March 21, 2018
अनुसूचित जाति जनजाति अदालत के पीठासीन अधिकारी श्री मधुसुदन शर्मा आरएचजेएस की अदालत में पिछले साढ़े 4 साल से बिना किसी सबूत के जोधपुर जेल में बंद हिन्दू संत बापू आसारामजी के केस में बचाव पक्ष (बापू आसारामजी का पक्ष) की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है और अभियोजन पक्ष (लड़की का पक्ष) की ओर से 20.03.2018 से बहस शुरू हो चुकी है ।
जिसमें सबसे बड़ा आश्चर्यजनक खुलासा जो सामने आया है वो ये है कि जिस पॉक्सो एक्ट (जो लड़की के नाबालिक होने पर लगता है) के तहत बापू आसारामजी को पिछले साढ़े चार साल से उनके लड़खड़ाते स्वास्थ्य के बावजूद बेल तक नहीं दी गई, उसमें अभियोजन पक्ष (लड़की का पक्ष) आजतक लड़की को नाबालिग नहीं साबित कर पाया ।
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In the case of Bapu Asaramji, under the pocso act Accusatory girl Found Adult |
बापू आसारामजी के वकील सुराणा जी ने मीडिया में बताते हुए स्पष्ट किया कि लड़की के वकील ने न्यायालय में इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वो लड़की को नाबालिग नहीं साबित कर पाए । क्योंकि वे लड़की के matriculation certificate को साबित नहीं करवा सके हैं । इस प्रकार लड़की का बालिग होना स्वतः ही सिद्ध हो चुका है । ऐसी स्थिति में लड़की को दोबारा बुलाया जाए इसके लिए लड़की के वकील ने एक ऐसी दरख्वास्त लगाई जिसने अभियोजन पक्ष के केस को पूरा ध्वस्त करके रख दिया । इस प्रकार की दरख्वास्त न तो कभी किसी ने आज तक लगाई है और न कोई लगा सकता है ।
सुराणा जी आगे बताया कि लड़की के वकील ने ये भी तर्क दिया कि हमसे बहुत भारी भूल हो गई है, इसलिए लड़की को दोबारा धारा 311 के अंतर्गत तलब किया जाए।
इस बात पर न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को कहा कि आप बताइए कि आपकी अर्जी किस प्रकार से कानून में चल सकती है ? जब 2014 से लड़की के बयान न्यायालय में 3 महीने निरंतर चल रहे थे, उसके माता-पिता के भी बयान हुए और आपके पास सारे दस्तावेज भी उपलब्ध थे तब आपने उन्हें क्यों साबित नहीं करवाया?
इसके लिए अभियोजन पक्ष के पास में कोई जवाब नहीं था और मीडिया के द्वारा जो सारा मामला पब्लिक के सामने रखा गया उससे साबित हो गया कि कैसे अभियोजन पक्ष ने झूठी और मनगढ़ंत कहानी के आधार पर बापू आसारामजी को इतने सालों से जेल में रखा ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उम्र संबंधी असली दस्तावेज जब बचाव पक्ष के द्वारा कोर्ट में साबित करवाये गए, उससे ये सिद्ध हो गया कि आरोप लगाने वाली लड़की जिसको नाबालिग बताकर बापू आसारामजी पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया वो वास्तव में बालिग है ।
अधिवक्ता सुराणा जी ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष इतने भयाक्रांत हो गए थे कि matriculation certificate को साबित करवाने की ताकत नहीं थी उनमें । इस प्रकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बचाव पक्ष की ओर से continuously दस्तावेज न्यायालय में साबित करवाए गए हैं । उसमें अलग-अलग दस्तावेजों में लड़की की उम्र में variations आ रही है किसी दस्तावेज में वो 20 साल की साबित हो रही है, किसी में 19 साल की साबित हो रही है ।
इस प्रकार से आजतक के न्यायालय में पेश हुए सबूतों के आधार पर लड़की बालिग सिद्ध हो चुकी है ।
इससे पहले भी अधिवक्ता सुराणा जी द्वारा मीडिया में ऐसे कई सनसनीखेज़ खुलासे किये गए हैं जिससे स्पष्ट है कि बापू आसारामजी को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है ।
आइये जाने! केस के पीछे छुपे ऐसे कुछ तथ्य जिससे आजतक समाज अनभिज्ञ रहा ।
1. घटना के 5 दिन बाद FIR करवाई गई । वो भी जोधपुर की घटना बताकर FIR जोधपुर से 600 कि.मी.दूर दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे ।
2. हेल्पलाइन #रजिस्टर के कई #पन्ने #संदिग्ध तरीके से #फाड़ें गए ।
3. 20.08.2013 को लडकी के न्यायालय में मैजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान होने के बाद F.I.R. 21.08.2013 को न्यायालय में पेश की गई ।
4. कमला मार्केट पुलिस स्टेशन, दिल्ली में F.I.R. लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई, जो आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई ।
5. ओरिजिनल एफ.आई.आर. को बदल दिया गया, FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
6. जोधपुर के पुलिस स्टेशन में लडकी के बयान रिकोर्ड करते समय की गयी वीडियो रिकार्डिंग में कई जगह interruptions पाए गए |
