Monday, December 17, 2018

निचली कोर्ट ने दी थी उम्रकैद की सजा, हाईकोर्ट ने 10 साल बाद किया निर्दोष बरी

17 दिसंबर 2018
🚩 भारत में अंग्रेजों ने जो कानून बनाया था वे देशहित कार्य करने वाले व्यक्तियों को फँसाने एवं निर्दोष को न्याय न मिले और यदि कोई अपराधी बचना चाहे तो आसानी से बच सके इस उद्देश्य से बनाया था, जो आज भी चल रहे हैं जिसका शिकार सिर्फ आम जनता, गरीब और हिन्दूनिष्ठ ही हो रहे हैं । बाकी नेता, अभिनेता, अमीर, पत्रकार, ईसाई और मुस्लिम धर्मगुरुओं पर कानूनी कार्यवाही या तो देर से होती है अथवा न के बराबर होती है ।
🚩 जाने कहाँ दग़ा दे-दे, जाने किसे सज़ा दे-दे
साथ न दे कमज़ोरों का, ये साथी है चोरों का
बातों और दलीलों का, ये खेल वक़ीलों का
ये इन्साफ़ नहीं करता, किसी को माफ़ नहीं करता
माफ़ इसे हर ख़ून है ये अन्धा क़ानून है ...
The lower court had sentenced to life
imprisonment the High Court acquitted

