Thursday, May 31, 2018

चर्च में होते यौन शोषण व भ्रष्टाचार जैसे अपराधों पर ‘दोहरे मापदंड’ क्यों

🚩भारत में अक्सर हिन्दुओं से सबंधित संस्थाएं, मंदिर, आश्रम, मठ और डेरे इत्यादि भ्रष्टाचार, यौनाचार, अनैतिक आचरण और रूढि़वादी प्रथाओं आदि के कारण चर्चा में आते रहते हैं। जब-जब हिन्दू साधु-संतों से जुड़े मामले प्रकाश में आए तब-तब अधिकतर को समाचार पत्रों में बड़ी-बड़ी सुर्खियों के साथ श्रृंखलाबद्ध रूप से प्रस्तुत किया जाता है और कई दिनों तक यह न्यूज चैनलों के प्राइम टाइम शो का मुख्य मुद्दा भी बना रहता है। शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, संत आसाराम बापू, स्वामी नित्यानंद, बाबा गुरमीत राम रहीम, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानन्द आदि इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। 
🚩यूं तो सभ्य समाज में कोई भी संस्था-चाहे वह बहुराष्ट्रीय कम्पनी हो, निजी कार्यालय हो, मॉल हो, सरकारी दफ्तर हो या फिर किसी का भी निजी आवास ही क्यों न हो वहां किसी भी प्रकार का अपराध अस्वीकार्य और कानून-विरोधी है किन्तु जो संस्थाएं लोगों को अध्यात्म से जोडऩे का दावा करती हैं वहां इस तरह का आचरण न केवल अशोभनीय बल्कि असहनीय भी है। ऐसा क्यों है कि जब भी हिन्दू साधु-संतों से जुड़ी आपराधिक खबरें सामने आती हैं वे एकाएक सार्वजनिक विमर्श का हिस्सा बन जाती हैं किन्तु अन्य मजहबों से संबंधित मामलों में सन्नाटा पसरा मिलता है?                                                   
Why 'double standards' on crimes like
sexual exploitation and corruption in the church