7.मेडिकल में भी लड़की के शरीर पर एक खरोंच का भी निशान नहीं पाया गया ।
8. उम्र संबंधी अलग-अलग सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र पाई गई ।
9. अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा द्वारा 12 अगस्त से 17 अगस्त 2013 (घटना के समय) की कॉल डिटेल हटाकर कोर्ट में पेश की गई ।
10. लड़की की कॉल डिटेल से स्पष्ट हुआ कि घटना की रात लड़की किसी संदिग्ध व्यक्ति से फोन द्वारा संपर्क में थी ।
11. तथाकथित घटना के समय बापू आसारामजी मँगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लड़की कुटिया में गई ही नहीं ।
अधिवक्ता सुराणा जी ने बताया कि लड़की के माँ-बाप ने जयपुर में भी एक वकील को झूठा मुकदमा दर्ज करवाने के लिए मोटी रकम देने का ऑफर दिया था । इस बात की पुष्टि खुद उस वकील ने न्यायालय में अपने बयान में की ।
पचास करोड़ की फिरौती के लिए मणाई कुटिया का पूरा घटनाक्रम तैयार किया गया ।
इससे पहले डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कई बार खुलासा किया है कि बापू आसारामजी को धर्मपरिवर्तन पर रोक लगाने और लाखों हिन्दुओं की घरवापसी कराने के कारण षडयंत्र के तहत जेल भिजवाया गया है ।
गौरतलब है कि बापू आसारामजी का समाज व देशहित के सेवाकार्यों में अतुलनीय योगदान रहा है जिसकी भूरी-भूरी प्रशंसा बड़ी-बड़ी सुप्रसिद्ध हस्तियों ने उनके आश्रम को प्रशस्ति पत्र देकर की है ।
आइये अब बापू आसारामजी द्वारा हुए सेवाकार्यों पर भी नजर डालें ।
ईसाई मिशनरियों को दिन के तारे दिखाकर, लाखों ईसाई बने हिंदुओं की घरवापसी करवाई बापू आसारामजी ने ।
शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद
जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया बापू आसारामजी ने ।
कत्लखाने जाती हजारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया बापू आसारामजी ने ।
अभी हाल ही में राजस्थान पशु पालन विभाग की ओर से उनकी निवाई गौशाला को राजस्थान की सर्वश्रेष्ठ गौशाला घोषित कर पुरस्कृत किया गया है।
विदेशी कंपनियों से हो रही शारीरिक व आर्थिक हानि से देश को बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथी का प्रचार-प्रसार कर एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से होने वाले रोगों से समाज को सचेत किया बापू आसारामजी ने ।
पाकिस्तान, अमेरिका, चाईना आदि बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया बापू आसारामजी ने ।
देश में बढ़ती वृद्धाश्रमों की संख्या व बुजुर्ग माता-पिता की वेदना से व्यथित हो युवावर्ग को वेलेंटाइन डे जैसी कुरीति से मोड़कर "मातृ-पितृ पूजन दिवस"
जैसी अनोखी पहल की बापू आसारामजी ने, जिसे आज विश्वस्तर पर मनाया जाने लगा है ।
क्रिसमस डे के दिन क्रिसमस ट्री के बजाय हिन्दू संस्कृति में पूजनीय, माँ तुलसी की पूजा करके ये दिन हिन्दू संस्कृति के अनुसार मनाने को प्रेरित किया बापू आसारामजी ने ।
बिकाऊ मीडिया को रुपयों के पैकेज ना देकर जगह-जगह पर गरीब इलाकों में चलचिकित्सालय चलवाकर निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध करवाई बापू आसारामजी ने ।
पिछले 50 वर्षों से लगातार आदिवासियों के बीच मुफ्त भंडारा,मकान, कपड़े, अनाज व दक्षिणा बांटने के साथ-साथ उन्हें हिन्दू संस्कृति की महिमा बताई बापू आसारामजी ने ।
नशा मुक्ति अभियान के द्वारा लाखों लोगों को व्यसन-मुक्त करवाया बापू आसारामजी ने, जिसका भारी नुकसान विदेशी कंपनियों को झेलना पड़ा ।
महिलाओं के सर्वागीण विकास के लिए जगह-जगह पर महिला मंडलों द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए कई अभियान चलाये बापू आसारामजी ने ।
17000 से भी अधिक बाल संस्कार केंद्र और अनेकों गुरुकुलों द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास के साथ-साथ बचपन से ही उन्हें अपनी संस्कृति की ओर अभिमुख किया बापू आसारामजी ने ।
हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, संत श्री आशारामजी गुरुकुल, अहमदाबाद द्वारा बनाया गया विश्व में सबसे ऊंचा मानव पिरामिड ।
भौतिकता और आध्यात्मिकता का समन्वय कर मानव में छुपी शक्तियों को जगाकर भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करवाने में सदैव प्रयासरत रहने वाले बापू आसारामजी, जिनको "भारत रत्न" की उपाधि से अलंकृत करना चाहिए वो संत बिना किसी सबूत के सालों से जेल में हैं ।
आज करोड़ों लोगों की नजरें सरकार व न्यायालय की ओर हैं कि वो कब देशहित, समाजहित, प्राणिमात्र के हित में सेवारत रहने वाले बापू आसारामजी के साथ इंसाफ करती हैं ।
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