24 जनवरी 2019
भारत देश हिन्दू बाहुल्य देश है अगर इसी देश में हिंदुओं की आस्थाओं का ही सम्मान नहीं होगा तो फिर हिन्दू कहा जाएगा ? जिस गाय को हिन्दू माता मानता है, आज इस देश में उसी गाय की हत्या धड़ल्ले से हो रही है और उसका मांस विदेशो में निर्यात हो रहा है । ये हिंदूओ की आस्था के साथ खिलवाड़ है जो तुरंत बंद होना चाहिए ।
विधायक कपिल मिश्रा ने सरकार के सामने चार मांगे रखी थी, आज उनकी चौथी और आखरी मांग को हम आपके सामने रख रहे हैं.. https://youtu.be/d98hcJY4-sQ
उन्होंने चौथी मांग ये रखी है कि बीफ (गौ मांस) का जो एक्सपोर्ट हो रहा है उसे रोकना होगा । हम लोग यहाँ पर देश के अंदर के लोग जो बीफ खाते है उसकी चर्चा नहीं कर रहें है कि कोई क्या खा रहा है, क्या पहन रहा है इसके लिए भारत की सरकार कानून बनाएगी, लेकिन भारत ही बीफ़ एक्सपोर्ट में पूरे विश्व में नंबर 1 बन जाए इसकी क्या जरूरत थी ?
मिश्रा ने आगे बताया कि आज भारत ही सबसे आगे 1 नंबर पर है बीफ एक्सपोर्ट में जबकि इसकी कोई आवश्कता नहीं थी । इसकी देश में कोई डिमांड नहीं थी । इसकी कोई धार्मिकता नहीं थी फिर भी लोगों का फ़्रीडम खत्म नहीं हो रहा है । किसीके खाने-पीने, उठने-बैठने के अधिकार को तो हम नहीं रोकते, लेकिन भारत ही क्यों इस मामले में नंबर 1 बना ? भारत ने ही क्यों ये मिशन चुन लिया ? भारत ही क्यों चाहता है पूरी दुनिया में बीफ एक्सपोर्ट नंबर वन बने ? ये हमारी जिम्मेदारी तो नहीं है, नैचरली भी नहीं है ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर कोई कहे संस्था खराब हो जाएगी नौकरी चली जाएगी तो आज 10 साल पहले हम नहीं थे नंबर 1 पर लेकिन हमारी संस्था तब भी चल रही थी । तो ये मिशन बना के टारगेट रख के इसको प्राप्त किया है कि हमें ही दुनिया में नंबर 1 बनाना है तो हमारी ये सिंपल सी मांग है कि ये गलत है । और इसके विषय में सोचना चाहिये कि भारत के अंदर कोई क्या खा रहा है, क्या पहन रहा है, क्या उसकी पद्धति है, हम वहाँ नहीं जा रहें है पर देश के बाहर बीफ़ एक्सपोर्ट में भी भारत आगे बढ़े मिशन बनाये, सरकार उसका फंड दे, बजट दे, योजना बनायें, इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिये ।
भारतीय भाषा लागु होनी चाहिए...
कपिल मिश्रा ने भाषाओं के अधिकारों की बात की है उसमें उदाहरण दिया है कि यूरोपियन यूनियन में ऑफिसियल 24 भाषाओं में आप सरकार से कम्युनिकेशन कर सकते हैं, कोर्ट की कार्यवाही कर सकते हैं । 24 की 24 भाषाओं में काम युरोप में हो सकता है क्योंकि वहाँ की टेक्नोलॉजी ऐसी हो चुकी है।
लेकिन भारत में आज भी हमने अंग्रेजी को प्रमुख बना दिया । तो कम से कम यूरोपियन यूनियन से ही सीख लेते हुए भारत की जितनी भी भाषाएं है उनको बराबरी का अधिकार देकर सभी भाषाओं में उच्च शिक्षा, सभी भाषाओं में कानून की कार्यवाही और सभी भाषाओं में राज्य सरकारों की कार्यवाही उपलब्ध करवाई जा सके और इसके लिए सरकार के पास टेक्नोलोजी सक्षम है । तो ये भी हमारी हिन्दू चार्टर में मांग है । बहुत सारी चीजें रखी हुई है hinducharter.org में जाकर आप देख सकते है।
तो हमारा यही कहना है कि हम सब मिल कर अपने धर्म के लिए इस देश में समानता और बराबरी के अधिकार की बात करें । केवल अल्पसंख्यकों ही अधिकार मिले ऐसा नहीं होना चाहिए ।
हम लोग हक से संसद से, राजनेताओं से बोलें और कम से कम पहला काम ये करें कि अपने ही जानने वाले लोगो को ये बताएं कि इस देश में हमारे साथ ऐसा भेदभाव और पक्षपात हो रहा है । हम अपने जानने वाले रिश्तेदार परिवार को इसकी जानकारी दें । इसकी जानकारी होगी तो उसकी मांग अपने आप करने लगेंगे ।
तो इस तरह से हमने कपिल मिश्रा जी की मांगों को आपके सामने रखा है । देश के सर्वांगीण विकास के लिए उसकी हर तरह से उन्नति होना आवश्यक है । देश की विरासतों से लेकर, धर्म के प्रतीक, भाषाएं सबकी सुरक्षा अनिवार्य है । इसके लिए बहुसंखक हिंदूओ की आस्थाओं का सम्मान करना होगा और उनको समान अधिकार देना अत्यंत जरूरी है ।
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