9 जनवरी 2019
🚩हिन्दू धर्म में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया है, नारी तू नारायणी कहा गया है। लेकिन ईसाई धर्म में महिलाओं की स्वतंत्रता के नाम पर पादरी महिलाओं को भोग्या बना दिया है, चर्च में कन्फेशन के नाम पर महिलाओं के बलात्कार कर रहे है, अब पादरी ने अपनी वासना पूरी करने के लिए एक और फरमान जारी कर दिया ईश्वर की आड़ में दुष्कर्म पर बढ़ावा देने वाला फतवा जारी कर रहे है।
🚩ईसाई चर्च के एक पादरी ने कहा कि अगर औरतें अपने अंतर्वस्त्र पहनेंगी, तो यह ईश्वर के खिलाफ होगा और ईसा मसीह औरतों के शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
🚩पिछले दिनों एक सभा को संबोधित करते हुए पादरी ने कहा कि पैंटी और ब्रा पहनकर आने वाली औरतों को चर्च में प्रवेश नहीं देना चाहिए। यह पादरी केन्या का रहने वाला है और इसका नाम है रेव नोही। रेव लॉर्ड्स प्रोफेलर रिडेंपशन चर्च का प्रतिनिधित्व करता है। इस शख्स ने पुरुषों के अंडरगारमेंट्स के बारे में कुछ नहीं कहा।
🚩धार्मिक सभा के दौरान पादरी रेव ने महिला श्रद्धालुओं से कहा कि उन्हें बिल्कुल मुक्त होकर चर्च आना चाहिए। कोई भी अंडरगारमेंट्स नहीं पहनने चाहिए। क्राइस्ट को अपने शरीर में पूरी तरह से प्रवेश करने देना चाहिए।
🚩रेव ने तर्क दिया कि चर्च जाते समय लोगों को मन और शरीर से पूरी तरह फ्री होना चाहिए। उनके मुताबिक इस काम में अंडरगारमेंट्स बाधा पहुंचाते हैं।
🚩पादरी की धमकी
रेव अपने खयालों से साथ यहीं नहीं रुका। उसने कमोबेश धमकी देते हुए ये दावा किया कि अगर चर्च का कोई सदस्य गुपचुप ढंग से अंडरगारमेंट्स पहनकर आया, तो उसके साथ बहुत बुरा होगा। पादरी ने महिलाओं से कहा कि चर्च में आने से पहले उन्हें अपनी बेटियों को चेक करना होगा, ताकि वह अंदरूनी कपड़े पहनकर न आ सकें। स्त्रोत : आजतक
🚩ईसाई पादरी अपनी वासनाये पूरी करने के लिए ईश्वर को भी नही छोड़ते, ईश्वर सर्वत्र और सर्वसमर्थ है जब ईश्वर सर्वत्र है तो फिर अंदर भी है फिर प्रवेश करने करने की क्या जरूरत है और सर्वसमर्थ है तो वे कहि भी आ जा सकता है, अन्तर्यामी भी है जो सबके मन की जानते है फिर ये पादरी ईश्वर के नाम पर अपनी वासनाये पूरी करते है वे कैसे धर्मगुरु है? जो ईश्वर की शक्ति को नही जानते है और महिलाओं के प्रति आसक्त है तो कैसे लोगो का भला करेगें? ऐसे पादरियों का बहिष्कार करना चाहिए।
🚩हजारो ईसाई पादरी बच्चों व् महिलाओं के साथ दुष्कर्म करते पकड़े गए है इससे तो साफ होता है कि चर्च को भी ये लोग ने वासनापूर्ति का स्थान बना दिया है, जनता को इससे बचना चाहिए ऐसे लोगो के बहकावे में आकार धर्मपरिवर्तन नही करना चाहिये।
🚩वकील गेल के मुताबिक 1980 से 2015 के बीच ऑस्ट्रेलिया के 1000 कैथोलिक इंस्टीट्यूशनों में 4,444 बच्चों का यौन उत्पीड़न हुआ ।
🚩सन् 1950 से 2002 के काल में #पादरियों के द्वारा किये गये यौन-शोषण के 10,667अपराध दर्ज किये गये
🚩सन् 2002 में आयरलैंड के पादरियों के यौन-शोषण के अपराधों के कारण 12 करोड़ 80 लाख डॉलर का दंड चुकाना पड़ा ।
🚩मई 2009 में प्रकाशित रायन रिपोर्ट के अनुसार 30,000 बच्चों को चर्च में पादरियों द्वारा प्रताड़ित और शोषित किया जाता रहा ।
🚩अब आप ही तय करे की हमारी भारतीय संस्कृति के संत महान है कि हजारों बच्चो और महिलाओं के यौन शोषण करने वाले पादरी? फिर भी मीडिया और सेकुलर भारत के पवित्र हिन्दू साधु-संतों को ही टारगेट करते है उनपर झूठे आरोप लगाकर जेल भिजवाया जाता है और दुष्कर्मी पादरी खुलेआम बाहर गुमते है अतः बिकाऊ मीडिया से और ईसाई पादरियों से हिंदुस्तानी सावधान रहें।
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एक साधारण सी घटना से कैसे हुआ संयमी व विवेकयुक्त शिवरामकृष्ण के जीवन में बड़ा परिवर्तन !!
ReplyDeleteपूरा प्रसंग जानने हेतु पढ़ें ‘ऋषि प्रसाद’, जनवरी 2019 का अंक
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