31 August 2018
सोशल मीडिया पर चारों तरफ आज ब्लैक डे के नाम से पोस्टर गुम रहे थे, जिससे हर कोई उत्सुक थे कि आज ब्लैक डे मनाने कारण क्या है ? कौन कर रहा है ?
आपको बता दें कि हिन्दू संत आसाराम बापू को 31 अगस्त 2013 को मध्यरात्री को बीमार अवस्था मे इंदौर से गिरफ्तार किया था ।
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का कहना था कि बापू आसारामजी ने धर्मान्तरण का डटकर मुकाबला किया और लाखों हिंदुओं की घरवासपी करवाई, जिससे वेटिकन सिटी नाराज हुई और सोनिया गांधी को बोलकर झूठे केस दर्ज करवाकर गिरफ्तार करवाया ।
एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत लगातार चल रहे मीडिया ट्रायल तथा बलात्कार निरोधक कानूनों के दुरुपयोग के कारण बापू आसारामजी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है ।
एक 82 वर्षीय बुजुर्ग संत को लड़खड़ाते स्वास्थ्य के बावजूद जेल में रखा गया है । इससे देश-विदेश के करोड़ों लोग व्यथित हैं । 31 अगस्त को बापू आसारामजी को गिरफ्तार किये 5 वर्ष पूरे होने पर, बापू के साथ हो रहे अन्याय को रोकने एवं उनकी शीघ्र रिहाई की माँग करते हुए देश के विभिन्न शहरों में रैलियाँ निकाली गयीं, धरना-प्रदर्शन हुए ।
देशभर में अनेक जगह पर बापू आसारामजी की शीघ्र रिहाई के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री, कानून मंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आदि को ज्ञापन सौंपे गए ।
ज्ञापन में बताया कि भारतीय संस्कृति के आधारस्तम्भ हमारे संतों पर पिछले काफी समय से झूठे, अनर्गल और मनगढ़ंत आरोप लगा के उन्हें जेल में डालकर उन पर अत्याचार किए जा रहे हैं । शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वतीजी, स्वामी केशवानंदजी, कृपालुजी महाराज, साध्वी प्रज्ञा के बाद संत आशारामजी बापू को निशाना बनाया गया है ।
बापू आसरामजी पिछले 50 वर्षों से सत्संग व सेवाकार्यों के माध्यम से विश्वमानव को सुखी, स्वस्थ व सम्मानित जीवन की राह पर अग्रसर करने हेतु अथक प्रयास करते रहे हैं । बापू आसारामजी के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से प्रेरणा पाकर असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है । समाज, संस्कृति और विश्वसेवा के दैवीकार्य में हिन्दू संत आसारामजी बापू का योगदान अद्वितीय है ।
करोड़ों लोगों के द्वारा यह माँग की गयी कि उन्हें शीघ्रातिशीघ्र ससम्मान रिहा किया जाए, उनके खिलाफ किए गये बोगस केसों को रद्द किया जाय, उन्हें फँसानेवाले षड्यंत्रकारियों पर कड़ी कार्यवाही हो और बलात्कार निरोधक कानून में भी उचित संशोधन किया जाए, जिससे कोई अन्य निर्दोष व्यक्ति इसकी चपेट में न आए ।
रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं व पुरुषों ने भाग लिया तथा बापू आसारामजी को निर्दोष बताते हुए उनकी रिहाई की माँग की । रैली में बैनरों आदि के माध्यम से भी बापू पर हो रहे अन्याय को दर्शाया गया था ।
ज्ञापन में बापू आसारामजी द्वारा किए गए सेवाकार्य का विवरण लिखा था, जो इस प्रकार है
* संयम-सदाचार, नैतिकता को समाज में सुदृढ़ करनेवाले सत्साहित्य का करोड़ों लोगों में वितरण