🚩गत दिनों भारत में किसी चर्च के वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा भारी भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ। अब क्योंकि मामला अधिकांश समाचारपत्रों और न्यूज चैनलों पर नहीं आया तो ऐसे में अधिकतर लोगों को इस मामले कि जानकारी नहीं है। केरल के एर्नाकुलम में लाट पादरी के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत जमीन समझौते के लेन-देन में चर्च कि एक समिति को जांच में करोड़ों की वित्तीय गड़बडिय़ां मिली हैं। समिति ने चर्च प्रमुख जॉर्ज एलनचेरी के खिलाफ  चर्च और दीवानी कानूनों के अंतर्गत कार्रवाई करने कि अनुशंसा की है। आरोपी जॉर्ज एलनचेरी भारत के उन चर्च प्रमुखों में से हैं जो पोप का चुनाव करने कि योग्यता रखते हैं इसलिए जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट रोम भेजी है। 
🚩जांच रिपोर्ट के अनुसार 5 भूमि सौदों में लाट पादरी को लगभग 27 करोड़ रुपए मिले थे किन्तु उन्होंने 9 करोड़ रुपए मिलने कि बात बताई। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘यह चर्च कानूनों का गंभीर उल्लंघन है जो कि संपत्तियों के लिए आपराधिक दुर्व्यवहार और भरोसा तोडऩे का नग्न कृत्य है।’’ क्या लाट पादरी एलनचेरी के भ्रष्टाचार संबंधी मामले में उस प्रकार कि उग्र मीडिया रिपोर्टिंग या फिर स्वघोषित सैकुलरिस्टों कि तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, जैसा अक्सर अन्य साधु-संतों के मामलों में देखा जाता है? चर्चों में उपदेशों और व्यावहारिकता के बीच का अंतर केवल भ्रष्टाचार और काली कमाई अर्जित करने तक सीमित नहीं है।
🚩अनगिनत बार ईसाइयों का यह पवित्रस्थल यौन उत्पीडऩ के मामलों से भी कलंकित हुआ है। हाल ही के वर्षों में भारत सहित शेष विश्व में जिस तीव्र गति से इस तरह के मामले सामने आए हैं उससे स्पष्ट है कि रूढि़वादी सिद्धांत, परंपराओं और प्रथाओं के नाम पर चर्च या फिर अन्य कैथोलिक संस्थाएं महिलाओं व बच्चों के यौन शोषण के अड्डे बन गए हैं। चर्च अपने पादरियों व ननों के ब्रह्मचर्यव्रती होने का दावा करता है किन्तु यथार्थ यही है कि दैहिक जरूरतों कि पूर्ति न होने के कारण अधिकतर कुंठित हो जाते हैं। यहां बाल यौन शोषण से लेकर समलिंगी यौन संबंध आम बात है। जब भी इस तरह कि घटना जहां कहीं भी प्रकाश में आती है चर्च अपने ब्रह्मचर्य विधान पर ङ्क्षचता करने के विपरीत उसे दबाने कि कोशिश में जुट जाता है। 
🚩हाल ही में पोप फ्रांसिस एक इसी तरह के मामले में आरोपी का पक्ष लेने के कारण चर्चा में आए। कड़ी प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी। मामला चिली के पादरी फर्नांडो कार्डिमा से संबंधित है जिन्हें वैटिकन द्वारा फरवरी 2011 में 1980 के दशक में चर्च के भीतर बच्चों का यौन शोषण करने के मामले में दोषी ठहराया गया था। मामले में बिशप जुआन बैरोस मैड्रिड का नाम भी प्रकाश में आया है जो अपने संरक्षक कार्डिमा का पक्ष लेने और उनका बचाव करने के आरोपी हैं। 
🚩इसी पृष्ठभूमि में गत दिनों एक पीड़ित व्यक्ति ने पोप फ्रांसिस को पत्र लिखा और कहा, ‘‘जब वह और पादरी कार्डिमा एक कमरे में होते थे तब उन्हें चुंबन के लिए विवश किया जाता था। ऐसा उनके और उनके अन्य साथियों के साथ कई बार हुआ। जब भी कार्डिमा उनका यौन शोषण करते थे तब बिशप जुआन बैरोस मैड्रिड न केवल वहीं खड़े होकर चुपचाप सब देखते रहते थे बल्कि स्वयं भी पादरी कार्डिमा को चुंबन देते थे।’’ उलटा इसके पोप फ्रांसिस ने न केवल बैरोस को वैटिकन में पदोन्नत कर दिया साथ ही उनके विरुद्ध सामने आए आरोपों को भी झूठा बता दिया। 