🚩आज एक के बाद एक कानूनी फैसलों को देख ये पंक्तियां बिल्कुल सहीं बैठती हैं कि कानून अंधा होता है । पहले भी कई फैसले न्यायालय द्वारा ऐसे दिए गए हैं, जिनसे दोषियों की सज़ा का तो पता नहीं, लेकिन निर्दोष लोगों के साथ बड़ा अन्याय हुआ है ।
🚩आज से पहले भी कई दोषी नेता-अभिनेता, पत्रकार निर्दोष रिहा हुए हैं वहीं बेगुनाह हिंदू संत, राष्ट्रवादी एवं हिंदुनिष्ठ लोग और आम जनता इस अंधे कानून के फैसले का शिकार हुए हैं । ऐसे निर्दोष लोग जिन्होंने कोई जुर्म न किया हो फिर भी सालों तक जेल में रहना पड़ा हो और फिर कई वर्षों बाद निर्दोष बरी होते हैं, इज्जत-आबरू पैसों के साथ-साथ इतने वर्षों का समय भी जेल में बर्बाद हो जाता है ।
🚩ऐसा ही एक वाकया हुआ अमृतसर के रहने वाले गोगा के साथ.. जिसे एक ऐसे हत्या के आरोप में 9 साल जेल में बिताना पड़ा जो उसने कभी किया ही नहीं...
🚩क्या है पूरा मामला ?
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हत्या के आरोप में दस वर्षों से उम्रकैद की सजा काट रहे व्यक्ति को आरोप मुक्त कर दिया है । न्यायमूर्ति ए. बी. चौधरी और कुलदीप सिंह की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई और सभी दलीलों से सहमत होकर ये पाया कि सनी उर्फ गोगा का इस हत्या में कोई हाथ नहीं था। न्यायालय ने इस मामले में गोगा को बरी कर दिया । वरिष्ठ वकील विशाल हांडा ने बताया कि अमृतसर के सनी उर्फ गोगा को अदालत ने 9 साल की कानूनी लड़ाई के बाद हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया है । गोगा दस साल से जेल में बंद था । उन्होंने बताया कि टैक्सी चालक अवतार सिंह की हत्या होने पर उसके भाई सुखचैन सिंह ने छेहरटा थाना में 11 सितंबर 2009 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी ।
🚩दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार अवतार टैक्सी स्टैंड छेरहटा में अपने भाई सुखचैन सिंह के साथ टैक्सी चलाया करता था, 21 अगस्त 2009 को रोशन नाम का शख्स अपने किसी मित्र के साथ अवतार के पास टैक्सी की बुकिंग के लिए आया तथा उसका कांटेक्ट नंबर ये कहकर ले गया कि उसे सलाह करके फ़ोन पर बताएंगे । 23 अगस्त को अवतार सिंह के पास रोशन का फ़ोन आया और उन्होंने कश्मीर जाने के लिए टैक्सी बुक करवा दी ।
🚩कश्मीर पुलिस ने 27 अगस्त 2009 को अवतार की टैक्सी एक सुनसान जगह पर खड़ी पाई। गाड़ी के कागज की शिनाख्त पर उन्होंने उसके भाई सुखचैन को फ़ोन कर इसकी सूचना दी थी । अवतार गायब था इसलिए 11 सितम्बर 2009 को अमृतसर के छेहरटा थाना में एफआईआर दर्ज की गयी । इसी दौरान 30 सितंबर 2009 को अवतार सिंह का शव अमरोंग नाला खाई जिला रामबाण में मिला । कश्मीर पुलिस ने सारे थानों में इसकी जानकारी दी ।
🚩अमृतसर पुलिस ने रोशी और गोगा को एक साथ जाते हुए पकड़ा और उन्हें अवतार की हत्या के जुर्म में जेल भेज दिया जबकि सनी उर्फ गोगा का कहना था कि वह रोशन के साथ कभी कश्मीर गया ही नहीं । वर्ष 2009 से 2012 तक मामले की सुनवाई जारी रही और 2012 में रोशन और सनी को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई । वर्ष 2012 में इस मामले में गोगा के हक में अपील दायर की गयी जो अब जाकर खुली ।
🚩आखिरकार सत्य परेशान तो हुआ लेकिन उसकी जीत भी हो ही गयी । सवाल यहाँ ये उठता है कि सनी उर्फ गोगा के उन 10 सालों का हिसाब कौन देगा, जो उसने बेवजह जेल में बिताए ? गोगा को सिर्फ इसलिए ही सज़ा मिली क्योंकि वो रोशन के साथ पाया गया तो क्या अगर रोशन के साथ गोगा की जगह कोई बिल्ली या कुत्ता घूम रहा होता तो उसे भी सज़ा मिलती ?
🚩 हमारे देश में जो अंग्रेजों के बनाये कानून चल रहे हैं उससे आम जनता बेहद दुःखी है नेता, अभिनेता,पत्रकारों, धनी व्यक्तियों को तो तुरन्त जमानत भी हासिल हो जाती है और कोर्ट में भी धक्के नहीं खाने पड़ते, लेकिन एक आम आदमी अपने गहने-मकान-प्रोपर्टी आदि बेचकर भी न्यायालय में न्याय पाने को तरसता रहता है, लेकिन अफसोस उसे सालों तक न्याय नहीं मिल पाता है यहाँ तक कि उसको अपना पक्ष रखने के लिए जमानत तक नहीं दी जाती है ।
🚩इससे तो आम जनता का कानुन पर से भरोसा ही उठता जा रहा है ।
🚩 हिन्दू साधु-संतों और हिन्दू कार्यकर्ताओं के साथ भी ऐसे ही हो रहा है ।
बिना सबूत साध्वी प्रज्ञा को 9 साल, स्वामी असीमानन्दजी को 8 साल, डीजी वनजारा जी को 8 साल, कर्नल पुरोहित को 7 आदि आदि को बिना सबूत जेल में रखा गया था ।
🚩आज भी बिना सबूत श्री धनंजय देसाई और श्री नारायण साई 5 साल से जेल में बंद हैं, लेकिन उनको जमानत नहीं मिल पा रही है दूसरी ओर अपराधी नेता लालू, अभिनेता सलमान खान, पत्रकार तरुण तेजपाल, अमीर विजय माल्या, नीरव मोदी, अनेक ईसाई पादरी और मौलवी आदि आज़ाद घुम रहे हैं ।
🚩इससे साफ पता चलता है कि अंग्रेजों के बनाए गए कानून के कारण गरीब, आमजनता और हिन्दूनिष्ठ ही शिकार हो रहे है ।
🚩अभी हाल ही में धर्मान्तरण रोकने वाले 82 वर्षीय हिन्दू संत आसाराम बापू को तथाकथित छेड़छाड़ के आरोप में पास्को एक्ट लगाकर उम्रकैद दे दी, उससे पहले 5 साल तक उनके केस की सुनवाई चली उसमें एक दिन के लिये भी जमानत नहीं दी गई थी । और उनके पक्ष में अनेक सबूत थे जो उन्हे निर्दोष साबित करते हैं, लेकिन उन्हें अनदेखा कर उम्रकैद सुना दी, खैर उनका केस उच्चन्यायालय में जा चुका है और उन्हें निर्दोष बरी करना पड़ेगा, लेकिन यहां मुद्दा ये है कि कानून द्वारा केवल आम जनता और हिंदुनिष्ठों को ही क्यों प्रताड़ित किया जाता है ?
🚩सरकार और न्यायालय को इस पर गंभीर विचार करना चाहिए ताकि आम व्यक्ति को शीघ्र न्याय मिले इसके लिए कदम आगे बढ़ाना चाहिए अन्यथा सालों तक निर्दोष होने पर भी जेल में रहना फिर बेल मिलना ये अन्याय ही है ।
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Sunday, December 16, 2018

जानिए विश्व का सबसे श्रेष्ठ ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता क्यों है ?

