March 11, 2018
ईसाई मिशनरियों ने वृद्धों की सहायता के लिए वृद्धाश्रम खोला लेकिन उसकी असलियत जानकर आप भी दाँतों तले उंगली दबा देंगे, यही खबर छुपाने के लिये दारू पीकर मर गई श्रीदेवी की खबर दिन रात दिखाई जा रही है अगर यही घटना किसी हिन्दू संत के वहाँ होती तो मीडिया दिन-रात खबरें चिल्ला-चिल्ला कर बताती लेकिन ईसाई मिशनरियों की है तो मीडिया चुप है ।
Christian missionaries of St. Joseph's well-fed homes, the wells of atrocities, the media quiet |
चेन्नई में ईसाई मिशनरियों का सेंट जोसेफ वृद्धाश्रम लगभग 17 एकड भूमि में विस्तरित है । उसमें अनुमान से आधा एकड भूमि में शवागृह है । वृद्धाश्रम का प्रभारी फादर थॉमस यहां के अनाथ वृद्धों पर अमानवीय अत्याचार करते हैं । थॉमस ने वृद्धाश्रम के सभी कर्मचारियों को घुंस देकर अपने पक्ष में किया है ।
शवागृह के मृतदेहों के अवयव तथा हड्डियों की चोरी कर उसे विदेश में निर्यात किया जाता हैं ।
सेंट जोसेफ़ की संस्था की वेन गाड़ी में एक बूढ़ी औरत 'बचाओ-बचाओ' की आवाज़ लगा रही थी, रोड़ पे इनकी गाड़ी रोकी गई और उस गाड़ी से दो वृद्धजनों को बचाया गया। फिर इसके बाद इस ओल्डएज होम पे छापा पड़ा जहाँ इंटेलिजेंस वालों के होश उड़ गए। ओल्डएज होम पर लाशों का रैक बना हुआ था बड़े-बड़े बक्सों के अंदर लेकिन बक्सों में केवल लाश ही नही थी बस मांस के लोथड़े ही बचे थे। 1600 से ऊपर ऐसे लोथड़े थे। इससे पहले तो पता नहीं कितने ही ऐसे लोथड़े मिट्टी में मिल गए होंगे । इनकी हड्डियां और अंग विदेशों में सप्लाई कर दिए जाते हैं, जहाँ बहुत माँग हैं इन सबकी । उनके ही वृद्धाश्रम से पता नहीं कितनों को मारकर इनकी हड्डियां और ऑर्गन्स बेचे जाते होंगे ।
यहाँ तक बताया कि सड़क किनारे से बुजुर्गों को भी उठा के लाते हैं सोशल सर्विस के नाम पर उसका दाम भी तगड़ा मिलता है सोशल सर्विस के नाम से और अंदर खाने ये सब कुकृत्य किया जाता है ।
ये भी बताया कि सेंट जोसेफ़ की संस्था तो कई हॉस्पिटलस से लाशें लाते हैं और हड्डियों को निकालने का काम करते हैं।
सेंट जोसेफ वृद्धाश्रम के अनाथ वृद्धों पर किए जानेवाले अत्याचारों के विरोध में श्री. आर.डी. प्रभु के नेतृत्व में ‘भारत हिन्दू मुन्नानी’ इस संगतन ने कांचीपुरम् में प्रदर्शन किया । उस समय यह मांग की गई कि, ‘सरकार ने इस प्रकरण के अपराधियों को कडा दंड देना चाहिए !’ इस आंदोलन में श्रीराम युवा सेना, भारत हिन्दू महासभा आदि संगठन सम्मिलित हुए थे । स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
ईसाई मिशनरियों की क्रूरता देखें कितने वृद्धों के साथ कितना अत्याचार किया जा रहा है फिर भी मीडिया मौन है अगर ऐसी कोई घटना हिन्दू साधु-संत के वहाँ होती तो मीडिया दिन-रात खबरे दिखाती लेकिन ये घटना दबाने के लिए पाश्चात्य संस्कृति की तरफ ले जाने वाली श्रीदेवी जो दारू पीकर बाथरम में मर गई उसकी खबर दिन-रात दिखाकर जनता का ध्यान भटका रही है कि कहीं ईसाई मिशनरियों की पोल न खुल जाये ।
ईसाई मिशनरियों के चर्च में कितने बच्चों के साथ दुष्कर्म होते हैं, कॉन्वेंट स्कूलों में बच्चो के साथ अत्याचार होते हैं, ईसाई मिशनरियां भारत में देशवासियों को लालच देकर धर्मांतरण करवा रही है इन सब खबरों को मीडिया छुपा रही है और जो हिन्दू धर्म के रक्षक साधु-संत और हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता हैं उनको ही बदनाम करती रहती है इससे साफ पता चल रहा है कि मीडिया हिन्दू विरोधी बन चुकी है इसलिए कोई भी खबर पर भरोसा करने लायक मीडिया बची नही है ।
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