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curruption farmer dying |
Saturday, April 22, 2017
अन्नदाताओं' ने पिया पेशाब, आगे मल खाने की धमकी, कब होगी किसानों की सुनवाई?
Friday, April 21, 2017
हिमालय से ऊंचा है हमारे जवानों का हौसला, लेकिन कब मिलेगा उनको अधिकार?
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the-courage-of-our-soldiers-Higher-than-the-Himalayas-but-when-will-they-get-the-right |
क्यों ???
आपको बता दें कि ये वही इलाका है जहां बीते साल चीनी सैनिकों ने हमारे राजस्व अधिकारियों को 'गो बैक, गो बैक' कहने की हिमाकत की थी।
उत्तराखंड
में यहां चीन से 350 किलोमीटर लंबी सीमा लगी हुई है। आमतौर से यहां शांति
बनी रहती है। लेकिन #चीनी #सैनिकों की ओर से जब भी घुसपैठ की कोशिश होती है
तो चमोली के स्थानीय लोग और यहां तैनात अर्द्धसुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से
उसे नाकाम बनाते हैं। पिछले एक सप्ताह में ही बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों
ने तीन बार सीमा का उल्लंघन किया।
चमोली
जिला प्रशासन की टीम बाड़ाहोती क्षेत्र में लैंड रिकॉर्ड के रूटीन
निरीक्षण पर गई थी। एसडीएम योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में चमोली जिला
प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम सुमना पोस्ट तक पहुंची। होतीगाड़ नदी का जलस्तर
बढ़ने से जिला प्रशासन की टीम अपने वाहन वहीं छोड़, सेना के वाहन से रिमखिम
चौकी पहुंची। वहां सीमा क्षेत्र में करीब आठ किमी की दूरी पर पहले से चीन
सैनिकों को मौजूद देख #प्रशासन की राजस्व टीम चौंक गई। राजस्व टीम से जुड़े
सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक सीमा के भीतर कैंप कर रहे थे। जैसे ही चीनी
सैनिकों ने भारतीय दल को देखा तो दूर से ही इशारा कर लौट जाने को कहा।
इसके बाद चमोली प्रशासन ने लौट कर वहां तैनात आईटीबीपी के दल को पूरी
जानकारी दी।
चमोली
जिला प्रशासन की राजस्व टीम लौटने के बाद 22 जुलाई को भारतीय जवानों के
साथ चीनी सैनिकों का आमना-सामना हुआ। सूत्रों ने बताया कि बाड़ाहोती के
बुग्याल में करीब 38 मिनट तक एक दूसरे के पीछे हटने और वहां से चले जाने को
लेकर बहस हुई। 38 मिनट की बहस के बाद फिर दोनों पक्ष वहां से लौट गए । बहस
के दौरान भारतीय जवान सादी वर्दी में थे और उनके पास हथियार भी नहीं थे।
सूत्रों
के मुताबिक #आईटीबीपी के डीजी ने गृह मंत्रालय को जो रिपोर्ट सौंपी है,
उसके मुताबिक बाड़ाहोती में तुनजुन-ला पास तक 200 मीटर अंदर चीनी सैनिक घुस
आए थे। 22 जुलाई को ही चीनी सैनिक वापस लौट गए थे।
सूत्रों
के मुताबिक 25 जुलाई को असैन्य जोन में चीनी सैनिकों का जमावड़ा देखा गया।
इसी दिन चीनी #सैनिकों ने एयर स्पेस का उल्लंघन भी किया। करीब दस मिनट तक
चीन का हेलीकाप्टर भारतीय एयरस्पेस में उड़ान भरता रहा। (स्त्रोत्र : आजतक)
उच्च न्यायालय आदेश देने के पश्चात भी मस्जिद पर प्रसारित किए जानेवाले अवैध भोंपूओं पर कार्रवाई नहीं !!
क्या मस्जिदों पर दिन में पांच बार बजने वाले भोंपू देश के अधिनियमों से भी श्रेष्ठ हैं ?