16 दिसंबर 2018
🚩गीता में ऐसा उत्तम और सर्वव्यापी ज्ञान है कि उसकी रचना हुए हजारों वर्ष बीत गए हैं किन्तु उसके बाद, उसके समान किसी भी ग्रंथ की रचना नहीं हुई है । 18 अध्याय एवं 700 श्लोकों में रचित तथा भक्ति, ज्ञान, योग एवं निष्कामता आदि से भरपूर यह गीता ग्रन्थ विश्व में एकमात्र ऐसा ग्रन्थ है जिसकी जयंती मनायी जाती है ।
🚩श्रीमद्भगवद्गीता ने किसी मत, पंथ की सराहना या निंदा नहीं की अपितु मनुष्यमात्र की उन्नति की बात कही है ।  गीता जीवन का दृष्टिकोण उन्नत बनाने की कला सिखाती है और युद्ध जैसे घोर कर्मों में भी निर्लेप रहने की कला सिखाती है । मरने के बाद नहीं, जीते-जी मुक्ति का स्वाद दिलाती है गीता !
इस साल श्रीमद्भगवद्गीता जयंती 19 दिसंबर को है ।
🚩‘गीता’ में 18 अध्याय हैं, 700 #श्लोक हैं, 94569 शब्द हैं । विश्व की 578 से भी अधिक भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है ।
🚩'यह मेरा हृदय है’- ऐसा अगर किसी ग्रंथ के लिए #भगवान ने कहा है तो वह गीता जी है । गीता मे हृदयं पार्थ । ‘गीता मेरा हृदय है ।’
🚩गीता ने गजब कर दिया - धर्मक्षेत्रे #कुरुक्षेत्रे... युद्ध के मैदान को भी धर्मक्षेत्र बना दिया । #युद्ध के मैदान में गीता ने योग प्रकटाया । हाथी चिंघाड़ रहे हैं, घोड़े हिनहिना रहे हैं, दोनों सेनाओं के योद्धा प्रतिशोध की आग में तप रहे हैं । किंकर्तव्यविमूढ़ता से उदास बैठे हुए अर्जुन को भगवान  श्रीकृष्ण ज्ञान का उपदेश दे रहे हैं ।
आजादी के समय #स्वतंत्रता सेनानियों को जब फाँसी की सजा दी जाती थी, तब ‘गीता’ के #श्लोक बोलते हुए वे हँसते-हँसते #फाँसी पर लटक जाते थे ।
Know why the best text in the world is Lord Bhagwadgita?

🚩श्री वेदव्यास ने महाभारत में गीता का वर्णन करने के उपरान्त कहा हैः
गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः।
या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद्विनिः सुता।।
'गीता सुगीता करने योग्य है अर्थात् श्री गीता को भली प्रकार पढ़कर अर्थ और भाव सहित अंतःकरण में धारण कर लेना मुख्य कर्तव्य है, जो कि स्वयं श्री पद्मनाभ विष्णु भगवान के मुखारविन्द से निकली हुई है, फिर अन्य शास्त्रों के विस्तार से क्या प्रयोजन है?'
🚩गीता सर्वशास्त्रमयी है । गीता में सारे शास्त्रों का सार भार हुआ है । इसे सारे शास्त्रों का खजाना कहें तो भी अत्युक्ति न होगी । गीता का भलीभाँति ज्ञान हो जाने पर सब शास्त्रों का तात्त्विक ज्ञान अपने आप हो सकता है । उसके लिए अलग से परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं रहती ।
🚩वराहपुराण में गीता का महिमा का बयान करते-करते भगवान ने स्वयं कहा हैः
गीताश्रयेऽहं तिष्ठामि गीता मे चोत्तमं गृहम्।
गीताज्ञानमुपाश्रित्यत्रींल्लोकान्पालयाम्यहम्।।
'मैं गीता के आश्रय में रहता हूँ। गीता मेरा श्रेष्ठ घर है। गीता के ज्ञान का सहारा लेकर ही मैं तीनों लोकों का पालन करता हूँ।'
🚩श्रीमद् भगवदगीता केवल किसी विशेष धर्म या जाति या व्यक्ति के लिए ही नहीं, वरन् मानवमात्र के लिए उपयोगी व हितकारी है । चाहे किसी भी देश, वेश, समुदाय, संप्रदाय, जाति, वर्ण व आश्रम का व्यक्ति क्यों न हो, यदि वह इसका थोड़ा-सा भी नियमित पठन-पाठन करें तो उसे अनेक अनेक आश्चर्यजनक लाभ मिलने लगते हैं ।
🚩श्रीमद् भगवद् गीता के ज्ञानामृत के पान से मनुष्य के जीवन में साहस, सरलता, स्नेह, शांति और धर्म आदि दैवी गुण सहज में ही विकसित हो उठते हैं । अधर्म, अन्याय एवं शोषण  मुकाबला करने का सामर्थ्य आ जाता है । भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्रदान करने वाला, निर्भयता आदि दैवी गुणों को विकसित करनेवाला यह गीता ग्रन्थ पूरे विश्व में अद्वितीय है ।
🚩विदेशों में श्री गीता का महत्व समझकर स्कूल, कॉलेजों में पढ़ाने लगे है, भारत सरकार भी अगर बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनना चाहती है तो सभी स्कूलों कॉलेज में गीता अनिवार्य कर देना चाहिए ।
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Saturday, December 15, 2018