🚩विश्व में कैथोलिक पादरियों द्वारा हजारों यौन उत्पीडऩ के मामले सामने आ चुके हैं। अकेले 2001-10 के कालखंड में 3 हजार पादरियों पर यौन उत्पीडऩ और कुकर्म के आरोप लग चुके हैं जिनमें अधिकतर मामले 50 साल या उससे अधिक पुराने हैं। रोमन कैथोलिक चर्च एक कठोर सामाजिक संस्था है जो हमेशा अपने विचार और विमर्श को गुप्त रखती है। अपनी नीतियां स्वयं बनाती है और मजहबी दायित्व कि पूर्ति कठोरता से करवाती है। जब कोई पादरी कार्डिनल बनाया जाता है तो वह पोप के समक्ष वचन लेता है, ‘‘वह हर उस बात को गुप्त रखेगा जिसके प्रकट होने से चर्च कि बदनामी होगी या नुक्सान पहुंचेगा।’’ इन्हीं सिद्धांतों के कारण पादरियों, बिशप और कार्डिनलों द्वारा किए जाते यौन उत्पीडऩ के मामले दबे रह जाते हैं और चर्च या फिर अन्य कैथोलिक संस्थाओं को बदनामी से बचाना मजहबी कर्तव्य बन जाता है। 
🚩इस विकृति से भारत भी अछूता नहीं है। देश में ईसाइयों कि आबादी लगभग 3 करोड़ है जिसमें काफी बड़ी संख्या उन आदिवासियों और दलितों की है, जो मतांतरण से पहले हिन्दू थे। जिन राज्यों में ईसाई अनुयायी बड़ी संख्या में हैं वहां सत्ता अधिष्ठानों और राजनीतिक व्यवस्था में कैथोलिक चर्च का व्यापक प्रभाव है। यही कारण है कि जब गत वर्ष केरल में एक पादरी द्वारा नाबालिग लड़की से बलात्कार का मामला प्रकाश में आया तब आरोपी को बचाने के लिए सर्वप्रथम स्थानीय प्रशासन और चर्च ही सामने आया। पीड़िता के पिता ने भी चर्च और पादरी को बदनामी से बचाने के लिए बलात्कार का आरोप अपने सिर ले लिया।
🚩प्रारंभिक काल में ‘गोपनीयता की संस्कृति’ से बंधी रही भारत में काम कर चुकी सिस्टर जेसमी ने कुछ वर्ष पहले अपनी पुस्तक द्वारा चर्च के भीतर के काले सच को सार्वजनिक किया है। ‘‘आमीन-द ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए नन’’ नामक पुस्तक  में सिस्टर जेसमी लिखती हैं कि एक पादरी द्वारा पहली बार यौन शोषण करने पर वह खामोश रह गई थीं किन्तु जब एक नन ने उनसे समलैंगिक संबंध बनाए तो उन्होंने इसकी शिकायत एक वरिष्ठ नन से की। तब जेसमी को सलाह दी गई कि ऐसे संबंध बेहतर हैं क्योंकि इससे गर्भवती होने का खतरा नहीं है। चर्च में बढ़ते यौन उत्पीडऩ के मामलों को लेकर सभी कैथोलिक संस्थाओं में महिलाओं को पुरुषों के समान भूमिका और अधिकार देने की मांग तेज हो गई है। जब भी विश्व में इस पर चर्चा होती है, बाईबल का उल्लेख कर महिलाओं को पादरी बनने से रोक दिया जाता है। 
🚩पोप फ्रांसिस भी कह चुके हैं कि कोई भी महिला कभी भी रोमन कैथोलिक चर्च में पादरी नहीं बन सकती। हिन्दू समाज में महिला संबंधी प्रथाओं और परंपराओं के परिमार्जन का एक लंबा व सफल इतिहास है। जिस प्रकार मुस्लिम समाज के भीतर से महिलाओं द्वारा मजहबी ट्रिपल तलाक से मुक्ति हेतु आवाज उठाई गई और उन्हें अंतत: न्यायिक सफलता भी मिली- उसी तरह ईसाई महिलाओं को भी इस ओर विचार करने कि आवश्यकता है।-बलबीर पुंज स्त्रोत : पंजाब केसरी
🚩आपको बता दे कि पवित्र हिन्दू साधु-संतों को बदनाम करने और उनके ऊपर झूठे मुकदमे चलाने के लिए विदेशी ताकते काम कर रही है जो भारत से हिन्दू धर्म को मिटाने के लिए कार्य कर रहे है इसलिए ईसाई पादरियों के कुकर्म छुपाते है और हिन्दू धर्मगुरुओं को बदनाम करते है ।
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Wednesday, May 30, 2018