मुम्बई
के उच्च #न्यायालय ने ध्वनिप्रदूषण करनेवाले अवैध भोंपूओं के विरोध में
स्पष्ट आदेश देने के पश्चात भी विश्व में श्रेष्ठ कहलाने वाली मुंबई की
#पुलिस यंत्रणा ने किसी भी मस्जिद पर प्रसारित किए जानेवाले अवैध भोंपूओं
पर कार्रवाई नहीं की है ।
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इस
संदर्भ में सूचना अधिकार के अंतर्गत प्रश्न पूछने के पश्चात कुर्ला,
#मुंबई पुलिस अधिकारियों ने 28 जनवरी 2017 को इस अर्जी का लिखित स्वरूप में
उत्तर दिया है। उसमें यह प्रस्तुत किया गया है कि, ‘कायदा-सुव्यवस्था का
प्रश्न निर्माण होने की संभावना होने के कारण (अवैध भोंपूओं पर)कार्रवाई
नहीं की गई है !’ इस का अर्थ यह होता है कि, क्या न्यायालय के आदेश देने के
पश्चात भी अवैध #भोंपूओं पर कार्यवाई करने से पुलिस डरती हैं ?
वर्ष
के 365 दिन #ध्वनिप्रदूषण करने वाले मस्जिदों के भोंपूओं की ओर अनदेखा
करने वाली यही पुलिस गणेशोत्सव तथा नवरात्रोत्सव में हिन्दुओं के त्यौहारों
के समय लाठी के बल पर हिन्दुओं पर त्वरित याचिका प्रविष्ट करती है।
क्या
पुलिस को यह बात स्वीकार है कि, मा. उच्च न्यायालय का आदेश तथा भारत के
अधिनियम की अपेक्षा #मस्जिदों पर से बजनेवाले अवैध भोंपू अधिक श्रेष्ठ है ?
अतः ‘मस्जिदों पर भोंपूओं द्वारा प्रसारित की जाने वाली तथा जनता की नींद
उड़ाने वाली ‘अजान’ एक #गुंडागर्दी ही है’ ।
यह
सुविख्यात प्रसिध्द #गायक #सोनू_निगम द्वारा व्यक्त की गई भावना वास्तविक
ही है । देश के करोड़ो #हिन्दू नागरिकों की सहनशीलता का अंत शासन अधिक समय
तक न देखे’, ऐसी प्रतिक्रिया हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा प्रसारित किए गए
प्रसिद्ध पत्रक में कही गई है।
प्रसिद्ध
पत्रक में हिन्दू जनजागृति समिति ने यह आवाहन किया है कि, ‘ #तीन तलाक’ के
संदर्भ में इस्लाम की स्थापना से शरीयत में होने के कारण उसमें परिवर्तन
करने के लिए विरोध करनेवाले मुल्ला मौलावीं को सरकार यह प्रश्न पूछें कि,
यदि #इस्लाम की स्थापना के समय ये भोंपुं अस्तित्व में ही नहीं थे, तो उसका
आग्रह क्यों किया जाता है ? #मुल्लाओं के मतानुसार इस्लाम यदि अन्य धर्मों
के प्रति संवेदना व्यक्त करनेवाला पंथ है, तो देश के अधिनियम की ओर अनदेखा
कर रुग्ण, वृद्ध तथा सर्वसाधारण जनता को कष्ट देनेवाले भोंपुओं द्वारा
अजान किस लिए दी जाती है ? इससे पूर्व सत्ता में होने वाले कांग्रेस सरकार
ने मस्जिदों पर भोंपुओं द्वारा अजान प्रसारित करने के लिए अनुमती देकर यह
समस्या का निर्माण किया है !
अब
देश में तथा राज्य मे शासन परिवर्तित हुआ है। अतः नए #भाजपा सरकार ने इस
लांगूलचालन पर प्रतिबंध डालना चाहिए। यदि चीन की साम्यवादी सरकार इस संदर्भ
में कडी भूमिका अपनाती है, तो भाजपा सरकार ने भी अवैध रूप से की जानेवाली
यह गुंडागर्दी को प्रतिबंधित करना चाहिए !’ स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
आपको
बता दे कि चीन ने पहले मस्जिदों पर से #लाऊड_स्पीकर हटा दिया गया था बाद
में नमाज पढ़ने और रोजा रखने पर प्रतिबंध लगाया। अब #दाढ़ी रखने और
महिलाओँ के नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह नियम न मानने वालो पर
देशद्रोह का केस चलाया जाता है ।
बता
दे की मुस्लिम बाहुल देश इसरायल में लाऊड स्पीकर पर बेन लग रही है और यहाँ
#न्यायालय के आदेश होने के बाद भी सरकार रोक नही लगा रही है?