उत्तराखंड के बाद हिमाचल में गाय को मिला "राष्ट्रमाता" का दर्जा

15 दिसंबर 2018

🚩गाय माता देश की धरोहर है और उसमें 33 करोड़ देवताओं का वास होता है, देश में गौभक्त सदियों से लड़ाई लड़ रहे हैं पर न न्यायालय सुन रहा है और ना ही सरकार, लेकिन अभी एक खुशी की खबर आई है कि उत्तराखंड के बाद हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा में गाय को राष्ट्रमाता' घोषित करने का बिल पास हो गया है ।

🚩गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा राज्य बन गया है । शिमला के कुसमपट्टी से कांग्रेस विधायक की ओर से लाए संकल्प प्रस्ताव पर भाजपा और कांग्रेस के सभी सदस्यों ने हामी भरते हुए सर्वसम्मति से पारित कर दिया । कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध की ओर से सदन में रखे गए इस गैर सरकारी सदस्य कार्य संकल्प को पारित करने के बाद अब स्वीकृति के लिए केंद्र को भेजा जाएगा । गुरुवार को शीतकालीन सत्र का प्राइवेट मेंबर्स डे था । इस दौरान कांग्रेस विधायक ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने हेतु कोई नियम बनाने का प्रस्ताव रखा । 
After Uttarakhand, the cow got the status of "nation mother" in Himachal

🚩अनिरुद्ध ने सत्र में कहा कि गौमाता का इस्तेमाल करने के बाद उसे लावारिस छोड़ दिया जाता है । मामले में मोब लिंचिंग का दौर भी आया । ऐसे में गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाना चाहिए । इसके बाद सत्तापक्ष भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के सभी सदस्यों ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए हामी भरी और संकल्प सदन में सर्वसम्मति से पारित हो गया ।

🚩अनिरुद्ध की बात का समर्थन करते हुए सदन में पशुपालन मंत्री वीरेंद्र ने कहा कि वर्ष 2011-12 के अनुसार, हिमाचल में 21 लाख 49 हजार गायें पंजीकृत हुईं थी, इनमें से 40 हजार गायें सड़कों पर हैं, 10 हजार गायें गौशालाओं में हैं ।  बता दें कि धर्मशाला में 10 से पंद्रह दिसंबर तक हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है । 

🚩हिमाचल में खुलेंगी काऊ सेंक्चुरीज :-

इससे पहले भी हिमाचल में बेसहारा और लावारिस गायों को शेल्टर और चारे की व्यवस्था के लिए सरकार की ओर से पहल की जा रही है । प्रदेश पशुपालन विभाग सूबे भर में 13 काऊ सेंक्चुरी स्थापित करेगा । इसके तहत ऊना में 3, चंबा में 2, कांगड़ा में 2, हमीरपुर में 2, बिलासपुर में 2 तथा सिरमौर में 2 गौ-अभ्यारण्य बनेंगे. ऊना में इसके लिए थानाकलां, गगरेट और कटौहड़ कलां में जगह भी चिन्हित कर ली गई हैं ।

🚩शराब पर सेस लगाती है सरकार :-

हिमाचल में गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री पर भी एक प्रतिशत सेस लगाया है। इससे करीबन 10 करोड़ की सालाना आय होने का अनुमान है । बीते बजट सेशन में इसका प्रावधान किया गया था । यह राशि पूरी तरह से बेसहारा गायों के संरक्षण पर खर्च होगी ।

🚩आखिर क्यों उठती है बार-बार गाय माता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग ?