पाकिस्तान में हिन्दुओं व अल्पसंख्यकों पर भयंकर अत्याचार जारी है.

🚩अंतराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होनेवाले अत्याचारों के विरोध में उठनेवाली आवाजों के बावजूद वहां इस दुष्चक्र का जारी रहना इस तथ्य का मुंह बोलता प्रमाण है कि पाकिस्तान सरकार ने अपने देश के अल्पसंख्यकों के प्रति किस कदर उदासीनतापूर्ण रवैया अपना रखा है !
Pakistan is facing severe torture on Hindus and minorities

🚩जहां पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना भारत में अपने पाले हुए आतंकवादियों द्वारा लगातार हिंसा करवा रही है वहीं दूसरी ओर विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए हिन्दू, सिख, ईसाई, हाजरा व अहमदिया अल्पसंख्यकों के विरोध में हिंसा, धर्मांतरण, नाबालिग अल्पसंख्यक कन्याओं के अपहरण, बलात्कार व जबरन विवाह का सिलसिला जारी है !
🚩पाकिस्तान में अहमदियों कि धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है । अल्पसंख्यकों से बेगार करवाई जाती है और उनपर अत्याचार किया जाता है जिससे उनकी मौत तक हो जाती है ! उन्हें न आसानी से रोजगार मिलता है और न अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण ! यही नहीं विद्यालयों में अल्पसंख्यकों के विरोध में नफरत का पाठ पढाया जाता है । मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ हयूमन राइट्स इन 2017 के अनुसार, देश कि सेना कि आलोचना या भारत से अच्छे संबंधों कि वकालत करने के कारण पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का गायब होना जारी है ! इस निंदा के झूठे आरोपों ने उन्हें चुप रहने पर मजबूर कर दिया है !
🚩‘‘सरकार के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार व हिंसा रोकने में असफल रहने के कारण वहां इनकी संख्या घट रही है । चरमपंथी पाकिस्तान कि विशेष इस्लामिक पहचान बनाने पर आमादा हैं व सरकार ने उन्हें पूरी छूट दे रखी है !’’ अकेले सिंध प्रांत में ही 2010 से अब तक 1200 से अधिक लोगों का अपहरण किया जा चुका है और हालत यह है कि 5 हिन्दुओं सहित अकेले मई 2018 में ही अल्पसंख्यक समुदाय के 13 लोगों कि हत्या की गई । इसी वर्ष 25 मार्च को सिंध के मातली जिले में 500 हिन्दुओं को इस्लाम कबूल करवाया गया । इनमें अधिकांश वे लोग थे जो भारत में शरण लेने आए थे परंतु दीर्घावधि वीजा न मिलने के कारण उन्हें पाकिस्तान लौटना पडा !
🚩पाक में अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों के ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
🚩27 दिसम्बर 2017 को पाकिस्तान के हांगू जिले में रहनेवाले सिखों ने आरोप लगाया कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए विवश किया जा रहा है व उन पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं ! 22 दिसम्बर को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिन्दू किशोरी के अपहरण के बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया । 10 मार्च 2018 को बलूचिस्तान के नासिराबाद में अज्ञात हमलावरों ने जानिया कुमारी नामक हिन्दू महिला को कुल्हाडी से काट डाला ! 05 अप्रैल को सिंध के डारो कस्बे में बंदूक की नोक पर एक हिन्दू बालक के अपहरण के बाद उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया !
🚩09 मई को शिकारपुर पुलिस ने एक हिन्दू व्यापारी चुन्नी लाल का सिर मुंडवा दिया । उसकी मूंछें और भौंहें भी काट दी गईं ! उस पर यह आरोप लगाया गया कि वह ब्याज पर पैसे उधार देता है । 13 मई को बलूचिस्तान प्रांत में एक हिन्दू व्यापारी जयपाल दास और उसके बेटे गिरीश नाथ कि हत्या कर दी गई । 19 मई को कराची में ईसाई समुदाय के नेताओं ने आरोप लगाया कि 30 मार्च से अब तक नकाबपोश सुरक्षा अधिकारी उनके समुदाय के 24 युवकों को कराची के निकट से उठा कर ले गए !
🚩24 मई को स्यालकोट में 600 उपद्रवियों की भीड़ ने रात 11 बजे अहमदिया समुदाय कि एक बंद पडी मस्जिद पर हमला करके इसे ढहा दिया ! 25 मई को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर खास शहर के वकील हीरा लाल का अपहरण करके अज्ञात हमलावर किसी गुप्त स्थान पर ले गए । पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर वहां कि सरकार और सेना कि सह पर किए जानेवाले अत्याचारों के ये तो चंद नमूने मात्र हैं !
