Tuesday, July 9, 2019

जोमैटो पर 55 हजार का जुर्माना, पनीर की जगह दिया चिकन

09 जुलाई 2019
🚩समय के अभाव और स्वाद लोलुपता के कारण आज लोग घर में भोजन कम बनाते हैं और बाजारू चीजें ज्यादा खा रहे हैं, उसमें भी जोमैटो एवं मैकडोनाल्ड जैसी नामी कम्पनियों के नाम से तो कोई भी चीज बिना देखे ले लेते हैं, लेकिन ये आपका ही नुकसान कर सकती है, क्योंकि ये कंपनियां कई बार तो बासी या मांसाहार परोस देते हैं इसलिए अपने घर का शुद्ध खाना ही खाएं । ऐसी कम्पनियों का खाने से आपका स्वास्थ्य भी बिगड़ेगा एवं पैसे की भी बर्बादी होगी।

🚩आपको बता दें कि एक उपभोक्ता अदालत ने फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो और एक होटल पर शाकाहारी व्यंजन की जगह मांसाहारी व्यंजन वितरित करने पर 55 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है । मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता अदालत ने जोमैटो को 45 दिनों के भीतर शहर के वकील षणमुख देशमुख को जुर्माने की राशि देने का निर्देश दिया, जिन्हें न केवल एक बार, बल्कि दो बार मांसाहारी व्यंजन दिया गया था।
🚩उन्होंने पनीर बटर मसाला मंगवाया था, लेकिन उन्हें बटर चिकन भेजा गया।
चूंकि दोनों ग्रेवी वाले व्यंजन होते हैं, उन्हें पता नहीं चला और उन्होंने उसे पनीर समझ कर खा लिया।
🚩होटल ने हालांकि अपनी गलती मान ली।
जोमैटो और होटल को सेवा में चूक के लिए 50 हजार रुपये और मानसिक उत्पीड़न के लिए शेष राशि का भुगतान करने के निर्देश दिया गया है। http://dhunt.in/6uiE9?s=a&ss=wsp
🚩जोमैटो ही नहीं अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी मैकडोनाल्ड (McD ) के पिज्जा, #क्रंचीबिट्स और मैकफ्लरी के क्रीमी ओरियो टॉपिंग या फिर चॉकलेटी मैक स्वर्ल का नाम सुनते ही आपके मुंह में भी पानी आ जाता है । अगर आप इसके किचन को देख लें तो शायद आप कभी इन्हें नहीं खाएंगे । आपके ये फेवरेट जंक फूड जिस मशीन में बनते हैं वो इतनी गंदी होती हैं कि इन्हें देखने के बाद आप यहां के खाने की तरफ देखेंगे भी नहीं । इन्हें बनाने वाली मशीनों को देखकर आप इन्हें खाने का ख्याल छोड़ देंगे । पिछले दिनों में एक वर्कर ने ट्वीट करके ये बात बताई भी थी।
🚩बता दें कि मार्च 2017 में कलकत्ता ब्रांच McD के खाने में मरी हुई छिपकली मिली थी तो आप ऐसे होटल में भोजन या ऐसे जंक फूड खाते है तो सावधान रहिए, अपने घर मे बने शुद्ध भोजन ही करिये और स्वस्थ रहिए।
दूसरी और महत्वपूर्ण खबर मोबाइल फ़ोन पर गेम खेलने की लत से जुड़ा हुआ है...
🚩PUBG ना खेल पाने के गम में 17 वर्षीय लड़के ने की आत्महत्या-
पबजी मोबाइल गेम की वजह से एक और लड़के ने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी। इस बार यह दुःखद घटना हरियाणा के जींद इलाके की है। हरियाणा के जींद में स्थित शिवपुरी कॉलोनी में शनिवार को ये घटना हुई है। हरियाणा पुलिस में एएसआई सत्यवान का 17 वर्षीय बेटा तरसेम ने पबजी ना खेल पाने के गम में आत्महत्या कर ली।
🚩क्षेत्रीय थाना प्रभारी के मुताबिक मौत की वजह लड़का का आत्महत्या करना ही है। उन्होंने कहा कि लड़के को मोबाइल में पबजी खेलने का नशा इतना ज्यादा हो गया था कि घर वालों के मना करने पर उसने अपनी जान देना ठीक समझा। आपको बता दें कि यह कोई पहली घटना नहीं है जब पबजी ना खेल पाने की वजह से किसी ने आत्महत्या कर ली हो। इससे पहले भी ऐसे कई मामले देशभर से सामने आ रहे हैं।
🚩ड्रग्स जैसा पबजी का लत-
पबजी गेम बच्चों और युवाओं में एक ड्रग्स की लत जैसा रूप लेता जा रहा है। जिस तरह ड्रग्स लेने वालों को ड्रग्स ना मिलने पर वो अपनी जान तक गवां देते हैं ठीक उसी तरह पबजी गेम का नशा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाने पर युवा, टीनऐजर्स और बच्चे अपने-आप को मार देना ठीक समझते हैं। यह वाकई में सोचने और विचार करने वाली बात है। अगर आपके घर में भी कोई बच्चा, युवक इस तरह के किसी भी लत का आदी बनता जा रहा है तो उसे ठीक तरीके से समझाएं और उस आदत से बाहर निकालने की कोशिश करें। http://dhunt.in/6uWZa?s=a&ss=wsp
🚩आपको बता दें कि दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में शुमार बिल गेट्स ने अपने बच्चों को 14 साल की उम्र तक मोबाइल नहीं दिया था ।
🚩इसी तरह एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स ने बताया था कि उन्होंने अपने बच्चों को कभी भी आईपैड इस्तेमाल नहीं करने दिया था । ये दो उदाहरण सिर्फ इसलिए हैं ताकि आप यह जान सकें कि मोबाइल दुनिया की सबसे जरूरी वस्तु नहीं है । आप अपने बच्चों का विकास चाहते हैं तो उनको मोबाइल, टीवी और इंटरनेट से दूर रखें।
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