1.गौ माता में #तैंतीस करोड़ देवताओं का वास है ।

2. गौ माता अन्नपूर्णा देवी, कामधेनू तथा मनोकामना पूर्ण करने वाली है।

3. गौ #माता #धर्म की धुरी है । गौ माता के बिना धर्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती । 

4 .गाय के #दूध, घी, #गोबर, #दही और 
गौ-मूत्र के निर्मित पंचगव्य से शरीर में रोग-प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने की क्षमता बढ़ती है ।

5.  गाय #धार्मिक #आर्थिक #सांस्कृतिक व #आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न है ।

🚩गौमाता ही सनातन धर्म की मूल है । जिस गौमाता के दूध की खीर से भगवान राम अवतरित हुए, जिस गौमाता के पीछे भगवान कृष्ण भागते रहे, जिस गौमाता की रक्षा के लिए भगवान परशुराम ने अपने पिता की हत्या का प्रतिशोध लिया, जिस गौमाता के कारण ही हमारे 16 संस्कार पूर्ण होते है, जो गौमाता भारत माता का साकार स्वरूप है, जो गौमाता आज़ादी की क्रांति का मूल है, जो गौमाता धर्म, अर्थ, काम और  मोक्ष देने वाली है, जो गौमाता भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो गौमाता भारत को विश्वगुरु बना सकती है, जो गौमाता किसानों को गोबर का मूल्य दिला सकती है, जो गौमाता दूध से ही कुपोषण को दूर कर सकती है, जो गौमाता प्रकृति को प्राणवायु दे सकती है, जो गौमाता आरोग्य की मूल है,जो गौमाता स्वयं प्रकृति है, जो गौमाता भारत का स्वरूप है उस गौमाता को 70 वर्षो से निरंतर काटा जा रहा है, इससे बड़े शर्म, दुर्भाग्य और पाप की बात क्या होगी भला ।

🚩सोचिए गौमाता को हम विश्वमाता कहते हैं और माता मानते हैं, लेकिन भारत सरकार के दस्तावेजों में गाय पशु है और पशु काटने के 36000 से अधिक वैध-अवैध कत्लखाने हैं भारत में, इसलिए जब तक गाय पशु है तब तक कौन उसे बचा सकता है और जब गाय माता है तो कौन माई का लाल उसे काट सकता है । इसलिए गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाना जरूरी है ।

🚩गौ-माता भारत देश की रीड की हड्डी है । जो सभी को स्वस्थ्य #सुखी जीवन जीने में मदद रूप बनती है । देशवासियों को आजीवन गौ-माता की रक्षा के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए ।

🚩जैसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रयास किया, गाय माता को "राष्ट्रमाता" दर्जा दिलाने के लिए ऐसे ही हर राज्य की सरकार और केंद्र सरकार को प्रयास करके गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवाना चाहिए ।

🚩गौमाता की इतनी उपयोगिता और उसकी हत्या हो रही है उससे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि सभी को मिलकर #गौ-माता को #राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाकर तन-मन-धन से इसकी रक्षा करनी चाहिए ।

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Friday, December 14, 2018

भारत में बढ़ता जा रहा है फेक व पेड न्यूज़ का प्रभाव

14 दिसंबर 2018
Influence of Fake and Paid News in India

🚩भारत में दिखाई जाने वाली झूठी ख़बरों के चर्चे तो दूर-दूर तक फैले हैं । जो मीडिया देश के लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, एक ऐसा स्तंभ जो चाहे तो हमारे देश की नींव को मजबूती प्रदान कर सकती है, लेकिन आज वही मीडिया देश की दुश्मन बन बैठी है, अपनी संस्कृति को नष्ट करने वाली बन गयी है, लोगों के मन में सच्चे और ईमानदार हिन्दू नेताओं और पवित्र हिन्दू संतों के प्रति जहर घोलने वाली बन गयी है ।

🚩मीडिया में दिखाई जाने वाली खबरें पहले तो सिर्फ फेक हुआ करती थीं, लेकिन अब फेक होने के साथ-साथ पेड भी हो गयी हैं, मीडिया अपने स्वार्थ में अंधी हो, TRP की दौड़ में इतनी अंधी हो चुकी है कि सच से उसका कुछ वास्ता ही नहीं रह गया है ।

