Wednesday, February 8, 2017

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख : मीडिया ट्रायल पर अंकुश लगाना जरूरी..!!

🚩सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख : मीडिया ट्रायल पर अंकुश लगाना जरूरी..!!

🚩‘मीडिया ट्रायल’ के कारण किसी व्यक्ति को होने वाले नुकसान को #सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। आपराधिक मामलों में #मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर दिशानिर्देश जारी करने पर भी शीर्ष अदालत ने विचार करने का निर्णय लिया है।

🚩चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसी आपराधिक मामले में #एफआईआर दर्ज की जाती है और #आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है। पुलिस संवाददाता सम्मेलन कर आरोपियों को मीडिया के समक्ष पेश करती है। इस आधार पर मीडिया में आरोपियों के बारे में खबरें चलती हैं, लेकिन #यदि बाद में आरोपी #बेकसूर #साबित हो जाता है पर तब तक तो उस व्यक्ति की साख पर बट्टा लग चुका होता है। पीठ ने कहा कि यह गंभीर मसला है। यह किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा और उसकी छवि से जुड़ा मामला है, लिहाजा इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख : मीडिया ट्रायल पर अंकुश लगाना जरूरी..!!


🚩पीठ ने कहा कि यह याचिका वर्ष 1999 से लंबित है, इस मसले को और नहीं टालना चाहते। लिहाजा 22 मार्च को इस पर अंतिम सुनवाई करने का निर्णय लिया है। #पीठ ने अमाइकस क्यूरी गोपाल शंकर नारायण द्वारा दी गई प्रश्नावली पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दो हफ्ते के भीतर पक्ष रखने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि अगर कोई राज्य तय समय के भीतर पक्ष नहीं रखता तो यह माना जाएगा कि इस मसले पर उसे कुछ नहीं कहना है।

🚩केंद्र व राज्य सरकारों को कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। जिनमें मुकदमा दर्ज करने से पहले और बाद में पुलिस को मीडिया को कितनी जानकारी साझा करनी चाहिए। आरोपियों की तस्वीर प्रकाशित करने की इजाजत होनी चाहिए या नहीं? पीड़ित पक्ष की पहचान सार्वजनिक होनी चाहिए या नहीं। सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की आशंका होने पर मीडिया को किसी हद तक जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए आदि पर #केंद्र व #राज्य #सरकारों को अपना पक्ष रखना है।

🚩स्त्रोत : अमर उजाला

🚩‘मीडिया ट्रायल न्यायाधीशों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति’

🚩दिल्ली #उच्च #न्यायालय ने कहा है कि ‘‘मीडिया में दिखायी गयी खबरें #न्यायाधीश के फैसलों पर असर डालती हैं । खबरों से न्यायाधीश पर दबाव बनता है और फैसलों का रुख भी बदल जाता है। पहले मीडिया अदालत में विचाराधीन मामलों में नैतिक जिम्मेदारियों को समझते हुए खबरें नहीं दिखाती थी लेकिन अब नैतिकता को हवा में उड़ा दिया गया है।  #मीडिया ट्रायल के जरिये दबाव बनाना #न्यायाधीशों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति है। जाने-अनजाने में एक दबाव बनता है और इसका असर आरोपियों और दोषियों की सजा पर पड़ता है ।’’

🚩कई न्यायविद् एवं प्रसिध्द हस्तियाँ भी मीडिया ट्रायल को न्याय व्यवस्था के लिए बाधक मानती हैं । 

🚩सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘‘ #कानून की नजर में कोई शख्स तब तक अपराधी नहीं है, जब तक उस पर जुर्म साबित न हो जाय । ऐसे में जब मामला अदालत में हो, तब मीडिया को #संयम रखना चाहिए । 

🚩पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता #रविशेखर सिंह बताते हैं : ‘‘कई देशों में मीडिया ट्रायल के खिलाफ बड़े सख्त कानून बनाये गये हैं। जिस तरह #भारत में मीडिया ट्रायल के द्वारा केस को गलत दिशा में मोड़ने का प्रचलन हो रहा है, ऐसे में अन्य #देशों की तरह #भारत में भी मीडिया ट्रायल पर सख्त कानून बनाना बहुत ही आवश्यक हो गया है।’’

🚩#विश्व हिन्दू परिषद के मुख्य संरक्षक व पूर्व राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश #सुनील अम्बवानी ने भी कहा कि मीडिया आरोपी व्यक्ति के मामलों में पहले ही सही-गलत की राय बना चुका होता है । मीडिया ट्रायल से न्यायाधीश पर दबाव बन जाता है । न्यायाधीश भी मानव है । वह भी इनसे प्रभावित होता है ।