🚩इनके अलावा भी न जाने कितनी घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं !
🚩इस बीच पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों के विरोध में वहां के अल्पसंख्यकों ने ‘साऊथ एशिया मायनारिटीज अलायंस फाऊंडेशन’ नामक एक संगठन बनाया है जिसे अमरिका की रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सांसदों का समर्थन भी प्राप्त है !
🚩संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद तथा अमरीकन सेंटर फार लॉ एंड जस्टिस ने कहा है कि ‘‘ईसाइयों को उनकी आस्था की खातिर पाकिस्तान में मारा-पीटा जा रहा है उनपर अत्याचार किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है अत: दुनिया के नेताओं को पाक के विरोध में तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए !’’ अंतराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होनेवाले अत्याचारों के विरोध में उठनेवाली आवाजों के बावजूद वहां इस दुष्चक्र का जारी रहना इस तथ्य का मुंह बोलता प्रमाण है कि पाकिस्तान सरकार ने अपने देश के अल्पसंख्यकों के प्रति किस कदर उदासीनतापूर्ण रवैया अपना रखा है ! – विजय कुमार
स्त्रोत : पंजाब केसरी
🚩पाकिस्तान और #बांग्लादेश में दिन-रात #हिन्दुओं के #घर जलाये जा रहे हैं #हिन्दू #महिलाओं की #इज्जत #लूटी जा रही है, #मंदिर, घर, दुकानों को तोड़ा जा रहा है, पुजारियों कि हत्या की जा रही है, हिन्दुओ कि संपत्ति हड़प ली जाती है, #हिन्दुओं को मारा-पीटा जा रहा है, दिन-रात #हिन्दुओं को पलायन होना पड़ रहा है उसपर किसी नेता, मीडिया, संयुक्त राष्ट्र और सेक्युलर लोगों कि नजर क्यों नही जाती है?
🚩भारत में तो मुसलमानों को अधिक सुख-सुविधाएं दी जा रही है फिर भी कुछ गद्दार, सेक्युलर बोलते है कि भारत में मुसलमान डरे हुए हैं लेकिन आजतक ये नहीं बोला कि पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि मुसलमान बाहुल देश में हिन्दुओं पर कितना अत्याचार हो रहा है । नर्क से भी बत्तर जीवन जीना पड़ता है ।
🚩एक तरफ #बांग्लादेश में #हिन्दुओं पर #अत्याचार हो रहा है दिन-प्रतिदिन हिन्दू कम हो रहे हैं दूसरी ओर बंगाल, कश्मीर, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक आदि राज्यों में हिन्दुओं की हत्यायें हो रही हैं उस पर सभी ने चुप्पी क्यों साध ली है?
🚩जो #हिन्दू कार्यकर्ता #हिन्दू #संत इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते हैं उनको जेल भेज दिया जाता है या हत्या करवा दी जाती है ।
🚩ईसाई मिशनरियाँ और #मुस्लिम देश दिन-रात #हिंदुस्तान और पूरी दुनिया से हिन्दुस्तान को मिटाने में लगे हैं अतः हिन्दू #सावधान रहें ।
🚩अभी समय है हिन्दू #एक होकर #हिन्दुओं पर हो रहे प्रहार को रोके तभी हिन्दू बच पायेंगे ।हिन्दू होगा तभी सनातन संस्कृति बचेगी ।
🚩अगर #सनातन #संस्कृति नही बचेगी तो दुनिया में इंसानियत ही नही बचेगी क्योंकि #हिन्दू संस्कृति ही ऐसी है जिसने "वसुधैव कुटुम्बकम्" का वाक्य चरितार्थ करके दिखाया है ।
🚩#प्राणिमात्र में ईश्वरत्व के दर्शन कर, सर्वोत्वकृष्ट ज्ञान प्राप्त कर जीव में से #शिवत्व को प्रगट करने की क्षमता अगर किसी संस्कृति में है तो वो सनातन हिन्दू #संस्कृति में है ।
🚩#हिंदुओं कि बहुलता वाले देश #हिंदुस्तान में अगर आज हिन्दू #पीड़ित है तो सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं कि निष्क्रियता और अपनी महान संस्कृति की ओर विमुखता के #कारण !!
🚩इन सब देखकर भी #हिन्दू कबतक चुपचाप बैठा रहेगा..???
*जागो हिन्दू!!*
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk
🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt
🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf
🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX
🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG
🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Tuesday, May 29, 2018