🚩दुनिया के दूसरे हिस्सों के साथ-साथ भारत में फ़ेक न्यूज़ का प्रसार कितनी तेज़ी और किस तरह बढ़ रहा है, इसका तो अंदाजा आम इन्सान लगा ही नहीं सकता, लेकिन ख़बरों की दुनिया में फ़ेक न्यूज़ कोई अकेली बीमारी नहीं है । एक ऐसी ही बीमारी है पेड न्यूज़, जिसने मीडिया जगत को अपनी चपेट में ले रखा है । कई बार दोनों का रूप एक भी हो सकता है और कई बार अलग-अलग भी । वैसे पेड न्यूज़ की बीमारी को आप थोड़ा गंभीर इसलिए मान लें क्योंकि इसमें बड़े-बड़े मीडिया संस्थानों से लेकर दूर दराज़ के क़स्बाई मीडिया घराने भी शामिल हैं ।

पेड न्यूज़, जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है वैसी ख़बर जिसके लिए किसी ने भुगतान किया हो । ऐसी ख़बरों की तादाद हिन्दू निष्ठ नेताओं, हिन्दू धर्म के प्रतिनिधि खासकर हिन्दू संतों के मामले बढ़ जाती है ।

🚩कितनी गंभीर है पेड न्यूज़ की बीमारी :-

बीते दिनों कोबरा पोस्ट के स्टिंग में भी ये दावा किया गया कि कुछ मीडिया संस्थान पैसों की लालच में कंटेंट के साथ फेरबदल करने को तैयार दिखते हैं ।

प्रभात ख़बर के बिहार संपादक अजेय कुमार कहते हैं, "दरअसल अब पेड न्यूज़ केवल कुछ मसलों तक ही सीमित नहीं रह गया है । आए दिन सामान्य ख़बरों में भी इस तरह के मामलों से हमें जूझना होता है । ये स्थानीय संवाद सूत्र से शुरू होकर हर स्तर तक पहुंचता है ।"

🚩एक वरिष्ठ टीवी पत्रकार कहते हैं, "चैनल और अख़बार निस्संदेह एक प्रॉडक्ट हो गए हैं, लेकिन प्रॉडक्ट में पेड न्यूज़ की धोखाधड़ी तो नहीं होनी चाहिए। अगर आप पैसा लेते हैं तो उसे साफ़ और स्पष्ट तौर पर विज्ञापन घोषित करना चाहिए ।" :- स्रोत्र बी.बी.सी. न्यूज़

🚩मीडिया की ख़बरों को देखकर एक बात तो स्पष्ट रूप से कही जा सकती है कि जो दिखता है तो बिकता है, मतलब कि मीडिया में दिखाई गयी अधिकतर बातें बिकी हुई ही होती हैं । आज देश में मीडिया की स्थिति कुछ इस प्रकार है कि यदि इन्हें पैसे दिए जाएं और ये कहने को बोला जाए कि रात में सूर्य को देखा गया है, तो इस बात को भी बढ़ा-चढ़ा कर तथा झूठे साक्ष्य, जी हाँ मीडिया अपनी बात को सच साबित करने के लिए झूठे साक्ष्य बनाने से भी पीछे नहीं हटती है, बनाकर भी मीडिया आपको ये यकीन करने पर मजबूर कर देगी कि रात्रि में सूर्योदय भी हो सकता है ।

🚩हिन्दू संतों की बात करें तो मीडिया तो जैसे उनसे अपनी कोई दुश्मनी निकालती है, विधर्मियों के पैसे खाकर आए दिन झूठी ख़बरें बनाकर दिखाती है । शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, हिंदू संत आसाराम बापू, नित्यानंद स्वामी, साध्वी प्रज्ञा आदि कुछ इसके प्रमुख उदहारण हैं ।

 🚩हम ये नहीं कहते कि देश में मीडिया होनी ही नहीं चाहिए, मीडिया की भूमिका भी देश के विकास में महत्वपूर्ण है, लेकिन यदि वो ईमानदारी पूर्वक अपना कार्य करे तो.. अन्यथा मीडिया देश के लिए सिर्फ एक धीमे जहर का काम कर रही है ।

🚩अब यदि मीडिया नहीं सुधरी तो हम सबको संगठित होकर पेड मीडिया का बहिष्कार करना चाहिए, ताकि हम तक सहीं खबर पहुँच पाए और झूठी खरबों पर लगाम लग जाए ।।

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