🚩पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय श्री #अशोक सिंहलजी ने कहा था कि ‘‘मीडिया ट्रायल के पीछे कौन है ? #हिन्दू धर्म व संस्कृति को #नष्ट करने के लिए #मीडिया ट्रायल #पश्चिम का बड़ा भारी #षड़्यंत्र है हमारे देश के भीतर ! मीडिया का उपयोग कर रहे हैं विदेश के लोग ! उसके लिए भारी मात्रा में फंड्स देते हैं, जिससे हिन्दू धर्म के खिलाफ देश के भीतर वातावरण पैदा हो ।’’ 


🚩सिंघल जी ने इसलिए कहा था कि 2004 कांची के #शंकराचार्य सरस्वती पर आरोप लगते ही मीडिया ने खूब बदनाम किया पर जब निर्दोष #मुक्त हो गए तब कोई #न्यूज नही दिखाई ।

🚩2008 में #साध्वी #प्रज्ञा जी को भगवा आतंकवाद कहकर बदनाम किया गया लेकिन अब #निर्दोष बरी हो गई तो उसके लिए न्यूज नही दिखा रहे हैं ।



🚩2009 में #स्वामी नित्यानंद जी के लिए रात-दिन मीडिया ने खूब बदनामी की पर आखिर में जब वे निर्दोष बरी हुए तो एक मिनट की भी न्यूज नही दिखाई।

🚩और इस दशक का सब से बड़ा मीडिया ट्रायल हो रहा है #हिन्दू #संत #बापू #आशारामजी के लिए!!

🚩40 महीनों से जेल में कैद #बापू #आसारामजी के विरुद्ध अभीतक एक भी सबूत नही मिला है लेकिन मीडिया ने पहले से ही उनको आरोपी बना दिया है ।


🚩भारतीय संस्कृति को तोड़ने के लिए #विदेशी #मालिकों  द्वारा संचालित मीडिया केवल हिन्दू धर्म के साधु-संतों को ही बदनाम करती है कभी भी ईसाई पादरी या मौलवी के लिए कुछ नही दिखाती ।

🚩आखिर क्यों मीडिया की नजर में केवल हिन्दू संत जी दोषी हैं ???

🚩जो मीडिया आज #हिन्दू #संत  #बापू #आसारामजी के विरुद्ध 24 घंटे डिबेट चला कर उन्हें बदनाम करती है क्या उसने कभी ये दिखाया कि #संत #आसारामजी #बापू ने #समाज के लिए कितने अतुलनीय देवी कार्य किये ।

🚩कितना डटकर धर्मान्तरण का विरोध किया !

🚩#भारतीय संस्कृति की सुवास विश्व मानव तक पहुचाने के लिए नए नए त्यौहारों द्वारा समाज को अपनी संस्कृति से जोड़ा।


🚩#गरीब आदिवासी,जरूरतमंदों के लिए स्थान-स्थान पर अनाज,कम्बल,वस्त्र आदि आज भी उनके आश्रम द्वारा #निःशुल्क वितरित होते हैं ।

🚩अगर मीडिया इतनी ही निष्पक्ष है तो क्यों छुपाती है समाज से #संत #आसारामजी #बापू के #दैवी कार्य!!


🚩सोचो हिन्दू!!


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Tuesday, February 7, 2017

बड़ा खुलासा : ईसाई पादरी सबसे ज्यादा करते है बच्चों का यौन शोषण!!



🚩बड़ा खुलासा : ईसाई पादरी सबसे ज्यादा करते है बच्चों का यौन शोषण!!

🚩जो कैथोलिक चर्च दया, शांति और कल्याण की बात करता है आज उसकी असलियत दुनिया के सामने उजागर ही हो गयी है । 

🚩ऑस्ट्रेलिया में एक जांच के दौरान पता चला है कि #देश के सात प्रतिशत कैथोलिक #पादरी #बच्चों के #यौन #शोषण में #लिप्त रहे हैं ।
बड़ा खुलासा : ईसाई पादरी सबसे ज्यादा करते है बच्चों का यौन शोषण!!