मीडिया को खानी पड़ी मुँह की, बापू आसारामजी के प्रति महिलाओं की और बढ़ी आस्था


29 May 2018

🚩मीडिया ने दिन-रात हिन्दू संत बापू आसारामजी के खिलाफ समाज को भ्रमित किया, उनकी छवि को धूमिल करने का भरसक प्रयास किया लेकिन उनको मानने वाले करोड़ों अनुयायियों की आज भी उनमें अटल श्रद्धा देखने को मिल रही है । 
The media has eaten the mouth, and
the increased faith of women towards Bapu Asaramji

🚩मीडिया और कुप्रचारकों ने भले ही हिन्दू संत बापू आसारामजी व उनके आश्रमों को बदनाम करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया हो लेकिन उनके शिष्यों एवं समर्थकों की श्रद्धा आज भी देखते ही बनती है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है संत आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित “महिला उत्थान मंडल” की ओर से हरिद्वार में साध्वी रेखा बहन के सानिध्य में 23 मई से 29 मई 2018 तक आयोजित किया गया 7 दिवसीय “चलें स्व की ओर जप-अनुष्ठान शिविर ।"

🚩इस शिविर में देश के अनेक राज्यों से आई बहनें सम्मिलित हुई । हरिद्वार आश्रम का पंडाल पूरा भरा हुआ नजर आया, जो कहीं न कहीं ये दर्शाता है कि मीडिया द्वारा भले बापू आसारामजी को कितना भी बदनाम किया गया हो या न्यायपालिका द्वारा कोई भी फैसला आया हो पर वो अपने अनुभवों से बापू आसारामजी से जुड़ें हैं ।  मीडिया द्वारा कितनी भी झूठ समाज के सामने परोसा गया पर उनके भक्तों पर रत्तीभर भी असर देखने को नही मिल रहा ।

🚩शिविर में ब्रह्ममुहूर्त में जागरण, भगवन्नाम-जप, ध्यान, कीर्तन, सत्संग-श्रवण, विभिन्न स्तोत्रों एवं श्लोकों का पाठ, प्रार्थना, योगासन, प्राणायाम व सूक्ष्म क्रियाएँ भी करवाई गयी । शिविरार्थी बहनें ईश्वरीय प्रेम में गोपी रूप धारण कर गरबा नृत्य में झूमती हुई आनंद के सागर में ओत-प्रोत नजर आयी । महिलाओं के जीवन के लिए प्रेरणादाई नाटिका भी प्रस्तुत की गई ।

🚩शिविर में 93 वर्षीय विरक्त परमेश्वरानन्दजी सरस्वती जी ने बताया कि संत आसाराम बापू पर जो आरोप लगाये हैं वे सब झूठे हैं, कोई सिद्ध करने वाला नही है कि दुराचार किया है, ना ही कोई प्रमाण है । जल्द ही सब ठीक हो जाएगा ।

🚩काशी से आये स्वामी दिव्य चैत्यन्यजी महाराज ने कहा कि यह विदेशियों की चाल है और वे ही सब कर रहे है परंतु जीत होगी सत्य की, सत्य को दबा सकते है, नष्ट नही कर सकते है । अंततः सत्य की जीत होगी ।

🚩शिविर में आई महिलाओं ने बताया कि हमारे गुरुदेव (संत आसाराम बापू) पूर्ण निर्दोष हैं उनको षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है, उच्च न्यायालय में उन षड्यंत्रों का पर्दाफाश होगा और हमारे बापूजी निर्दोष बाहर आयेगें ।

