपने बच्चों व परिवार के लिए प्रार्थना करवा सकते हैं । पॉल दिनाकरण जो कि एक इसाई प्रेरक हैं उनकी संपत्ति 5000 करोड़ से ज्यादा है,बिशप के.पी.योहन्नान की संपत्ति 7000 करोड़ है, ब्रदर थान्कू (कोट्टायम , करेला ) की संपत्ति 6000 हज़ार करोड़ से अधिक है ।

🚩6 - .अभी कुछ साल पहले मदर टेरेसा का बीटिफिकेशन हुआ था अर्थात मदर टेरेसा को सन्त घोषित किया गया। जिसके लिए राईगंज के पास की रहनेवाली किन्हीं मोनिका बेसरा से जुड़े 'चमत्कार' का विवरण पेश किया गया था । गौरतलब है कि 'चमत्कार' की घटना की प्रामाणिकता को लेकर सिस्टर्स आफ चैरिटी के लोगाें ने लम्बा चौड़ा 450 पेज का विवरण वैटिकन को भेजा था । यह प्रचारित किया गया था कि मोनिका के ट्यूमर पर जैसे ही मदर टेरेसा के लॉकेट का स्पर्श हुआ, वह फोड़ा छूमन्तर हुआ । दूसरी तरफ खुद मोनिका बेसरा के पति सैकिया मूर्म ने खुद 'चमत्कार' की घटना पर यकीन नहीं किया था और मीडियाकर्मियों को बताया था कि किस तरह मोनिका का लम्बा इलाज चला था । दूसरे राईगंज के सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने भी बताया था कि किस तरह मोनिका बेसरा का लम्बा इलाज उन्होंने उसके ट्यूमर ठीक होने के लिए किया ।

🚩भारत की सनातन परंपरा सदियों से भय, लालच और धोखे का शिकार रही है । देश में अधिकांश चर्चों और ईसाई मिशनरियों की विकृत ‘सेवा’ उसी गुप्त एजेंडे का हिस्सा है जिसकी नींव 15वीं शताब्दी में गोवा में पुर्तगालियों के आगमन और 1647 में ब्रितानी चैपलेन ने मद्रास पहुंचने पर रखी थीं । 1813 में चर्च के दवाब में अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया चार्टर में विवादित धारा जोड़ी, जिसके बाद ब्रिटिश पादरियों और ईसाई मिशनरियों का भारत में ईसाईयत के प्रचार-प्रसार का मार्ग साफ हो गया । तभी से भारतीय समाज के भीतर मतांतरण का खेल जारी है । आज भी स्वतंत्र भारत के कई क्षेत्रों में खुलेआम कथित आत्मा का कुत्सित व्यापार-विदेशी वित्तपोषित स्वयंसेवी संगठनों के समर्थन और वामपंथियों सहित स्वयंभू सेक्युलरिस्टों की शह पर धड़ल्ले से चल रहा है ।

🚩स्वतंत्रता से पूर्व नगालैंड और मिजोरम-दोनों आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र थे । 1941 में नगालैंड की कुल आबादी में जहां गिनती के केवल नौ ईसाई (लगभग शून्य प्रतिशत) थे और मिजोरम में ईसाइयों की संख्या केवल .03 प्रतिशत थी, वह यकायक 1951 में बढ़कर क्रमश: 46 और 90 प्रतिशत हो गई । 2011 की जनगणना के अनुसार, दोनों प्रांतों की कुल जनसंख्या में ईसाई क्रमश: 88 और 87 प्रतिशत हैं । मेघालय की भी यही स्थिति है । अब इतनी वृहद मात्रा में मतांतरण के लिए क्या-क्या हथकंडे अपनाए गए होंगे, इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं है । क्या यह सत्य नहीं कि इसी जनसांख्यिकीय स्थिति के कारण इन इलाकों में चर्च का अत्यधिक प्रभाव है और वहां का एक वर्ग भारत की मुख्यधारा से कटा हुआ है?

🚩ईसाई दयालुता केवल तभी तक है जब तक कोई व्यक्ति ईसाई नहीं बनता । यदि इन्हें लोगों की भूख, गरीबी और बीमारी की ही चिन्ता होती तो अफ्रीका महाद्वीप के उन देशों में जाते जहाँ 95% जनसंख्या ईसाई है । आज जरूरत है कि प्रत्येक भारतीय महर्षि दयानन्द कृत सत्यार्थ प्रकाश पढ़े और विधर्मियों के छल कपट को समझे । यदि हम आज नहीं जागे तो कल तक बहुत देर हो जाएगी और हमारा अस्तित्व खतरे में आ जाएगा । 

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