🚩यह अध्ययन 1950 से 2010 के बीच किया गया है । वहीं एक दूसरी जांच के मुताबिक #देश के करीब 40 फीसदी #चर्च पर बच्चों के यौन शोषण के आरोप हैं ।

🚩बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामलों पर नजर रखने वाली #रॉयल कमीशन के पास 1980 से 2015 के बीच करीब 4,500 लोगों ने यौन शोषण होने की शिकायत दर्ज कराई थी ।

🚩यह कमीशन #ऑस्ट्रेलिया में धार्मिक और गैर धार्मिक जगहों पर होने वाले यौन शोषण की जांच करने की सबसे शीर्ष संस्था है ।

🚩सिडनी में कमीशन की मदद करने वाली #वकील गेल फरनेस के मुताबिक यौन शोषण की पीड़ितों की कहानियां काफी अवसाद भरी हैं ।

🚩गेल बताती हैं, "बच्चों की उपेक्षा की गई, उन्हें सजा भी दी गई । आरोपों की जांच नहीं हुई। पादरी आसानी से बच गए । इन चर्चों को उन पादरियों के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया ।"


🚩#गेल के मुताबिक 1980 से 2015 के बीच #ऑस्ट्रेलिया के 1000 कैथोलिक इंस्टीट्यूशनों में 4,444 बच्चों का यौन उत्पीड़न हुआ ।

🚩इन बच्चों की औसत आयु #लड़कियों के लिए 10.5 साल रही है, वहीं लड़कों के लिए 11.5 साल । लेकिन चिंता की बात ये है कि प्रत्येक मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने में औसत 33 साल का वक्त लगा है।

🚩ऑस्ट्रेलिया में #रॉयल कमीशन की स्थापना 2013 में हुई थी । यह स्कूल, स्पोर्ट्स क्लब और धार्मिक संस्थाओं में होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए बनाई गई थी ।

🚩आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नही है जो इस प्रकार के आंकड़े देखने को मिले हों। इससे भी अधिक आंकड़े सामने आये है #ईसाई पादरियों द्वारा बच्चों का यौन शोषण करने के ।

🚩लेकिन इनके ऊपर पुलिस प्रशासन, सरकार और कोर्ट कार्यवाही करने को तैयार नही है क्योंकि #वेटिकन का #विश्वभर में इतना दबदबा है कि किसी भी #मीडिया में #ईसाई पादरियों का कुकर्म नही दिखाया जाता । किसी लोकल अखबार में थोड़ा बहुत आ भी गया तो तुंरत दबा दिया जाता है ।

🚩अधिकतर #भारत की मीडिया विदेशी मालिकों द्वारा संचालित होती है जो केवल #हिन्दू #साधु-संतों को ही #बदनाम करती है किसी #ईसाई पादरी या #मौलवी को नहीं!
 मीडिया की इस काली करतूत से आज कोई समझदार अनजान नहीं!!


🚩चर्च की आड़ में चल रहे यौन शोषण के हजारों मामले पहले भी सामने आ चुके हैं ।

 🚩सन् 1950 से 2002 के काल में #पादरियों के द्वारा किये गये यौन-शोषण के 10,667अपराध दर्ज किये गये । उनमें से 3300 की जाँच पूरी होने के पहले ही वे मर गये । बाकि 7700 में से 6700 पादरियों को अपराधी घोषित किया गया ।

 🚩सन् 2002 में #आयरलैंड के पादरियों के यौन-शोषण के अपराधों के कारण 12 करोड़ 80 लाख डॉलर का दंड चुकाना पड़ा । 

🚩मई 2009 में प्रकाशित #रायन रिपोर्ट के अनुसार 30,000 बच्चों को इन #संस्थाओं में #ईसाई #ननों और #पादरियों द्वारा #प्रताड़ित और #शोषित किया जाता रहा ।

🚩पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने पादरियों द्वारा किये गए इस कुकृत्य के लिए माफी भी माँगी थी ।


🚩विदेश के बुद्धिजीवी फिलॉसफर नित्शे ने लिखा कि मैं #ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है । वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है । इस भयंकर #विष का कोई मारण नहीं । #ईसाईत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है । 

🚩एच.जी.वेल्स ने भी लिखा कि #दुनिया की सबसे बड़ी बुराई है रोमन कैथोलिक चर्च ।  

🚩अमेरिका के तीसरे #राष्ट्रपति थामस जैफरसन ने बताया कि मैंने पचास और साठ वर्षों के बीच #बाइबिल का अध्ययन किया तो तब मैंने यह समझा कि यह किसी पागल का प्रलाप मात्र है । 

🚩अतः हिन्दू सावधान रहें!
#हिन्दू #धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है अगर आपको कोई ईसाई पादरी प्रलोभन देकर धर्मपरिवर्तन करने को बोलता है तो उसको ये आकंड़े दिखाकर वहाँ से तुरन्त भगा दे।
🚩क्योंकि दुनिया को मानवता और कल्याण का पाठ पढ़ाने वाले ईसाई पादरियों की क्रूरता की पोल खुल चुकी है । प्रार्थना करने के नाम से खोले चर्च कुकर्मो की पाठशाला व #सेक्स स्कैंडल का #अड्डा बन गया है । 
        
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