हिंदुओं
के लिये तुरन्त कार्यवाही करने वाली #सरकार मुसलमानों द्वारा रास्ते में
नमाज पढ़ने पर कई इलाकों में ट्रैफिक जाम होने की समस्या से आम जनता की
परेशानी को देखते हुए भी उस पर रोक नही लगा रही, बड़ा आश्चर्य है ।
आपको
बता दें कि फ्रांस के #पेरिस में #ISI के हमले के बाद फ्रांस में कई
मस्जिदों को ताला लगा दिया था और कई मस्जिदों तोड़ दी गई थी ।
इन
मस्जिदों में #धार्मिक विचारों के प्रचार के नाम पर कट्टरवादी(देश
विरोधी)#शिक्षा दी जाती है। कई मस्जिदों पर छापे के दौरान जेहादी #दस्तावेज
बरामद किए गए है। जेहादी प्रचार सामग्री मिली ।
फ़्रांस
ने तो समझ लिया कि देश को तोड़ने के लिये विदेशी फण्ड से चलने वाली
मस्जिदों में आतंकवादी बनने की ट्रेंनिग दी जाती है और देश विरोधी बातें
सिखाई जाती है ।
#देश
में #हिंदुओं पर #मुस्लिमों के बढ़ते आतंक की हालत देखकर #भारत_सरकार को
फ्रांस चीन, इजरायल से सीख लेनी चाहिए और मुस्लिमों की बढ़ती संख्या पर
नियंत्रण करना चाहिये ।
आज लव जिहाद के लिए विदेश से पैसा आता है और #ISIS में जो मुस्लिम #युवक- #युवतियाँ भर्ती होने जाते है उस पर रोक लगनी चाहिए ।
देश
को बाहरी #आतंकवादियो से इतना खतरा नही जितना इन जिहादियों से है इसलिए
सरकार को जाँच करवानी चाहिए कि विदेशी फंड से जितनी भी मस्जिदें चल रही है
उसमें जो देश विरोधी बातें सिखाई जाती है ऐसे मदरसों और मस्जिदों को बंद
कर देना चाहिए जिससे देश सुरक्षित रहें और सुख शांति बनी रहें ।
Wednesday, April 19, 2017
हिंदूवादी सरकार आने के बाद भी हिन्दुत्वनिष्ठों पर बरस रहा है कहर
हिंदूवादी सरकार आने के बाद भी हिन्दुत्वनिष्ठों पर बरस रहा है कहर
उत्तर
प्रदेश गाजियाबाद में रविवार को हनुमान छठी पर पुलिस द्वारा शोभायात्रा न
निकालने देने पर हिन्दूवादी नेता पिंकी चौधरी अपने कार्यालय पहुंच गए थे ।
जहां पुलिस ने जाकर बेरहमी से हिन्दू रक्षा दल कार्यकर्ताओ पर #लाठीचार्ज
किया एवं उनके वाहनों को क्रेन से उठा लिया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया ।
पुलिस
की इस कार्रवाई से महंत यति #नरसिंहानंद_सरस्वती ने सरकार पर आरोप लगाए है
कि सरकार के इशारे से #एसपी सिटी सलमान ने कार्यकर्ताओं के कार्यालय आदि
को तहस-नहस किया है और #पुलिस ने द्वेष भावनाओं के साथ धाराएं लगाकर जेल
भेजा है।
उन्होंने इस घटना को #हिंदुत्व पर कहर बताया है खास बात ये है कि #भाजपा ने इस मामले में चुप्पी साध ली है ।
यति
नरसिंहानंद सरस्वती ने यह भी सवाल उठाया है कि देश में प्रधानमंत्री
हिन्दू है और राज्य में मुख्यमंत्री साधु हैं उस प्रदेश में हिंदुओं को
आयोजन करने पर पुलिसिया #दमन का शिकार होना पड़ता है ।
पत्रिका
की रिपोर्ट के अनुसार यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अपने बयान में कहा कि
पुलिस अधिकारी ने भाजपा के इशारे पर हिन्दूवादी नेता पर हमला करवाया और जेल
भेज दिया। यति ने कहा कि पुलिस की #हिन्दूवादी नेता पर यह एक सोची समझी
साजिश है ताकि पिंकी चौधरी मेयर का चुनाव न लड़ सकें।
महंत
जी ने कहा कि अगर एसपी सिटी का तबादला नहीं किया गया, पिंकी चौधरी को बिना