* नारी सशक्तीकरण एवं महिला जागृति का शंखनाद - महिला उत्थान मंडल
* अनैतिक कुप्रथाओं का निर्मूलन - गर्भपातरोधी अभियान
* नारियों में आत्मशक्ति व तेजस्विता को निखारता हुआ - तेजस्विनी अभियान
* विद्यालयों-महाविद्यालयों में - योग व उच्च संस्कार शिक्षा कार्यक्रम
* स्वस्थ, सुदृढ़ जीवन की नींव तैयार करता - व्यसनमुक्ति अभियान
* देश के लाखों बालकों के जीवन में सच्चरित्रता की गंगा का प्रवाह - बाल संस्कार केन्द्र
* बापू आसारामजी के सान्निध्य में होनेवाले ध्यानयोग साधना शिविर एवं विद्यार्थी तेजस्वी तालीम शिविर
* प्रतिवर्ष लाखों विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों व आध्यात्मिक ज्ञान को विकसित करती - दिव्य प्रेरणा-प्रकाश प्रतियोगिता
* करोड़ों युवक-युवतियों को संयमी-सदाचारी बनानेवाला - युवाधन सुरक्षा अभियान
* माता-पिता व संतानों में परस्पर ईश्वरीय भाव जगाता - मातृ-पितृ पूजन दिवस
* आधुनिक शिक्षा और वैदिक ज्ञान का सुंदर समन्वय - संत श्री आशारामजी गुरुकुल
* युवाओं में देशभक्ति, नैतिकता व आध्यात्मिकता का विकास करने में तत्पर - युवा सेवा संघ
* गौ, गीता, गंगा की सुरक्षा एवं लाभ लोगों को दिलाना
बापू आसारामजी द्वारा प्रतिवर्ष करीब 200 से अधिक स्थानों पर सत्संग-समारोहों के माध्यम से विभिन्न लोक-मांगल्यकारी सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार हो रहा था, जैसे :
* संयम-सदाचार, सच्चरित्रता व ब्रह्मचर्य-पालन
* प्राणिमात्र में ईश्वरीय भाव
* सबका मंगल, सबका भला
* नारी ! तू नारायणी...
आत्मज्ञानप्राप्ति के बाद अपने पूज्य गुरुदेव भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज की आज्ञा शिरोधार्य कर बापू आसारामजी गत 50 वर्षों से संयम-सदाचार के प्रचार-प्रसार, संस्कृति रक्षा तथा प्राणीमात्र के हित के सेवाकार्यों में अथक रूप से लगे हुए हैं । समाज, संस्कृति और विश्वसेवा के दैवी कार्य में बापू आसारामजी का योगदान अद्वितीय है ।
बापू आसारामजी के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है । एक 82 वर्षीय बुजुर्ग संत, जिन्हें करोड़ों लोगों के जीवन में संयम-सदाचार जागृत करने व उन्हें भगवान के रास्ते चलाने तथा करोड़ों दुःखियों के चेहरों पर मुस्कान लाने का श्रेय जाता है ।
ज्ञापन देते समय बताया गया कि आपसे सविनय निवेदन है कि विश्व में भारतीय संस्कृति की ध्वजा फहरानेवाले, आध्यात्मिक क्रांति के प्रणेता, संयममूर्ति संत आशारामजी बापू की समाज को अत्यंत आवश्यकता है । बापू आसारामजी पर किए जा रहे अत्याचार से समाज को अपूर्णीय क्षति हो रही है । अतः श्री योग वेदान्त सेवा समिति एवं सभी साधक परिवार आपके माध्यम से यह माँग करते हैं कि उन्हें शीघ्रातिशीघ्र ससम्मान रिहा किया जाए, उनके खिलाफ किए गए बोगस केसों को रद्द किया जाए तथा उन्हें फँसानेवाले षड्यंत्रकारियों पर कड़ी कार्यवाही हो और बलात्कार निरोधक कानून में भी उचित संशोधन किया जाए, जिससे कोई अन्य निर्दोष व्यक्ति इसकी चपेट में न आए ।
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