🚩महिलाओं ने आगे ये भी बताया कि मीडिया विदेश से फंड लेकर हमारे गुरुदेव के खिलाफ कितनी भी झूठी कहानियां बनाएं लेकिन हमें हमारे गुरुदेव पर पूर्ण भरोसा है हमें मीडिया से प्रमाण नहीं चाहिए, हमारे पास हमारा अनुभव है कि हमारे गुरुदेव ने हमें कितना दिया है वे हम जानते हैं, हमने मीडिया को पूछकर उन्हें गुरु नही बनाया । जिससे हमारी श्रद्धा हिल जाए, हमारी श्रद्धा कभी कोई डिगा नही सकता है हमारे गुरुदेव में हमारी पूरी निष्ठा है ।

🚩गौरतलब है कि हिन्दू संत बापू आसारामजी को छेड़छाड़ के मामले में पिछले 5 साल से बिना जमानत दिए जेल में बंद कर रखा गया था और अभी हाल ही में 25 अप्रैल 2018 को उन्हें उम्रकैद की सजा सुना दी गई है जबकि मेडिकल रिपोर्ट में साफ आया है कि लडकी को स्पर्श नहीं किया गया है दूसरी ओर लड़की की कॉल डिटेल से ये स्पष्ट हुआ है कि लड़की उस रात किसी संदिग्ध व्यक्ति के साथ सतत संपर्क में थी और  बापू आसारामजी भी उस समय एक मंगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, जहां 50-60 लोग और भी थे । 

🚩ये सब देखकर किसी के दिमाग में भी ये प्रश्न उपजेगा कि वास्तव में न्याय हुआ है या अन्याय है ???

🚩82 वर्षीय एक संत जिनके सत्संग सुनने मात्र से आज हजारों नहीं, लाखों नहीं, करोड़ों लोग संयम के रास्ते अग्रसर हैं । उन्हें सिर्फ एक लड़की के बोलने मात्र पर उम्रकैद की सजा दे देना क्या उनके साथ अन्याय नहीं ???

🚩एक तरफ तो कोर्ट बापू आसारामजी के सेवादार शिवा को निर्दोष बरी कर देता है और बापू आसारामजी को उम्रकैद दे देता था जबकि लड़की ने अपने बयान में शिवा पर ये आरोप लगाया है कि शिवा ने उसे बुलाया था । जब शिवा निर्दोष तो बापू आसारामजी दोषी कैसे ???

 🚩कोर्ट द्वारा आया ये निर्णय किसी के दबाव में आकर तो नहीं लिया गया ??? आज 80% जनता के मन में ये प्रश्न घर कर चुका है ।

🚩हिन्दुस्तान की जनता का अब #इलेक्ट्रॉनिक और #प्रिंट मीडिया पर से भी #भरोसा #उठता #जा #रहा है क्योंकि पैसे और टीआरपी के लिए मीडिया इतनी गिर गई है कि उसे सत्य से कुछ लेना-देना ही नहीं रहा है । हर खबर के दाम फिक्स होते हैं, नहीं देने पर झूठी खबरों को सच और सच्ची खबरों को झूठा दिखाकर समाज को गुमराह करती है । यही आज की मीडिया का धंधा बन गया है कोई-कोई सुदर्शन न्यूज़ जैसे सज्जन मीडियाकर्मी होंगे जो सच्चाई दिखाते होंगे बाकि तो लगभग सभी मीडिया हाउस बिके हुए हैं ।

🚩अगर आप गौर करेंगे तो जबसे बापू आसारामजी को सजा का ऐलान हुआ है तबसे धर्मान्तरण ने गति पकड़ ली है । आज जितना खुलेआम धर्मान्तरण हो रहा है उतना तो पिछले 10 साल में भी नहीं हुआ था । ये सब देखकर लगता है कि कहीं न कहीं बापू आसारामजी को फंसाने में हिन्दू विरोधी तत्वों का बड़ा हाथ है ।

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻


🔺Youtube : https://goo.gl/XU8FPk


🔺 Twitter : https://goo.gl/kfprSt

🔺 Instagram : https://goo.gl/JyyHmf

🔺Google+ : https://goo.gl/Nqo5IX

🔺 Word Press : https://goo.gl/ayGpTG

🔺Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