शर्त रिहा नहीं किया गया तो वह #इस्लाम धर्म कबूल करने पर विचार करेंगे
क्योंकि #योगी सरकार में #मुसलमान ही सुरक्षित हैं।
आपको
बता दें कि अखिल भारतीय संत समाज के राष्ट्रीय संयोजक व सिद्ध पीठ प्रचंड
देवी मंदिर डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पिछले करीब दो दशक से
पश्चिम यूपी में हिन्दू धर्म व #संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे
हैं। यति ने #हिन्दू #धर्म को बचाने के लिए सरकार से कई बार लड़ाई लड़ी है।
इस
मामले में बाबा परमेन्द्र आर्या ने भी नाराजगी जताते हुए बताया कि हिन्दू
केवल राजनीति का चारा बनकर ही रह गए हैं । हिन्दू रक्षा दल के
#कार्यकर्ताओं का अपमान पूरे हिन्दू समाज का अपमान है ।
कई हिन्दू सांगठनों ने पुलिस की इस कार्यवाही को लेकर मुस्लिम धर्म अपनाने को व और बड़ा #आंदोलन करने को कहा है ।
अब
सवाल उठता है कि जिस देश में हिंदुओं ने अपनी रक्षा के लिए और धार्मिक
स्वतंत्रता के लिए हिन्दूवादी सरकार चुनने में दिन-रात मेहनत की हो उन
#हिंदुत्वनिष्ठों को आज अपने ही देश में सुरक्षा नही मिल रही है और मुस्लिम
धर्म अपनाने को मजबूर होना पड़ रहा है ।
क्या इसलिए हिंदुओं ने इस सरकार को चुना था..???
कुछ
दिन पहले भी यही हुआ था कि #सुदर्शन न्यूज चैनल के चैयरमैन श्री सुरेश
चव्हाणके द्वारा अपने कार्यक्रम #बिंदास बोल में उत्तर प्रदेश संभल में
आतंकी कनेक्शन का पर्दाफाश करने पर वहाँ के मौलवी ने सुरेश #चव्हाणके की
हत्या करने की धमकी दे दी।
सुरेश जी के वहाँ पर जाने से पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया लेकिन मौलवी की गिरफ्तारी नही हुई ।
हिन्दूवादी सरकार को बहुमत देने पर भी हिंदुत्वनिष्ठों पर अत्याचार बन्द क्यों नही हो रहा है..???
ऐसे
ही बिना सबूत 44 महीनों से जोधपुर जेल में बन्द हिन्दू संत बापू आसारामजी
के हजारों समर्थक जो उनके दर्शन करने आते हैं । उनपर भी पुलिस कई बार
द्वेषपूर्ण #लाठीचार्ज करती है ।
कल
आपने देखा होगा कि 9000 करोड़ लेकर भाग जाने वाले #विजय माल्या की 13
महीनों के बाद लन्दन में #गिरफ्तारी की गई पर 3 घण्टे में ही उसे जमानत भी
मिल गई ।
लेकिन भारत मे
कई हिंदुत्वनिष्ठ जेल में बन्द हैं उन पर एक भी आरोप सिद्ध ना होने पर भी
जमानत नही मिल पा रही है जैसे कि हिन्दू संत बापू #आसारामजी, #धनंजय देसाई,
कर्नल राजपुरोहित आदि कई सामाजिक कार्यकर्ता हिंदुत्व का कार्य करने के
कारण जेल में बन्द है।
और बड़ी बात तो यह है कि अधिकतर हिंदुत्वनिष्ठ भी उनके साथ हो रहे अन्याय पर मौन हैं ।
अगर
हिंदुत्वनिष्ठ यूँ ही चुप्पी साधे रहे तो जैसे पहले जयन्द्रे सरस्वती,
स्वामी नित्यानंद, साध्वी प्रज्ञा आदि को जिस तरह जेल जाना पड़ा और वर्तमान
में भी जिस तरह हिंदुत्वनिष्ठों पर कहर बरस रहा है उससे तो यही लगता है कि
आने वाले समय में कोई हिन्दू #संस्कृति के लिए आगे नहीं आएगा !!
अभी भी समय रहते चेत जाओ और हिन्दू #संतों व हिन्दू कार्यकर्ताओं के साथ सरकार द्वारा हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठायें ।
जय हिंद!!
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